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BJP छोड़ SP में शामिल हुए दलबदलू नेताओं का हाल, दो तो न घर के हुए ना घाट के!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 10 मार्च, 2022 02:58 PM
  • 10 मार्च, 2022 02:58 PM
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एक नजर उन दलबदलू नेताओं पर डालते हैं जो बड़े ही शान से बीजेपी का दामन छोड़कर सपा में शामिल हुए थे.

यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजें (P Election Result) आने शुरु हो गए हैं. रुझानों में बीजेपी 250 सीटों के पार पहुंच गई है. लगता है यूपी के लोगों को पीएम मोदी और सीएम योगी की जोड़ी पसंद आ गई है. कुल मिलाकर उत्तरप्रदेश में एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनती दिख रही है. यानी योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) एक बार फिर से सीएम की कुर्सी पर बैठ सकते हैं. इसी क्रम में एक नजर उन दलबदलू नेताओं पर डालते हैं जो बड़े ही शान से बीजेपी का दामन छोड़कर सपा में शामिल हुए थे.

चर्चित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य करीब 10 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं

सबसे पहले बात करते हैं चर्चित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की, जिन्होंने फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (election commission of india) की वेबसाइट के अनुसार, मौर्य करीब 10 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं. अभी तक हुई वोटों की गिनती में नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को 10942 वोट मिले हैं. जबकि बीजेपा नेता बीजेपी सुरेंद्र कुमरा कुशवाहा (Surendra Kumar Kushwaha) करीब 20171 वोटों से आगे चल रहे हैं.

दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी के गैर यादव पिछले वर्ग के वोटरों में खास प्रभाव रखते हैं. पहले ये बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. हालांकि चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद वे सपा में शामिल हो गए थे.

इसके बाद बात करते हैं घोसी विधानसभा सीट की, जहां से सपा नेता दारा सिंह चौहान 7,454 वोटों के साथ पीछे चल रहे हैं. इन्होंने ने भी बीजेपी की राहें त्याग कर सपा का साथ दिया था. वहीं बीजेपी नेता विजय कुमार राजभर 11,186 मतों के साथ फिलहाल पहले नंबर पर बने हुए हैं. दरअसल, घोसी सीट पर 2019 में उपचुनाव कराए गए थे तब भाजपा के विजय राजभर ने...

यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजें (P Election Result) आने शुरु हो गए हैं. रुझानों में बीजेपी 250 सीटों के पार पहुंच गई है. लगता है यूपी के लोगों को पीएम मोदी और सीएम योगी की जोड़ी पसंद आ गई है. कुल मिलाकर उत्तरप्रदेश में एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनती दिख रही है. यानी योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) एक बार फिर से सीएम की कुर्सी पर बैठ सकते हैं. इसी क्रम में एक नजर उन दलबदलू नेताओं पर डालते हैं जो बड़े ही शान से बीजेपी का दामन छोड़कर सपा में शामिल हुए थे.

चर्चित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य करीब 10 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं

सबसे पहले बात करते हैं चर्चित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की, जिन्होंने फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (election commission of india) की वेबसाइट के अनुसार, मौर्य करीब 10 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं. अभी तक हुई वोटों की गिनती में नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को 10942 वोट मिले हैं. जबकि बीजेपा नेता बीजेपी सुरेंद्र कुमरा कुशवाहा (Surendra Kumar Kushwaha) करीब 20171 वोटों से आगे चल रहे हैं.

दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी के गैर यादव पिछले वर्ग के वोटरों में खास प्रभाव रखते हैं. पहले ये बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. हालांकि चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद वे सपा में शामिल हो गए थे.

इसके बाद बात करते हैं घोसी विधानसभा सीट की, जहां से सपा नेता दारा सिंह चौहान 7,454 वोटों के साथ पीछे चल रहे हैं. इन्होंने ने भी बीजेपी की राहें त्याग कर सपा का साथ दिया था. वहीं बीजेपी नेता विजय कुमार राजभर 11,186 मतों के साथ फिलहाल पहले नंबर पर बने हुए हैं. दरअसल, घोसी सीट पर 2019 में उपचुनाव कराए गए थे तब भाजपा के विजय राजभर ने जीत हासिल की थी. वहीं 2017 विधानसभा चुनाव में भी यहां कमल खिला था और बीजेपी के फागू चौहान विजयी हुए थे.

इसके बाद जिस नेता पर लोगों की नजर बनी हुई है वे हैं, नकुड़ विधानसभा सीट के सपा प्रत्याशी धर्म सिंह सैनी. जो 38,863 मतों के साथ अपनी कुर्सी पर कब्जा किए हुए हैं. वहीं बेजेपी नेता बीजेपी मुकेश चौधरी 19,707 मतों के साथ पीछे चल रहे हैं. असल में नकुड़ विधानसभा सीट पर हर बार 72 फीसदी से ज्यादा वोटिंग होती है.

साल 2012 में इस सीट से धरम सिंह सैनी जीते थे, हालांकि तब वे बसपा के टिकट पर 4,564 वोटों से जीत हासिल की थी. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी से टिकट मिला था. जिसके बाद वे लगातार दूसरी बार विधायक बने थे. इस बार वे पाला बदलकर सपा में शामिल हो गए.

इन तीन नेताओं में से सिर्फ यही हैं जो वोटों की गिनती में अभी तक बढ़त बनाए हुए हैं. वरना स्वामी प्रसाद मौर्या का तो बुरा हाल है. वहीं दारा सिंह चौहान भी अपनी कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं. अब ऐसे दलबदलू नेताओं के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे? हम को यही कहेंगे कि विनाश काले विपरीत बुद्धि...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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