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राम मंदिर बने ना बने, श्री रामायण एक्सप्रेस ट्रेन तो चल ही गई

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 18 नवम्बर, 2018 12:13 PM
  • 18 नवम्बर, 2018 12:13 PM
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राम मंदिर तो बना नहीं, लेकिन श्री रामायण एक्सप्रेस ट्रेन जरूर चल पड़ी है. भगवान के भक्तों को श्रीराम के नाम पर चली इस ट्रेन को देखकर खुशी तो जरूर हुई होगी, क्योंकि इससे वह पूरी रामायण को नजदीक से देख सकते हैं.

भारत की राजनीति में राम का नाम बहुत ही खास रहता है. अयोध्या का राम मंदिर को न जाने कितने सालों से राजनीतिक हथियार बना हुआ है. 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई तो जनता से वादा किया था कि राम मंदिर बनाने की हर कोशिश होगी, लेकिन अब तक राम मंदिर नहीं बन सका. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक यह भी तय नहीं किया कि सुनवाई कितनी तारीख से होगी. वहीं योगी आदित्यनाथ आए दिन इस बात का आश्वासन देते हैं कि मंदिर जरूर बनेगा. भाजपा मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध तो दिखती है, लेकिन धरातल पर राम मंदिर से जुड़ा कोई काम नहीं दिख रहा है. लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है. इस साल भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य दिवाली का आयोजन किया गया और अब रेलवे की तरफ से भगवान राम के नाम पर रामायण एक्सप्रेस भी चला दी गई है.

राम मंदिर तो बना नहीं, लेकिन श्री रामायण एक्सप्रेस ट्रेन जरूर चल पड़ी है.

इस ट्रेन को रामायण की थीम पर ही शुरू किया गया है, जिसे दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन से हरी झंडी भी मिल चुकी है. इसमें भगवान राम से जुड़े देशभर के तमाम स्थानों को जोड़ा गया है. यह टूर पैकेज 16 दिनों का है, जिसमें भारत में विभिन्न स्थानों से होते हुए श्रीलंका तक की यात्रा कराई जाएगी.

रामायण पर आधारित है इसका रास्ता

यह टूर पैकेज दो हिस्सों में दिया जा रहा है, जिसमें एक हिस्सा देश में है और दूसरा श्रीलंका में. दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन से चली ये ट्रेन पहले अयोध्या जाएगी. वहां से ट्रेन हनुमान गढ़ी रामकोट और कनक भवन मंदिर जाएगी. इसके बाद ट्रेन रामायण के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों तक जाएगी जैसे नंदीग्राम, सीतामढ़ी, वाराणसी, जनकपुर, श्रींगवेरपुर, नासिक, प्रयाग, चित्रकूट, हंपी और रामेश्वरम.

भारत की राजनीति में राम का नाम बहुत ही खास रहता है. अयोध्या का राम मंदिर को न जाने कितने सालों से राजनीतिक हथियार बना हुआ है. 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई तो जनता से वादा किया था कि राम मंदिर बनाने की हर कोशिश होगी, लेकिन अब तक राम मंदिर नहीं बन सका. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक यह भी तय नहीं किया कि सुनवाई कितनी तारीख से होगी. वहीं योगी आदित्यनाथ आए दिन इस बात का आश्वासन देते हैं कि मंदिर जरूर बनेगा. भाजपा मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध तो दिखती है, लेकिन धरातल पर राम मंदिर से जुड़ा कोई काम नहीं दिख रहा है. लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है. इस साल भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य दिवाली का आयोजन किया गया और अब रेलवे की तरफ से भगवान राम के नाम पर रामायण एक्सप्रेस भी चला दी गई है.

राम मंदिर तो बना नहीं, लेकिन श्री रामायण एक्सप्रेस ट्रेन जरूर चल पड़ी है.

इस ट्रेन को रामायण की थीम पर ही शुरू किया गया है, जिसे दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन से हरी झंडी भी मिल चुकी है. इसमें भगवान राम से जुड़े देशभर के तमाम स्थानों को जोड़ा गया है. यह टूर पैकेज 16 दिनों का है, जिसमें भारत में विभिन्न स्थानों से होते हुए श्रीलंका तक की यात्रा कराई जाएगी.

रामायण पर आधारित है इसका रास्ता

यह टूर पैकेज दो हिस्सों में दिया जा रहा है, जिसमें एक हिस्सा देश में है और दूसरा श्रीलंका में. दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन से चली ये ट्रेन पहले अयोध्या जाएगी. वहां से ट्रेन हनुमान गढ़ी रामकोट और कनक भवन मंदिर जाएगी. इसके बाद ट्रेन रामायण के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों तक जाएगी जैसे नंदीग्राम, सीतामढ़ी, वाराणसी, जनकपुर, श्रींगवेरपुर, नासिक, प्रयाग, चित्रकूट, हंपी और रामेश्वरम.

कितना है किराया?

श्री रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में 800 लोग बैठ सकते हैं. प्रत्येक को 15,120 रुपए के किराए का भुगतान करना होगा. हालांकि, श्रीलंका जाने के इच्छुक लोगों को अतिरिक्त पैसे देने होंगे. आईआरसीटीसी 5 रात और 6 दिन का श्रीलंका टूर का पैकेज 36,970 रुपए में दे रहा है, जिसमें आपको कैंडी, कोलंबो, नुवारा एलिया और नेगोंबो जैसे स्थानों पर घूमने का मौका मिलेगा.

इस ट्रेन में कुल 15 स्लीपर कोच हैं, जो अन्य ट्रेनों के मुकाबले काफी बेहतर हैं. जल्द ही देश के अलग-अलग हिस्सों से 3 और श्री रामायण एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की जाएगी. खबर है कि ये ट्रेनें राजकोट, जयपुर और मदुरई से शुरू हो सकती हैं. राम मंदिर तो बना नहीं, उस पर तो अभी कोर्ट में जिरह भी शुरू नहीं हुई, लेकिन श्री रामायण एक्सप्रेस ट्रेन जरूर चल पड़ी है. भगवान राम के भक्तों को भले ही अयोध्या में राम मंदिर बनता हुआ नहीं दिख रहा है, लेकिन राम के नाम पर हो रही ये सारी चीजें कहीं न कहीं दिल को सुकून तो दे ही रही होंगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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