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'बेशर्म' पाकिस्तान को किसी भी लिस्ट में डाल दीजिये, शर्म है जो इनको आएगी नहीं

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 30 अक्टूबर, 2017 09:10 PM
  • 30 अक्टूबर, 2017 09:10 PM
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पाकिस्तान का शुमार उन देशों में है जो अपने अन्दर पनप चुके आतंकवाद के कारण पूरी दुनिया के लिए मुसीबत का सबब बना है. ऐसे में उसके लिए किसी भी देश के द्वारा कुछ भी करना महज अपने को ठगने का एक माध्यम होगा.

इस दुनिया में तमाम देश हैं. तरह-तरह के देश, अनूठे देश, खूबसूरत देश, ऐसे देश जिन्हें बस देखो तो उनकी सुन्दरता में खोते चले जाओ. दुनिया के इन देशों के बीच में एक देश है पाकिस्तान. खाली इस देश के विषय में सोचने मात्र से ही व्यक्ति अवसाद में चला जाए. आप इस देश या इस देश के नाम की कल्पना करिए. जैसे ही आप इस देश के विषय में सोचेंगे कुछ चीजें जैसे आतंकवाद, हिंसा, रक्तपात, बम, बंदूकें अपने आप ही आपके सामने आ जाएंगी.

मानिए या न मानिए मगर पाकिस्तान के मौजूदा हालात देखकर कोई भी समझदार व्यक्ति यही कहेगा कि, ये देश अपनी हरकतों के कारण लगातार गर्त के अंधेरों में जा रहा है. और वो वक्त भी जल्द ही आयेगा, जब इसका साथ देने वाला कोई नहीं बचेगा और ये देश सब से रहम की भीख मांगेगा.

चीन को छोड़ आज शायद ही कोई ऐसा देश हो जो पाकिस्तान को पसंद करता हो

भविष्य में पाकिस्तान का क्या होगा या ये किस दिशा में जाएगा इसपर अभी कुछ बोलना जल्दबाजी होगी. पाकिस्तान का वर्तमान देखें तो मिलता है कि ये अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और शायद यही कारण है कि अमेरिकी सिनेटरों ने पाकिस्तान को 'विशेष चिंता वाले देश' की कैटेगरी में रखने की मांग की है. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. खबर है कि अमेरिक के छह प्रभावशाली सीनेटरों ने अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मुद्दे पर ऐसा करने की मांग की है.

बताया जा रहा है कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को एक खत लिखा है और कहा है कि विदेश मंत्रालय को 'अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग' की सिफारिश पर पाकिस्तान को सीपीसी (विशेष चिंता वाला देश) नामित करना चाहिए. पाकिस्तान के सम्बन्ध में सीनेटरों का ये भी मानना है कि, पाकिस्तान की सरकार धार्मिक...

इस दुनिया में तमाम देश हैं. तरह-तरह के देश, अनूठे देश, खूबसूरत देश, ऐसे देश जिन्हें बस देखो तो उनकी सुन्दरता में खोते चले जाओ. दुनिया के इन देशों के बीच में एक देश है पाकिस्तान. खाली इस देश के विषय में सोचने मात्र से ही व्यक्ति अवसाद में चला जाए. आप इस देश या इस देश के नाम की कल्पना करिए. जैसे ही आप इस देश के विषय में सोचेंगे कुछ चीजें जैसे आतंकवाद, हिंसा, रक्तपात, बम, बंदूकें अपने आप ही आपके सामने आ जाएंगी.

मानिए या न मानिए मगर पाकिस्तान के मौजूदा हालात देखकर कोई भी समझदार व्यक्ति यही कहेगा कि, ये देश अपनी हरकतों के कारण लगातार गर्त के अंधेरों में जा रहा है. और वो वक्त भी जल्द ही आयेगा, जब इसका साथ देने वाला कोई नहीं बचेगा और ये देश सब से रहम की भीख मांगेगा.

चीन को छोड़ आज शायद ही कोई ऐसा देश हो जो पाकिस्तान को पसंद करता हो

भविष्य में पाकिस्तान का क्या होगा या ये किस दिशा में जाएगा इसपर अभी कुछ बोलना जल्दबाजी होगी. पाकिस्तान का वर्तमान देखें तो मिलता है कि ये अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और शायद यही कारण है कि अमेरिकी सिनेटरों ने पाकिस्तान को 'विशेष चिंता वाले देश' की कैटेगरी में रखने की मांग की है. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. खबर है कि अमेरिक के छह प्रभावशाली सीनेटरों ने अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मुद्दे पर ऐसा करने की मांग की है.

बताया जा रहा है कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को एक खत लिखा है और कहा है कि विदेश मंत्रालय को 'अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग' की सिफारिश पर पाकिस्तान को सीपीसी (विशेष चिंता वाला देश) नामित करना चाहिए. पाकिस्तान के सम्बन्ध में सीनेटरों का ये भी मानना है कि, पाकिस्तान की सरकार धार्मिक आजादी का संस्थाबद्ध भीषण उल्लंघन करते हुए उसे बर्दाश्त कर रही है जो नैतिकता के लिहाज से बहुत गलत है. ज्ञात हो कि पाकिस्तान में अलग-अलग समुदायों समेत अल्पसंख्यकों को सरकार की नाक के नीचे, आतंकवादी समूहों के हाथों धार्मिक आस्थाओं से प्रेरित हिंसा का सामना करना पड़ रहा है जो कि एक राष्ट्र के विकास के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा है.

बहरहाल, अब चाहे अमेरिका हो या इंग्लैंड पाकिस्तान के विषय में बोलना किसी भी देश के लिए टोटल टाइम वेस्ट है. ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो पूरी दुनिया के सामने तमाम अहम मुद्दों पर झूठा साबित हुआ है. अतः पाकिस्तान के विषय में ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि, इस देश को किसी भी लिस्ट के कोने में जगह दे दी जाए इसके अन्दर मौजूद खुराफात का कीड़ा मरेगा नहीं क्योंकि बात बस इतनी है कि तमाम जगहों पर शर्मसार होने के बावजूद शर्म है जो इनको आती नहीं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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