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जब केजरीवाल की मिसाइल उन्‍हीं की ओर लौटने लगी !

    • आईचौक
    • Updated: 11 मई, 2017 09:55 PM
  • 11 मई, 2017 09:55 PM
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भारतीय राजनीति में अरविंद केजरीवाल की पहचान बड़ा खुलासा और बड़ा आरोप लगाने की है. अब जब उन्‍हीं के बारे में वैसा ही खुलासा और आरोप उनके पुराने साथी कपिल मिश्रा ने लगाया है तो वे बिलबिला कर रह गए हैं.

सबसे बड़ी बात तो ये कि जिन सिद्धांतों को लेकर अरविंद केजरीवाल अपनी राजनीति चमका रहे थे. वह दाव अब उनपर ही उलटा पड़ता दिख रहा है. उम्मीद तो बस इतनी ही की जा सकती है, कि जिस तरह से उनके आरोप एक के बाद एक बेवुनियाद निकले थे. इन आरोपो में भी कोई दम ना हो, और वो इससे सकुशल बाहर आ जाएं. फिलहाल, पिछले वर्षों की राजनीति में इस सिद्धांत के इस्तेमाल से जरीए केजरीवाल के द्वारा लगाए गए बड़े आरोपो पर एक नज़र डालते है. और साथ ही साथ हम उनकी ही पार्टी के द्वारा लगाए गए आरोपो पर भी एक नज़र डालेंगे.

उलटा पड़ा आरोपो का सिलसिला

1.EVM में गड़बड़ी का मुद्दा अभी सबसे नया है. अपनी चुनावी हार का ठिकरा EVM पर फोड़ चुके अरविंद केजरीवाल वैसे तो अब इस मुद्दे से बचते नज़र आए हैं. लेकिन चुनावो के दौरान इसे बहुत बड़ा मुद्दा बनाकर पेश किया गया था.

2. नोटबंदी का मुद्दा. 8,000 करोड़ के घोटाले की बात करते हुए, केजरीवाल ने नोटबंदी को बीजेपी पर अपने फायदे के लिए लागु करने और उसमें घोटाले की बात की.

3. आपको डिग्री विवाद तो याद ही होगा. मोदी की डिग्री की मांग करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री की शौक्षणिक योगता पर सवाल उठाया था.

4. आदित्य बिरला समुह द्वारा कथित तौर पर 12 करोड़ रूपए के घूस लेने का भी आरोप मोदी पर लगाया गया. 2013 के आयकर विभाग के छापे में कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिले दस्तावेजों, किताबों, कंप्यूटर के रिकॉर्डों और लैपटॉप में एक मैसेज मिला था- "गुजरात सी.एम. 25 करोड़". इसी को मुद्दा बनाकर केजरीवाल मोदी पर घुस लेने का आरोप लगाते हैं.

5. DDCA में गड़बड़ो का इल्ज़ाम उन्होने अरूण जेटली पर लगाया था. इसके अलावा उन्होने तो यहां तक कह डाला की, ''एक वरिष्ठ पत्रकार नें मुझे बताया की उनकी पत्नी को अपने बेटे के सलेक्शन के ऐवज में सेक्स की...

सबसे बड़ी बात तो ये कि जिन सिद्धांतों को लेकर अरविंद केजरीवाल अपनी राजनीति चमका रहे थे. वह दाव अब उनपर ही उलटा पड़ता दिख रहा है. उम्मीद तो बस इतनी ही की जा सकती है, कि जिस तरह से उनके आरोप एक के बाद एक बेवुनियाद निकले थे. इन आरोपो में भी कोई दम ना हो, और वो इससे सकुशल बाहर आ जाएं. फिलहाल, पिछले वर्षों की राजनीति में इस सिद्धांत के इस्तेमाल से जरीए केजरीवाल के द्वारा लगाए गए बड़े आरोपो पर एक नज़र डालते है. और साथ ही साथ हम उनकी ही पार्टी के द्वारा लगाए गए आरोपो पर भी एक नज़र डालेंगे.

उलटा पड़ा आरोपो का सिलसिला

1.EVM में गड़बड़ी का मुद्दा अभी सबसे नया है. अपनी चुनावी हार का ठिकरा EVM पर फोड़ चुके अरविंद केजरीवाल वैसे तो अब इस मुद्दे से बचते नज़र आए हैं. लेकिन चुनावो के दौरान इसे बहुत बड़ा मुद्दा बनाकर पेश किया गया था.

2. नोटबंदी का मुद्दा. 8,000 करोड़ के घोटाले की बात करते हुए, केजरीवाल ने नोटबंदी को बीजेपी पर अपने फायदे के लिए लागु करने और उसमें घोटाले की बात की.

3. आपको डिग्री विवाद तो याद ही होगा. मोदी की डिग्री की मांग करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री की शौक्षणिक योगता पर सवाल उठाया था.

4. आदित्य बिरला समुह द्वारा कथित तौर पर 12 करोड़ रूपए के घूस लेने का भी आरोप मोदी पर लगाया गया. 2013 के आयकर विभाग के छापे में कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिले दस्तावेजों, किताबों, कंप्यूटर के रिकॉर्डों और लैपटॉप में एक मैसेज मिला था- "गुजरात सी.एम. 25 करोड़". इसी को मुद्दा बनाकर केजरीवाल मोदी पर घुस लेने का आरोप लगाते हैं.

5. DDCA में गड़बड़ो का इल्ज़ाम उन्होने अरूण जेटली पर लगाया था. इसके अलावा उन्होने तो यहां तक कह डाला की, ''एक वरिष्ठ पत्रकार नें मुझे बताया की उनकी पत्नी को अपने बेटे के सलेक्शन के ऐवज में सेक्स की मांग की गई थी''.

6. दिल्ली चुनावों के मद्देनजर, उस समय दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष रहें सतीश उपाध्याय पर भी उन्होने इल्जाम लगाए. उन्होने सतीश उपाध्याय और उनकी पत्नी का पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में शेयर है. और आशीष सुद इसके डॉयरेक्टर थें.

7. बीजेपी के नेता शेर सिंह डागर पर ये आरोप लगे थे कि उन्होने आम आदमी पार्टी के एक एम.एल.ए. को कथीत तौर पर खरीदने की कोशिश की थी. उन्होने एक स्टिंग किया जिसमें बताया गया की ये सारी घटनाएं रिकॉर्ड है.

8. 2014 के लोकसभा चुनावो के दौरान, तो आरोपो की झड़ी ही लगा दि गई थी. पहला ये की अम्बानी नें कॉग्रेस को पैसे दिए हैं. इस बात के लिए की राहुल गांधी को जनता के सामने मूर्ख बनाकर पेश किया जाए जिससे मोदी की लोकप्रियता बढे और वो जीत जाएं.

9. उनका ''इंडियाज् मोस्ट करपट'' लिस्ट भी काफी चर्चाओं में रहा, जिसमें उन्होंने कॉग्रेस और बीजेपी के बड़े-बड़े और दिग्गज नेताओं को शामिल कर लिया था. कई लिस्ट निकाले गए. इसके बाद सभी नेताओं ने इसे ओच्छी राजनीति करार दिया और अपनी नाराजगी जाहीर की. नितिन गडकरी का केस करना और फिर केजरीवाल का मॉफी मॉगना भी काफि चर्चाओं में रहा था.

10. कथित तौर पर गैस की कमी का हवाला देकर उसके दाम बढ़ाने को लेकर मुकेश अंबानी सहित अन्य पर दिल्ली सरकार के एंटी करप्शन इकाई में  एफ.आई.आर दर्ज करने की मांग की.

11. मीडियाकर्मियों के बीच 1400 करोड़ रूपए के बंटवारे का भी इल्ज़ाम उन्होने लगाया. जिसके जरीए उनकी छवि धुमिल करने की कोशिश की जा रही है.

''आप'' के मंत्रियों का अरविंद केजरीवाल पर भी आरोप...

1. सबसे बड़ा आरोप तो कपिल मिश्रा ने लगाया है. उनका कहना है कि उन्होंने अपनी आंखो से केजरीवाल को सत्येन्द्र जैन से 2 करोड़ रूपए लेते देखा था.

2. दूसरा आरोप भी उन्होंने ही लगाया कि केजरीवाल के इशारो पर ही 400 करोड़ के टैंकर स्कैम घोटाले की जांच में देरी की गई है.

3. अरविंद केजरीवाल के साले पर कम पैसे में रोड बनाने का कॉन्ट्रैक्ट देने का इल्ज़ाम लगाया गया है. उनके द्वारा दिए गए बिल फेक है. और कंपनी भी फेक है. असीम अहमद खान ने भी इन आरोपो कि पुष्टि कि है.

कंटेंट- श्रीधर भारद्वाज (इंटर्न, आईचौक)

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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