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'पामेला गोस्वामी' से भाजपा को उतना नुकसान नहीं हुआ, जितना 'रुजिरा नरुला' से टीएमसी का!

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 23 फरवरी, 2021 05:59 PM
  • 23 फरवरी, 2021 05:59 PM
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पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने एक कदम और आगे आकर गाय तस्करी के मामले से भी टीएमसी के संबंधों का दावा कर दिया है. अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला से पूछताछ करने से पहले सीबीआई ने रूजिरा की बहन मेनका गंभीर से भी पूछताछ की थी.

पश्चिम बंगाल में इन दिनों 'कोयले की आंच' पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं. विधानसभा चुनाव से पहले कोयला घोटाले की जांच में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की पत्नी रुजिरा नरूला का नाम आने से टीएमसी को एक बड़ा झटका मिला है. हालांकि, कोयला घोटाले की इस जांच को टीएमसी ने 'बदले की राजनीति' करार दिया है. लेकिन, पश्चिम बंगाल में 'कट मनी' को लेकर पहले से ही मुश्किलों में फंसी टीएमसी कोयला घोटाले की इस आंच से गंभीर रूप से झुलस सकती है. पश्चिम बंगाल की भाजपा नेता पामेला गोस्वामी की ड्रग्स तस्करी से जुड़े मामले में 'गिरफ्तारी' से बीजेपी को जितना नुकसान पहुंचने की आशंका थी. कोयला घोटाला उसके मुकाबले में टीएमसी के लिए 'दावानल' साबित हो रहा है.

क्या है कोयला घोटाला?

कोयला घोटाले से तृणमूल को होने वाले नुकसान से पहले जान लेते हैं कि आखिर ये घोटाला है क्या? दरअसल, झारखंड की सीमा से लगे इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) की कई कोयला खदानें हैं. ईसीएल की बंद पड़ी खदानों से अवैध तरीके से कोयला खनन की जानकारी सामने आने के बाद सीबीआई ने बीते साल नवंबर में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. सीबीआई ने इस मामले में कथित सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला, विनय मिश्र, ईसीएल के दो महाप्रबंधकों समेत कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआई कई महीनों से अनूप मांझी और विनय मिश्र के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. लेकिन, ये दोनों ही फरार हैं.

ममता और टीएमसी के लिए चुनौती

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के बाद पार्टी में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी का कद दूसरे नंबर के नेता के तौर पर है. माना जाता है कि ममता बनर्जी की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी अभिषेक बनर्जी ही होंगे. इस स्थिति में अगर अभिषेक पर कोई आरोप लगता है, तो वह सीधे तौर पर ममता बनर्जी को नुकसान पहुंचाता है. ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल में एक बेदाग नेता की छवि बन हुई है. इसे 'कट मनी' मामले से ही समझ सकते हैं. ममता बनर्जी ने कट मनी को लेकर टीएमसी नेताओं...

पश्चिम बंगाल में इन दिनों 'कोयले की आंच' पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं. विधानसभा चुनाव से पहले कोयला घोटाले की जांच में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की पत्नी रुजिरा नरूला का नाम आने से टीएमसी को एक बड़ा झटका मिला है. हालांकि, कोयला घोटाले की इस जांच को टीएमसी ने 'बदले की राजनीति' करार दिया है. लेकिन, पश्चिम बंगाल में 'कट मनी' को लेकर पहले से ही मुश्किलों में फंसी टीएमसी कोयला घोटाले की इस आंच से गंभीर रूप से झुलस सकती है. पश्चिम बंगाल की भाजपा नेता पामेला गोस्वामी की ड्रग्स तस्करी से जुड़े मामले में 'गिरफ्तारी' से बीजेपी को जितना नुकसान पहुंचने की आशंका थी. कोयला घोटाला उसके मुकाबले में टीएमसी के लिए 'दावानल' साबित हो रहा है.

क्या है कोयला घोटाला?

कोयला घोटाले से तृणमूल को होने वाले नुकसान से पहले जान लेते हैं कि आखिर ये घोटाला है क्या? दरअसल, झारखंड की सीमा से लगे इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) की कई कोयला खदानें हैं. ईसीएल की बंद पड़ी खदानों से अवैध तरीके से कोयला खनन की जानकारी सामने आने के बाद सीबीआई ने बीते साल नवंबर में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. सीबीआई ने इस मामले में कथित सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला, विनय मिश्र, ईसीएल के दो महाप्रबंधकों समेत कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआई कई महीनों से अनूप मांझी और विनय मिश्र के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. लेकिन, ये दोनों ही फरार हैं.

ममता और टीएमसी के लिए चुनौती

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के बाद पार्टी में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी का कद दूसरे नंबर के नेता के तौर पर है. माना जाता है कि ममता बनर्जी की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी अभिषेक बनर्जी ही होंगे. इस स्थिति में अगर अभिषेक पर कोई आरोप लगता है, तो वह सीधे तौर पर ममता बनर्जी को नुकसान पहुंचाता है. ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल में एक बेदाग नेता की छवि बन हुई है. इसे 'कट मनी' मामले से ही समझ सकते हैं. ममता बनर्जी ने कट मनी को लेकर टीएमसी नेताओं को ही आड़े हाथों ले लिया था. हालांकि, इससे पार्टी की छवि को धक्का लगा था. लेकिन, ममता बनर्जी ने इस मामले पर खुद को एक ब्रांड के तौर पर चमका लिया था.

कोयला तस्करी के मामले में दूसरे मुख्य आरोपी विनय मिश्र को सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का करीबी माना जाता है.

अभिषेक बनर्जी से घोटाले का संबंध

कोयला तस्करी के मामले में दूसरे मुख्य आरोपी विनय मिश्र को सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का करीबी माना जाता है. विनय मिश्र तृणमूल कांग्रेस के युवा मोर्चा की टीम का सदस्य था. अभिषेक बनर्जी टीएमसी की यूथ विंग के अध्यक्ष हैं. इसी कड़ी को जोड़ते हुए सीबीआई अब मुख्यमंत्री के भतीजे के घर पहुंच गई है. विनय मिश्र को अभिषेक बनर्जी के साथ कई विदेश यात्राओं पर साथ देखा गया है. इसे लेकर भाजपा ने टीएमसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पामेला गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद 'बैकफुट' पर आई भाजपा, इस मामले पर अचानक से ही 'फ्रंटफुट' पर आकर बैटिंग करती नजर आने लगी है.

टीएमसी के लिए असहज करने वाली स्थिति

पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने एक कदम और आगे आकर गाय तस्करी के मामले से भी टीएमसी के संबंधों का दावा कर दिया है. कोयला घोटाला की जांच में अभिषेक बनर्जी के ससुराल पक्ष के लोगों का नाम सामने आने के बाद टीएमसी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला से पूछताछ करने से पहले सीबीआई ने रूजिरा की बहन मेनका गंभीर से भी पूछताछ की थी. अभिषेक बनर्जी को टीएमसी का मुख्य सेनापति माना जाता है. वहीं, कोयला घोटाले में पत्नी रुजिरा से पूछताछ अभिषेक बनर्जी को असहज करने के लिए काफी है. टीएमसी और भाजपा के बीच चल रहे इस दंगल में अभिषेक बनर्जी मुख्य राजनीतिक मोहरा बन गए हैं.

धीरे-धीरे कस रहा है सीबीआई का शिकंजा

सीबीआई को इस मामले की जांच के दौरान कुछ संदिग्ध लेन-देन की खबरें मिली थीं. कहा जा रहा है कि कोयला घोटाला और तस्करी के सरगना अनूप मांझी ने थाईलैंड और लंदन के कुछ बैंक खातों में रकम भेजी थी. सीबीआई को शक है कि इन खातों का संबंध अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा और उनकी बहन से हो सकता है. कोयला घोटाले में नाम आने से ममता बनर्जी और टीएमसी को नुकसान होना तय माना जा सकता है. पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेताओं के द्वारा 'कट मनी' लेने के मामले पर ममता बनर्जी की स्वीकारोक्ति के बाद कोयला घोटाला एक नई चुनौती बनकर सामने आया है.

रुजिरा नरूला को लेकर पहले भी कई विवाद सामने आए हैं. भाजपा उनकी नागरिकता को लेकर भी आरोप लगाती रही है. बीते साल कस्टम विभाग ने बैंकॉक से लौटते समय रुजिरा के खिलाफ करीब दो किलो सोना लाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. यह मामला अभी भी अदालत में है. वहीं, अब पश्चिम बंगाल में जल्द ही चुनावी तारीखों का एलान हो सकता है. इस स्थिति में ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के लिए कोयला घोटाले की आंच से दूर रहना मुश्किल लग रहा है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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