दिल्ली में सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party), दिल्ली और दिल्ली की जनता के लिए कितनी गंभीर है? इसपर एक अलग डिबेट हो सकती है. लेकिन जैसी गंभीरता पार्टी पंजाब में दिखा रही है. माना यही जा रहा है कि चाहे शिरोमणि अकाली दल हो या फिर भाजपा, कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस आप सबको तगड़ा कॉम्पटीशन देगी. शायद ये पंजाब में सत्ता प्राप्ति की भूख ही है जिसके चलते आम आदमी पार्टी ने एक ऐसी घोषणा की है जिसने सियासी गलियारों में सरगर्मियां तेज कर दी हैं. पार्टी सांसद भगवंत मान (Bhagwant Mann) के चेहरे पर पंजाब में चुनाव लड़ेगी. यानी अगर पंजाब में एआम आदमी पार्टी जीतती है तो मुख्यमंत्री कोई और नहीं बल्कि भगवंत मान होंगे. आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल कोरोना पॉजिटिव है इसलिए भले ही भगवंत मान को लेकर कोई औपचारिक घोषणा न हुई हो लेकिन तय है कि ये भगवंत मान ही होंगे जिनके नेतृत्व में आम आदमी पार्टी पंजाब में इतिहास रचेगी.
भले ही ये अहम बात बताने के लिए आम आदमी पार्टी को सही वक्त का इंतजार हो लेकिन ट्विटर पर लोगों को आम आदमी पार्टी और भगवंत मान की मौज लेने का पूरा मौका मिल गया है. जैसा ट्विटर पर जनता का रुख है इतनी सीरियस बात को कोई सीरियसली ले ही नहीं रहा है. हालांकि, सीएम उम्मीदवार को लेकर असली कॉमेडी कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रही है.
अपना रसूख कायम रखने के लिए नवजोत सिद्धू रोज कुछ न कुछ तीखे बयान दे रहे हैं. उनका ताजा बयान ये है कि 'मुख्यमंत्री बनने का हक सभी का है'. यानी चन्नी पर सीएम पद का ठप्पा नहीं लगा है. वो साथ में ये भी जोड़ गए कि पंजाब में लोगों का भरोसा टूटा है.
ध्यान रहे कि...
दिल्ली में सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party), दिल्ली और दिल्ली की जनता के लिए कितनी गंभीर है? इसपर एक अलग डिबेट हो सकती है. लेकिन जैसी गंभीरता पार्टी पंजाब में दिखा रही है. माना यही जा रहा है कि चाहे शिरोमणि अकाली दल हो या फिर भाजपा, कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस आप सबको तगड़ा कॉम्पटीशन देगी. शायद ये पंजाब में सत्ता प्राप्ति की भूख ही है जिसके चलते आम आदमी पार्टी ने एक ऐसी घोषणा की है जिसने सियासी गलियारों में सरगर्मियां तेज कर दी हैं. पार्टी सांसद भगवंत मान (Bhagwant Mann) के चेहरे पर पंजाब में चुनाव लड़ेगी. यानी अगर पंजाब में एआम आदमी पार्टी जीतती है तो मुख्यमंत्री कोई और नहीं बल्कि भगवंत मान होंगे. आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल कोरोना पॉजिटिव है इसलिए भले ही भगवंत मान को लेकर कोई औपचारिक घोषणा न हुई हो लेकिन तय है कि ये भगवंत मान ही होंगे जिनके नेतृत्व में आम आदमी पार्टी पंजाब में इतिहास रचेगी.
भले ही ये अहम बात बताने के लिए आम आदमी पार्टी को सही वक्त का इंतजार हो लेकिन ट्विटर पर लोगों को आम आदमी पार्टी और भगवंत मान की मौज लेने का पूरा मौका मिल गया है. जैसा ट्विटर पर जनता का रुख है इतनी सीरियस बात को कोई सीरियसली ले ही नहीं रहा है. हालांकि, सीएम उम्मीदवार को लेकर असली कॉमेडी कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रही है.
अपना रसूख कायम रखने के लिए नवजोत सिद्धू रोज कुछ न कुछ तीखे बयान दे रहे हैं. उनका ताजा बयान ये है कि 'मुख्यमंत्री बनने का हक सभी का है'. यानी चन्नी पर सीएम पद का ठप्पा नहीं लगा है. वो साथ में ये भी जोड़ गए कि पंजाब में लोगों का भरोसा टूटा है.
ध्यान रहे कि पंजाब के संगरूर लोक सभा सीट से दूसरी बार सांसद भगवंत मान आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट के चीफ़ तो हैं ही. साथ ही वो पंजाब में पार्टी के सबसे ज्यादा लोकप्रिय चेहरे हैं. कहा यही जा रहा है कि अगर एआम आदमी पार्टी ने ये फैसला ले लिया तो इसका बड़ा फायदा पार्टी को 2022 के विधान सभा चुनावों में मिलेगा.
पंजाब में भगवंत मान का क्या कद है? वोटर्स के बीच उनकी लोकप्रियता किस हद तक है? गर जो सवाल इसपर हो तो जवाब में हम 2019 का वो वक़्त देख सकते हैं जब भगवंत दूसरी बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर सांसद बने थे. ज्ञात हो कि तब देश भर में आप केवल एक लोकसभा सीट जीतने में कामयाब हुई थी वो थी संगरूर की लोकसभा सीट जहां से भगवंत मान ने जीत दर्ज की थी.
इसके अलावा बात यदि हाल फिलहाल की हो तो बताना जरूरी है कि अभी बीते दिनों ही पटियाला में जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में शांति मार्च निकल रहा था तो वहां भी भगवंत मान अरविंद केजरीवाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे. शांति मार्च के बाद जब अरविंद केजरीवाल भाषण देने के लिए ट्रक पर चढ़े तब भी उनके साथ केवल भगवंत मान ही थे.
अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान दोनों ने ही भाषण दिया था. दिलचस्प ये है कि इस घटना से पहले तक कहीं भी रहा हो केजरीवाल खुद फ्रंट में रहते थे. 2008 में द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज से अपने करियर की शुरुआत करने वाले भगवंत मान के सितारे जैसे इस वक़्त बुलंदियों पर हैं. कहना गलत नहीं है कि मौजूदा वक़्त में वो आम आदमी पार्टी के सबसे कीमती असेट हैं.
लेकिन क्योंकि पूर्व में उन्होंने कुछ ऐसे कांड भी किये हैं जिसके चलते पार्टी सुर्पीमो अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को शर्मिंदा होना पड़ा था इसलिए अब जबकि उनके नाम की घोषणा बतौर मुख्यमंत्री होने वाली है तो कहा यही जा रहा है कि पंजाब में जीतने के लिए अरविंद केजरीवाल साम दाम दंड भेद सब एक कर रहे हैं.
बहरहाल बात सोशल मीडिया की हुई है तो इस खबर के बाद वहां प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गयी है. भांति भांति के मीम्स शेयर हो रहे हैं और जनता यही कह रही है कि वो व्यक्ति जो खुद नशे में रहता हो अब वक़्त पंजाब को नशे से मुक्ति दिलाएगा.
जैसा कि हम बता चुके हैं अरविंद केजरीवाल के इस फैसले को लोग अपनी अपनी योग्यता के हिसाब से देख रहे हैं. तो वो वजह भी पता चल गयी कि आखिर पंजाब में मुख्यमंत्री के लिए क्यों भगवंत ,मान का नाम आगे किया गया.
ट्विटर पर लोग एक दूसरे से सवाल यही कर रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल के इस फैसले के बाद आखिर अब पंजाब का होगा क्या?
तो जैसा कि उपरोक्त ट्वीट्स से साफ़ हो गया है कि, भगवंत मान को मुख्यमंत्री बनाने का अरविंद केजरीवाल का ये फैसला लोगों को रास नहीं आया है. तो विरोध का लेवल वैसा ही है जैसी खबर. आप और भगवंत मान के मद्देनजर पंजाब का भविष्य कैसा होगा? इसका फैसला वक़्त करेगा. लेकिन जो वर्तमान है वो यक़ीनन दिलचस्प है.
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