• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

सड़क बैठकर राहुल गांधी ने इंदिरा वाला पोज़ मारा, लेकिन...

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 26 जुलाई, 2022 06:45 PM
  • 26 जुलाई, 2022 06:45 PM
offline
विजय चौक पर दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गिरफ्तार किया गया है? गिरफ़्तारी से पहले जैसा अंदाज राहुल का था, साफ़ था कि वो अपनी राजनीति चमकाने के लिए दादी इंदिरा को कॉपी कर रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्या राहुल की राजनीति के लिए इतना काफी है?

नेशनल हेराल्ड केस के मद्देनजर सोनिया गांधी दूसरी बार प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सम्मुख पेश हुई थीं. मामले क्योंकि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया से जुड़ा है. तो राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के नेताओं का आहत होना स्वाभाविक था. कांग्रेस इसे बदले की राजनीति कह कर सड़क पर है और विरोध प्रदर्शन कर रही है. सोनिया पर कांग्रेस के नेताओं का ये रुख, शांति व्यवस्था को प्रभावित न करे. इसलिए दिल्ली के विजय चौक पर राहुल गांधी को हिरासत में लिया गया. ध्यान रहे दिल्ली में कांग्रेस सांसदों ने प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के विरोध में संसद परिसर से विजय चौक की ओर मार्च निकाला था. बात चूंकि राहुल गांधी की गिरफ़्तारी से जुडी है. तो इस पूरे मामले में जो चीज हमारा ध्यान आकषित करती है, वो है इंटरनेट पर वायरल राहुल गांधी की तस्वीर.

भले ही राहुल गांधी इंदिरा को कॉपी कर रहे हों लेकिन इंदिरा जैसी राजनीति शायद ही कभी राहुल कर पाएं

भले ही सड़क पर धरने पर बैठे राहुल गांधी की इस तस्वीर ने राजनीति के गलियारों में एक नयी बहस को पंख दे दिए हों. मगर सवाल ये है कि आखिर इस तस्वीर में खास क्या है? क्यों इस तस्वीर पर बात करना जरूरी है? तमाम प्रश्नों का उत्तर बस इतना है कि वायरल तस्वीर में जैसा अंदाज राहुल गांधी का वो दादी इंदिरा गांधी सरीखा है. 

वायरल तस्वीर को देखकर एक सवाल और मन में आता है कि, क्या राहुल गांधी के लिए दादी जैसे पोज मार देना काफी है? इस सवाल का जवाब हम जरूर देंगे लेकिन उससे पहले हम जिक्र करेंगे 1977 की इंदिरा गांधी की उस तस्वीर का जिसके दम पर दिल्ली के विजय चौक पर राहुल गांधी ने अपनी राजनीति...

नेशनल हेराल्ड केस के मद्देनजर सोनिया गांधी दूसरी बार प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सम्मुख पेश हुई थीं. मामले क्योंकि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया से जुड़ा है. तो राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के नेताओं का आहत होना स्वाभाविक था. कांग्रेस इसे बदले की राजनीति कह कर सड़क पर है और विरोध प्रदर्शन कर रही है. सोनिया पर कांग्रेस के नेताओं का ये रुख, शांति व्यवस्था को प्रभावित न करे. इसलिए दिल्ली के विजय चौक पर राहुल गांधी को हिरासत में लिया गया. ध्यान रहे दिल्ली में कांग्रेस सांसदों ने प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के विरोध में संसद परिसर से विजय चौक की ओर मार्च निकाला था. बात चूंकि राहुल गांधी की गिरफ़्तारी से जुडी है. तो इस पूरे मामले में जो चीज हमारा ध्यान आकषित करती है, वो है इंटरनेट पर वायरल राहुल गांधी की तस्वीर.

भले ही राहुल गांधी इंदिरा को कॉपी कर रहे हों लेकिन इंदिरा जैसी राजनीति शायद ही कभी राहुल कर पाएं

भले ही सड़क पर धरने पर बैठे राहुल गांधी की इस तस्वीर ने राजनीति के गलियारों में एक नयी बहस को पंख दे दिए हों. मगर सवाल ये है कि आखिर इस तस्वीर में खास क्या है? क्यों इस तस्वीर पर बात करना जरूरी है? तमाम प्रश्नों का उत्तर बस इतना है कि वायरल तस्वीर में जैसा अंदाज राहुल गांधी का वो दादी इंदिरा गांधी सरीखा है. 

वायरल तस्वीर को देखकर एक सवाल और मन में आता है कि, क्या राहुल गांधी के लिए दादी जैसे पोज मार देना काफी है? इस सवाल का जवाब हम जरूर देंगे लेकिन उससे पहले हम जिक्र करेंगे 1977 की इंदिरा गांधी की उस तस्वीर का जिसके दम पर दिल्ली के विजय चौक पर राहुल गांधी ने अपनी राजनीति चमकाने की नाकाम कोशिश की है. 

1977 में करीब 11 सालों तक देश की प्रधानमंत्री रहने के बाद इंदिरा गांधी चुनाव हार गयीं. बाद में उन्हें सत्ता का दुरुपयोग करने के आरोप में सीबीआई द्वारा उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. इंदिरा गांधी पर अपने आधिकारिक पद के दुरुपयोग के माध्यम से 104 वाहन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था.

1977 में अपने आवास पर धरने पर बैठीं इंदिरा गांधीजैसे ही समर्थकों को छापे की खबर मिली, इंदिरा गांधी के घर के बाहर एक बड़ी भीड़ जमा हो गई. तब इंदिरा समर्थकों ने इंदिरा गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए थे. जैसे ही सादे कपड़ों में सीबीआई वाले इंदिरा को गिरफ्तार करने पहुंचे, इंदिरा समर्थकों ने उनके नाम से एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि 'गिरफ्तारी एक राजनीतिक साजिश है. वहीं ये भी कहा गया था कि सत्ता पक्ष ऐसा सिर्फ इसलिए कर रहा है ताकि इंदिरा गांधी को बदनाम किया जाए और वो लोगों से दूर हो जाएं.

जिक्र इंदिरा की उस तस्वीर का हुआ है तो बता दें कि इंदिरा विरोध में अपने घर के लॉन में बैठी थीं. लेकिन हमें इस बात को बखूबी समझना होगा कि इंदिरा के लॉन में बैठने और राहुल के विजय चौक पर बैठने में फर्क है.

अपने दौर में इंदिरा जहां गंभीर राजनीति करने के लिए जानी जाती थीं. तो वहीं राहुल गांधी का शुमार हालिया दौर के उन नेताओं में है जो राजनीति सिर्फ इस लिए कर रहे हैं क्योंकि वो उन्हें विरासत में मिली है. बतौर राजनेता राहुल गांधी को इस बात को समझना होगा कि धरने के नाम पर पोज देते हुए कहीं बैठ जाना वक़्त की जरूरत नहीं है.

राहुल समझें कि सिर्फ पोज देकर फोटो क्लिक कराना वक़्त की जरूरत नहीं है

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस बात को भी गांठ बांध लें कि हिंदुस्तान जैसे देश में राजनीति सिर्फ ढोने की चीज नहीं है. अगर वो वाक़ई राजनीति के नामपर देश सेवा के लिए गंभीर हैं तो दादी इंदिरा की तरह पोज देने भर से काम नहीं चलने वाला. उन्हें भी मुद्दों पर वैसे ही चोट करनी चाहिए जाइए अपने दौर में पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया. 

बहरहाल जिस तरह देश की जनता ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की नीतियों को सिरे से ख़ारिज किया है. राहुल कितना भी धरना दे दें. कितना भी इंदिरा गांधी बनने का स्वांग क्यों न रचा लें सच्चाई क्या है उसे देश जानता है. देखन दिलचस्प रहेगा कि अपनी गतिविधियों से राहुल गांधी लोगों की राय बदल पाते हैं या फिर उनका ये तमाशा आगे भी बदस्तूर जारी रहेगा?   

ये भी पढ़ें -

स्मृति ईरानी की बेटी के बहाने कांग्रेस नेता मोदी सरकार को कहां तक घेर पाएंगे?

उम्मीद है मुर्मू किताबों में लिखी 'रबर स्टाम्प' वाली राष्ट्रपति नहीं साबित होंगी!

Nitin Gadkari के ताजा बयान उनकी निराशा और दुख बयां कर रहे हैं

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲