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'उठो द्रौपदी शस्त्र उठा लो...' प्रियंका के स्लोगन की जरूरत तो राजस्थान में भी है

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 18 नवम्बर, 2021 08:46 PM
  • 18 नवम्बर, 2021 08:46 PM
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एक दिन पहले ही यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर अपनी सियासी यात्रा पर निकलीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने चित्रकूट में एक नारी सशक्तिकरण से जुड़ी एक कविता पढ़ी थी. राम घाट पर महिलाओं के साथ संवाद के दौरान प्रियंका गांधी ने जो कविता पढ़ी, उसकी पंक्तियां कुछ इस प्रकार थीं कि उठो द्रौपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आएंगे.

ज्यादा समय नहीं बीता है, एक दिन पहले ही यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर अपनी सियासी यात्रा पर निकलीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चित्रकूट में नारी सशक्तिकरण से जुड़ी एक कविता पढ़ी थी. राम घाट पर महिलाओं के साथ संवाद के दौरान प्रियंका गांधी ने जो कविता पढ़ी, उसकी पंक्तियां कुछ इस प्रकार थीं कि 'उठो द्रौपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आएंगे'. कुल मिलाकर प्रियंका गांधी महिलाओं के साथ बढ़ रहे अत्याचारों के खिलाफ उनसे प्रतिरोध स्वरूप खुद को मजबूत करने की सीख दे रही थीं. लेकिन, अब सोशल मीडिया पर कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के एक वायरल हो रहे वीडियो (Viral Video) की वजह से प्रियंका गांधी के इस पूरी नारी सशक्तिकरण की मुहिम को ही गहरा धक्का लगा है. इस वीडियो में एक महिला के ऊपर जेसीबी मशीन चढ़ाने की (JCB machine on a woman) कोशिश की जा रही है. 

भाजपा नेता और प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने राजस्थान का एक वीडियो शेयर कर प्रियंका गांधी की सिलेक्टिव अप्रोच पर सवाल खड़े किए हैं. शलभमणि त्रिपाठी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि गरीब महिला को रौंदने के लिए दिनदहाड़े चढ़ाई जेसीबी, लेकिन इस खौफनाक घटना पर पसरा है चौतरफा सन्नाटा. इसलिए क्योंकि हर बार की तरह इस बार भी राज्य राजस्थान ही है. दरअसल, भाजपा नेता त्रिपाठी इससे पहले भी महिलाओं के खिलाफ हुए कई आपराधिक मामलों को सोशल मीडिया पर साझा करते रहे हैं, जो राजस्थान से जुड़े थे. लेकिन, इन तमाम मामलों पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से किसी तरह का कोई जवाब सामने नहीं आया था.

सीधे तौर पर तो प्रियंका गांधी के लिए यूपी की चुनावी मुहिम पर बड़ी चोट है. लेकिन, ये उससे भी बड़ी चोट उस राजनीतिक सोच पर है, जिसकी वजह से प्रियंका गांधी को कांग्रेस शासित राज्यों में महिलाओं पर हो रहे अपराध नजर नहीं आते हैं. और, कमोबेश ये राजनीतिक सोच भाजपा शासित राज्यों...

ज्यादा समय नहीं बीता है, एक दिन पहले ही यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर अपनी सियासी यात्रा पर निकलीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चित्रकूट में नारी सशक्तिकरण से जुड़ी एक कविता पढ़ी थी. राम घाट पर महिलाओं के साथ संवाद के दौरान प्रियंका गांधी ने जो कविता पढ़ी, उसकी पंक्तियां कुछ इस प्रकार थीं कि 'उठो द्रौपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आएंगे'. कुल मिलाकर प्रियंका गांधी महिलाओं के साथ बढ़ रहे अत्याचारों के खिलाफ उनसे प्रतिरोध स्वरूप खुद को मजबूत करने की सीख दे रही थीं. लेकिन, अब सोशल मीडिया पर कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के एक वायरल हो रहे वीडियो (Viral Video) की वजह से प्रियंका गांधी के इस पूरी नारी सशक्तिकरण की मुहिम को ही गहरा धक्का लगा है. इस वीडियो में एक महिला के ऊपर जेसीबी मशीन चढ़ाने की (JCB machine on a woman) कोशिश की जा रही है. 

भाजपा नेता और प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने राजस्थान का एक वीडियो शेयर कर प्रियंका गांधी की सिलेक्टिव अप्रोच पर सवाल खड़े किए हैं. शलभमणि त्रिपाठी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि गरीब महिला को रौंदने के लिए दिनदहाड़े चढ़ाई जेसीबी, लेकिन इस खौफनाक घटना पर पसरा है चौतरफा सन्नाटा. इसलिए क्योंकि हर बार की तरह इस बार भी राज्य राजस्थान ही है. दरअसल, भाजपा नेता त्रिपाठी इससे पहले भी महिलाओं के खिलाफ हुए कई आपराधिक मामलों को सोशल मीडिया पर साझा करते रहे हैं, जो राजस्थान से जुड़े थे. लेकिन, इन तमाम मामलों पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से किसी तरह का कोई जवाब सामने नहीं आया था.

सीधे तौर पर तो प्रियंका गांधी के लिए यूपी की चुनावी मुहिम पर बड़ी चोट है. लेकिन, ये उससे भी बड़ी चोट उस राजनीतिक सोच पर है, जिसकी वजह से प्रियंका गांधी को कांग्रेस शासित राज्यों में महिलाओं पर हो रहे अपराध नजर नहीं आते हैं. और, कमोबेश ये राजनीतिक सोच भाजपा शासित राज्यों के नेताओं की भी है. अपने-अपने राज्यों में हो रहे अपराधों पर इन दोनों ही दलों और इनके नेताओं की नजरों पर कानून की देवी की आंखों पर बंधी रहने वाली पट्टी अपने आप ही बंध जाती है.

राजनीतिक दलों की आंखों पर अपने राज्यों में होने वाले अपराधों पर कुछ दिखाई नहीं पड़ता है.

खैर, प्रियंका गांधी से उम्मीदें इस वजह से भी बढ़ जाती हैं. क्योंकि, वह महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर काफी मुखर हैं. प्रियंका गांधी की ये चुप्पी इस वजह से भी चौंकाने वाली हो जाती है. क्योंकि, उन्होंने कांग्रेस पार्टी को उत्तर प्रदेश में फिर से स्थापित करने के लिए इस बार यूपी चुनाव में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने की बात की है. उनका पूरा चुनावी कैंपेन ही 'लड़की हूं...लड़ सकती हूं' के नारे पर चल रहा है. इतना ही नहीं, प्रियंका गांधी ने यूपी की महिलाओं के लिए बाकायदा अलग से एक घोषणा पत्र भी जारी किया है. जिसमें छात्राओं को स्कूटी और स्मार्टफोन, महिलाओं को फ्री बस सेवा के साथ हर साल तीन मुफ्त सिलेंडर जैसे कई वादे किए गए हैं.

वैसे, वायरल वीडियो का मामला राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर जिले का बताया जा रहा है. जिसमें एक महिला के साथ मारपीट करने के साथ ही उस पर जेसीबी मशीन चढ़ाने की कोशिश की जा रही है. सामने आई जानकारी के अनुसार, मामला बायतू थाना क्षेत्र का है. वायरल वीडियो में महिला अकेले ही जेसीबी से कुचलने की कोशिश कर रहे शख्स से भिड़ने की कोशिश करते देखी जा सकती है. महिला खुद को बचाने के लिए जेसीबी पर पत्थर उठाकर मार रही है. इस मामले पर पुलिस का कहना है कि ये पूरा विवाद जमीन से जुड़ा हुआ है. जिसमें दो पक्षों के बीच झड़प हो गई थी. घटना के बाद मारपीट का मामला दर्ज करवाया गया था. पुलिस फिलहाल पूरे मामले की जांच कर रही है.

सोशल मीडिया पर यूजर्स इस वीडियो को देखकर भरपूर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. वहीं, कई यूजर्स ने दोषियों को तत्काल सजा देने की मांग भी की है. 

एक यूजर ने खरी-खरी सुनाते हुए वोट के समीकरणों पर आश्रित हो चुकी भारतीय राजनीति का चेहरा दिखाया है. 

वहीं, एक यूजर ने इस मामले में भी सीएम योगी आदित्यनाथ की ही जिम्मेदारी बताते हुए प्रियंका गांधी पर तंज कसा है. क्योंकि, राजस्थान की सीमा भी उत्तर प्रदेश से ही लगती है.

 

वैसे, इस मामले में गुनहगार कोई भी हो. लेकिन, एक बात स्पष्ट है कि आज की राजनीति पूरी तरह से सेलेक्टिव होकर अपने विचारों को केवल एक-दूसरे पर आरोप लगाने में ही खर्च करती है. अपने राज्यों में होने वाले अपराधों के लिए कोई भी सरकार उत्तरदायित्व नहीं लेना चाहती है. या अगर लेती भी है, तो बस खानपूर्ति कर आगे बढ़ जाती है. कहना गलत नहीं होगा कि प्रियंका गांधी ने कविता की जो पंक्तियां पढ़ी थीं, उसमें गोविंद को अलग-अलग राज्यों की सरकार माना जा सकता है. जिसे दूसरे राज्यों के अपराध ही नजर आते हैं. सही मायनों में अब द्रौपदी को स्वयं ही शस्त्र उठाने पड़ेंगे.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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