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Modi की पहली प्रेस कांफ्रेंस में जो न होना था, वो हुआ

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 17 मई, 2019 07:00 PM
  • 17 मई, 2019 07:00 PM
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Modi Press Conference: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके सबको चौंका दिया. जिस बात के लिए उन पर हमेशा सवाल होते थे, इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के बाद उनकी दिशा बदल गई. दरअसल, इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में भी मोदी ने भाषण ही दिया, और सारे सवालों के जवाब अमित शाह ने दिए.

17 वीं लोकसभा के सातवें चरण का मतदान होने में कुछ समय शेष है. सरकार ने क्या किया, क्या नहीं किया इसे बताने के लिए भाजपा ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में प्रेस कांफ्रेंस ( Modi - Amit Shah Press Conference ) का आयोजन किया. प्रेस कांफ्रेस में सबसे दिलचस्प देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखना रहा जिनके बारे में आलोचकों, विशेषकर कांग्रेस की तरफ से यही तर्क दिए जाते रहे हैं कि वो देश चलाने में नाकाम हैं इसलिए वो मीडिया से बचते रहे हैं. ज्ञात हो कि प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा पार्टी के कई अन्य नेता मौजूद रहे. इधर मोदी और अमित शाह की प्रेस कान्‍फ्रेंस चल रही थी, तो उधर कांग्रेस अध्‍यक्ष Rahul Gandhi Press Conference करने आ गए. दोनों प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के बीच कई दिलचस्‍प वाकये हुए.

मीडिया से मुखातिब होते हुए अमित शाह ने कहा कि जनता ने हमें स्वीकार किया है और 300 सीटों पर जीतकर सरकार बनाएंगे. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद से जितने भी चुनाव हुए, हमारी नजर में 2019 के लोकसभा चुनावों का अभियान सबसे बड़ा रहा है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि संगठन हमारा हमेशा से एक मुख्य अंग रहा है.

पत्रकारवार्ता में शाह और मोदी इस बात को लेकर कॉन्फिडेंट दिखे कि देश की जनता एक बार फिर उन्हें मौका देगी

मीडिया से बातें कर अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाने वाले अमित शाह ने ये भी कहा कि 2014 में पहली बार नॉन कांग्रेस सरकार बहुमत से बनी, इस दौरान हमने नरेंद्र मोदी एक्सपेरिमेंट शुरू किया. अब इसको पांच साल खत्म होने को आए हैं और मोदी प्रयोग को जनता ने स्वीकार किया है. आगे भी जनता उसे स्वीकार करेगी. उन्होंने कहा कि हम एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनाने की तरफ हैं. मोदी सरकार...

17 वीं लोकसभा के सातवें चरण का मतदान होने में कुछ समय शेष है. सरकार ने क्या किया, क्या नहीं किया इसे बताने के लिए भाजपा ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में प्रेस कांफ्रेंस ( Modi - Amit Shah Press Conference ) का आयोजन किया. प्रेस कांफ्रेस में सबसे दिलचस्प देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखना रहा जिनके बारे में आलोचकों, विशेषकर कांग्रेस की तरफ से यही तर्क दिए जाते रहे हैं कि वो देश चलाने में नाकाम हैं इसलिए वो मीडिया से बचते रहे हैं. ज्ञात हो कि प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा पार्टी के कई अन्य नेता मौजूद रहे. इधर मोदी और अमित शाह की प्रेस कान्‍फ्रेंस चल रही थी, तो उधर कांग्रेस अध्‍यक्ष Rahul Gandhi Press Conference करने आ गए. दोनों प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के बीच कई दिलचस्‍प वाकये हुए.

मीडिया से मुखातिब होते हुए अमित शाह ने कहा कि जनता ने हमें स्वीकार किया है और 300 सीटों पर जीतकर सरकार बनाएंगे. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद से जितने भी चुनाव हुए, हमारी नजर में 2019 के लोकसभा चुनावों का अभियान सबसे बड़ा रहा है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि संगठन हमारा हमेशा से एक मुख्य अंग रहा है.

पत्रकारवार्ता में शाह और मोदी इस बात को लेकर कॉन्फिडेंट दिखे कि देश की जनता एक बार फिर उन्हें मौका देगी

मीडिया से बातें कर अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाने वाले अमित शाह ने ये भी कहा कि 2014 में पहली बार नॉन कांग्रेस सरकार बहुमत से बनी, इस दौरान हमने नरेंद्र मोदी एक्सपेरिमेंट शुरू किया. अब इसको पांच साल खत्म होने को आए हैं और मोदी प्रयोग को जनता ने स्वीकार किया है. आगे भी जनता उसे स्वीकार करेगी. उन्होंने कहा कि हम एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनाने की तरफ हैं. मोदी सरकार ने जो काम किया है संगठन ने उसको जमीनी स्तर तक पहुंचाने का काम किया है. 133 नई योजनाएं देश में आई हैं ओर इन 133 योजनाओं ने देश के हर वर्ग को छुआ है.

इन बातों के अलावा अमित शाह ने महंगाई और भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि, ये पहली बार है जब विपक्ष की तरफ से महंगाई का मुद्दा नहीं उठाया गया है. अपनी इस उपलब्धि पर बल देते हुए शाह ने कहा कि हमारी सरकार ने गरीब के जीवन स्तर को उठाया है. उन्होंने कहा कि 2014 में हमारे पास 6 सरकारें थीं और अब हमारे पास 16 सरकारें हैं.

शाह ने कहा कि आज जनता मानती है कि मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम देश को आगे ले जा सकता है. हमारी सरकार ने 50 करोड़ गरीबों को उठाने का काम किया है, देश के विकास में उनकी भी हिस्सेदारी है. पत्रकार वार्ता में देश की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए अमित शाह ने कहा कि देश पहले से ज्यादा सुरक्षित है, जनता अब इस बात को लेकर निश्चिंत है.

पत्रकार वार्ता में कौतुहल का केंद्र प्रधानमंत्री मोदी रहे जिन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वो देश की जनता के साथ साथ मीडिया का धन्यवाद करने के लिए उपस्थित हुए हैं. किसी भी सवाल का जवाब देने में विफल पीएम मोदी की खूब आलोचना भी हुई.

राहुल गांधी ने भी कहा-

पत्रकार वार्ता में सबसे दिलचस्प अमित शाह को सवालों के जवाब देते देखना रहा. गौरतलब है कि अपनी प्रेस कांफ्रेंस में अमित शाह ने उन तमाम सवालों के जवाब दिए जिनपर विपक्ष बीते कई दिनों से भाजपाऔर देश के प्रधानमंत्री को घेर रहा था. इस सवाल पर कि क्या भाजपा ने चुनाव का स्तर गिरा दिया है? अमित शाह ने सफाई देते हुए कहा कि,  भाजपा के नेताओं की ओर से इसकी शुरुआत नहीं हुई है. हमने केवल करप्शन की बात की, मुद्दों की बात की जो हमारा अधिकार है यदि इसे स्तर गिराना कहते हैं तो फिर ये ठीक नहीं है.

बीते कुछ दिन से बंगाल और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चर्चा में हैं. जब बंगाल के ताजा हालात पर अमित शाह से सवाल हुआ तो उन्होंने ये कहते हुए अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया कि पिछले डेढ़ सालों में हमारे 80  कार्यकर्ता मारे गए हैं. क्या जवाब है ममता बनर्जी के पास ? सवाल के जवाब पर सवाल उठाते हुए शाह ने पूछा कि हम हर जगह चुनाव लड़ रहे हैं आखिर वहां  हिंसा क्यों नहीं हुई?

पत्रकार वार्ता में भगवा आतंकवाद और गोडसे को लेकर साध्वी प्रज्ञा का बयान भी चर्चा का विषय रहा. जब इस बारे में शाह से सवाल हुआ तो कहीं न कहें वो उनका बचाव करते हुए दिखे. शाह ने कहा कि पार्टी ने साध्वी प्रज्ञा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और इसका जवाब देने के लिए उन्हें 10 दिन का समय दिया है और इसके बाद ही उनपर कोई आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. साथ ही साध्वी प्रज्ञा को भोपाल लाने के फैसले पर अमित शाह ने ये भी कहा कि प्रज्ञा का कैंडिडेचर फर्जी हिन्दू टेरर की थ्योरी के खिलाफ हमारा सत्याग्रह है. शाह ने कहा कि कांग्रेस की तरफ से हिन्दू आतंकवाद की फर्जी थ्योरी गढ़ी गई है जिसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष को सारे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.

वहीं राफेल पर हुए सवाल पर बोलते हुए शाह ने कहा कि अगर इस मामले में राहुल गांधी के पास जानकारी थी तो उन्हें उसे सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहिए था. सवाल उठता है कि आखिरत ये जानकारियां उन्होंने कोर्ट से क्यों छुपा कर रखीं. अमित शाह ने पूरे विश्वास से इस बात को रखा कि राफेल डील में कहीं भी न तो कोई कॉम्प्रोमाइज हुआ न ही किसी के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाना गया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस पूरे मामले में देश की रक्षा मंत्री सरकार का पक्ष रख चुकी हैं.

बहरहाल, एक ऐसे वक़्त में जब चुनाव खत्म होने वाले हैं और नई सरकार बनने वाली है भाजपा की तरफ से ये पत्रकार वार्ता और इस वार्ता में प्रधानमंत्री का आना इसलिए भी जरूरी थी क्योंकि विपक्ष ने लम्बे समय से इस बात को एक बड़े मुद्दे के रूप में पेश किया था. भाजपा दोबारा सत्ता में आती है या नहीं इसका फैसला 23 मई को हो जाएगा मगर सवालों के जवाब के रूप में जो बातें अमित शाह ने कहीं हैं उसने कांग्रेस सके खेमे को अवश्य ही बेचैन कर दिया होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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