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किसानों का दुख दर्द बांटने मंदसौर गये राहुल गांधी ने तो कांग्रेस का मैनिफेस्टो ही बता डाला

    • मृगांक शेखर
    • Updated: 07 जून, 2018 03:47 PM
  • 07 जून, 2018 03:44 PM
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राहुल गांधी के भाषण में स्वदेशी और भ्रष्टाचार से लेकर राष्ट्रवाद तक वे सारे की वर्ड सुनाई दिये जो बीजेपी खेमे में हरदम ट्रेंड करते देखे जाते हैं. साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बारी बारी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश भी रही.

मंदसौर में 6 जून, 2017 को पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गयी थी. किसानों की मौत की बरसी पर राहुल गांधी उनके परिवारों से मिलने पहुंचे थे. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने राहुल गांधी के इस कार्यक्रम को बड़ा इवेंट बनाने की पूरी तैयारी की थी और नाम दिया था - 'किसान समृद्धि संकल्प रैली'.

राहुल की रैली से पहले रोड़े

राहुल गांधी की मंदसौर रैली से पहले रोड़े अटकाने की कोशिशों में कोई कसर बाकी नहीं देखी गयी. जब प्रदेश का मुख्यमंत्री ही मिशन पर हो फिर तो सरकारी मुलाजिम दो कदम आगे ही दिखेंगे.

साल भर पहले मारे गये अभिषेक पाटीदार के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि उन्हें राहुल गांधी से मिलने से रोकने की कोशिश हो रही है. अभिषेक के भाई संदीप को सरकारी नौकरी मिली हुई है. परिवार का इल्जाम रहा कि संदीप को एक अधिकारी ने फोन पर धमकाया कि अगर उसके माता-पिता राहुल गांधी से मिले तो उसकी नौकरी भी जा सकती है. फिर मालूम हुआ कि अभिषेक के चाचा मधुसूदन पाटीदार से स्थानीय प्रशासन ने कोई फॉर्म भरवाने की भी कोशिश की. मीडिया को सफाई देकर अफसर ने खुद ही कबूल भी कर लिया. अफसर का कहना रहा कि बस ये जानने की कोशिश हो रही थी राहुल गांधी से परिवार के कौन कौन लोग मिलने जा रहे हैं. बहुत अच्छा. क्या प्रशासन की ये कोशिश राहुल गांधी की सुरक्षा से जुड़ी हुई थी? अगर ऐसा रहा तो अफसरों की ड्यूटी पर उंगली उठाने का कोई मतलब नहीं बनता. मगर, ये नहीं समझ आ रहा कि प्रशासन को मारे गये किसान के परिवार के लोग, जिसका एक भाई सरकारी कर्मचारी भी है उससे कितना खतरा हो सकता है.

मंदसौर में राहुल गांधी

पहले ये भी खबर आई थी कि इलाके की पुलिस ने 1200 लोगों से बॉन्ड भी भरवाया था कि अगर कुछ उल्टा पुल्टा हुआ तो जिम्मेदार वे ही होंगे. हालांकि, प्रदेश के गृह मंत्री ने ऐसी...

मंदसौर में 6 जून, 2017 को पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गयी थी. किसानों की मौत की बरसी पर राहुल गांधी उनके परिवारों से मिलने पहुंचे थे. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने राहुल गांधी के इस कार्यक्रम को बड़ा इवेंट बनाने की पूरी तैयारी की थी और नाम दिया था - 'किसान समृद्धि संकल्प रैली'.

राहुल की रैली से पहले रोड़े

राहुल गांधी की मंदसौर रैली से पहले रोड़े अटकाने की कोशिशों में कोई कसर बाकी नहीं देखी गयी. जब प्रदेश का मुख्यमंत्री ही मिशन पर हो फिर तो सरकारी मुलाजिम दो कदम आगे ही दिखेंगे.

साल भर पहले मारे गये अभिषेक पाटीदार के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि उन्हें राहुल गांधी से मिलने से रोकने की कोशिश हो रही है. अभिषेक के भाई संदीप को सरकारी नौकरी मिली हुई है. परिवार का इल्जाम रहा कि संदीप को एक अधिकारी ने फोन पर धमकाया कि अगर उसके माता-पिता राहुल गांधी से मिले तो उसकी नौकरी भी जा सकती है. फिर मालूम हुआ कि अभिषेक के चाचा मधुसूदन पाटीदार से स्थानीय प्रशासन ने कोई फॉर्म भरवाने की भी कोशिश की. मीडिया को सफाई देकर अफसर ने खुद ही कबूल भी कर लिया. अफसर का कहना रहा कि बस ये जानने की कोशिश हो रही थी राहुल गांधी से परिवार के कौन कौन लोग मिलने जा रहे हैं. बहुत अच्छा. क्या प्रशासन की ये कोशिश राहुल गांधी की सुरक्षा से जुड़ी हुई थी? अगर ऐसा रहा तो अफसरों की ड्यूटी पर उंगली उठाने का कोई मतलब नहीं बनता. मगर, ये नहीं समझ आ रहा कि प्रशासन को मारे गये किसान के परिवार के लोग, जिसका एक भाई सरकारी कर्मचारी भी है उससे कितना खतरा हो सकता है.

मंदसौर में राहुल गांधी

पहले ये भी खबर आई थी कि इलाके की पुलिस ने 1200 लोगों से बॉन्ड भी भरवाया था कि अगर कुछ उल्टा पुल्टा हुआ तो जिम्मेदार वे ही होंगे. हालांकि, प्रदेश के गृह मंत्री ने ऐसी बातों का पूरी तरह खंडन किया था.

वैसे भी पुलिस और प्रशासन क्यों न एक्टिव हो, जब सीएम शिवराज सिंह खुद पहुंच जाते हैं और लोगों को समझाते हैं कि उनका भला सिर्फ वो ही कर सकते हैं और उन्हें तब तक फिक्र करने की जरूरत नहीं जब तक उनका 'मामा जिंदा है...'.

'मन की बात' नहीं, लेकिन मैनिफेस्टो?

राहुल गांधी मध्य प्रदेश के मंदसौर ऐसे वक्त पहुंचे जब सूबे के किसान पहले से ही आंदोलन कर रहे हैं. देश भर में चल रहे किसान आंदोलन के छठे दिन अपनी रैली से पहले राहुल गांधी ने पुलिस फायरिंग में मारे गये किसानों परिवारवालों से मुलाकात की और एक ट्वीट में कहा भी - 'अपने परिजनों को खोने का दर्द मैं जानता हूं.'

रैली में राहुल गांधी ने पहले तो पूरी भूमिका बनायी और फिर धीरे धीरे इरादे जाहिर करने लगे. निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रख राहुल गांधी ने अपने और उनके बीच फर्क समझाने की कोशिश की - लेकिन बातों बातों में खुद ही भूल गये और वही करने लगे जो न करने का वादा किया था. पलक झपकते ही दुख दर्द बांटने की जगह मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने की बातें होने लगीं. ध्यान रहे विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ छह महीने या उससे भी कम वक्त बचा हुआ है. देखा जाये तो चुनावी मुहिम शुरू करने का इससे बेहतरीन वक्त क्या हो सकता है?

राहुल गांधी ने कहा - "अगर आप झूठ सुनना चाहते हैं तो आप यहां समय बर्बाद कर रहे हैं. हम यहां झूठ नहीं बोलेंगे. हम मन की बात भी नहीं करेंगे, बस आपके मन की बात सुनेंगे और आपके मन की बात वाली सरकार बनाएंगे."

पलक झपकते ही दुख दर्द बांटने की जगह मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने की बातें होने लगीं.

जब राहुल गांधी ने 10 का दम दिखाया!

फिर राहुल गांधी ने एक एक करके वे मुद्दे उठाते गये जिनके जरिये बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत बनाने में लगी है- और काफी हद तक कामयाब भी हो चुकी है. लगे हाथ राहुल गांधी ने वो सब भी समझाने की कोशिश की जो कांग्रेस की सरकार बनने पर मध्य प्रदेश में होगा. राहुल गांधी ने भ्रष्टाचार और स्वदेशी से लेकर चीन का नाम लेकर मोदी को टारगेट किया तो, उनके साथियों ने मोदी के अंदाज में ही उन पर हमले किये.

राहुल गांधी के भाषण में स्वदेशी और भ्रष्टाचार से लेकर राष्ट्रवाद तक वे सारे की वर्ड सुनाई दिये जो बीजेपी खेमे में हरदम ट्रेंड करते देखे जाते हैं. साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बारी बारी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश भी रही.

1. भ्रष्टाचार - राहुल गांधी ने वादा किया कि राज्य में अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा. राहुल गांधी ने मंडी की मिसाल दी, बोले - शिवराज सरकार में मंडी में चेक मिलते हैं और चेक को कैश में बदलने के लिए किसानों को रिश्वत देनी पड़ती है. कांग्रेस की सरकार बनी तो मंडी में ही उन्हें पैसा मिला करेगा. राहुल ने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार बना कर सिर्फ पैसा ही देना नहीं चाहती, बल्कि लोगों की जिंदगी बदलना चाहती है - और प्रदेश का नक्शा.

2. स्वदेशी - राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर हर जिले में खेतों के पास ही फूड प्रॉसेसिंग पार्क बनाए जाएंगे ताकि किसानों को पूरा लाभ मिले. राहुल गांधी ने मन की एक और बात बताई - मैं चाहता हूं कि यहां जो लहसुन होता है, 10 साल में वो लहसुन चीन की राजधानी बीजिंग के लोग खायें. ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी पिछले हफ्ते ही खबर आयी थी कि मध्य प्रदेश में एक रुपये प्रति किलो लहसुन बिक रहा है और लागत नहीं लौटने से किसान का बुरा हाल है.

3. राष्ट्रवाद - राहुल ने अपने तरीके से लोगों को ये भी समझाने की कोशिश की कि किस तरह बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रवाद का दावा खोखला है. राहुल गांधी ने कहा कि किस तरह प्रधानमंत्री मोदी अहमदाबाद में चीन के राष्ट्रपति के साथ झूला झूल रहे थे और उसके कुछ ही दिन बाद डोकलाम में चीन की सेना घुस आई. राहुल गांधी ने ये बात तब भी कही थी जब प्रधानमंत्री मोदी चीन दौरे पर थे. राहुल का आरोप था कि मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अनौपचारिक मुलाकात की और डोकलाम पर उनकी जबान तक न खुल पायी. चीन को लेकर राहुल गांधी हमेशा मुखर भी रहते हैं और चीनी राजदूत से उनकी मुलाकात भी विवादों में रही है.

अपनी बात पर यकीन दिलाने के लिए राहुल गांधी ने ये समझाने की भी कोशिश की कि मोदी की जेब में जो फोन है उसके पीछे भी मेड इन चाइना लिखा है, जिससे वो सभी को मैसेज करते हैं. वैसे सार्वजनिक कार्यक्रम में फटी जेब दिखाने वाले राहुल गांधी ने अपना मोबाइल नहीं दिखाया कि उसके पीछे क्या लिखा है.

राहुल गांधी ने की अपने मन की बात

रैली में राहुल गांधी ने अपने मन की सबसे बड़ी बात भी बतायी - "मेरा सपना है कि जब 5-7 साल हम यहां आएं और फोन देखें तो हमें फोन पर 'मेड इन मंदसौर' लिखा मिले."

मगर, ऐसा तभी मुमकिन हो पाएगा, राहुल गांधी बोले, जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन पाएगी, "नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह यह काम नहीं कर सकते हैं. कमलनाथ और सिंधिया ही ये काम कर सकते हैं."

मंदसौर रैली में राहुल गांधी का सबसे बड़ा वादा रहा - 'कांग्रेस की सरकार बनी तो 10 दिन के भीतर किसानों के कर्जे माफ हो जाएंगे और किसानों को इंसाफ भी मिल जाएगा.'

निश्चित तौर पर हमेशा की तरह प्रधानमंत्री राहुल गांधी के निशाने पर रहे लेकिन मोदी की पढ़ाई लिखाई को लेकर उन्होंने अरविंद केजरीवाल की तरह शक नहीं जताया. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी पढ़े-लिखे तो हैं, लेकिन उनकी पढ़ाई गलत है.

राहुल गांधी ने कहा, "मोदी ने आरएसएस वाली पढ़ाई की है, हमारी पढ़ाई उनसे पूरी अलग है. कांग्रेस के लोगों ने प्यार की पढ़ाई की है, लेकिन नफरत की पढ़ाई नहीं की है."

रैली में राहुल के साथी भी उनके साथ कदम से कदम मिलाते चलते रहे. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री मोदी को उन्हीं के अंदाज में GDP ग्रोथ का मतलब भी समझा दिया - 'मोदी जी GDP बढ़ाने की बात करते हैं, लेकिन वो Gas, Diesal और Petrol का दाम बढ़ाते हैं.'

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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