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दिल्ली चुनाव का एक दिन शाहीन बाग वाली ओखला सीट पर

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 08 फरवरी, 2020 06:06 PM
  • 08 फरवरी, 2020 06:06 PM
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दिल्ली चुनाव के वोटिंग वाले दिन (Delhi Election voting day) शाहीन बाग (Shaheen Bagh) वाली ओखला विधानसभा सीट (Okhla Constituency) पर मुद्दा जहां बिजली, पानी, सीवर, शिक्षा और स्वास्थ्य हैं तो वहीं 40 % मुस्लिम (Muslim) आबादी वाला विधानसभा क्षेत्र होने के चलते CAA और NRC भी एक बड़े मुद्दे के तौर पर सामने आया है.

शाहीनबाग़ (Shaheen Bagh) और जामिया (Jamia) में चल रहे प्रदर्शन (Shaheen Bagh Protest) के कारण अपने ऊपर तमाम तरह के इल्जाम सह रही दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) की सबसे चर्चित सीटों में शुमार ओखला विधानसभा सीट पर मतदान जारी है. इलाके के अलग अलग पोलिंग बूथ्स पर लोगों की भीड़ सुबह से ही देखी जा सकती है. पोलिंग बूथ्स पर जमा वोटर्स की भीड़ देखकर इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता कि ओखला के लोग अपने आने वाले कल की स्थिति बेहतर करने के लिए अपने अधिकार का प्रयोग बढ़ चढ़कर कर रहे हैं. वोट डालने आए लोग किस आधार पर सरकार चुन रहे हैं? या ये कि उनके मुद्दे क्या हैं ? यदि सवाल इस पर हो तो बता दें कि वोट देने का मुद्दा जहां बिजली, पानी, सीवर, शिक्षा और स्वास्थ्य हैं तो वहीं 40 % मुस्लिम (Muslim) आबादी वाला विधानसभा क्षेत्र होने के चलते नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) भी एक बड़े मुद्दे के तौर पर सामने आया है.

ये भी पढ़ें- Shaheen Bagh वाली विधानसभा सीट से कौन जीतेगा?

शाहीन बाग ने अपने पसंदीदा नेता का चुनाव करने के लिए लंबी लाइनें लगाई हैं और 11 फरवरी को पता चल जाएगा कि उनका वोट किसे गया है.

स्थिति समझने के लिए हमने जाहिद इकबाल से बात की. जाहिद के अनुसार, "शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी चीजें तो चुनाव का मुद्दा हैं ही, मगर हम सीएए और एनआरसी को भी खारिज नहीं कर सकते."

जाहिद के आलावा तमाम वोटर्स ऐसे हैं, जिन्होंने भाजपा पर तुष्टिकरण की राजनीति...

शाहीनबाग़ (Shaheen Bagh) और जामिया (Jamia) में चल रहे प्रदर्शन (Shaheen Bagh Protest) के कारण अपने ऊपर तमाम तरह के इल्जाम सह रही दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) की सबसे चर्चित सीटों में शुमार ओखला विधानसभा सीट पर मतदान जारी है. इलाके के अलग अलग पोलिंग बूथ्स पर लोगों की भीड़ सुबह से ही देखी जा सकती है. पोलिंग बूथ्स पर जमा वोटर्स की भीड़ देखकर इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता कि ओखला के लोग अपने आने वाले कल की स्थिति बेहतर करने के लिए अपने अधिकार का प्रयोग बढ़ चढ़कर कर रहे हैं. वोट डालने आए लोग किस आधार पर सरकार चुन रहे हैं? या ये कि उनके मुद्दे क्या हैं ? यदि सवाल इस पर हो तो बता दें कि वोट देने का मुद्दा जहां बिजली, पानी, सीवर, शिक्षा और स्वास्थ्य हैं तो वहीं 40 % मुस्लिम (Muslim) आबादी वाला विधानसभा क्षेत्र होने के चलते नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) भी एक बड़े मुद्दे के तौर पर सामने आया है.

ये भी पढ़ें- Shaheen Bagh वाली विधानसभा सीट से कौन जीतेगा?

शाहीन बाग ने अपने पसंदीदा नेता का चुनाव करने के लिए लंबी लाइनें लगाई हैं और 11 फरवरी को पता चल जाएगा कि उनका वोट किसे गया है.

स्थिति समझने के लिए हमने जाहिद इकबाल से बात की. जाहिद के अनुसार, "शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी चीजें तो चुनाव का मुद्दा हैं ही, मगर हम सीएए और एनआरसी को भी खारिज नहीं कर सकते."

जाहिद के आलावा तमाम वोटर्स ऐसे हैं, जिन्होंने भाजपा पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है.

जामिया से ग्रेजुएशन के छात्र समद अहमद इससे ख़फ़ा हैं कि भाजपा लगातार जामिया और शाहीनबाग़ को बदनाम कर रही है और वोटिंग ही वो ज़रिया है जिससे हम संवैधानिक तरीके से भाजपा को उसी की भाषा में जवाब दे सकते हैं.

नई सरकार चुनने के लिए वोट डालने आए तमाम लोग इस बात को लेकर एकमत हैं कि भाजपा द्वारा वो सारे प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे वो साइडलाइन या ये कहें कि मुख्यधारा से अलग हो जाएं.

ऐसा नहीं है कि केवल पार्टियां ही एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. जो समर्थकों का रुख है साफ है कि वो भी बंटे हुए हैं और जिसकी जैसी सहूलियत है उसके वैसे तर्क हैं.

इलाके के मोहम्मद ज़ाकिर लंबे समय से कांग्रेस को वोट कर रहे हैं. इस चुनाव में भी उनकी उम्मीदें कांग्रेस से हैं. केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर तमाम गंभीर आरोप लगाते हुए ज़ाकिर ने कहा है कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सिर्फ लोगों को गुमराह कर रहे हैं. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर ज़ाकिर ने कहा कि इस मामले पर कांग्रेस ही वो पार्टी है जो खुलकर मुसलमानों के साथ आई है. केजरीवाल का जिक्र करते हुए ज़ाकिर ने कहा कि वो इस पूरे मामले पर मुंह छिपाते फिर रहे हैं .

गौरलतब है कि ओखला विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अमानतुल्लाह खान हैं, जबकि ओखला से कांग्रेस को आगे ले जाने की जिम्मेदारी परवेज़ हाशमी के कंधों पर है. चूंकि दिल्ली चुनाव को लेकर भाजपा भी बहुत एग्रेसिव पारी खेल रही है तो पार्टी ने भी ब्रह्म सिंह को दूसरी बार मौका दिया है कि वो आएं और कुछ ऐसा कमाल कर ले जाएं जिससे ओखला में कमल खिल जाए. हम स्थानीय लोगों और स्थानीय मुद्दों की बात कर रहे हैं तो हम वो बातें भी नहीं भूल सकते जो पर्यावरण वैज्ञानिक साजिद इदरीसी ने की हैं. अपने काम के सिलसिले में ज्यादातर बाहर रहने वाले साजिद, केवल वोट डालने दिल्ली आए हैं और विकास के मद्दे पर वोट डाल रहे हैं. साजिद का मानना है कि एक नागरिक के लिए ज़रूरी है कि, वो धर्म के मुद्दे से इतर उन मुद्दों जैसे बिजली, पानी, शिक्षा के लिए वोट दे जो उससे जुड़े हैं. ये पूछे जाने पर कि क्या नागरिकता संशोधन कानून इस चुनाव को प्रभावित करेगा ? साजिद इस पर सहमति जताते हैं और कहते हैं कि आज मुस्लिम डरा हुआ महसूस कर रहा है. उसे लग रहा है कि जल्द ही वो दिन आएगा जब मुसलमानों को इस देश से अलग कर दिया जाएगा या उसे डिटेंशन कैम्प में डाल दिया जाएगा.

ओखला विधानसभा क्षेत्र से कौन जीतता है किस पार्टी का पलड़ा भारी होता है इन सभी सवालों का जवाब हमें अगले कुछ दिनों में पता चल जाएगा मगर जैसा वोटिंग के दौरान लोगों का रुख है उसने ये बता दिया जा बिजली, पानी और शिक्षा तो यहां मुद्दे हैं ही मगर नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और शाहीनबाग़ को भी हरगिज़ नहीं भूला जा सकता.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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