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प्रियंका वाड्रा की पोस्टर लगाकर इमोशनल 'बेइज्‍जती'

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 23 अक्टूबर, 2018 05:40 PM
  • 23 अक्टूबर, 2018 05:40 PM
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जिस तरह प्रियंका वाड्रा को लेकर राय बरेली में पोस्टर्स लगे हैं, कांग्रेस को आलोचना करने के बजाए उससे सबक लेना चाहिए और क्षेत्र में निकल कर लोगों की समस्याओं का संज्ञान लेना शुरू कर देना चाहिए.

अनुराग कश्यप की बहुचर्चित फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर-2 का एक सीन था. रामधीर सिंह अपने बेटे को फिल्म देखते हुए पकड़ लेता है और उसे डांटते हुए कहता है कि यहां फिल्म देखने से अच्छा है कि वो क्षेत्र में जाए और लोगों को मोटिवेट करे. एक नेता के लिए क्षेत्र में निकलना, लोगों से मिलना और उन्हें मोटीवेट करना बहुत जरूरी है. नेता ऐसा कर ले गया तो ये बहुत अच्छी बात है वरना उसकी हालत ठीक वैसी हो जाती है जैसी फिल्हाल प्रियंका गांधी की है.

प्रियंका गांधी का राय बरेली को भूल जाना अब उन्हें मुसीबत में डालता नजर आ रहा है

2019 के आम चुनाव होने में अभी वक्त है. मगर उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पोस्टर पॉलिटिक्स की शुरुआत ने ये बता दिया है कि, जैसे जैसे आम चुनाव नजदीक आएंगे देश भर में ऐसा बहुत कुछ होगा जो हैरत में डाल देगा. कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में जगह-जगह प्रियंका गांधी के लापता होने के पोस्टर लगाए गए हैं. मजे की बात ये है कि इन पोस्टर्स में कांग्रेस पार्टी की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी को 'इमोशनल ब्लैकमेलर' तक बताया गया है. पोस्टर में प्रियंका से सवाल पूछा गया है कि आखिर वो रायबरेली कब आएंगी ?

गौरतलब है कि इन पोस्टर्स से रायबरेली को उस वक्त पाटा गया है जब अभी हाल ही में रायबरेली और आस पास के क्षेत्रों में कई बड़े हादसे हुए हैं. कांग्रेस की तरफ से हमेशा ही राय बरेली और अमेठी को अपनी कर्मभूमि कहा जाता है ऐसे में प्रियंका का यहां से गायब होना कई गंभीर सवाल खड़े करता है. कहना गलत नहीं है कि, आखिरी बार उत्तर प्रदेश चुनाव के अंतर्गत रायबरेली दिखीं प्रियंका वाड्रा का इस तरह शहर को नजरंदाज करना जहां एक तरफ उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता दिखाता है. तो वहीं दूसरी तरफ ये भी बताता है कि कांग्रेस के लिए इस डैमेज को कंट्रोल करना अपने आप में एक टेढ़ी खीर...

अनुराग कश्यप की बहुचर्चित फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर-2 का एक सीन था. रामधीर सिंह अपने बेटे को फिल्म देखते हुए पकड़ लेता है और उसे डांटते हुए कहता है कि यहां फिल्म देखने से अच्छा है कि वो क्षेत्र में जाए और लोगों को मोटिवेट करे. एक नेता के लिए क्षेत्र में निकलना, लोगों से मिलना और उन्हें मोटीवेट करना बहुत जरूरी है. नेता ऐसा कर ले गया तो ये बहुत अच्छी बात है वरना उसकी हालत ठीक वैसी हो जाती है जैसी फिल्हाल प्रियंका गांधी की है.

प्रियंका गांधी का राय बरेली को भूल जाना अब उन्हें मुसीबत में डालता नजर आ रहा है

2019 के आम चुनाव होने में अभी वक्त है. मगर उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पोस्टर पॉलिटिक्स की शुरुआत ने ये बता दिया है कि, जैसे जैसे आम चुनाव नजदीक आएंगे देश भर में ऐसा बहुत कुछ होगा जो हैरत में डाल देगा. कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में जगह-जगह प्रियंका गांधी के लापता होने के पोस्टर लगाए गए हैं. मजे की बात ये है कि इन पोस्टर्स में कांग्रेस पार्टी की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी को 'इमोशनल ब्लैकमेलर' तक बताया गया है. पोस्टर में प्रियंका से सवाल पूछा गया है कि आखिर वो रायबरेली कब आएंगी ?

गौरतलब है कि इन पोस्टर्स से रायबरेली को उस वक्त पाटा गया है जब अभी हाल ही में रायबरेली और आस पास के क्षेत्रों में कई बड़े हादसे हुए हैं. कांग्रेस की तरफ से हमेशा ही राय बरेली और अमेठी को अपनी कर्मभूमि कहा जाता है ऐसे में प्रियंका का यहां से गायब होना कई गंभीर सवाल खड़े करता है. कहना गलत नहीं है कि, आखिरी बार उत्तर प्रदेश चुनाव के अंतर्गत रायबरेली दिखीं प्रियंका वाड्रा का इस तरह शहर को नजरंदाज करना जहां एक तरफ उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता दिखाता है. तो वहीं दूसरी तरफ ये भी बताता है कि कांग्रेस के लिए इस डैमेज को कंट्रोल करना अपने आप में एक टेढ़ी खीर होगी.

आपको बताते चलें कि कांग्रेस विरोधियों ने प्रियंका वाड्रा के लापता होने को लेकर ये पोस्टर रायबरेली में त्रिपुला चौराहे से लेकर हरदासपुर तक कई जगहों को लगाए हैं. इसके अलावा प्रियंका के विरोध में जगह-जगह पैम्पलेट्स भी बांटे गए हैं जिनमें उन्हें गैर जिम्मेदार दर्शाने का प्रयास किया गया है. यदि इन पोस्टर्स पर लिखी हुई भाषा नजर डालें तो मिलता है कि पोस्टर में मैडम प्रियंका वाड्रा लापता लिखा है. पोस्टर में हरचंपुर रेल हादसा, ऊंचाहार दुर्घटना और रालपुर हादसे का जिक्र है और साथ ही प्रियंका वाड्रा पर तंज कसते हुए लिखा गया है कि नवरात्र, दुर्गा पूजा व दशहरा में तो नहीं दिखाई दी. अब क्या ईद में दिखेंगी मैडम वाड्रा?

बहरहाल अब जबकि शहर भर को इन पोस्टर्स से पाट दिया गया है इससे जिले की सियासत में भी गर्मी आ गई है. पोस्टर लगाए जाने पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीके शुक्ला ने कहा है कि ऐसी गंदी हरकत करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.

इस पोस्टर के बाद कांग्रेस विरोधियों को क्या जवाब देगी ये हमें आने वाला वक़्त बताएगा मगर इन पोस्टर्स से इतना तो साफ हो गया है कि जिले के लोग कांग्रेस और उसके नेताओं की कार्यप्रणाली से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं. जिस तरह केवल चुनाव के वक़्त कांग्रेस परिवार को रायबरेली और अमेठी की याद आती है माना जा सकता है कि अब जनता भी कांग्रेस के इस पॉलिटिकल नाटक को समझ गई है और उसे इस बात का एहसास हो गया है कि उसे लम्बे समय से कांग्रेस द्वारा छला जा रहा है.

अंत में बस इतना ही कि आहत होने के बजाए कांग्रेस को इन पोस्टर्स से सबक लेना चाहिए और जमीन पर आकर काम करना शुरू कर देना चाहिए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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