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कर्नाटक में 'इंदिरा कैंटीन' का नाम क्या बदला, भाजपा-कांग्रेस आमने सामने आ गए!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 12 अगस्त, 2021 02:27 PM
  • 12 अगस्त, 2021 02:27 PM
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राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखे जाने का विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था ऐसे में जो कुछ कर्नाटक में हो रहा है उसने भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी हैं. माना जा रहा है कि कर्नाटक में भाजपा इंदिरा कैंटीन का नाम बदलने की फिराक में जिसने कांग्रेस को आहत कर दिया है.

अपने प्ले रोमियो और जूलिएट में मशहूर नाटककार विलियम शेक्सपियर ने एक बात कही थी जिसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं है कि 'नाम मे क्या है? जिसे हम गुलाब कहते हैं किसी और नाम से भी अगर उसे पुकारा जाएगा तो भी उसमें से उतनी ही प्यारी खुशबू आएगी.' रंगमंच पर खड़े होकर कहने की दृष्टि से ये बात बिल्कल सही है. मगर राजनीतिक रूप से नहीं और जिक्र अगर भारत का हो तो बिल्कुल भी नहीं. भारत में नाम राजनेताओं के लिए राजनीति का आधार है. सबकुछ है. राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखे जाने का विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था ऐसे में जो कुछ कर्नाटक में हो रहा है उसने भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी हैं. माना जा रहा है कि कर्नाटक में भाजपा इंदिरा कैंटीन का नाम बदलने की फिराक में जिसने कांग्रेस को आहत कर दिया है.

भाजपा द्वारा इंदिरा कैंटीन का नाम बदले जाने की बात ने कर्नाटक में कांग्रेस को आहत कर दिया है

दरअसल अभी बीते दिनों ही कर्नाटक के भाजपा नेता और अक्सर ही अपने ट्वीट के जरिये नया विवाद खड़ा खड़ा करने वाले सीटी रवि ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने इंदिरा कैंटीन का नाम बदलने की मांग की थी. सीटी रवि की इस मांग को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आड़े हाथों लिया है.

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भाजपा नेता सीटी रवि के ट्वीट के जवाब देते हुए कहा है कि इंदिरा कैंटीन के नाम में बदलाव की मांग और कुछ नहीं बस प्रतिशोध की राजनीति है. इंदिरा कैंटीन विवाद के मद्देनजर सिद्धारमैया ने ये भी कहा है कि भाजपा के नेतृत्व के नाम पर बहुत सारे नाम हैं. क्या हमने उन नामों को बदलने की मांग कभी की थी?

बात माकूल लग सके इसके लिए सिद्धारमैया...

अपने प्ले रोमियो और जूलिएट में मशहूर नाटककार विलियम शेक्सपियर ने एक बात कही थी जिसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं है कि 'नाम मे क्या है? जिसे हम गुलाब कहते हैं किसी और नाम से भी अगर उसे पुकारा जाएगा तो भी उसमें से उतनी ही प्यारी खुशबू आएगी.' रंगमंच पर खड़े होकर कहने की दृष्टि से ये बात बिल्कल सही है. मगर राजनीतिक रूप से नहीं और जिक्र अगर भारत का हो तो बिल्कुल भी नहीं. भारत में नाम राजनेताओं के लिए राजनीति का आधार है. सबकुछ है. राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखे जाने का विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था ऐसे में जो कुछ कर्नाटक में हो रहा है उसने भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी हैं. माना जा रहा है कि कर्नाटक में भाजपा इंदिरा कैंटीन का नाम बदलने की फिराक में जिसने कांग्रेस को आहत कर दिया है.

भाजपा द्वारा इंदिरा कैंटीन का नाम बदले जाने की बात ने कर्नाटक में कांग्रेस को आहत कर दिया है

दरअसल अभी बीते दिनों ही कर्नाटक के भाजपा नेता और अक्सर ही अपने ट्वीट के जरिये नया विवाद खड़ा खड़ा करने वाले सीटी रवि ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने इंदिरा कैंटीन का नाम बदलने की मांग की थी. सीटी रवि की इस मांग को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आड़े हाथों लिया है.

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भाजपा नेता सीटी रवि के ट्वीट के जवाब देते हुए कहा है कि इंदिरा कैंटीन के नाम में बदलाव की मांग और कुछ नहीं बस प्रतिशोध की राजनीति है. इंदिरा कैंटीन विवाद के मद्देनजर सिद्धारमैया ने ये भी कहा है कि भाजपा के नेतृत्व के नाम पर बहुत सारे नाम हैं. क्या हमने उन नामों को बदलने की मांग कभी की थी?

बात माकूल लग सके इसके लिए सिद्धारमैया भाजपा के उन 'प्रोजेक्ट्स' का नाम लेने से भी नहीं चूके. सिद्धारमैया ने दीन दयाल उपाध्याय फ्लाई ओवर, अटल बिहारी वाजपेयी कार्यक्रम, अहमदाबाद में पीएम मोदी के नाम पर स्टेडियम, अरुण जेटली स्टेडियम का नाम गिनाते हुए कहा कि क्या हमें भी इन नामों को बदलने की मांग करनी चाहिए?

सिद्धारमैया ने सवाल पूछा है कि खेल रत्न में राजीव गांधी का नाम था भाजपा इसे क्यों बदलना चाहती थी खुद पीएम इसका जवाब दें. सिद्धारमैया के इस सवाल का जवाब पीएम मोदी ने दे दिया है. पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा है कि, ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से हम सभी अभिभूत हैं.

हॉकी का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि हॉकी में हमारे बेटे बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. इसके बाद प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट और किया था और लिखा था कि, देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये अनुरोध भी सामने आया कि खेल पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद को समर्पित किया जाए.

पीएम मोदी के इस ट्वीट से साफ था कि जनता की आड़ लेकर उन्होंने अपना काम बड़ी ही खूबसूरती के साथ कर दिया. चूंकि जिक्र कर्नाटक स्थित इंदिरा कैंटीन का हुआ है तो बता दें कि भाजपा नेता ने कर्नाटक के नए नए सीएम बने बसवराज बोम्मई से मांग की है कि वो पूरे कर्नाटक में इंदिरा कैंटीन योजना का नाम बदलकर अन्नपूर्णेश्वरी कैंटीन करें.

सीटी रवि का मानना है कि, मुझे ऐसी कोई वजह नजर नहीं आती जिसके चलते कर्नाटक में लोग खाना खाते वक़्तइमरजेंसी के उन काले दिनों को याद करें.

गौरतलब है कि कर्नाटक में सिद्धारमैया ने अपने शासनकाल के दौरान इंदिरा कैंटीन योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के अंतर्गत गरीबों को सस्ती कीमतों पर एक वक़्त का खाना उपलब्ध कराया जाता है. अब जबकि कर्नाटक में इंदिरा कैंटीन का नाम बदले जाने की मुहीम भाजपा द्वारा तेज हो गई है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि भविष्य में ये मामला कहां तक जाता है और इसमें और क्या क्या बयानबाजी होती है.

इंदिरा कैंटीन के मद्देनजर कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी कमर कस ली है और दोनों दलों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. दोनों ही दल मौके बेमौके एक दूसरे से बस यही कहते नजर आ रहे हैं कि नाम में बहुत कुछ रखा है. बिन नाम के भारत जैसे देश में राजनीति शून्य है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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