• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

1948 से कल तक: पाकिस्‍तान जब भी पकड़ा गया, मुकर गया

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 04 अगस्त, 2019 05:28 PM
  • 04 अगस्त, 2019 05:28 PM
offline
भारतीय सेना ने भले ही एलओसी पर आतंकियों को मार गिराया है, लेकिन पाकिस्तान को प्रस्ताव भेजा है कि वह सफेद झंडे के साथ आकर अपनी सेना के जवानों के शव ले जाए. हालांकि, पाकिस्तान पकड़े जाने पर एक बार फिर मुकर गया है.

पिछले कुछ दिनों से कश्मीर को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं. इन चर्चाओं की सबसे बड़ी वजह है करीब 38 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती. तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार का कहना है कि ये सब नागरिकों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है. भले ही कुछ दिन पहले तक इस बात पर यकीन करना मुश्किल था, लेकिन अब नहीं है. हाल ही में जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) के 5-7 कमांडो या यूं कहें कि आतंकियों को मार गिराया है. किसी देश के कमांडो घुसपैठ नहीं करते हैं, ये काम आतंकियों का ही है. और अगर कमांडो ऐसा काम करते हैं तो उन्हें आतंकी समतुल्य ही माना जाना चाहिए. अब साफ हो गया है कि कश्मीर पर संकट है, जिससे निपटने के लिए अधिक सेना की जरूरत है.

भारतीय सेना ने भले ही एलओसी पर इन आतंकियों को मार गिराया है, लेकिन फिर भी अपनी दरियादिली दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. भारत ने पाकिस्तान को एक प्रस्ताव भेजते हुए कहा है कि वह सफेद झंडे के साथ आकर अपनी सेना के जवानों के शव ले जा सकते हैं, ताकि उनके घरवाले जवानों का अंतिम संस्कार कर सकें. आपको बता दें कि कई मौकों पर पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम ने भारतीय सेना के जवानों के शव के साथ बर्बरता की है, लेकिन बावजूद इसके भारतीय सेना के जवान बर्बरता तो दूर की बात उल्टा शव वापस ले जाने का प्रस्ताव दे रही है.

पाकिस्तान ने अपनी ही सेना के जवानों को पहचानने से इनकार कर दिया है.

भारत की इतनी दरियादिली के बावजूद पाकिस्तान ने अपना दोगलापन दिखा दिया है. वही दोगलापन जो वह हर बार दिखाता है, जब भी पकड़ा जाता है. पाकिस्तान ने अपनी ही सेना के जवानों को पहचानने से इनकार कर दिया है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया है- 'भारत द्वारा पाकिस्तान पर...

पिछले कुछ दिनों से कश्मीर को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं. इन चर्चाओं की सबसे बड़ी वजह है करीब 38 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती. तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार का कहना है कि ये सब नागरिकों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है. भले ही कुछ दिन पहले तक इस बात पर यकीन करना मुश्किल था, लेकिन अब नहीं है. हाल ही में जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) के 5-7 कमांडो या यूं कहें कि आतंकियों को मार गिराया है. किसी देश के कमांडो घुसपैठ नहीं करते हैं, ये काम आतंकियों का ही है. और अगर कमांडो ऐसा काम करते हैं तो उन्हें आतंकी समतुल्य ही माना जाना चाहिए. अब साफ हो गया है कि कश्मीर पर संकट है, जिससे निपटने के लिए अधिक सेना की जरूरत है.

भारतीय सेना ने भले ही एलओसी पर इन आतंकियों को मार गिराया है, लेकिन फिर भी अपनी दरियादिली दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. भारत ने पाकिस्तान को एक प्रस्ताव भेजते हुए कहा है कि वह सफेद झंडे के साथ आकर अपनी सेना के जवानों के शव ले जा सकते हैं, ताकि उनके घरवाले जवानों का अंतिम संस्कार कर सकें. आपको बता दें कि कई मौकों पर पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम ने भारतीय सेना के जवानों के शव के साथ बर्बरता की है, लेकिन बावजूद इसके भारतीय सेना के जवान बर्बरता तो दूर की बात उल्टा शव वापस ले जाने का प्रस्ताव दे रही है.

पाकिस्तान ने अपनी ही सेना के जवानों को पहचानने से इनकार कर दिया है.

भारत की इतनी दरियादिली के बावजूद पाकिस्तान ने अपना दोगलापन दिखा दिया है. वही दोगलापन जो वह हर बार दिखाता है, जब भी पकड़ा जाता है. पाकिस्तान ने अपनी ही सेना के जवानों को पहचानने से इनकार कर दिया है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया है- 'भारत द्वारा पाकिस्तान पर एलओसी पार करने के आरोप बेबुनियाद हैं और पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम के जवानों के शव होने की बात सिर्फ एक प्रोपेगेंडा है. ये झूठ और भारतीय सेना का ड्रामा सिर्फ इसलिए हो रहा है, ताकि दुनिया का ध्यान इस बात से हटाया जा सके कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सेना की तैनाती अचानक बढ़ा दी है.'

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने पूरी घटना को भारत का प्रोपेगेंडा करार दिया है.

हर बार पाकिस्तान अपनी गलती मानने से इनकार करता ही रहा है. इस बार तो तस्वीरों के जरिए भारतीय सेना ने सबूत तक पेश किए हैं, लेकिन पाकिस्तान अभी भी मुकर रहा है. वैसे यही पाकिस्तान की फितरत भी है. 1948 से कल तक, हर बार पाकिस्तान मुकरता ही रहा है. भले ही बात करगिल की हो या बालाकोट की. आइए जानते हैं कब-कब पाकिस्तान पकड़े जाने पर मुकर गया.

जब कश्मीर में किया हमला, बताया कबाइली

ये बात है 1948 की, आजादी के ठीक बाद. भारत और पाकिस्तान दो अलग देश बन चुके थे, लेकिन जम्मू-कश्मीर की रियासत के राजा हरि सिंह ने किसी भी देश के साथ मिलने के बजाय आजाद जम्मू-कश्मीर में रहना चाहा. मौका का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया. आखिरकार हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी और जम्मू-कश्मीर को भारत में विलय करने के कागज़ात पर हस्ताक्षर कर दिए. भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर से कबाइलियों के भेष में घुसे पाकिस्तानी सैनिकों को भगेड़ने की कोशिशें शुरू कर दीं. काफी वक्त गुजरने के बाद युद्ध विराम की घोषणा हुई और कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया. तब से लेकर आज तक कश्मीर के लिए दोनों देशों के बीच तनाव बना रहता है. हालांकि, 1948 के उस हमले के बाद पाकिस्तान ने साफ कहा था कि उसकी सेना ने कोई हमला नहीं किया, ये हमला तो कबाइलियों का था. भले ही हमलावरों ने पाकिस्तानी सेना की वर्दी नहीं पहन रखी थी, लेकिन उसके अधिकारी और जवान भीड़ में शामिल थे. हथियार भी पाकिस्तानी सेना ने ही मुहैया कराए थे.

करगिल में मुजाहिदीन का कंधा किया इस्तेमाल

1999 का करगिल युद्ध तो सभी को याद ही है. मई से लेकर जुलाई तक चले इस युद्ध में पहले तो पाकिस्तान ने भारत के अंदर घुसकर करगिल पर कब्जा कर लिया था, लेकिन फिर भारतीय सेना ने उन्हें खदेड़ते हुए देश से बाहर कर दिया. पाकिस्तानी सेना ने करगिल पर हमला कर के जो कायराना हरकत की थी, उससे उसकी पूरी दुनिया में किरकिरी हुई. लेकिन पाकिस्तान ने वहां भी अपना दोगलापन दिखाया और कहा कि ये सब मुजाहिदीनों ने किया था, ना कि पाकिस्तानी सेना ने. दरअसल, पाकिस्तान की योजना थी कि करीब 200 घुसपैठियों को भारत में भेजकर लगभग 10-12 पोस्ट पर कब्जा कर लिया जाए. मुजाहिदीनों या आतंकियों के ट्रेनिंग उच्च स्तर की नहीं होती है, इसलिए पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने सेना के ही जवानों को मुजाहिदीनों की शक्ल में करगिल भेजा था. करगिल पहुंचने के बाद घुसपैठियों ने अपने आकाओं से मदद मांगना शुरू किया और फिर भारत की करीब 140 पोस्ट पर कब्जा कर लिया. हालांकि, भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 तक उन्हें भारत से बाहर खदेड़ दिया था.

बालाकोट में छुपाए रखा एफ-16 विमान

इसी साल 26 फरवरी को भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट पर हमला किया था और आतंकी कैंप तबाह किया था. ये हमला 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए किया गया था. बालाकोट पर हमले से पाकिस्तान ऐसा तिलमिलाया कि उसने 27 फरवरी को भारतीय सीमा में अपने विमान भेज दिए और कुछ मिलिस्ट्री ठिकानों पर हमला किया. इसी दौरान अभिनंदन वर्धमान के साथ डॉग फाइट भी हुई. इस फाइट में पाकिस्तान की तरफ से आया एक एफ-16 मार गिराया गया था, जो पाकिस्तानी सीमा में गिरा था. पाकिस्तान ने आखिरी दम तक उस एफ-16 को मार गिराने की बात को छुपाए रखा. और हां, बालाकोट में आतंकी कैंप चलने की बात को तो वह लगातार भारत का झूठ कहता रहा, लेकिन बालाकोट हमले के बाद करीब डेढ़ महीने तक दुनिया भर के मीडिया को वहां जाने की इजाजत नहीं दी. अगर इजाजत दे दी होती तो सच सामने आ जाता.

पाकिस्तान हमेशा से जो दोगलापन करता रहा है, वही अब फिर से कर रहा है. भारतीय सेना कह कही है कि अपने जवानों के शव ले जाओ, लेकिन एलओसी पर पड़े उन शवों को पाकिस्तान पहचानने से भी इनकार कर रहा है. भले ही भारत के लिए वो सभी घुसपैठिए आतंकी थे, लेकिन पाकिस्तान के लिए तो वह उनके शहीद जवान हैं, लेकिन अपने शहीदों को न अपनाकर पाकिस्तान ने बेहद कायराना हरकत की है. भारतीय सेना के जवानों के साथ तो पाकिस्तान बर्बरता करता ही है, अपने खुद के जवानों को भी उनसे नहीं बख्शा है.

ये भी पढ़ें-

कश्मीर तो निमित्त मात्र है, मोदी सरकार के फोकस पर Pakistan है

कश्मीरी नेताओं की धड़कन बढ़ी हुई है तो वह बेवजह नहीं है

कश्मीर चुनाव से पहले आतंक के निर्णायक खात्मे में जुटी मोदी सरकार


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲