• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

पाकिस्तान ने 3 स्‍तर पर भारत से रिश्‍ते तोड़े लेकिन नुकसान अपना किया

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 09 अगस्त, 2019 04:31 PM
  • 09 अगस्त, 2019 04:31 PM
offline
वाघा अटारी बॉर्डर पर ट्रेन खड़ी करके पाकिस्तान ने अपने ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को समझौता एक्सप्रेस के साथ भेजने से मना कर दिया. संदेश भेजा कि भारत अपना इंजन लाए और अपने नागरिकों को ले जाए. बाद में भारतीय इंजन और ड्राइवर के साथ ट्रेन को भारत लाया गया.

मोदी सरकार के कश्मीर से धारा 370 हटा लेने के बाद कश्मीर ने तो इस बदलाव को स्वीकार कर लिया है. #KashmirWelcomesChange ट्रेंड हो रहा है. लेकिन इस बदलाव से कश्मीर में सालों तक माहौल खराब करने वाले पाकिस्तान की बौखलाहट खुलकर सामने आने लगी है.

पाकिस्तान ने भारत से अपने रिश्तों को डाउनग्रेड करने के लिए कुछ फैसले लिए हैं जिसके तहत समझौता एक्सप्रेस पर ब्रेक लगा दिए हैं और पाकिस्तान में भारतीय फिल्में भी बैन कर दी हैं. भारत के उच्चायुक्त को पाकिस्तान छोड़ने के लिए कहा गया है.

समझौता एक्सप्रेस पर ब्रेक-

गुरुवार को वाघा अटारी बॉर्डर पर ट्रेन खड़ी करके पाकिस्तान ने अपने ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को समझौता एक्सप्रेस के साथ भेजने से मना कर दिया. संदेश भेजा कि भारत अपना इंजन लाए और अपने नागरिकों को ले जाए. बाद में भारतीय इंजन और ड्राइवर के साथ ट्रेन को भारत लाया गया.

ऐसा नहीं है कि ट्रेन को पहली बार रोका गया है. 26 जनवरी को पाकिस्तान के बालाकोट पर जब भारत ने एयर स्ट्राइक की तब भी पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस की सेवा पर रोक लगा दी थी. इससे पहले 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले के बाद भी समझौता एक्सप्रेस रोकी गई थी. 27 दिसंबर 2007 को बेनजीर भुट्टो हमले के बाद भी इस ट्रेन को रोका गया था. यानी भारत पाकिस्तान के बीच कोई भी तनाव हो तो पाकिस्तान के गुस्से का पहला शिकार समझौता एक्सप्रेस ही बनती है.

पाकिस्तान के गुस्से का पहला शिकार समझौता एक्सप्रेस ही बनती है

समझौता एक्सप्रेस भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन है. भारत में यह ट्रेन दिल्ली से बिना कहीं रुके सीधा पंजाब के अटारी जाती है. और फिर अटारी से BSF जवानों की निगरानी में ये वाघा बॉर्डर तक तीन किलोमीटर की सीमा पार करती है. और सीमा पार करने के...

मोदी सरकार के कश्मीर से धारा 370 हटा लेने के बाद कश्मीर ने तो इस बदलाव को स्वीकार कर लिया है. #KashmirWelcomesChange ट्रेंड हो रहा है. लेकिन इस बदलाव से कश्मीर में सालों तक माहौल खराब करने वाले पाकिस्तान की बौखलाहट खुलकर सामने आने लगी है.

पाकिस्तान ने भारत से अपने रिश्तों को डाउनग्रेड करने के लिए कुछ फैसले लिए हैं जिसके तहत समझौता एक्सप्रेस पर ब्रेक लगा दिए हैं और पाकिस्तान में भारतीय फिल्में भी बैन कर दी हैं. भारत के उच्चायुक्त को पाकिस्तान छोड़ने के लिए कहा गया है.

समझौता एक्सप्रेस पर ब्रेक-

गुरुवार को वाघा अटारी बॉर्डर पर ट्रेन खड़ी करके पाकिस्तान ने अपने ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को समझौता एक्सप्रेस के साथ भेजने से मना कर दिया. संदेश भेजा कि भारत अपना इंजन लाए और अपने नागरिकों को ले जाए. बाद में भारतीय इंजन और ड्राइवर के साथ ट्रेन को भारत लाया गया.

ऐसा नहीं है कि ट्रेन को पहली बार रोका गया है. 26 जनवरी को पाकिस्तान के बालाकोट पर जब भारत ने एयर स्ट्राइक की तब भी पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस की सेवा पर रोक लगा दी थी. इससे पहले 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले के बाद भी समझौता एक्सप्रेस रोकी गई थी. 27 दिसंबर 2007 को बेनजीर भुट्टो हमले के बाद भी इस ट्रेन को रोका गया था. यानी भारत पाकिस्तान के बीच कोई भी तनाव हो तो पाकिस्तान के गुस्से का पहला शिकार समझौता एक्सप्रेस ही बनती है.

पाकिस्तान के गुस्से का पहला शिकार समझौता एक्सप्रेस ही बनती है

समझौता एक्सप्रेस भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन है. भारत में यह ट्रेन दिल्ली से बिना कहीं रुके सीधा पंजाब के अटारी जाती है. और फिर अटारी से BSF जवानों की निगरानी में ये वाघा बॉर्डर तक तीन किलोमीटर की सीमा पार करती है. और सीमा पार करने के बाद यह ट्रेन पा‌किस्तान के लाहौर जाती है.

शुरुआत में इस ट्रेन को रोज चलाया जाता था. लेकिन साल 1994 से हफ्ते में दो दिन ही चलती है. भारत से बुधवार व रविवार को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से रात 11.10 बजे निकलती है. ट्रेन में 6 स्लीपर और एक 3rd AC कोच है.

भारत पाकिस्तान के अलग होने पर कई परिवारों के लोग दो देशों में बंट गए थे. ऐसे में त्योहार या खास मौकों पर लोग सीमा पार जाते हैं. साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच जो व्यापार होता है उसमें भी ये ट्रेन मदद करती है.

लेकिन समझौता एक्सप्रेस में 2007 में हुए धमाके के बाद दोनों दोशों को जोड़ने वाली इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में POK में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इस ट्रेन में सफर करने वालों की संख्या में गिरावट आई. जहां ये ट्रेन करीब 1000 लोगों से पूरी भरी होती थी, वहीं एक दिन में मुश्किल से 100 पैसेजर इस ट्रेन से सफर करते हैं. और इसीलिए अब ट्रेन में 15 नहीं केवल 7 कोच ही रह गए हैं.

भारतीय फिल्में और सीरियल बैन

समझौता एक्सप्रेस के बाद पाकिस्तान ने फैसला किया है कि वहीं कोई भी भारतीय फिल्म नहीं दिखाई जाएगी. और ये ऐलान करते वकेत तेवर ऐसे थे जैसे पाकिस्तान में भारतीय फिल्में नहीं चलेंगी तो बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री बंद हो जाएगी.

उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय फिल्मइंडस्ट्री ने पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगा दिया था. उसके जवाब में पाकिस्तान ने भी वहां भारतीय फिल्मों पर रोक लगा दी थी. और ऐसा करने के तीन महीने बाद ही सिनेमाघरों में आने वाले लोगों की संख्या 11 प्रतिशत तक गिर गई थी.

भारतीय फिल्में पाकिस्तान में बहुत पसंद की जाती रही हैं. और ये दिलीप कुमार के जमाने से बदस्तूर जारी है. शाहरुख खान तो वहां के चहेते सितारे हैं. पाकिस्तान में फिल्में तो बनती हैं लेकिन हिंदी फिल्मों की तरह चलती नहीं. पाकिस्तान ने 2016 में बैन तो लागाया साथ ही थिएटर्स की संख्या भी बढ़ाई. 2013 में पाकिस्तान में 30 स्क्रीन ही थीं जो 2017 तक 100 पहुंच गई. लेकिन ये थिएटर दर्शकों को नहीं खींच सके जो कि हिंदी फिल्में खींचा करती थीं. कुछ ही समय बाद उन्हें ये बैन हटाना पड़ा.

इस वक्त पाकिस्तान में करीब 120 सिनेमा हॉल हैं. और इसमें कोई शक नहीं कि अपने बॉक्स ऑफिस को बचाने के लिए पाकिस्तान को हमेशा से भारतीय फिल्मों की जरूरत रही है. क्योंकि पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री को करीब 70 प्रतिशत रेवेन्यु भारतीय फिल्मों से ही मिलता है.

फरवरी में पुलवामा हमले के बाद भी भारतीय फिल्मों पर बैन लगा था. 3 महीने बाद पाकिस्तान के थिएटर फिर खाली हो गए थे. थिएटर मालिकों को लोगों को नौकरी तक से निकालना पड़ा था.

एक बार फिर पाकिस्तान ने फिल्मों पर बैन लगाया है. या ये कहें कि खुद अपने पैरों पर कुलहाड़ी मारी है. पाकिस्तान जवाब देता है इस अंदाज में कि वो भारत से व्यापार न करके भारत को नुक्सान पहुंचाएगा. जबकि हकीकत ये है कि पाकिस्तान के बस का कुछ नहीं है. भारतीय फिल्मों पर बैन पाकिस्तान के लिए ही घाटे का सौदा है इसीलिए वो जोश में आकर बैन तो लगा देता है लेकिन बार बार उसे बैन हटाना पड़ता है.

व्यापार बंद करने से नुक्सान में सिर्फ पाक्सितान रहेगा

भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों की बात करें तो भारत से व्यापार बंद करके नुक्सान में सिर्फ पाकिस्तान ही रहने वाला है. वजह बहुत साफ है- पाकिस्तान भारत के बिजनेस पार्टनरों सूची में काफी नीचे है, यानी 48वें स्थान पर.

2018-19 में, भारत-पाक व्यापार भारत के कुल व्यापार का मुश्किल से 0.1 प्रतिशत था. 2018-19 में पाकिस्तान को भारत का निर्यात $2.06 बिलियन था, जबकि आयात केवल $0.49 बिलियन. भारत पाकिस्तान से खनिज ईंधन, फल, नमक, सल्फर, चूना पत्थर, अयस्क, स्लैग, रॉहाइड, चमड़ा, आदि वस्तुएं आयात करता है और कपास, जैविक रसायन, प्लास्टिक, पेंट और मशीनरी को निर्यात करता है. जबकि अमेरिका और चीन जैसे देशों के साथ भारत के व्यापार की तुलना की जाए तो पाकिस्तान के साथ व्यापार नगण्य हो जात है. 2018-19 में अमेरिका के साथ भारत का व्यापार $87.96 बिलियन के उच्चतम स्तर था, जबकि चीन के साथ 87.07 बिलियन डॉलर था. भारत निर्यात और आयात दोनों के लिए इन्हीं दोनों देशों पर अधिक निर्भर करता है.

2018-19 में $330.08 बिलियन के कुल निर्यात में से, पाकिस्तान के साथ भारत का व्यापार केवल 0.6 प्रतिशत है. भारत का आयात, जो 2018-19 में $514.08 बिलियन था, वर्ष में कुल व्यापार का 0.1 प्रतिशत था.

पाकिस्तान की तरफ से ये फैसला तब आया है जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूबी हुई है और वो खुद चीन, सऊदी अरब और यूएई के रहमो करम पर चल रहे हैं. वो बहुत गर्व से कहते हैं कि अब वो भारत को नमक नहीं देंगे, जैसे हम पाकिस्तान के नमक पर ही जिंदा हैं. पाकिस्तान ऐसा कहकर सिर्फ अपनी ईगो सेटिस्फाई करता है. भारत से कूटनीतिक और सांस्कृतिक रिश्तों को डाउनग्रेड करने के लिए लिए गए ये फैसले सिर्फ पाकिस्तान की बौखलाहट दिखाते हैं. जबकि कर्ज में डूबे पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था संभालने के लिए प्रयास करने चाहिए. भारत का तो न वो पहले कुछ बिगाड़ पाया और न अब कुछ बिगाड़ पाएगा.

ये भी पढ़ें-

एक हिन्दू को पाक में मारते कठमुल्ला !

पाक के मानवाधिकारवादियों को कौन बचाएगा !

आखिर क्यों अहमदिया मुसलमानों के खून का प्यासा है पाकिस्तान ?

 



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲