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Gujarat Elections : 7 कारण, कैसे पहला चरण करता है, गुजरात के मुख्यमंत्री के भाग्य का फैसला !

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 09 दिसम्बर, 2017 05:58 PM
  • 09 दिसम्बर, 2017 05:58 PM
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गुजरात में पहले चरण की 89 सीटों पर मतदान जारी है. बताया जाता है कि जिस भी पार्टी ने इन सीटों पर बढ़त बनाई वही गुजरात की सत्ता का असल हकदार बनता है. आइये जानें क्यों पहला चरण गुजरात की राजनीति में अहम भूमिका रखता है.

आज गुजरात के लिए एक बड़ा दिन है. राज्य में पहले पहले चरण की 89 सीटों के लिए मतदान जारी है और 3 बजे तक 55% मतदान हुआ है. खबर ये भी है कि राजकोट में 33 ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी पाई गयी है जिससे अफरा तफरी का माहौल है. चूंकि गुजरात खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्षेत्र हैं अतः ये चुनाव बीजेपी की साख से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

बीजेपी के अलावा ये चुनाव राहुल गांधी के लिए भी महत्वपूर्ण है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस चुनाव के बाद ही इस बात का निर्धारण होगा कि राहुल राजनीति में कितनी दूर जाएंगे. साथ ही अगर कांग्रेस गुजरात में कुछ बड़ा करने में कामयाब होती है तो ये भी मान लिया जाएगा कि अब राहुल गांधी में वो योग्यता आ गयी है जिसके बल पर वो कांग्रेस के आगे ले जा सकते हैं.

गुजरात की राजनीति के लिहाज से पहला चरण हमेशा ही महत्वपूर्ण रहा है

चूंकि राज्य में पहले चरण की 89 सीटों पर मतदान जारी है तो आइये जानें इन 89 सीटों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

1 -  सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात की 89 सीटों पर तमाम तरह के आरोप - प्रत्यारोप के बीच जनता अपने मत से मुख्यमंत्री की  तकदीर लिखेगी.

2 - आज 2.12 करोड़ मतदाता  के पास मौका है कि वो अपने मताधिकार का प्रयोग करें और अपनी तकदीर संवारें.

3 -  चुनाव  आयोग के अनुसार इस चरण में 9 77 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें मुख्यमंत्री विजय रूपानी, राजकोट (पश्चिम), कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल (मांडवी) और परेश धानानी (अमरेली) से चुनाव लड़ रहे हैं.

4 - पहली बार, चुनाव आयोग मतदान प्रक्रिया में "अधिक पारदर्शिता और विश्वसनीयता" को दर्शाने के लिए राज्य के सभी 50,128 मतदान केंद्रों में वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल...

आज गुजरात के लिए एक बड़ा दिन है. राज्य में पहले पहले चरण की 89 सीटों के लिए मतदान जारी है और 3 बजे तक 55% मतदान हुआ है. खबर ये भी है कि राजकोट में 33 ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी पाई गयी है जिससे अफरा तफरी का माहौल है. चूंकि गुजरात खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्षेत्र हैं अतः ये चुनाव बीजेपी की साख से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

बीजेपी के अलावा ये चुनाव राहुल गांधी के लिए भी महत्वपूर्ण है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस चुनाव के बाद ही इस बात का निर्धारण होगा कि राहुल राजनीति में कितनी दूर जाएंगे. साथ ही अगर कांग्रेस गुजरात में कुछ बड़ा करने में कामयाब होती है तो ये भी मान लिया जाएगा कि अब राहुल गांधी में वो योग्यता आ गयी है जिसके बल पर वो कांग्रेस के आगे ले जा सकते हैं.

गुजरात की राजनीति के लिहाज से पहला चरण हमेशा ही महत्वपूर्ण रहा है

चूंकि राज्य में पहले चरण की 89 सीटों पर मतदान जारी है तो आइये जानें इन 89 सीटों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

1 -  सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात की 89 सीटों पर तमाम तरह के आरोप - प्रत्यारोप के बीच जनता अपने मत से मुख्यमंत्री की  तकदीर लिखेगी.

2 - आज 2.12 करोड़ मतदाता  के पास मौका है कि वो अपने मताधिकार का प्रयोग करें और अपनी तकदीर संवारें.

3 -  चुनाव  आयोग के अनुसार इस चरण में 9 77 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें मुख्यमंत्री विजय रूपानी, राजकोट (पश्चिम), कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल (मांडवी) और परेश धानानी (अमरेली) से चुनाव लड़ रहे हैं.

4 - पहली बार, चुनाव आयोग मतदान प्रक्रिया में "अधिक पारदर्शिता और विश्वसनीयता" को दर्शाने के लिए राज्य के सभी 50,128 मतदान केंद्रों में वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों की तैनाती कर रहा है। इस चरण में, वीवीपीएटी मशीनों को 24,600 मतदान केंद्रों पर रखा गया है.

5 - पहले चरण का चुनाव शांति से बीते इसके लिए तकरीबन 1,74,000 पुलिस कर्मियों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है जिनमें स्थानीय पुलिस बल के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपी) और राज्य सशस्त्र पुलिस (एसएपी)  शामिल हैं.

6 - इस चरण के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र में करीब 15 रैलियां कर भाजपा को विजय बनाने का आह्वान कर चुके हैं जबकि राहुल ने भी यहां 7 दिन रुक कर कई मीटिंगें की थीं और कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया था कि वो पार्टी के प्रचार प्रसार में कोई कोर कसर न छोड़ें.

7 -  कहा जाता है कि पार्टी कोई भी हो गुजरात के मद्देनजर जो पहले चरण में बढ़त बनाता ही वही गुजरात की गद्दी पर बैठकर शासन करता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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