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केजरीवाल की पत्नी सुनीता बनाम कपिल की मां अन्नपूर्णा और दो करोड़ का सवाल

    • आईचौक
    • Updated: 12 मई, 2017 03:31 PM
  • 12 मई, 2017 03:31 PM
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कपिल की मां अन्नपूर्णा मिश्रा ने अपने ओपन लेटर के जरिये बीती बातों की याद दिलाते हुए केजरीवाल को झूठ बोलने से बाज आने और भगवान से डरने की नसीहत दी है.

EVM ही नहीं, मायावती और अरविंद केजरीवाल की पार्टी अंदरूनी मामलों में भी एक दूसरे से होड़ मचा रखे हैं. नसीमुद्दीन और मायावती के वाया मीडिया तू-तू मैं-मैं के बाद कपिल-केजरीवाल विवाद में एक ओपन लेटर की धमाकेदार एंट्री हो गयी है. नसीमुद्दीन के लेटर में जहां इमोशन और इल्जाम का बोलबाला रहा, वहीं कपिल मिश्रा के पक्ष में लिखा ओपन लेटर एक्शन, थ्रिल और ड्रामा से भरपूर है.

ये ओपन लेटर केजरीवाल को संबोधित है - और इसे लिखा है कपिल मिश्रा की मां, डॉ. अन्नपूर्णा मिश्रा ने. अन्नपूर्णा मिश्रा पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर रह चुकी हैं - और फिलहाल बीजेपी पार्षद हैं.

मेरे पास मां...

दो करोड़ कैश और 50 करोड़ की डील पर अरविंद केजरीवाल अब तक मौन हैं. हां, उनके साथी जरूर मीडिया में आकर उनके बचाव में अलग अलग तरीके से तर्क पेश कर रहे हैं.

कपिल के आरोपों को मनीष सिसोदिया द्वारा खारिज किये जाने के बाद, बीजेपी नेता स्वाति सिंह की तरह केजरीवाल के बचाव में सबसे पहले सुनीता केजरीवाल आईं - कहा कि उनके बहनोई का निधन हो चुका है और ये मूर्ख आदमी बगैर सोचे समझे बोले जा रहा है.

सुनीता का ये कदम ठीक वैसे ही था जैसे मायावती पर टिप्पणी के बाद दयाशंकर के बचाव में स्वाति सिंह सामने आई थीं. स्वाति फिलहाल यूपी की योगी सरकार में मंत्री हैं. सुनीता केजरीवाल राजस्व सेवा से वीआरएस ले चुकी हैं और पहली बार सार्वजनिक तौर पर केजरीवाल के पक्ष में कोई स्टैंड लिया है.

कपिल की मां अन्नपूर्णा मिश्रा ने अपने ओपन लेटर के जरिये बीती बातों की याद दिलाते हुए केजरीवाल को झूठ बोलने से बाज आने और भगवान से डरने की नसीहत दी है.

अपने ओपन लेटर को पहला और आखिरी पत्र बताते हुए अन्नपूर्णा लिखती हैं, 'याद है जब तुम मेरे घर आए थे... कपिल को पार्टी में लेना चाहता हूं, चुनाव लड़वाना है कपिल मान नहीं रहा... वो केवल आंदोलन...

EVM ही नहीं, मायावती और अरविंद केजरीवाल की पार्टी अंदरूनी मामलों में भी एक दूसरे से होड़ मचा रखे हैं. नसीमुद्दीन और मायावती के वाया मीडिया तू-तू मैं-मैं के बाद कपिल-केजरीवाल विवाद में एक ओपन लेटर की धमाकेदार एंट्री हो गयी है. नसीमुद्दीन के लेटर में जहां इमोशन और इल्जाम का बोलबाला रहा, वहीं कपिल मिश्रा के पक्ष में लिखा ओपन लेटर एक्शन, थ्रिल और ड्रामा से भरपूर है.

ये ओपन लेटर केजरीवाल को संबोधित है - और इसे लिखा है कपिल मिश्रा की मां, डॉ. अन्नपूर्णा मिश्रा ने. अन्नपूर्णा मिश्रा पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर रह चुकी हैं - और फिलहाल बीजेपी पार्षद हैं.

मेरे पास मां...

दो करोड़ कैश और 50 करोड़ की डील पर अरविंद केजरीवाल अब तक मौन हैं. हां, उनके साथी जरूर मीडिया में आकर उनके बचाव में अलग अलग तरीके से तर्क पेश कर रहे हैं.

कपिल के आरोपों को मनीष सिसोदिया द्वारा खारिज किये जाने के बाद, बीजेपी नेता स्वाति सिंह की तरह केजरीवाल के बचाव में सबसे पहले सुनीता केजरीवाल आईं - कहा कि उनके बहनोई का निधन हो चुका है और ये मूर्ख आदमी बगैर सोचे समझे बोले जा रहा है.

सुनीता का ये कदम ठीक वैसे ही था जैसे मायावती पर टिप्पणी के बाद दयाशंकर के बचाव में स्वाति सिंह सामने आई थीं. स्वाति फिलहाल यूपी की योगी सरकार में मंत्री हैं. सुनीता केजरीवाल राजस्व सेवा से वीआरएस ले चुकी हैं और पहली बार सार्वजनिक तौर पर केजरीवाल के पक्ष में कोई स्टैंड लिया है.

कपिल की मां अन्नपूर्णा मिश्रा ने अपने ओपन लेटर के जरिये बीती बातों की याद दिलाते हुए केजरीवाल को झूठ बोलने से बाज आने और भगवान से डरने की नसीहत दी है.

अपने ओपन लेटर को पहला और आखिरी पत्र बताते हुए अन्नपूर्णा लिखती हैं, 'याद है जब तुम मेरे घर आए थे... कपिल को पार्टी में लेना चाहता हूं, चुनाव लड़वाना है कपिल मान नहीं रहा... वो केवल आंदोलन करना चाहता था, तब तुम आए थे मेरे पास कि कपिल की जरूरत है.'

भगवान से डरो... मेरे पास...

फिर अन्नपूर्णा केजरीवाल को अच्छे से आगाह करती हैं, 'अरविंद, तुमने कपिल के साथ काम तो किया है पर शायद उसे पहचाना नहीं. वो बहुत जिद्दी है.'

'आज तुम्हारे लोग मुझे भी भ्रष्टाचारी कह रहे हैं... तुम चुप हो,' हैरानी जताते हुए अन्नपूर्णा लिखती हैं, 'दिल्ली की पहली मोहल्ला सभा मैंने लगाई थी. 2007 में. तुम भी तो आए थे उस मोहल्ला सभा में, तुम्हारे सारे साथी आए थे. तब तो कोई आंदोलन या पार्टी का नामोनिशान नहीं था. कपिल उस मोहल्ला सभा को ऑपरेट कर रहा था.'

फिर वो मोहल्ला सभा पर आप की दावेदारी पर सवाल उठाते हुए कहती हैं, 'मुझे तुमने ही बताया था कि जब आप के 28 विधायक जीत कर आए तो सबसे पहले उन्हें कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में मेरी ही मोहल्ला सभा की वीडियो दिखाई गई.'

एक वायरल झूठ - और सच

जिस तरह नसीमुद्दीन ने मायावती को लेकर ऑडियो क्लिप जारी कर कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की, एक तस्वीर के जरिये आप की उठापटक में बीजेपी का हाथ साबित करने की कोशिश हो रही है, लेकिन बेदम दलील और पुख्ता सबूत न होने से औंधे मुहं गिर जा रही है.

तस्वीर के माध्यम से सवाल उठाया जा रहा है कि क्या ये आप की सरकार को गिराने के लिए बीजेपी का मेगा प्लान था? सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी इस तस्वीर में कपिल मिश्रा और मनोज तिवारी एक पत्रकार के साथ डिनर कर रहे हैं. पहले लोगों ने इस तस्वीर के फोटोशॉप बताया लेकिन फिर माना गया कि तस्वीर असली है.

दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा भी इसे असली ही मानते हैं. बग्गा ने वो तस्वीर खोज निकाली है जो पहली बार फेसबुक पर शेयर हुई थी. इस तस्वीर में जो तारीख दर्ज है वो है - 21 सितंबर 2015.

वैसे ये कोई पहली तस्वीर नहीं है जिसमें कपिल मिश्रा और मनोज तिवारी साथ नजर आये हों. वैसे भी जब कपिल की मां बीजेपी की नेता हैं तो उनका बीजेपी नेताओं के साथ कोई तस्वीर किसी साजिश का सबूत नहीं हो सकती. वैसे इस मामले में आप और बीएसपी दोनों की अलग अलग तस्वीर उभरती है.

दिल्ली खातिर साथ साथ...

ऑडियो क्लिप के साथ नसीमुद्दीन के मायावती पर आरोप लगाने के कुछ ही देर बाद वो खुद मीडिया के सामने आईं और आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. केजरीवाल इस मामले में मायावती से काफी पीछे हैं - और यही वजह है कि कपिल मिश्रा उन पर भारी नजर आने लगे हैं. भले ही केजरीवाल कमरे में बैठकर कपिल को काउंटर करने की कोई कारगर स्ट्रैटेजी बना रहे हों.

ये साथ मंजूर नहीं...

रही बात कपिल मिश्रा और मनोज तिवारी के साथ की तो पिछले साल जब दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया ने कोहराम मचा रखा था, दोनों नेता साइकल पर फॉगिंग मशीन लेकर सड़क पर साथ उतरे थे. ट्विटर पर दोनों ने एक दूसरे का शुक्रिया भी अदा किया था. बाद में मनोज की इस हरकत पर बीजेपी आलाकमान ने एतराज जताया था क्योंकि उससे पहले कपिल मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगातार हमलावर नजर आये थे. ये वही दौर था जब दिल्ली सरकार के ज्यादातर मंत्री बाहर थे और कपिल मिश्रा अकेले आप सरकार का बचाव कर रहे थे. अब वही कपिल मिश्रा मंत्रियों के विदेश दौरों का हिसाब मांग रहे हैं - और उसके लिए घर पर भी भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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