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कूड़े के पहाड़ पर अचानक इतना क्यों भड़के केजरीवाल?

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 27 अक्टूबर, 2022 04:52 PM
  • 27 अक्टूबर, 2022 04:52 PM
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गाजीपुर की लैंडफिल साइट को 'कुकर्मों और भ्रष्टाचार का पहाड़' बताते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया. दिल्ली एमसीडी चुनाव से पहले कूड़े के पहाड़ (Garbage Mountain) का मुद्दा सामने आना ही था. लेकिन, ऐसा क्या हो गया कि अचानक अरविंद केजरीवाल कूड़े के पहाड़ पर भड़क गए?

दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने गाजीपुर की लैंडफिल साइट यानी कूड़े के पहाड़ को 'कुकर्मों और भ्रष्टाचार का पहाड़' बताकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा. वैसे, एमसीडी चुनाव से पहले इस मुद्दे को सामने आना ही था. क्योंकि, दिल्ली में गाजीपुर की लैंडफिल साइट यानी कूड़े का पहाड़ हमेशा से ही सियासी मुद्दा रहा है. और, इस पर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच खींचतान कोई नई बात नहीं है. लेकिन, यहां अहम सवाल ये है कि कूड़े के पहाड़ पर अरविंद केजरीवाल अचानक इतना क्यों भड़क गए?

अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया.

क्या उपराज्यपाल की 'नसीहत' है वजह?

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने छठ पूजा की तैयारियों पर अरविंद केजरीवाल को भ्रामक और अपरिपक्व प्रचार से बचने की नसीहत दी है. दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने बीते हफ्ते एक ट्वीट कर यमुना के सभी घाटों पर छठ पूजा मनाए जाने का ऐलान किया था. लेकिन, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने यह साफ कर दिया कि छठ पूजा केवल तय घाटों पर ही की जाएगी. बता दें कि दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को छठ पूजा मनाने वाले प्रस्ताव में 1100 घाटों का ही जिक्र किया था. जबकि, केजरीवाल ने यमुना के सभी घाटों पर पूजा का ऐलान कर दिया था. वैसे, अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल का ये टकराव नया नहीं है. और, 'दिल्ली के फैसले कौन करेगा' इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहले से ही याचिका दायर कर रखी है.

वैसे, इस साल मई में विनय सक्सेना के उपराज्यपाल बनने के बाद से ही आम आदमी पार्टी के बीच कई मामलों पर टकराव की स्थिति पैदा हो चुकी है. उपराज्यपाल के जांच के आदेश पर किरकिरी होने के बाद अरविंद केजरीवाल को...

दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने गाजीपुर की लैंडफिल साइट यानी कूड़े के पहाड़ को 'कुकर्मों और भ्रष्टाचार का पहाड़' बताकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा. वैसे, एमसीडी चुनाव से पहले इस मुद्दे को सामने आना ही था. क्योंकि, दिल्ली में गाजीपुर की लैंडफिल साइट यानी कूड़े का पहाड़ हमेशा से ही सियासी मुद्दा रहा है. और, इस पर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच खींचतान कोई नई बात नहीं है. लेकिन, यहां अहम सवाल ये है कि कूड़े के पहाड़ पर अरविंद केजरीवाल अचानक इतना क्यों भड़क गए?

अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया.

क्या उपराज्यपाल की 'नसीहत' है वजह?

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने छठ पूजा की तैयारियों पर अरविंद केजरीवाल को भ्रामक और अपरिपक्व प्रचार से बचने की नसीहत दी है. दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने बीते हफ्ते एक ट्वीट कर यमुना के सभी घाटों पर छठ पूजा मनाए जाने का ऐलान किया था. लेकिन, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने यह साफ कर दिया कि छठ पूजा केवल तय घाटों पर ही की जाएगी. बता दें कि दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को छठ पूजा मनाने वाले प्रस्ताव में 1100 घाटों का ही जिक्र किया था. जबकि, केजरीवाल ने यमुना के सभी घाटों पर पूजा का ऐलान कर दिया था. वैसे, अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल का ये टकराव नया नहीं है. और, 'दिल्ली के फैसले कौन करेगा' इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहले से ही याचिका दायर कर रखी है.

वैसे, इस साल मई में विनय सक्सेना के उपराज्यपाल बनने के बाद से ही आम आदमी पार्टी के बीच कई मामलों पर टकराव की स्थिति पैदा हो चुकी है. उपराज्यपाल के जांच के आदेश पर किरकिरी होने के बाद अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की नई शराब नीति वापस लेनी पड़ी थी. इतना ही नहीं, नई शराब नीति के मामले में केजरीवाल के वफादार और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जांच के घेरे में फंसे हुए हैं. वहीं, इसी महीने उपराज्यपाल ने बिजली सब्सिडी योजना में कथित अनियमितताओं की जांच का भी आदेश देकर आम आदमी पार्टी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. वैसे, केजरीवाल सरकार की 'दिल्ली की योगशाला' स्कीम भी उपराज्यपाल की आपत्ति के बाद से बंद हो गई है.

वहीं, इन सबके बीच सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल के पुराने बयान वायरल होने लगे हैं. जिसमें आम आदमी पार्टी की पहली बार दिल्ली में सरकार बनने से लेकर अब तक के यमुना की सफाई को लेकर की गई अरविंद केजरीवाल की प्लानिंग के बयान हैं. जिसके साथ कहा जा रहा है कि जल्द ही अरविंद केजरीवाल इसके लिए भी उपराज्यपाल और हरियाणा सरकार को दोषी करार दे देंगे. 

एमसीडी के जरिये शक्ति प्रदर्शन की कोशिश में AAP

बीते दो दशकों से ज्यादा समय से एमसीडी में भाजपा काबिज है. और, अरविंद केजरीवाल दिल्ली में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बावजूद एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को कोई खास बढ़त नहीं दिलवा पाए हैं. दरअसल, एमसीडी चुनाव भाजपा के लिए नाक के सवाल की तरह है. और, अगर अरविंद केजरीवाल एमसीडी चुनाव में भाजपा को मात दे देते हैं. तो, आम आदमी पार्टी का दिल्ली का किला और मजबूत हो जाएगा. यही वजह है कि केजरीवाल एमसीडी चुनाव को लेकर पूरी ताकत लगा रहे हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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