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कोवैक्सीन लगवाने वाले पीएम मोदी को अमेरिका में एंट्री कैसे मिली? दिग्विजय का सवाल जायज है

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 25 सितम्बर, 2021 03:37 PM
  • 25 सितम्बर, 2021 03:37 PM
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दिग्विजय सिंह ने सवाल पूछा है कि कोवैक्सीन लगवाने वाले पीएम मोदी को अमेरिका में एंट्री कैसे मिली? हो सकता है प्रधानमंत्री के संदर्भ में दिग्विजय सिंह द्वारा पूछे गए इस सवाल को लेकर उनकी तीखी अलोचना हो लेकिन बताना बहुत जरूरी है कि कोवैक्सीन को लेकर जैसी गफलत है दिग्विजय सिंह का सवाल एक जायज सवाल है.

पीएम मोदी अमेरिका हैं. ऐसे में दिग्विजय सिंह ने उनके वैक्सीनशन का मुद्दा उठाकर अपने 'जागरूक' होने का प्रमाण तो दिया ही है. साथ ही एक ऐसा मुद्दा भी उठाया है. जिसपर बात हर सूरत में होनी चाहिए. बताते चलें कि दिग्विजय सिंह ने सवाल पूछा है कि कोवैक्सीन लगवाने वाले पीएम मोदी को अमेरिका में एंट्री कैसे मिली? हो सकता है प्रधानमंत्री के संदर्भ में दिग्विजय सिंह द्वारा पूछे गए इस सवाल को लेकर उनकी तीखी अलोचना हो लेकिन बताना बहुत जरूरी है कि उनका सवाल एक जायज सवाल है.

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद वैक्सीन को लेकर जो सवाल कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पूछे हैं वो बहुत जरूरी सवाल हैं

तृणमूल कांग्रेस नेता रिजू दत्ता द्वारा पीएम को आड़े हाथों लेने के बाद अब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिनों की अमेरिका यात्रा को सवालों के घेरे में रखा है. पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के मद्देनजर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि, 'मुझे जहां तक जानकारी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोवैक्सीन लगवाई थी जो अमेरिका में स्वीकृत नहीं है. क्या उन्होंने कोई और टीका लिया है या फिर अमेरिकी प्रशासन की ओर से उन्हें विशेष छूट दी गई है?'

दिग्विजय सिंह इतने पर रुक जाते तो तब भी ठीक था मगर उन्होंने पूरे देश के हवाले से ये तक कह दिया कि देश यह जानना चाहता है कि कोवाक्सिन लगवाने वाले प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका में इजाजत कैसे मिल गई?

पीएम की आलोचना टैक्स पेयर्स को ढाल बनाकर हो रही है!

उपरोक्त पंक्तियों में हमने तृणमूल नेता रिजू दत्ता का जिक्र किया था तो उनके ट्वीट पर भी...

पीएम मोदी अमेरिका हैं. ऐसे में दिग्विजय सिंह ने उनके वैक्सीनशन का मुद्दा उठाकर अपने 'जागरूक' होने का प्रमाण तो दिया ही है. साथ ही एक ऐसा मुद्दा भी उठाया है. जिसपर बात हर सूरत में होनी चाहिए. बताते चलें कि दिग्विजय सिंह ने सवाल पूछा है कि कोवैक्सीन लगवाने वाले पीएम मोदी को अमेरिका में एंट्री कैसे मिली? हो सकता है प्रधानमंत्री के संदर्भ में दिग्विजय सिंह द्वारा पूछे गए इस सवाल को लेकर उनकी तीखी अलोचना हो लेकिन बताना बहुत जरूरी है कि उनका सवाल एक जायज सवाल है.

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद वैक्सीन को लेकर जो सवाल कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पूछे हैं वो बहुत जरूरी सवाल हैं

तृणमूल कांग्रेस नेता रिजू दत्ता द्वारा पीएम को आड़े हाथों लेने के बाद अब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिनों की अमेरिका यात्रा को सवालों के घेरे में रखा है. पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के मद्देनजर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि, 'मुझे जहां तक जानकारी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोवैक्सीन लगवाई थी जो अमेरिका में स्वीकृत नहीं है. क्या उन्होंने कोई और टीका लिया है या फिर अमेरिकी प्रशासन की ओर से उन्हें विशेष छूट दी गई है?'

दिग्विजय सिंह इतने पर रुक जाते तो तब भी ठीक था मगर उन्होंने पूरे देश के हवाले से ये तक कह दिया कि देश यह जानना चाहता है कि कोवाक्सिन लगवाने वाले प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका में इजाजत कैसे मिल गई?

पीएम की आलोचना टैक्स पेयर्स को ढाल बनाकर हो रही है!

उपरोक्त पंक्तियों में हमने तृणमूल नेता रिजू दत्ता का जिक्र किया था तो उनके ट्वीट पर भी बात कर लेना बहुत जरूरी है. अभी बीते दिनों ही रिजू ने ट्वीट किया था कि पीएम मोदी को अमेरिका जाने की अनुमति कैसे मिली? क्योंकि अमेरिका ने अभी तक भारत में निर्मित कोवैक्सीन को मान्यता नहीं दी है. दिलचस्प ये कि मामले के मद्देनजर रिजू ने केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से जवाब तलब किया था. रिजू जे मुद्दा उठाया था कि क्या सारे नियम टैक्स पेयर्स के लिए ही हैं.

क्यों दिग्विजय ने पूछा है एक वाजिब सवाल

जैसा कि हम पहले ही इस बात को बता चुके हैं कि दिग्विजय ने एक वाजिब सवाल पूछा है. तो ये कथन यूं ही नहीं है इसके पीछे WHO के रूप में हमारे पास मजबूत तर्क हैं. ध्यान रहे कि भारत में निर्मित कोवैक्सीन को अभी तक न तो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी मान्यता दी है और न ही अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से इसे मान्यता मिली है.

बताते चलें कि विश्व पटल पर कोवैक्सीन को मान्यता देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 5 अक्तूबर को एक बैठक होनी है. इसी बैठक में ये तय होगा कि को वैक्सीन वैलिड है या फिर नहीं.

गौरतलब है कि भारत बॉयोटेक द्वारा निर्मित को वैक्सीन को फ्री दिए जाने के बावजूद कोई लेने को तैयार नहीं है. हो सकता है ये बात आपको हैरत में डाल दे. ऐसे में ये बताना बहुत जरूरी है कि विश्व के 7 देशों को भारत ने को वैक्सीन की 8.1 लाख डोज देने का वादा किया था जिसमें अब तक 2 लाख डोज सिर्फ म्यांमार ने ली है.

चूंकि को वैक्सीन की प्रामाणिकता पर संदेह बना हुआ है तो वो तमाम लोग जिन्होंने इसे लिया है अपने इंटरनेशनल ट्रेवल को लेकर खासे गफलत में हैं.

ऐसे में कोवैक्सीन के बल बूते अमेरिका पहुंचे पीएम मोदी को देखकर कहा यही जा रहा है कि आम आदमी के लिए वैक्सीनशन के नियम अलग हैं और खास आदमी के लिए अलग. इसलिए जो सवाल कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पूछा है उसमें कहीं न कहीं मजबूत आधार हमें दिखाई दे रहा है.

तो कोवैक्सीन के बावजूद कैसे अमेरिका पहुंचे पीएम मोदी?

कोवैक्सीन जिसे अमेरिका वैलिड करार नहीं देता लगवाने के बावजूद पीएम मोदी अमेरिका हैं. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर मोदी अमेरिका गए तो गए कैसे? जवाब है यूएन. ध्यान रहे कि मोदी को अमेरिका आने का न्योता किसी और ने नहीं बल्कि यूएन ने दिया है. तो इस बात को जान लेना बहुत जरूरी है कि यूएन में सभी सदस्य देशों को समान अधिकार प्राप्त हैं और इस कारण कोविड को लेकर लगाई गई अमेरिका की पाबंदियां यूएन आने वाले किसी भी सदस्य देश के राष्ट्राध्याक्ष पर लागू नहीं होती.

वो तमाम लोग जो को वैक्सीन लेने के बाद अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखकर आश्चर्य में हैं उन्हें ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो से जरूर रू-ब-रू होना चाहिए. बोलसोनारो भी पीएम मोदी की तरह यूएन की बैठक में उपस्थिति दर्ज कराने के सिलसिले में अमेरिका पहुंचे हुए हैं. बोलसोनारो को लेकर सबसे मजेदार तथ्य ये है कि उन्होंने अब तक कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ग्रहण की है.

बहरहाल बात दिग्विजय सिंह की हुई है. तो भले ही पीएम के वैक्सीनेशन को मुद्दा बनाकर उन्होंने उड़ता तीर पकड़ा हो. लेकिन कहीं न कहीं उन्होंने लोगों को सोचने पर विवश तो कर ही दिया है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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