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मोदी-शाह किसान आंदोलन पर जो सोचें, योगी आदित्यनाथ ने अपना काम शुरू कर दिया

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 29 जनवरी, 2021 03:51 PM
  • 29 जनवरी, 2021 02:55 PM
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दिल्ली में किसानों द्वारा की गई हिंसा ने योगी आदित्यनाथ को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसानों का विरोध प्रदर्शन खत्म करने का मौका दे दिया. बताया जा रहा है कि गाजीपुर बॉर्डर पर गाजियाबाद नगर निगम ने पानी व बिजली के साथ अन्य सुविधाएं बंदकर दी गई हैं.

देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में भड़की हिंसा अब किसानों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी किसानों पर एक्शन की तैयारी कर ली गई है. अपने त्वरित और कड़े फैसलों के लिए चर्चित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में अलग-अलग जगहों पर चल रहे सभी किसान आंदोलनों को खत्म कराने के आदेश जारी कर दिए हैं. माना जा रहा है कि ये आदेश खास तौर से गाजीपुर बॉर्डर के लिए दिया गया है. वहीं, दिल्ली में पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प के बाद बुधवार शाम को नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल और चिल्ला बॉर्डर पर चल रहा विरोध प्रदर्शन किसान संगठनों ने खुद ही खत्म कर दिया. राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन-भानु ने खुद को किसान आंदोलन से पहले ही अलग कर लिया है.

CAA विरोधी दंगों से निपटने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए फैसलों को काफी सराहा गया था.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बारे में कहा जाता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर वह हमेशा ही सख्त रहते हैं. माना जा रहा है कि योगी सरकार ने दिल्ली की तरह यूपी में भी हिंसा भड़कने की आशंका की वजह से धरनों को खत्म कराने का आदेश दिया है. यूपी में CAA विरोधी दंगों से निपटने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए फैसलों को काफी सराहा गया था. सीएम योगी ने उस दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दंगे में शामिल लोगों की संपत्तियां जब्त करवा ली थीं.

वहीं, अब योगी सरकार ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों समेत पुलिस-प्रशासन को सख्त हिदायत देते हुए किसानों का धरना समाप्त कराने के लिए निर्देश दिए हैं. कहा जा रहा है कि सीएम योगी शुरुआत से ही किसान आंदोलन पर नजर बनाए हुए...

देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में भड़की हिंसा अब किसानों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी किसानों पर एक्शन की तैयारी कर ली गई है. अपने त्वरित और कड़े फैसलों के लिए चर्चित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में अलग-अलग जगहों पर चल रहे सभी किसान आंदोलनों को खत्म कराने के आदेश जारी कर दिए हैं. माना जा रहा है कि ये आदेश खास तौर से गाजीपुर बॉर्डर के लिए दिया गया है. वहीं, दिल्ली में पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प के बाद बुधवार शाम को नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल और चिल्ला बॉर्डर पर चल रहा विरोध प्रदर्शन किसान संगठनों ने खुद ही खत्म कर दिया. राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन-भानु ने खुद को किसान आंदोलन से पहले ही अलग कर लिया है.

CAA विरोधी दंगों से निपटने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए फैसलों को काफी सराहा गया था.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बारे में कहा जाता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर वह हमेशा ही सख्त रहते हैं. माना जा रहा है कि योगी सरकार ने दिल्ली की तरह यूपी में भी हिंसा भड़कने की आशंका की वजह से धरनों को खत्म कराने का आदेश दिया है. यूपी में CAA विरोधी दंगों से निपटने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए फैसलों को काफी सराहा गया था. सीएम योगी ने उस दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दंगे में शामिल लोगों की संपत्तियां जब्त करवा ली थीं.

वहीं, अब योगी सरकार ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों समेत पुलिस-प्रशासन को सख्त हिदायत देते हुए किसानों का धरना समाप्त कराने के लिए निर्देश दिए हैं. कहा जा रहा है कि सीएम योगी शुरुआत से ही किसान आंदोलन पर नजर बनाए हुए थे. वहीं, दिल्ली में किसानों द्वारा की गई हिंसा और राकेश टिकैत के भड़काऊ बयानों ने योगी आदित्यनाथ को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसानों का विरोध प्रदर्शन खत्म करने का मौका दे दिया. बताया जा रहा है कि गाजीपुर बॉर्डर पर गाजियाबाद नगर निगम ने पानी व बिजली के साथ अन्य सुविधाएं बंद कर दी गई हैं. माना जा रहा है कि गुरुवार को देर रात तक ये धरनास्थल खाली करा लिया जाएगा.

 किसान नेता राकेश टिकैत ने इसे योगी सरकार की दमनकारी नीति बता दिया है.

योगी सरकार का आदेश आने के साथ ही भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इसे योगी सरकार की दमनकारी नीति बता दिया है. राकेश टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने को सही माना है. हालांकि, ये बात अलग है कि सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के संदर्भ में दिए अपने आदेश में कहा था- सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल के लिए प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है. राकेश टिकैत ने भी कड़े तेवर अपनाते हुए कहा है कि धरनास्थल खाली नहीं किया जाएगा. टिकैत ने कहा कि पुलिस गोली चलाएगी, तो किसान गोली भी खाएंगा. किसी भी हाल में जगह खाली नहीं होगी. गाजीपुर बॉर्डर पर जमे राकेश टिकैत समेत अन्य किसान नेता यूपी सरकार को कोस रहे हैं. लेकिन, गाजियाबाद पुलिस-प्रशासन पूरी तैयारी कर चुका है.

दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन के खिलाफ योगी सरकार कार्रवाई कर चुकी है.

इससे पहले दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन के खिलाफ योगी सरकार कार्रवाई कर चुकी है. किसानों का आरोप है कि पुलिस ने जबरन धरना खत्म कराया था. पुलिस पर लाठीचार्ज कर जबरन हटाकर घर भेजने के आरोप किसानों ने लगाए थे. हालांकि, पुलिस ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों ने अपनी इच्छा से प्रदर्शन खत्म किया था. गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन खत्म करने को लेकर पुलिस-प्रशासन ने अल्टीमेटम दे दिया है. दिल्ली-यूपी-गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है. 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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