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पीएम नरेंद्र मोदी ने इन 5 मौकों पर मांफी मांगकर दिखाया बड़ा दिल

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 20 नवम्बर, 2021 10:19 PM
  • 20 नवम्बर, 2021 07:11 PM
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कुछ ऐसे मामले हैं जब देश के प्रधानमंत्री ने मांफी मांगकर सबको चौंका दिया. पीएम ने इन मौकों पर सिर्फ माफी ही नहीं मांगी बल्कि समाधान भी दिया. हालांकि ऐसे कई मौके हैं जब विपक्ष ने चाहा कि पीएम माफी मांगे पर वे नहीं झुके...लेकिन जब-जब पीएम को लगा कि कुछ गलत हो रहा है तब-तब वे झुकने में झिझके भी नहीं.

माफी मांगना इतना आसान नहीं है. कई बार हम बस सोचते ही रह जाते हैं कि माफी मांगकर सब ठीक कर देंगे लेकिन आज के जमाने में किसी के सामने झुकने के लिए हिम्मत चाहिए. ऐसे में एक देश का प्रधानमंत्री जब दोनों हाथ जोड़कर देशवासियों के सामने झुक जाता है तो बिना कहे ही कई बातें सीखा जाता है. दोनों हांथ जोड़कर पूरी दुनियां के सामने अपना सिर नीचे करने के लिए बड़ा दिल होना चाहिए. वो भी एक बार नहीं कई बार.

जी हां पीएम नरेंद्र मोदी कई मौके पर माफी मांग चुके हैं. वैसे दूसरों को माफी मांगने की सीख देना बड़ा ही आसान है लेकिन जब बात खुद पर आती है हम 10 बहाने बनाकर टाल देते हैं. जबकि आज भी यही बात है कि माफी मांग लेने से कोई छोटा नहीं हो जाता है.

जब देश के प्रधानमंत्री ने मांफी मांगकर सबको चौंका दिया

असल में हम इंसानों ने ही माफी मांगने को बड़ा जटिल बना दिया है. हम सालों-साल किसी से बात नहीं करेंगे, रिश्ता तोड़ देंगे लेकिन माफी नहीं मागेंगे. एक कहावत है कि जिस पेड़ पर सबसे ज्यादा फल होते हैं वह सबसे ज्यादा झुका होता है, लेकिव आजकल लोग अंहकार में जल रहे होते हैं इसलिए हर वक्त दूसरों को छोटा दिखाने में लगे रहते हैं. एक बात और जब कृषि कानून लागू करने की बात हुई तब लोगों ने पीएम को तानाशाह बताया और जब कानून वापस लिया गया तब डरपोक कहा गया...खैर, चलिए हम वो वाकये बताते हैं जब पीएम मोदी ने लोगों से माफी मांगी है.

1- सबसे पहला मामला तो हाल ही का है जब पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को लेकर माफी मांगी है. पीएम मोदी ने कहा, 'मैं देश की जनता से सच्चे और नेक दिल से माफी मांगता हूं. हम किसानों को नहीं समझा पाए. हमारे प्रयासों में कुछ कमी रही होगी कि हम कुछ किसानों को मना नहीं पाए.'' इसके साथ ही 3 कृषि कानूनों को निरस्त (repeals 3 farm laws) करने...

माफी मांगना इतना आसान नहीं है. कई बार हम बस सोचते ही रह जाते हैं कि माफी मांगकर सब ठीक कर देंगे लेकिन आज के जमाने में किसी के सामने झुकने के लिए हिम्मत चाहिए. ऐसे में एक देश का प्रधानमंत्री जब दोनों हाथ जोड़कर देशवासियों के सामने झुक जाता है तो बिना कहे ही कई बातें सीखा जाता है. दोनों हांथ जोड़कर पूरी दुनियां के सामने अपना सिर नीचे करने के लिए बड़ा दिल होना चाहिए. वो भी एक बार नहीं कई बार.

जी हां पीएम नरेंद्र मोदी कई मौके पर माफी मांग चुके हैं. वैसे दूसरों को माफी मांगने की सीख देना बड़ा ही आसान है लेकिन जब बात खुद पर आती है हम 10 बहाने बनाकर टाल देते हैं. जबकि आज भी यही बात है कि माफी मांग लेने से कोई छोटा नहीं हो जाता है.

जब देश के प्रधानमंत्री ने मांफी मांगकर सबको चौंका दिया

असल में हम इंसानों ने ही माफी मांगने को बड़ा जटिल बना दिया है. हम सालों-साल किसी से बात नहीं करेंगे, रिश्ता तोड़ देंगे लेकिन माफी नहीं मागेंगे. एक कहावत है कि जिस पेड़ पर सबसे ज्यादा फल होते हैं वह सबसे ज्यादा झुका होता है, लेकिव आजकल लोग अंहकार में जल रहे होते हैं इसलिए हर वक्त दूसरों को छोटा दिखाने में लगे रहते हैं. एक बात और जब कृषि कानून लागू करने की बात हुई तब लोगों ने पीएम को तानाशाह बताया और जब कानून वापस लिया गया तब डरपोक कहा गया...खैर, चलिए हम वो वाकये बताते हैं जब पीएम मोदी ने लोगों से माफी मांगी है.

1- सबसे पहला मामला तो हाल ही का है जब पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को लेकर माफी मांगी है. पीएम मोदी ने कहा, 'मैं देश की जनता से सच्चे और नेक दिल से माफी मांगता हूं. हम किसानों को नहीं समझा पाए. हमारे प्रयासों में कुछ कमी रही होगी कि हम कुछ किसानों को मना नहीं पाए.'' इसके साथ ही 3 कृषि कानूनों को निरस्त (repeals 3 farm laws) करने की बात कही.

हालांकि लोगों का कहना है कि पीएम ने ऐसा पंजाब औऱ यूपी चुनाव की वजह से किया है. उनके हिसाब से पीएम एक अंहकारी नेता है...तो क्या आज पीएम के अंहकार को मजबूरी झुकना पड़ा? वैसे पीएम इसके पहले भी माफी मांग चुके है.

2- कोरोना लहर के बीच पीएम ने मन की बात में देश की जनता के सामने जब कहा था कि ‘मैं देशवासियों से क्षमा मांगता हूं, क्योंकि कोरोना से लड़ाई में कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े जिसकी वजह से आपको कठिनाइयां उठानी पड़ी है. गरीब भाई-बहनों को जरूर लगता होगा कि हमें मुसीबत में डाल दिया, लेकिन 130 करोड़ आबादी वाले देश को कोरोना से लड़ाई के लिए ये कदम बहुत जरूरी थे’.

3- इतना ही नहीं अमरीका के ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने टेक्सास की सेनेटर जॉन कॉर्निन की पत्नी से माफी मांगी थी. उस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ अमरीकी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप भी मौजूद थे. दरअसल, उस दिन जॉन कॉर्निन की पत्नी सैंडी का जन्मदिन था. कॉर्निन अपनी पत्नी के साथ वक्त गुजारने की योजना में थे, लेकिन कार्यक्रम की वजह से उन्हें अपना प्लान कैंसिल करना पड़ा था. इस बारे में जब पीएम मोदी को पता चला तो उन्होंने कॉर्निन की पत्नी से बड़ी सरलता के साथ माफी मांगी थी.

4- जब पीएम मोदी चंडीगढ़ यात्रा पर थे तब केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया था. उस समय पीएम ने खासकर बच्चों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा था कि ‘लोगों को जो असुविधा हुई, उससे पूरी तरह से बचा जा सकता था. इस बारे में जवाबदेही तय करने के लिए जांच के आदेश दिए जाएंगे.

5- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के तहत यूपी दौरे पर थे. इसके तहत वे कन्नौज के गुरूसहायगंज के मिलिट्री मैदान में पहुंचे थे. कन्नौज में पीएम मोदी की वह पहली रैली थी. इस दौरान पीएम मोदी ने जनता से माफी मांगी थी. पीएम ने कहा था कि मैदान छोटा पड़ गया है. इसिलए आप लोगों को तकलीफ हुई है, इसके लिए मैं जनता से क्षमा मांगता हूं.

ये कुछ ऐसे मामले हैं जब देश के प्रधानमंत्री ने मांफी मांगकर सबको चौंका दिया. पीएम ने इन मौकों पर सिर्फ माफी ही नहीं मांगी बल्कि समाधान भी दिया. हालांकि ऐसे कई मौके हैं जब विपक्ष ने चाहा कि पीएम माफी मांगे लेकिन वे नहीं झुके...वहीं जब-जब पीएम को लगा कि कुछ गलत हो रहा है तब-तब वे झुकने में झिझके भी नहीं.

और एक हम हैं जो यह जानते हैं कि हम गलत हैं, हम गलती कर रहे हैं लेकिन खुद को सही साबित करने के लिए खुद से ही तर्क करते रहते हैं...राजनीति, चुनाव, विपक्ष, नेता, कुर्सी को थोड़ी देर भूल कर हमें यह सीख लेना चाहिए कि गलती करने पर माफी मांगने से और सीख लेने से कोई छोटा नहीं हो जाता है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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