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Purvanchal Expressway पर हरक्यूलिस विमान से 'चुनावी सिकंदर' का उतरना...

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 16 नवम्बर, 2021 09:15 PM
  • 16 नवम्बर, 2021 09:12 PM
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पूर्वांचल पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए ही 2014 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा था और 2019 में दोबारा काशी पर ही भरोसा जताया. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) के सहारे भाजपा (BJP) ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सूबे के क्षेत्रीय समीकरणों को मजबूती से साधने की कोशिश की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण कर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सूबे के क्षेत्रीय समीकरणों को मजबूती से साधने की कोशिश की है. पीएम नरेंद्र मोदी भारतीय वायुसेना के हरक्यूलिस ग्लोबमास्टर विमान से सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) पर बनी एयर स्ट्रिप पर उतरे. कहा जाता है कि लखनऊ की सत्ता का रास्ता पूर्वांचल से तय होता है. और, पीएम मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण कार्यक्रम में इसे साबित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. पूर्वांचल के 28 जिलों की अहमियत को अपने चिर-परिचित अंदाज में नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिया.

कहना गलत नहीं होगा कि पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे पर हरक्यूलिस से भाजपा के चुनावी सिकंदर का उतरना इस हिस्से की राजनीति में बड़ा प्रभाव डालेगा. क्योंकि, पूर्वांचल पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए ही 2014 में नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा था और 2019 में दोबारा काशी पर ही भरोसा जताया. पूर्वांचल के गोरखपुर और आसपास के कई जिलों में सीएम योगी आदित्यनाथ का सीधे तौर पर प्रभाव होना भी भाजपा के लिए सूबे के इस हिस्से को महत्वपूर्ण बना देता है.

पूर्वांचल के 28 जिलों की अहमियत को अपने चिर-परिचित अंदाज में नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिया.

किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो सकने वाले संभावित नुकसान का आंकलन करते हुए भाजपा ने अपना पूरा जोर पूर्वांचल में झोंक दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक महीने के भीतर पूर्वांचल का ये तीसरा दौरा है. इससे पहले के दौरों में पीएम मोदी ने कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट और सिद्धार्थनगर से यूपी में 9 मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया था. आने वाले समय में पीएम मोदी के...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण कर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सूबे के क्षेत्रीय समीकरणों को मजबूती से साधने की कोशिश की है. पीएम नरेंद्र मोदी भारतीय वायुसेना के हरक्यूलिस ग्लोबमास्टर विमान से सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) पर बनी एयर स्ट्रिप पर उतरे. कहा जाता है कि लखनऊ की सत्ता का रास्ता पूर्वांचल से तय होता है. और, पीएम मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण कार्यक्रम में इसे साबित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. पूर्वांचल के 28 जिलों की अहमियत को अपने चिर-परिचित अंदाज में नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिया.

कहना गलत नहीं होगा कि पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे पर हरक्यूलिस से भाजपा के चुनावी सिकंदर का उतरना इस हिस्से की राजनीति में बड़ा प्रभाव डालेगा. क्योंकि, पूर्वांचल पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए ही 2014 में नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा था और 2019 में दोबारा काशी पर ही भरोसा जताया. पूर्वांचल के गोरखपुर और आसपास के कई जिलों में सीएम योगी आदित्यनाथ का सीधे तौर पर प्रभाव होना भी भाजपा के लिए सूबे के इस हिस्से को महत्वपूर्ण बना देता है.

पूर्वांचल के 28 जिलों की अहमियत को अपने चिर-परिचित अंदाज में नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिया.

किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो सकने वाले संभावित नुकसान का आंकलन करते हुए भाजपा ने अपना पूरा जोर पूर्वांचल में झोंक दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक महीने के भीतर पूर्वांचल का ये तीसरा दौरा है. इससे पहले के दौरों में पीएम मोदी ने कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट और सिद्धार्थनगर से यूपी में 9 मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया था. आने वाले समय में पीएम मोदी के पूर्वांचल के और भी दौरे प्रस्तावित हैं. तो, कहा जा सकता है कि पूर्वांचल को आने वाले समय में पीएम मोदी की ओर से विकास के कई कामों की सौगात मिलना तय है.

यूपी चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सलमान खुर्शीद के हिंदुत्व ज्ञान के अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के जिन्ना प्रेम दर्शाने के बावजूद नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल के इस दौरे पर इस विषय पर एक शब्द भी नहीं बोला. मुसलमानों से लेकर जिन्ना वाली राजनीति पर पीएम मोदी की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई. जो कहीं न कहीं मोदी की विकासपरक राजनीति का संकेत देने के लिए काफी रही. नरेंद्र मोदी के भाषण में ज्यादातर फोकस विकास पर ही रहा. लेकिन, हर जरूरी मुद्दों को छूना नहीं भूले. नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण कार्यक्रम के सहारे एक तीर से कई निशाने साधे.

भोजपुरी में भाषण की शुरुआत

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण कार्यक्रम में भाषण की शुरुआत स्थानीय बोली से कर भोजपुरी तक जाने के साथ पीएम मोदी ने भाषाई समीकरण भी साधे. पूर्वांचल के हिस्से में उत्तर प्रदेश की 33 फीसदी विधानसभा सीटें आती हैं. पूर्वांचल के 28 जिलों की 164 विधानसभा सीटें पर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 115 सीट पर जीत हासिल की थी. इस बार पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन की वजह से नुकसान की आशंका के चलते बची हुई 49 सीटों पर भी भाजपा ने निगाह गड़ा दी है. पूर्वांचल में खुद को मजबूत करने के लिए भाजपा ने जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है. अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) और संजय निषाद की निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान पहले ही हो चुका है.

जय श्री राम नहीं, लेकिन हनुमान का जिक्र

यूपी चुनाव में अयोध्या में बन रहा राम मंदिर भाजपा के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण की शुरुआत में जय श्री राम का उद्घोष कर ये साबित भी किया. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे तौर पर राम मंदिर जिक्र न करते हुए अपने चिर-परिचित अंदाज में कालनेमि राक्षस के वध की धरती को प्रणाम करने के साथ अपने भाषण की शुरुआत की.

राष्ट्रवाद का गहरा फैक्टर

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण कार्यक्रम में पीएम मोदी ने राष्ट्रवाद के मुद्दे पर शुरुआत से ही पकड़ बना ली. मोदी ने 1857 की स्वतंत्रता संग्राम के सहारे राष्ट्रवाद की अलख जगाई. उन्होंने कहा कि यहां की मिट्टी से आजादी की लड़ाई की खुशबू आती है. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी बता दिया कि इस पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का भविष्य के लिए होना कितना जरूरी है. भारतीय वायुसेना के मालवाहक हरक्यूलिस ग्लोबमास्टर विमान से उतरने वाले पीएम मोदी ने भविष्य में युद्धस्थिति के दौरान सेना के लिए इस उपयोगिता बताई. लोकार्पण कार्यक्रम के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर बनी 3.2 किमी लंबी एयर स्ट्रिप पर एयर शो का आयोजन भी किया गया था. जिस पर राफेल, सुखोई, मिराज, जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों ने टच एंड गो किया और एयर शो हुआ. यूपी में डिफेंस कॉरिडोर समेत सैन्य फैक्ट्रियों के जिक्र से लोगों के बीच राष्ट्रवाद के एजेंडे पर फोकस किया गया. 

इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर वाली विकास की राजनीति

नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में साफ कर दिया कि भाजपा का एजेंडा इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर वाली विकास की राजनीति है, जो दशकों आगे तक की सोच के साथ बढ़ रही है. मोदी ने इस बात को स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि यूपी के विकास का सपना भाजपा की योगी सरकार आने के बाद ही सच होता साकार दिखाई दे रहा है. पीएम मोदी ने ये भी बताया कि विकास की राजनीति केवल पूर्वांचल तक ही सीमित नहीं है. बल्कि, पूरे प्रदेश में विकास की राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गोरखपुर एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे के नाम गिनाते हुए मोदी ने अपनी बात को मजबूती से लोगों के सामने रखा. पीएम मोदी ने कहा कि 340 किमी का पूर्वांचल एक्सप्रेस वे केवल जिलों को आपस में नहीं जोड़ेगा. ये भविष्य में लाखों-करोड़ों के उद्योगों को लाने का माध्यम बनेगा. भाजपा ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर भंडार गृह, हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योग को स्थापित करने का दावा किया है.

पीएम मोदी ने कहा कि बीते साढ़े 4 साल में चाहे पूरब हो या पश्चिम यूपी में हजारों गांवों को नई सड़कों से जोड़ा गया है, हजारों किमी नई सड़कें बनाई गई हैं. पीएम मोदी ने कहा कि आज यूपी में नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं, एम्स बन रहे हैं, आधुनिक शिक्षा संस्थान बन रहे हैं. कुछ हफ्ते पहले कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण किया और आज पूर्वांचल एक्सप्रेस वे आपको सौंपने का सौभाग्य मिला है. यूपी में आज सिर्फ 5 साल की योजना नहीं बन रही, बल्कि इस दशक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है. पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से यूपी को पूर्वी और पश्चिमी समुद्री तट से जोड़ने के पीछे यही सोच है. किसानों का सामान दुनिया के बाजारों तक पहुंच पाएगा.

सांसद मेनका गांधी भी थी मौजूद

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण कार्यक्रम में सांसद मेनका गांधी भी मौजूद रहीं. पीएम मोदी ने उनका परिचय संसद में मेरी साथी बहन मेनका गांधी के तौर पर दिया. कहा जा सकता है कि किसान आंदोलन पर भाजपा की केंद्र और योगी सरकार पर तीखे हमले करने वाले वरुण गांधी के लिए भी इस उद्घाटन कार्यक्रम से संदेश भेज दिया गया.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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