• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

पूरे देश में लागू होना चाहिए योगी का लाउडस्पीकर मॉडल

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 04 मई, 2022 03:36 PM
  • 04 मई, 2022 03:36 PM
offline
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के लाउडस्पीकर मॉडल (Loudspeaker) में बिना भेदभाव के सभी धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों पर कार्रवाई की गई है. सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कहे जाने वाले सूबे में इस तरह की कार्रवाई सबके लिए एक उदाहरण कही जा सकती है.

महाराष्ट्र से शुरू हुए लाउडस्पीकर विवाद ने जैसे ही उत्तर प्रदेश में एंट्री ली. सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने एक्शन में आते हुए लाउडस्पीकर को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार बजाने का फरमान जारी कर दिया. सीएम योगी का आदेश आते ही प्रशासन एक्टिव हुआ. और, अब तक करीब 45 हजार लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं. वहीं, करीब 60 हजार लाउडस्पीकर की आवाजों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार धीमा कर दिया गया है. पूरे देश में यह अपने आप में इकलौता मामला होगा, जहां मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थलों ने खुद ही आगे आकर योगी सरकार के इस आदेश का पालन किया है.

आसान शब्दों में कहा जाए, तो योगी सरकार के 'लाउडस्पीकर मॉडल' को हर धर्म के गुरुओं और आलिमों का भी सहयोग मिल रहा है. अधिकांश जगहों से अवैध लाउडस्पीकर खुद ही हटा दिए गए. सीएम योगी ने कुछ साल पहले सबसे संवेदनशील प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश अपने लाउडस्पीकर मॉडल को शांति से लागू कर दिया है. इतना ही नहीं, सीएम योगी के लाउडस्पीकर मॉडल की तारीफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी की है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि योगी का लाउडस्पीकर मॉडल पूरे देश में क्यों लागू होना चाहिए?

योगी सरकार के 'लाउडस्पीकर मॉडल' को हर धर्म के गुरुओं और आलिमों का भी सहयोग मिल रहा है.

बिना भेदभाव सब पर कार्रवाई ही बनाती है सफल

सीएम योगी आदित्यनाथ के लाउडस्पीकर मॉडल की सबसे बड़ी बात ये है कि इस आदेश को अमल में लाने के दौरान किसी तरह का भेदभाव नहीं किया गया. पहले सीएम योगी ने धार्मिक स्थलों में लगे लाउडस्पीकरों की आवाज को परिसर तक ही सीमित करने का आदेश दिया. फिर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों पर लगे लाउडस्पीकरों को हटाने का काम शुरू किया गया. योगी आदित्यनाथ...

महाराष्ट्र से शुरू हुए लाउडस्पीकर विवाद ने जैसे ही उत्तर प्रदेश में एंट्री ली. सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने एक्शन में आते हुए लाउडस्पीकर को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार बजाने का फरमान जारी कर दिया. सीएम योगी का आदेश आते ही प्रशासन एक्टिव हुआ. और, अब तक करीब 45 हजार लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं. वहीं, करीब 60 हजार लाउडस्पीकर की आवाजों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार धीमा कर दिया गया है. पूरे देश में यह अपने आप में इकलौता मामला होगा, जहां मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थलों ने खुद ही आगे आकर योगी सरकार के इस आदेश का पालन किया है.

आसान शब्दों में कहा जाए, तो योगी सरकार के 'लाउडस्पीकर मॉडल' को हर धर्म के गुरुओं और आलिमों का भी सहयोग मिल रहा है. अधिकांश जगहों से अवैध लाउडस्पीकर खुद ही हटा दिए गए. सीएम योगी ने कुछ साल पहले सबसे संवेदनशील प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश अपने लाउडस्पीकर मॉडल को शांति से लागू कर दिया है. इतना ही नहीं, सीएम योगी के लाउडस्पीकर मॉडल की तारीफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी की है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि योगी का लाउडस्पीकर मॉडल पूरे देश में क्यों लागू होना चाहिए?

योगी सरकार के 'लाउडस्पीकर मॉडल' को हर धर्म के गुरुओं और आलिमों का भी सहयोग मिल रहा है.

बिना भेदभाव सब पर कार्रवाई ही बनाती है सफल

सीएम योगी आदित्यनाथ के लाउडस्पीकर मॉडल की सबसे बड़ी बात ये है कि इस आदेश को अमल में लाने के दौरान किसी तरह का भेदभाव नहीं किया गया. पहले सीएम योगी ने धार्मिक स्थलों में लगे लाउडस्पीकरों की आवाज को परिसर तक ही सीमित करने का आदेश दिया. फिर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों पर लगे लाउडस्पीकरों को हटाने का काम शुरू किया गया. योगी आदित्यनाथ की हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता की छवि भी इस लाउडस्पीकर मॉडल में आड़े नहीं आई. आसान शब्दों में कहा जाए, तो तेज आवाज में बजने वाला कोई भी लाउडस्पीकर हो. फिर चाहे वो मंदिर का हो या मस्जिद का योगी सरकार के प्रशासन ने उसे नहीं बख्शा. लाउडस्पीकर मॉडल की कार्रवाई में केवल मुस्लिमों को निशाना नहीं बनाया गया. जैसा कि आमतौर पर विपक्षी दल कहते नजर आते हैं.

इस कार्रवाई के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद मीडिया से ये कहते नजर आए कि खुद को हिंदुओं की सरकार कहने वाली भाजपा की योगी सरकार में मंदिरों के लाउडस्पीकर भी हटाए जा रहे हैं. ये कैसे हिंदुओं की सरकार हो सकती है. वैसे, अखिलेश यादव का ये बयान उनकी सियासी छटपटाहट को साफ दर्शाता है कि अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान वे ऐसे फैसले लेने से बचते रहे. लेकिन, सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का पालन बिना किसी बवाल के करवा दिया. जबकि, इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि ऐसे आदेशों पर कुछ साल पहले तक अमल करवाने से पहले प्रशासन भी दस बार सोचता था. लेकिन, योगी सरकार के आदेश के बाद कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं आई.

सार्वजनिक, निजी, रिहायशी स्थानों पर मिलेगी राहत

योगी आदित्यनाथ ने लाउडस्पीकर मॉडल को लागू करने के दौरान धर्म के मसले पर दो टूक शब्दों में कहा था कि 'धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय है. सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है. लेकिन, इसका भद्दा प्रदर्शन कर दूसरों को परेशान करना स्वीकार नहीं किया जाएगा.' सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की अवहेलना करते हुए सार्वजनिक, निजी, रिहायशी स्थानों पर लोग तेज आवाज में जमकर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करते थे. हाल ही में नोएडा की एक सोसाइटी में एक शख्स के साथ लाउडस्पीकर की आवाज को कम करने को लेकर हाथापाई की खबर भी सामने आई थीं. लेकिन, योगी आदित्यनाथ के इस लाउडस्पीकर मॉडल की वजह अब संभव है कि इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी. साथ ही बच्चों की परीक्षाओं, गंभीर रोगियों को आमतौर पर तेज आवाज से होने वाली समस्याओं से निजात मिल जाएगी.

अब कम से कम उम्मीद की जा सकती है कि सभी धर्मों के लोग सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी किए गए नियमों को मानेंगे. वैसे, भारत में लोग बिना किसी डर के कोई भी काम करने से नहीं करते हैं. तो, योगी आदित्यनाथ को अपने लाउडस्पीकर मॉडल में त्वरित कार्यवाही के आदेश को भी जोड़ना चाहिए. जिससे कि लोगों में कार्रवाई का डर बने. वरना जब तक लोगों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट में भारी जुर्माना राशि देने का प्रावधान नहीं आया. लोगों ने प्रदूषण जैसी छोटी सी जांच के लिए भी कभी खुद से नहीं सोचा. वैसे, सीएम योगी के लाउडस्पीकर मॉडल के आने से हर धर्म (जो आज प्रदर्शन का जरिया बना दिया गया है) के लोगों के बीच एक संदेश जा चुका है कि कार्रवाई सब पर होगी. और, एक जैसी ही होगी.

आपसी सहयोग और सद्भाव के लिए जरूरी है लाउडस्पीकर मॉडल

बिना किसी भेदभाव के हर धर्म के लोगों पर कार्रवाई कर योगी आदित्यनाथ सरकार ने लाउडस्पीकर मॉडल को सफल साबित किया है. देश के सभी राज्यों में इसी तरह से लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई से आपसी सहयोग और सद्भाव को बढ़ावा देगी. देश में आज जिस तरह से हिंदू-मुस्लिम राजनीति का माहौल है. उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि लाउडस्पीकर मॉडल हिंदू-मुस्लिम के बीच बढ़ती दूरी को मिटाने का एक अहम टूल साबित हो सकता है. वहीं, इस लाउडस्पीकर मॉडल के जरिये ध्वनि प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिलेगी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲