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Rafale jets उतरे नहीं, और राहुल गांधी पर 'हमला' हो गया!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 28 जुलाई, 2020 06:37 PM
  • 28 जुलाई, 2020 06:37 PM
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Rafale Jets भारत आने से पहले Rafale deal को लेकर 'चौकीदार चोर है' वाली मुहिम छेड़ने वाले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सोशल मीडिया पर घिर गए हैं. खासतौर पर जब कांग्रेस पार्टी (Congress party )इस विमान का क्रेडिट लेने की कोशिश कर रही है.

क्रेडिट लेना किसे नहीं पसंद. अच्छी चीज भी है. राजनीति में खूब लिया जाता है. लड़ाकू विमान राफेल (Rafale ) को ही देख लीजिए भारत (India) आया नहीं है लेकिन क्रेडिट लेने की रेस में कांग्रेस (Congress) पार्टी सबसे आगे है. राफेल को लेकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज हैं. पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेताओं में शुमार पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने राफेल का स्वागत करते हुए इसकी खरीद फरोख्त का श्रेय यूपीए सरकार (PA Government) को दिया है. बात राफेल और कांग्रेस की चली है तो पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का जिक्र होना स्वाभाविक है. अभी देश में Rafale उतरा नहीं है और राहुल गांधी पर 'हमला' तेज हो गया है. चिदंबरम के बयान के बाद राहुल निशाने पर हैं. भाजपा (BJP) ने पलटवार करते हुए कहा है कि यही वो राहुल गांधी हैं जिन्होंने इसी राफेल की खरीद को भ्रष्टाचार (Corruption) कहा था. ध्यान रहे कि 2019 में राफेल ने कुछ इस हद तक सुर्खियां बटोरीं थीं कि कांग्रेस ने पूरा चुनाव ही राफेल के मुद्दे पर लड़ा था औ मोदी सरकार को सूट बूट की सरकार तक बता दिया था. तब कांग्रेस पार्टी ने पीएम मोदी और उनकी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए ये तक कह डाला था कि अपने निजी हितों के लिए सरकार ने गरीबों के पैसों से अमीरों की जेब को भर डाला.

राफेल के भारत आने से पहले ही राहुल गांधी पर विपक्ष और जनता का हमला तेज हो गया है

गौरतलब है कि जिस वक्त 2019 के लोक सभा चुनाव हो रहे थे, ये राफेल ही था जिसके चलते तत्कालीन मोदी सरकार को घेरने के लिए राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है का नारा बुलंद किया. तब इस नारे को मुद्दा इसलिए बनाया गया क्यों कि तब कई मंचों से पीएम मोदी ने ख़ुद को देश का चौकीदार कहा था. बताते चलें कि तब भारतीय राजनीतिक...

क्रेडिट लेना किसे नहीं पसंद. अच्छी चीज भी है. राजनीति में खूब लिया जाता है. लड़ाकू विमान राफेल (Rafale ) को ही देख लीजिए भारत (India) आया नहीं है लेकिन क्रेडिट लेने की रेस में कांग्रेस (Congress) पार्टी सबसे आगे है. राफेल को लेकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज हैं. पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेताओं में शुमार पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने राफेल का स्वागत करते हुए इसकी खरीद फरोख्त का श्रेय यूपीए सरकार (PA Government) को दिया है. बात राफेल और कांग्रेस की चली है तो पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का जिक्र होना स्वाभाविक है. अभी देश में Rafale उतरा नहीं है और राहुल गांधी पर 'हमला' तेज हो गया है. चिदंबरम के बयान के बाद राहुल निशाने पर हैं. भाजपा (BJP) ने पलटवार करते हुए कहा है कि यही वो राहुल गांधी हैं जिन्होंने इसी राफेल की खरीद को भ्रष्टाचार (Corruption) कहा था. ध्यान रहे कि 2019 में राफेल ने कुछ इस हद तक सुर्खियां बटोरीं थीं कि कांग्रेस ने पूरा चुनाव ही राफेल के मुद्दे पर लड़ा था औ मोदी सरकार को सूट बूट की सरकार तक बता दिया था. तब कांग्रेस पार्टी ने पीएम मोदी और उनकी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए ये तक कह डाला था कि अपने निजी हितों के लिए सरकार ने गरीबों के पैसों से अमीरों की जेब को भर डाला.

राफेल के भारत आने से पहले ही राहुल गांधी पर विपक्ष और जनता का हमला तेज हो गया है

गौरतलब है कि जिस वक्त 2019 के लोक सभा चुनाव हो रहे थे, ये राफेल ही था जिसके चलते तत्कालीन मोदी सरकार को घेरने के लिए राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है का नारा बुलंद किया. तब इस नारे को मुद्दा इसलिए बनाया गया क्यों कि तब कई मंचों से पीएम मोदी ने ख़ुद को देश का चौकीदार कहा था. बताते चलें कि तब भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में इस नारे का उद्देश्य सरकार और पीएम मोदी को आड़े हाथों लेना और आम जनमानस के आगे उनकी छवि को धूमिल करना था.

तब राहुल गांधी की तरफ से अपनी रैलियों में राफेल को एक बहुत बड़े मुद्दे के रूप में पेश किया गया और सार्वजनिक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर कहा था साथ ही राफेल सौदे में हुई धांधली की जांच पड़ताल के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां कांग्रेस पार्टी को मुंह की खानी पड़ी थी और बाद में खुद राहुल गांधी को ही माफी मांगनी पड़ी थी. वहीं बात अगर जनता की हो तो जनता ने कांग्रेस पार्टी के छल को समझा और जिस हिसाब से चुनाव के परिणाम आए वो ये बताने के लिए काफी थे कि असल में देश की जनता चाहती क्या है?

बात राफेल आने के ठीक पहले राहुल गांधी पर हो रहे हमलों की हुई है तो ये भी बताते चलें कि Rafale deal को लेकर 'चौकीदार चोर है' वाली मुहिम छेड़ने वाले राहुल गांधी अब सोशल मीडिया पर घिर गए हैं.

आइये एक नजर डालें उन प्रतिक्रियाओं पर जिन्होंने सोशल मीडिया विशेषकर ट्विटर के माहौल गर्म कर रखा है और समझने का प्रयास करें कि कैसे भविष्य में भी राफेल राहुल गांधी के गले की हड्डी बनने वाला है. राफेल के भारत पहुंचने में अभी कुछ वक़्त है मगर इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपनी कमर कस ली है. ट्विटर पर #भागपप्पू_राफेल आया टॉप ट्रेंड में है और जैसी प्रतिक्रियाएं इस पर आ रही हैं वो अपने आप में दिलचस्प हैं.

@Jaz_baatein नाम के यूजर ने राहुल गांधी को चिढ़ाते हुए उन्हें मुबारकबाद दी है और लिखा है कि राफेल आ गया है और राहुल गांधी फेल हो गए हैं.

@mkm4118 ने ट्वीट किया है कि राफेल आ गया है और राहुल गांधी बाहर हो गए हैं अब भारत का नया नॉर्म यही है.

@Singhjeeee नाम के यूजर ने लिखा है कि अब देखना दिलचस्प रहेगा कि राहुल गांधी इस मामले पर क्या ट्वीट करते हैं (ऐसा इसलिए क्योंकि उनका रराजनीतिक भविष्य अब केवल ट्विटर पर बचा है ) अब अनिल अंबानी भी बैंक्रप्ट हो चुके हैं और राफेल भारत आ रहा है.

@SharmaNikhil07W नाम के यूजर ने राहुल गांधी को रिप्लाई करते हुए लिखा है कि अब राहुल गांधी का राजनीतिक भविष्य लगभग खत्म हो चुका है.राफेल रास्ते में है. आपके परिवार ने एक देश के रूप में भारत को पीछे करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

बहरहाल राफेल के अभी भारत पहुंचने में थोड़ा वक़्त है. मगर जैसा रुझान जनता की तरफ से आ रहा है उसे देखकर साफ़ हो जाता है कि ये ट्रेड न सिर्फ रक्षा के लिहाज से भारत को अहम स्थान देगा. बल्कि कहीं न कहीं ये राहुल गांधी और कांग्रेस की जड़ों में मट्ठा डालने का काम भी करेगा. राजनीति के लिहाज से आने वाला वक़्त खासा दिलचस्प है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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