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योगी आदित्यनाथ को लेकर संजय सिंह के बयान हद पार हैं, या नई हद है?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 13 अगस्त, 2021 11:08 AM
  • 13 अगस्त, 2021 11:08 AM
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2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. आरोप प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे संजय सिंह को याद रखना चाहिए राजनीतिक विरोध अपनी जगह है. लेकिन वो जो भी बातें योगी आदित्यनाथ को लेकर कर रहे हैं वो हदें पार करती दिखाई दे रही हैं.

हिंदुस्तान जैसे देश में राजनीति करनी है तो बयानबाजी करनी आनी चाहिए और साथ ही व्यक्ति में ये गुण भी हो कि वो आरोप प्रत्यारोप लगा सके. लेकिन इसकी भी एक सीमा है. कुशल राजनेता वही है जो अपने पत्ते सही ढंग से फेंके और वो काम करे जो विवादों की वजह न बने. लेकिन ये बात सबको समझ आ जाए जरूरी नहीं. अब सांसद संजय सिंह को ही देख लीजिए. दुनिया जानती है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संजय सिंह को एक फूटी आंख भी नहीं भाते लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं कि विरोध की आड़ लेकर संजय सिंह कुछ भी कह जाएं. राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा है कि योगी जी मेरा एनकाउंटर करवा दें.

योगी आदित्यनाथ से राजनीतिक विरोध के चलते संजय सिंह छोटेपन पर उतर आए हैं

दरअसल अभी बीते दिन ही राज्यसभा में ओबीसी संशोधन बिल पर खूब चर्चा हुई जिसमें तमाम लोगों की तरह आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने भी अपने मन की बात की और मौका मिलते ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर खूब आरोप लगाए हैं. संजय सिंह ने ओबीसी संशोधन बिल का समर्थन तो किया, लेकिन पिछड़ों को मुद्दा बनाते हुए उन्होंने भाजपा को जमकर घेरा.

संजय सिंह का आरोप है कि आगामी विधानसभा चुनावों के कारण भाजपा ढोंग करने पर उतर आई है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बड़ा हमला बोलते हुए संजय सिंह ने कहा कि यूपी में उनपर 15वां मुकदमा दायर कर दिया गया है. इस तरह उन्हें गैंगस्टर बनाने की यूपी सरकार की तैयारी लगभग पूरी है.

राज्यसभा में संजय सिंह का गुस्सा सातवें आसमान पर था उन्होंने तंजिया लहजे में कहा कि योगी जी से कहिए कि मेरा एनकाउंटर करवा दें. साथ ही संजय...

हिंदुस्तान जैसे देश में राजनीति करनी है तो बयानबाजी करनी आनी चाहिए और साथ ही व्यक्ति में ये गुण भी हो कि वो आरोप प्रत्यारोप लगा सके. लेकिन इसकी भी एक सीमा है. कुशल राजनेता वही है जो अपने पत्ते सही ढंग से फेंके और वो काम करे जो विवादों की वजह न बने. लेकिन ये बात सबको समझ आ जाए जरूरी नहीं. अब सांसद संजय सिंह को ही देख लीजिए. दुनिया जानती है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संजय सिंह को एक फूटी आंख भी नहीं भाते लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं कि विरोध की आड़ लेकर संजय सिंह कुछ भी कह जाएं. राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा है कि योगी जी मेरा एनकाउंटर करवा दें.

योगी आदित्यनाथ से राजनीतिक विरोध के चलते संजय सिंह छोटेपन पर उतर आए हैं

दरअसल अभी बीते दिन ही राज्यसभा में ओबीसी संशोधन बिल पर खूब चर्चा हुई जिसमें तमाम लोगों की तरह आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने भी अपने मन की बात की और मौका मिलते ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर खूब आरोप लगाए हैं. संजय सिंह ने ओबीसी संशोधन बिल का समर्थन तो किया, लेकिन पिछड़ों को मुद्दा बनाते हुए उन्होंने भाजपा को जमकर घेरा.

संजय सिंह का आरोप है कि आगामी विधानसभा चुनावों के कारण भाजपा ढोंग करने पर उतर आई है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बड़ा हमला बोलते हुए संजय सिंह ने कहा कि यूपी में उनपर 15वां मुकदमा दायर कर दिया गया है. इस तरह उन्हें गैंगस्टर बनाने की यूपी सरकार की तैयारी लगभग पूरी है.

राज्यसभा में संजय सिंह का गुस्सा सातवें आसमान पर था उन्होंने तंजिया लहजे में कहा कि योगी जी से कहिए कि मेरा एनकाउंटर करवा दें. साथ ही संजय सिंह ने ये भी कहा है कि यूपी सरकार ने उन्हें जो नोटिस भेजा है उसका जवाब वो किसी भी सूरत में नहीं देंगे. यूपी सरकार पर आरोप लगाते हुए संजय सिंह ने कहा है कि यूपी में आदित्यनाथ जी की सरकार चोरी और सीनाजोरी के फार्मूले पर चल रही है.

जल जीवन मिशन को बड़ा मुद्दा बनाते हुए जल जीवन मिशन को बड़ा मुद्दा बनाते हुए संजय सिंह ने कहा है कि वो भ्रष्टाचारियों को जेल भिजवाकर ही दम लेंगे. संजय सिंह ने कहा है कि जिन लोगों ने जल जीवन मिशन में लोगों के घर पानी पहुंचाने की इस महत्वकांशी योजना में हजारों करोड़ रुपए का घोटाला किया है वो उन्हें जेल की सलाखों के पीछे करके ही दम लेंगे.

राज्यसभा में जो लहजा संजय सिंह का था उसे देखकर इस बात की अनुभूति हो रही थी कि वो यूपी के निजाम से संतुष्ट नहीं हैं. अच्छी बात है ये उन्हें शोभा इसलिए भी देता है कि यूपी में जो काम समाजवादी और बहुजन समाजवादी पार्टी को करना चाहिए उसे विपक्ष की भूमिका में संजय सिंह कर रहे हैं. लेकिन विपक्ष बनने का ये मतलब हरगिज़ नहीं है कि चर्चा में आने के लिए कुछ भी कह जाएं?

जैसा कि संजय सिंह ने अपने एनकाउंटर की बात की है हम उन्हें एक चीज से जरूर अवगत कराना चाहेंगे. यूपी में कानून की अनदेखी करने वालों को छोड़ा नहीं जा रहा है. एनकाउंटर पुलिस उन्हीं का कर रही है जो गंभीर अपराधों में लिप्त हैं. इसलिए बेहतर यही होगा कि उन्हें पुलिसिया एक्शन को एनकाउंटर का नाम देकर विक्टिम कार्ड खेलना बंद कर देना चाहिए. एक राजनेता के रूप में ये ओछापन उन्हें कहीं से भी शोभा नहीं देता है.

हम फिर से इस बात को दोहराना चाहेंगे कि संजय सिंह यूपी सरकार का विरोध करें. एक मुख्यमंत्री के रूप में जी भरकर योगी आदित्यनाथ की आलोचना करें. लेकिन इस बात का पूरा ख्याल रखें कि वो एक चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं. उनका कहा हुआ दूर तक जाता है. यदि उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध ही करना है तो लोकतान्त्रिक तरीके से करें. साफ़ है कि इस तरह के बयान एक राजनेता के तौर पर उनके चाल चरित्र चेहरे को सवालों के घेरे में डाल रहे हैं. 

कुल मिलाकर संजय सिंह एक ऐसी पार्टी से आते हैं जिनके सुप्रीमो अपने को आम आदमियों का मसीहा बताते हैं और फैक्ट्स बोलने पर बल देते हैं. संजय सिंह ने इल्जाम तो लगा दिया है लेकिन कितना अच्छा होता यदि वो फैक्ट्स रखकर बात करते. अंत में हम ये कहकर अपनी बातों  को विराम देंगे कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को ज्यादा दिन नहीं बचे हैं इसलिए सनजय सिंह को इस तरफ की बयान बाजी को विराम देना चाहिए.

संजय सिंह को याद रखना चाहिए कि इस तरह के बयानों या ये कहें कि इल्जामों से फायदा और किसी का नहीं बल्कि योगी आदित्यनाथ का होगा. ऐसे ही बयान और इल्जाम होंगे जो 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ को दोबारा उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनवाएंगे.  

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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