• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सोशल मीडिया

दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी पर बवाल तो मचना ही था...

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 02 जून, 2021 10:20 PM
  • 02 जून, 2021 10:20 PM
offline
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामलों में कमी और पॉजिटिविटी रेट कम होने के बाद दिल्ली में भी लॉकडाउन को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस अनलॉक के साथ दिल्ली सरकार ने राजस्व का हवाला देकर शराब की होम डिलीवरी की सुविधा शराबप्रेमियों के लिए शुरू की है.

कवि हरिवंश राय बच्चन की एक मशहूर साहित्यिक कृति 'मधुशाला' को भारत में काफी पसंद किया जाता है. 'मंदिर-मस्जिद बैर कराते, मेल कराती मधुशाला' वाली ये लाइन आसानी से लाखों लोगों की जुबान पर चढ़ चुकी है. इसके पीछे की एक वजह ये भी है कि भारत में लोगों के बीच पीने और पिलाने का शौक बीते कुछ दशकों में काफी बढ़ गया है. शराबप्रेमियों के इस शौक का राज्य सरकारों को भी सीधा फायदा होता है. जीएसटी और पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स के बाद राज्य सरकारों को सबसे ज्यादा कमाई शराब से ही होती है. यही एक बड़ा कारण है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब लोग ऑक्सीजन सिलेंडर और अस्पतालों में बेड के लिए भाग-दौड़ कर रहे थे. महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में शराबप्रेमियों के लिए होम डिलीवरी की सुविधा शुरू कर दी गई थी. इसी लिस्ट में अब दिल्ली का नाम भी जुड़ गया है.

दिल्ली सरकार के हालिया फैसले के बाद मदिरा प्रेमी अब ऑनलाइन वेबसाइट या मोबाइल एप से शराब मंगवा सकेंगे. हालांकि, इससे पहले भी दिल्ली में ई-मेल और फैक्स के जरिये शराब की होम डिलीवरी की जाती थी. कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामलों में कमी और पॉजिटिविटी रेट कम होने के बाद दिल्ली में भी लॉकडाउन को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. दिल्ली सरकार ने औद्योगिक गतिविधियों को ही संचालित करनी की अनुमति दी है. शराब की दुकानें अभी भी बंद हैं, जिसकी वजह से हो रहे राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए शराब की होम डिलीवरी की सुविधा शराबप्रेमियों को देने की योजना बनी है.

दिल्ली सरकार ने भी शराब की होम...

कवि हरिवंश राय बच्चन की एक मशहूर साहित्यिक कृति 'मधुशाला' को भारत में काफी पसंद किया जाता है. 'मंदिर-मस्जिद बैर कराते, मेल कराती मधुशाला' वाली ये लाइन आसानी से लाखों लोगों की जुबान पर चढ़ चुकी है. इसके पीछे की एक वजह ये भी है कि भारत में लोगों के बीच पीने और पिलाने का शौक बीते कुछ दशकों में काफी बढ़ गया है. शराबप्रेमियों के इस शौक का राज्य सरकारों को भी सीधा फायदा होता है. जीएसटी और पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स के बाद राज्य सरकारों को सबसे ज्यादा कमाई शराब से ही होती है. यही एक बड़ा कारण है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब लोग ऑक्सीजन सिलेंडर और अस्पतालों में बेड के लिए भाग-दौड़ कर रहे थे. महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में शराबप्रेमियों के लिए होम डिलीवरी की सुविधा शुरू कर दी गई थी. इसी लिस्ट में अब दिल्ली का नाम भी जुड़ गया है.

दिल्ली सरकार के हालिया फैसले के बाद मदिरा प्रेमी अब ऑनलाइन वेबसाइट या मोबाइल एप से शराब मंगवा सकेंगे. हालांकि, इससे पहले भी दिल्ली में ई-मेल और फैक्स के जरिये शराब की होम डिलीवरी की जाती थी. कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामलों में कमी और पॉजिटिविटी रेट कम होने के बाद दिल्ली में भी लॉकडाउन को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. दिल्ली सरकार ने औद्योगिक गतिविधियों को ही संचालित करनी की अनुमति दी है. शराब की दुकानें अभी भी बंद हैं, जिसकी वजह से हो रहे राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए शराब की होम डिलीवरी की सुविधा शराबप्रेमियों को देने की योजना बनी है.

दिल्ली सरकार ने भी शराब की होम डिलीवरी के लिए महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सरकारों की तरह ही तर्क दिया है.

दिल्ली सरकार ने भी शराब की होम डिलीवरी के लिए महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सरकारों की तरह ही तर्क दिया है कि इसकी वजह से शराब की दुकानों पर भीड़ इकट्ठा नहीं होगी. मतलब एक बात तो तय है कि दिल्ली सरकार कोरोना संक्रमण से लड़ने की तैयारियों में एक फीसदी भी कमजोर नहीं पड़ना चाहती है. शायद, दिल्ली सरकार को चिंता होगी कि शराब की दुकानों पर भीड़ इकट्ठा होने से कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ सकते हैं. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का क्या हाल हुआ था, किसी से छिपा नही है. बड़ी संख्या में लोग ऑक्सीजन, जीवनरक्षक दवाओं और अस्पतालों में बेड की कमी जूझते दिखे थे. इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ओछी राजनीति करते हुए केंद्र सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा रहे थे.

दिल्ली सरकार के इस फैसलों को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. वहीं, काफी संख्या में लोग इस फैसले का बचाव करते भी दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद मीम की बाढ़ आ गई है. आइए नजर डालते हैं दिल्ली सरकार के इस फैसले को मिल रहे समर्थन और विरोध पर.

ट्विटर पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने बीते साल अगस्त में ऑक्सीजन की होम डिलीवरी का वादा किया था. इस साल अप्रैल में 44 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा की थी. लेकिन, जून में लोगों को शराब की होम डिलीवरी की सुविधा दे रहे हैं. 

लोगों में अरविंद केजरीवाल सरकार के इस फैसले पर गुस्सा साफ नजर आ रहा है. लोग कह रहे हैं कि एक महीने पहले ऑक्सीजन और दवाओं के लिए दिल्ली तड़प रही थी. केजरीवाल ने दूरदर्शिता दिखाते हुए शराब की होम डिलीवरी का फैसला लिया है.

दिल्ली सरकार के इस फैसले का कई लोगों ने बचाव भी किया है. ट्विटर पर लोग कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने शराब की होम डिलीवरी का निर्णय लेने के लिए शराब नीति में बदलाव नहीं किया है. यह पहले से ही जारी था. पहले भी ई-मेल और फैक्स के जरिये होम डिलीवरी की सुविधा मिलती रही है. 

लोग का कहना है कि शराब की होम डिलीवरी से दुकानों पर शराबप्रेमियों के बीच होने वाले संघर्ष को रोका जा सकेगा और कोरोना वायरस के बड़े पैमाने पर फैलने से भी बचाव होगा.

खैर, दिल्ली सरकार का ये फैसला सही है या गलत? इस फैसले से कोरोना संक्रमण को रोकने में कितनी सफलता मिलेगी? अरविंद केजरीवाल सरकार को इससे कितना राजस्व मिलेगा? इसका जवाब वक्त देगा. लेकिन, अरविंद केजरीवाल का कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन, जीवनरक्षक दवाओं और अस्पतालों में बेड की कमी के लिए भी केंद्र सरकार को दोष देना शायद ही लोग भूलेंगे.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    नाम बदलने की सनक भारी पड़ेगी एलन मस्क को
  • offline
    डिजिटल-डिजिटल मत कीजिए, इस मीडियम को ठीक से समझिए!
  • offline
    अच्छा हुआ मां ने आकर क्लियर कर दिया, वरना बच्चे की पेंटिंग ने टीचर को तारे दिखा दिए थे!
  • offline
    बजरंग पुनिया Vs बजरंग दल: आना सरकार की नजरों में था लेकिन फिर दांव उल्टा पड़ गया!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲