• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

Raj Thackeray ने योगी आदित्यनाथ की तरफ से उद्धव ठाकरे से हिसाब बराबर किया!

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 29 अप्रिल, 2022 07:22 PM
  • 29 अप्रिल, 2022 07:22 PM
offline
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने लाउडस्पीकर विवाद में सीएम उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है. लेकिन, इस तारीफ से राज ठाकरे ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं.

देश के कई हिस्सों में चल रहा लाउडस्पीकर विवाद उत्तर प्रदेश पहुंचा. तो, सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने तत्काल फरमान जारी कर दिया कि लाउडस्पीकर पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का पालन हो. योगी आदित्यनाथ के लाउडस्पीकर पर किए गए इस ताबड़तोड़ एक्शन मोड से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे प्रभावित नजर आए. राज ठाकरे ने न केवल सीएम योगी की तारीफ की. इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए उन्हें भोगी बता डाला. आसान शब्दों में कहा जाए, तो राज ठाकरे के इस तंज ने कही न कही योगी आदित्यनाथ की तरफ से उद्धव ठाकरे से हिसाब बराबर कर दिया है. सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर कैसे? तो, आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों कहा जा रहा है?

3 मई की तारीख नजदीक आने के साथ ही राज ठाकरे की आवाज में तीखापन बढ़ता जा रहा है.

राज ठाकरे ने कैसे किया योगी की तरफ से हिसाब बराबर?

दरअसल, 2018 में जब शिवसेना और भाजपा के रिश्ते में खटास अपने चरम पर थी. उस दौरान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पालघर में लोकसभा उपचुनाव के लिए एक रैली को संबोधित करने पहुंचे थे. उस रैली में उद्धव ठाकरे ने योगी आदित्यनाथ को 'भोगी' कहा था. उद्धव ठाकरे ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर शिवाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के दौरान खड़ाऊं पहने रहने पर विरोध जताया था. उद्धव ठाकरे ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा था कि 'कल आदित्यनाथ आए थे. योगी! अरे, यह तो भोगी है. मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठता है, ये कैसा योगी! ये गैस का गुब्बारा है. चप्पल पहनकर शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास पहुंच गया. ऐसा लग रहा है कि उसी चप्पल से उसे मारूं.'

हालांकि, उद्धव ठाकरे के इस बयान पर योगी आदित्यनाथ ने बहुत ही नपी-तुली प्रतिक्रिया दी थी. सीएम योगी...

देश के कई हिस्सों में चल रहा लाउडस्पीकर विवाद उत्तर प्रदेश पहुंचा. तो, सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने तत्काल फरमान जारी कर दिया कि लाउडस्पीकर पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का पालन हो. योगी आदित्यनाथ के लाउडस्पीकर पर किए गए इस ताबड़तोड़ एक्शन मोड से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे प्रभावित नजर आए. राज ठाकरे ने न केवल सीएम योगी की तारीफ की. इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए उन्हें भोगी बता डाला. आसान शब्दों में कहा जाए, तो राज ठाकरे के इस तंज ने कही न कही योगी आदित्यनाथ की तरफ से उद्धव ठाकरे से हिसाब बराबर कर दिया है. सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर कैसे? तो, आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों कहा जा रहा है?

3 मई की तारीख नजदीक आने के साथ ही राज ठाकरे की आवाज में तीखापन बढ़ता जा रहा है.

राज ठाकरे ने कैसे किया योगी की तरफ से हिसाब बराबर?

दरअसल, 2018 में जब शिवसेना और भाजपा के रिश्ते में खटास अपने चरम पर थी. उस दौरान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पालघर में लोकसभा उपचुनाव के लिए एक रैली को संबोधित करने पहुंचे थे. उस रैली में उद्धव ठाकरे ने योगी आदित्यनाथ को 'भोगी' कहा था. उद्धव ठाकरे ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर शिवाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के दौरान खड़ाऊं पहने रहने पर विरोध जताया था. उद्धव ठाकरे ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा था कि 'कल आदित्यनाथ आए थे. योगी! अरे, यह तो भोगी है. मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठता है, ये कैसा योगी! ये गैस का गुब्बारा है. चप्पल पहनकर शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास पहुंच गया. ऐसा लग रहा है कि उसी चप्पल से उसे मारूं.'

हालांकि, उद्धव ठाकरे के इस बयान पर योगी आदित्यनाथ ने बहुत ही नपी-तुली प्रतिक्रिया दी थी. सीएम योगी ने कहा था कि 'मेरे अंदर उनसे कहीं ज्यादा शिष्टाचार है और मैं जानता हूं कि कैसे श्रद्धांजलि दी जाती है. मुझे उनसे कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं है.' लेकिन, इस घटना के चार साल बाद राज ठाकरे ने योगी आदित्यनाथ की ओर से हिसाब बराबर करते हुए उद्धव ठाकरे को भोगी बता दिया. लाउडस्पीकर पर हुई कार्रवाई को देखकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि ''मैं योगी सरकार को धार्मिक स्थलों, खासकर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए तहे दिल से बधाई देता हूं. और, योगी सरकार का आभारी हूं. बदकिस्मती से महाराष्ट्र में हमारे पास कोई 'योगी' नहीं है, हमारे पास सत्ता के 'भोगी' हैं.'' 

उद्धव पर क्यों भड़के राज ठाकरे?

वैसे, उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर विवाद को जड़ से खत्म करने के लिए योगी सरकार तेजी से अभियान चला रही है. और, उत्तर प्रदेश में अब तक 6031 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं. साथ ही 35000 से ज्यादा की आवाज को परिसर तक ही सीमित रखने की ताकीद कर दी गई है. लेकिन, देश भर में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद के जनक महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ही हैं. बीते दिनों राज ठाकरे ने ही महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को 3 मई तक का अल्टीमेटम देते हुए मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की थी. इतना ही नहीं राज ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नही हटाए गए. तो, मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाई जाएगी.

खैर, जैसे-जैसे 3 मई की तारीख नजदीक आ रही है. राज ठाकरे की आवाज में तीखापन बढ़ता जा रहा है. और, इसके अलग राजनीतिक कारण हैं. दरअसल, जल्द शिवसेना के प्रभुत्व वाली बीएमसी के चुनाव होने हैं. और राज ठाकरे इस चुनाव के जरिये अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं. और, भाजपा के साथ बुरी तरह बिगड़ चुके शिवसेना के रिश्तों के मद्देनजर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को भगवा दल के साथ अगले विधानसभा चुनाव में एक बड़ा मौका नजर आ रहा है. राजनीतिक तौर पर देखा जाए, तो महाविकास आघाड़ी सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन लेने से शिवसेना की कट्टर हिंदुत्ववादी छवि को काफी नुकसान हुआ है.

भाजपा और शिवसेना गठबंधन को राज्य में सत्ता चलाने के लिए बहुमत देने वाली महाराष्ट्र की जनता के बीच शिवसेना अगले विधानसभा चुनाव में कमजोर पड़ सकती है. क्योंकि, एनसीपी और कांग्रेस में शिवसेना के खिलाफ उठ रहे विरोधी स्वर सीधे तौर पर इशारा कर रहे हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में शायद शिवसेना को अपने ही दम पर चुनावों में जाना पड़ेगा. अगर ऐसी स्थिति पैदा होती है, तो राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना उद्धव ठाकरे और शिवसेना की राह में कांटे बिछाने में भाजपा के साथ किसी भी हाल में चली जाएगी. क्योंकि, राज ठाकरे को उद्धव ठाकरे से अपना पुराना राजनीतिक हिसाब भी चुकता करना है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲