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Union Budget 2021 में किसानों को हुए 5 फायदे और 5 नुकसान, जानिए एक नजर में

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 01 फरवरी, 2021 03:41 PM
  • 01 फरवरी, 2021 03:40 PM
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किसानों के लिए केंद्रीय बजट में बड़ी घोषणाएं की गई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है. बजट में मुख्य रूप से किसानों और आम जनता के स्वास्थ्य को स्थान दिया गया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संसद में केंद्रीय बजट (nion Budget 2021-22) पेश किया. बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2021-22 छह स्तंभों पर आधारित है. ये स्तंभ हेल्थ एंड वेलबिइंग, वित्तीय पूंजी, समावेशी विकास, मानव पूंजी, इनोवेशन एंड आरएंडडी और मिनिमम इंटरवेंशन्स हैं. कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में इकोनॉमी को बीते कुछ समय में बड़ा झटका लगा है. इस बजट से किसान, गरीब, बिजनेसमैन और मिडिल क्लास के लोग उम्मीद लगाए बैठा था. किसानों के लिए केंद्रीय बजट में बड़ी घोषणाएं की गई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है. बजट में मुख्य रूप से किसानों और आम जनता के स्वास्थ्य को स्थान दिया गया है. अगर कहा जाए कि केंद्रीय बजट को किसान आंदोलन को मद्देनजर रखते हुए बनाया गया है, तो गलत नहीं होगा. किसानों को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं. आइए एक नजर डालते हैं, किसानों को इस बजट से क्या मिला है.

 इस बजट से किसान, गरीब, बिजनेसमैन और मिडिल क्लास के लोग उम्मीद लगाए बैठा था.

किसानों के लिए 5 बड़ी घोषणाएं

1. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसानों को उत्पादन मूल्य से डेढ़ गुना MSP दिया जाएगा. वित्त वर्ष 2021 में MSP के लिए 75,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.

2. किसानों को दिए जाने वाले कृषि कर्ज का लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ सरकार ने किया गया है. APMC को एग्री इंफ्रा फंड के दायरे में लाया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.

3. वित्त मंत्री ने कहा कि 1.68 करोड़ किसान ENAM से पंजीकृत हैं. 100 और मंडियां ENAM से जोड़ी जाएंगी.

4. सरकार ने...

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संसद में केंद्रीय बजट (nion Budget 2021-22) पेश किया. बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2021-22 छह स्तंभों पर आधारित है. ये स्तंभ हेल्थ एंड वेलबिइंग, वित्तीय पूंजी, समावेशी विकास, मानव पूंजी, इनोवेशन एंड आरएंडडी और मिनिमम इंटरवेंशन्स हैं. कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में इकोनॉमी को बीते कुछ समय में बड़ा झटका लगा है. इस बजट से किसान, गरीब, बिजनेसमैन और मिडिल क्लास के लोग उम्मीद लगाए बैठा था. किसानों के लिए केंद्रीय बजट में बड़ी घोषणाएं की गई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है. बजट में मुख्य रूप से किसानों और आम जनता के स्वास्थ्य को स्थान दिया गया है. अगर कहा जाए कि केंद्रीय बजट को किसान आंदोलन को मद्देनजर रखते हुए बनाया गया है, तो गलत नहीं होगा. किसानों को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं. आइए एक नजर डालते हैं, किसानों को इस बजट से क्या मिला है.

 इस बजट से किसान, गरीब, बिजनेसमैन और मिडिल क्लास के लोग उम्मीद लगाए बैठा था.

किसानों के लिए 5 बड़ी घोषणाएं

1. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसानों को उत्पादन मूल्य से डेढ़ गुना MSP दिया जाएगा. वित्त वर्ष 2021 में MSP के लिए 75,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.

2. किसानों को दिए जाने वाले कृषि कर्ज का लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ सरकार ने किया गया है. APMC को एग्री इंफ्रा फंड के दायरे में लाया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.

3. वित्त मंत्री ने कहा कि 1.68 करोड़ किसान ENAM से पंजीकृत हैं. 100 और मंडियां ENAM से जोड़ी जाएंगी.

4. सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर कृषि सेस लगाया है. किसानों के लिए बड़ी योजनाओं की घोषणा हो सकती है.

5. सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए जल्द खराब होने वाली फसलों को जोड़ने की बात कही है.

किसानों के मिलेंगे ये 5 फायदे

1. मोदी सरकार का ये केंद्रीय बजट सीधे तौर पर किसानों को उनकी फसलों पर लाभ पहुंचाता दिख रहा है. बजट के अनुसार, सभी कमोडिटी पर डेढ़ गुना ज्यादा MSP दिया जाएगा. 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए उत्पादन मूल्य से डेढ़ गुना MSP एक बड़ा कदम दिख रहा है. 2021 में किसानों को गेहूं खरीद के लिए 75060 करोड़ रुपए और धान खरीदी के लिए 1 लाख 72 हजार 752 करोड़ रुपए दिए गए हैं. कृषि खरीद में बढ़ोत्तरी किसानों के लिए अच्छी खबर है. सरकारी गेंहू खरीद से 43.36 लाख किसानों को एमएसपी के तहत लाभ हुआ. पहले ये संख्या 35.57 लाख थी.

2. केंद्रीय बजट में पेट्रोल पर 2.5 रुपए और डीजल पर 4 रुपए कृषि सेस के रूप में लिए जाएंगे. हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि कृषि सेस का भार आम जनता पर नहीं पड़ेगा. वहीं, सरकार इस रकम का इस्तेमाल किसानों के लिए अन्य योजनाएं लाने के लिए कर सकती है.

3. बजट में ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का ऐलान किया गया है. इसमें कई फसलों को शामिल किया जाएगा और किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा. ऑपरेशन ग्रीन स्कीम में जल्द खराब होने वाली 22 फसलों को शामिल किया जाएगा. इससे किसानों को होने वाला आर्थिक नुकसान कम हो सकता है.

4. ENAM के जरिये किसान मंडियों से ऑनलाइन फसल खरीद से किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में जिक्र किया कि 1.68 करोड़ किसान ENAM से पंजीकृत हैं. इस संख्या को और बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. इसके साथ ही 100 और मंडियां ENAM से जोड़ी जाएंगी. 

5. किसानों को दिए जाने वाले कृषि कर्ज का लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ सरकार ने किया गया है. APMC को एग्री इंफ्रा फंड के दायरे में लाया जाएगा. बजट में ग्रामीण इन्फ्रा फंड के लिए 40 हजार करोड़ की घोषणा की गई है. फिशिंग के कारोबार से जुड़े किसानों के लिए देश में 5 फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार करने की घोषणा की गई है. 1 हजार नई मंडियां बनाने का लक्ष्य भी सरकार ने रखा है.

किसानों को होने वाले 5 नुकसान

1. कृषि प्रधान देश में किसानों की हालत बहुत बुरी है. बजट में किसानों को MSP की गारंटी मिली है. लेकिन, किसी मॉल में ऊंचे दामों पर बिकने वाली फसल से किसानों को कम ही मूल्य मिलता है. कृषि को लेकर सरकार को कुछ साफ नीतियां और कानून बनाने होंगे, जिससे किसानों को सीधा फायदा होने की उम्मीद हो. कहा जा सकता है कि बजट से बताने की कोशिश की गई है, मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों को लागू करने से किसानों को लाभ होगा.

2. किसानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं लाई गई है. जिससे ये दिखे कि किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर किसान प्रतिबद्ध है. कृषि सेस के रूप में सरकार आम जनता से टैक्स वसूली करेगी. लेकिन, इसका इस्तेमाल कैसी करेगी, सरकार ने इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की है. 3. बजट में तमाम घोषणाओं के बीच किसानों तक अपनी बात न पहुंचा पाने के नाकामयाबी सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द है. सरकार MSP देने को तैयार है. जल्द खराब होने वाली फसलों को ऑपरेशन ग्रीन में जोड़ रही है. लेकिन, किसानों तक इसका फायदा कैसे पहुंचेगा, इसे लेकर कोई नीति नजर नहीं आ रही है. सरकार किसानों को फायदा पहुंचाना चाहती है, लेकिन, कैसे, ये सवाल अभी भी बरकरार है.

4. बिचौलियों को खत्म करने की बात कृषि कानूनों में कही गई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि घूम-फिरकर सरकार की सारी योजनाएं तीनों कृषि कानूनों पर आकर टिक जाती हैं. किसान इन कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार के सामने बड़ी समस्या किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने में आएगी.

5. किसानों को दिए जाने वाले कृषि कर्ज को सरकार ने 16.5 लाख करोड़ कर दिया है. ENAM के जरिये किसान मंडियों से ऑनलाइन फसल खरीद को बढ़ावा देने की बात की गई है, 1.68 करोड़ किसान ENAM से पंजीकृत हैं और 100 अन्य मंडियां ENAM से जोड़ी जाएंगी. लेकिन, एक आम किसान जो इन तकनीकी चीजों से कोसों दूर है. उस तक सरकार की योजनाएं कैसे पहुंचेगीं. बड़ा सवाल यही है.

केंद्रीय बजट (nion Budget 2021-22) में सीधे तौर पर किसानों के लिए संदेश दिया गया है कि जो भी योजनाएं किसानों के लिए बनाई गई हैं, उसका फायदा तीनों कृषि कानूनों से ही मिलेगा. बजट भाषण में कहा गया कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर प्रतिबद्ध है. लेकिन, सरकार ये कैसे करेगी, इसकी कोई ठोस योजना नहीं है. किसानों को बजट में काफी सुविधाएं देने की घोषणा की गई हैं. ये सभी किसी ना किसी तरह तीनों कृषि कानूनों की ओर ही इशारा करती दिख रही हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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