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चौंकिए मत... मार्जिन के मामले में भाजपा की टॉप 5 सीटें पश्चिमी यूपी से हैं!

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 11 मार्च, 2022 06:59 PM
  • 11 मार्च, 2022 06:59 PM
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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) में भाजपा को प्रचंड बहुमत हासिल हो चुका है. लेकिन, किसान आंदोलन के प्रभाव वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 5 सीटों पर भाजपा की जीत में वोटों के मार्जिन (Win by record margin votes) में भी रिकॉर्ड बन गया है.

यूपी चुनाव नतीजों में सूबे की दो-तिहाई सीटों के साथ भाजपा ने सत्ता में वापसी कर ली है. सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों पर जनता ने मुहर लगाकर भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया है. भाजपा की इस जीत में कल्याणकारी योजनाओं के साथ राशन, कानून-व्यवस्था के साथ सुशासन, मोदी-योगी मैजिक जैसे मुद्दों ने अहम भूमिका निभाई. खैर, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले से ही दावा किया जाने लगा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार भाजपा के लिए राह आसान नहीं होने वाली है. क्योंकि, दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से ज्यादा चले किसान आंदोलन की सर्वाधिक तपिश पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही महसूस की गई थी. दावा किया गया था कि किसान आंदोलन के चलते मोदी सरकार और योगी सरकार के खिलाफ उपजा गुस्सा जाटों के साथ ही अन्य जातियों के किसानों में भी काफी गहरा असर रख रहा था.

वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को घेरने के लिए जाट नेता और आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ गठबंधन का दांव खेला था. किसान नेता राकेश टिकैत और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने खुलकर गठबंधन का पक्ष लिया था. और, राकेश टिकैत ने सूबे में घूम-घूमकर किसान आंदोलन के मुद्दे को धार देते हुए भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी. यहां तक की गांवों में भाजपा नेताओं का जमकर विरोध हो रहा था. इसके बावजूद जाटलैंड कहलाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पहले चरण की 58 सीटों में से 44 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है. आसान शब्दों में कहा जाए, किसान आंदोलन से लेकर तमाम समीकरणों के बावजूद भाजपा ने पश्चिमी यूपी में बेहतर प्रदर्शन किया है. और, वोटों से जीत के मामले में भाजपा की टॉप 5 सीटें पश्चिमी यूपी की ही हैं.

जाटलैंड कहलाने वाले पश्चिमी...

यूपी चुनाव नतीजों में सूबे की दो-तिहाई सीटों के साथ भाजपा ने सत्ता में वापसी कर ली है. सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों पर जनता ने मुहर लगाकर भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया है. भाजपा की इस जीत में कल्याणकारी योजनाओं के साथ राशन, कानून-व्यवस्था के साथ सुशासन, मोदी-योगी मैजिक जैसे मुद्दों ने अहम भूमिका निभाई. खैर, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले से ही दावा किया जाने लगा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार भाजपा के लिए राह आसान नहीं होने वाली है. क्योंकि, दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से ज्यादा चले किसान आंदोलन की सर्वाधिक तपिश पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही महसूस की गई थी. दावा किया गया था कि किसान आंदोलन के चलते मोदी सरकार और योगी सरकार के खिलाफ उपजा गुस्सा जाटों के साथ ही अन्य जातियों के किसानों में भी काफी गहरा असर रख रहा था.

वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को घेरने के लिए जाट नेता और आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ गठबंधन का दांव खेला था. किसान नेता राकेश टिकैत और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने खुलकर गठबंधन का पक्ष लिया था. और, राकेश टिकैत ने सूबे में घूम-घूमकर किसान आंदोलन के मुद्दे को धार देते हुए भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी. यहां तक की गांवों में भाजपा नेताओं का जमकर विरोध हो रहा था. इसके बावजूद जाटलैंड कहलाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पहले चरण की 58 सीटों में से 44 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है. आसान शब्दों में कहा जाए, किसान आंदोलन से लेकर तमाम समीकरणों के बावजूद भाजपा ने पश्चिमी यूपी में बेहतर प्रदर्शन किया है. और, वोटों से जीत के मामले में भाजपा की टॉप 5 सीटें पश्चिमी यूपी की ही हैं.

जाटलैंड कहलाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पहले चरण की 58 सीटों में से 44 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है.

साहिबाबाद विधानसभा सीट : गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी सुनील कुमार शर्मा ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अमरपाल शर्मा को 2,14,835 वोटों से शिकस्त दी है. उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी जीत सुनील कुमार शर्मा के नाम दर्ज हुई है. सुनील कुमार शर्मा को कुल 3,22,882 वोट और अमरपाल शर्मा को 108047 वोट मिले. साहिबाबाद विधानसभा सीट (Sahibabad Assembly Seat) करीब 10 लाख मतदाताओं के साथ उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा वोटर्स वाली सीट है.

नोएडा विधानसभा सीट : सूबे की नोएडा विधानसभा सीट पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और भाजपा प्रत्याशी पंकज सिंह ने 1,81,513 वोटों से जीत हासिल की है. नोएडा में भी भाजपा को एकतरफा जीत मिली है. भाजपा प्रत्याशी पंकज सिंह को नोएडा विधानसभा सीट पर 70.16 फीसदी वोट मिले हैं. इस बार नोएडा सीट पर मतदान प्रतिशत गिरने से सियासी लड़ाई रोचक मानी जा रही थी. लेकिन, वोटों की गिनती शुरू होने के साथ ही पंकज सिंह ने जो बढ़त हासिल की, वो लगातार जीत के अंतर को बढ़ाती गई. नोएडा सीट पर पंकज सिंह को 2,44,319 वोट मिले थे.

दादरी विधानसभा सीट : पश्चिमी उत्तर प्रदेश की दादरी विधानसभा सीट पर भी भाजपा की जीत एकतरफा ही रही. भाजपा प्रत्याशी तेजपाल सिंह नागर ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राज कुमार भाटी को 1,38,218 वोटों के अंतर से हराया है. दादरी विधानसभा सीट पर तीसरे नंबर पर रहे बसपा प्रत्याशी मनवीर सिंह भाटी को 79,660 मिले थे. दादरी विधानसभा सीट से तेजपाल सिंह नागर को कुल 2,18,068 वोट हासिल हुए थे.

मेरठ कैंट विधानसभा सीट : किसान आंदोलन के केंद्र रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मेरठ कैंट विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी अमित अग्रवाल ने 1,17,526 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. इस सीट पर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाली आरएलडी की प्रत्याशी मनीषा अहलावत को एकतरफा हार का सामना करना पड़ा. अमित अग्रवाल को कुल 1,62,032 वोट मिले थे.

आगरा उत्तर विधानसभा सीट : पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आगरा उत्तर विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने 1,12,370 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. इस सीट पर बसपा प्रत्याशी शब्बीर अब्बास दूसरे नंबर पर और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ज्ञानेंद्र तीसरे नंबर पर रहे. भाजपा प्रत्याशी पुरुषोत्तम खंडेलवाल को कुल 1,53,817 वोट मिले थे.

वैसे, इन सीटों के अलावा महरौनी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल पन्‍थ ने 1,10,451 वोटों से जीत हासिल की है. योगी सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी मथुरा विधानसभा सीट से 1,09,803 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. ललितपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रात रतन कुशवाहा ने 1,07,217 वोटों से जीत हासिल की है. गाजियाबाद विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग ने भी तमाम विरोधों के बावजूद 1,05,389 वोटों से जीत दर्ज की है. वहीं, गोरखपुर सदर सीट से खुद सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने भी 1,02,399 वोटों से जीत हासिल की है. आंकड़ों को देखा जाए, तो वोटों के अंतर से जीत हासिल करने के मामले में टॉप 5 सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं. वहीं, टॉप 10 की लिस्ट में ये पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों की संख्या 7 है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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