• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

Bihar Election से पहले नीतीश कुमार ने लालू परिवार में सेंध लगा दी!

    • आईचौक
    • Updated: 21 अगस्त, 2020 12:45 PM
  • 21 अगस्त, 2020 12:45 PM
offline
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की राजनीतिक चालें तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही थीं, लेकिन चंद्रिका यादव (Chandrika Rai and Aishwarya) का जेडीयू ज्वाइन कर लेना बड़ा झटका है - बिहार में जिस तरह की चुनावी रणनीतियों के संकेत मिल रहे हैं तेजस्वी की राह कठिन होती जा रही है.

सुशांत सिंह राजपूत केस में CBI जांच का रास्ता खोल कर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने तेजस्वी यादव से मुद्दा झटक लिया है, फिर एक के बाद एक लगातार झटके देते जा रहे हैं. चंद्रिका राय (Chandrika Rai and Aishwarya) को जेडीयू में लाकर नीतीश कुमार ने लालू यादव को जो झटका दिया है उससे उबर पाना तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के लिए अकेले काफी मुश्किल होने वाला है.

तेजस्वी यादव के लिए जीतनराम माझी का महागठबंधन छोड़ कर जाना कोई अच्छी बात तो नहीं है, लेकिन चंद्रिका राय का जेडीयू ज्वाइन कर लेना बहुत बड़ा नुकसान है - और वो इसलिए भी क्योंकि वो तेजस्वी यादव की चुनावी घेरेबंदी में मुख्य भूमिका निभाने की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं.

लालू प्रसाद की गैरहाजिरी में नीतीश कुमार न सिर्फ आरजेडी को खोखला करते जा रहे हैं, तेजस्वी यादव को चारों तरफ से घेरते जा रहे हैं - और तेजस्वी को लेकर कहते हैं जिसके पास कोई काम नहीं होता वो ट्वीट करता है.

लालू परिवार के लिए धीरे धीरे नीतीश कुमार हद से ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं और ऐसा भी नहीं है कि तेजस्वी यादव ऐसी बातों से बेखबर हैं, लेकिन नीतीश कुमार के सामने उनका वैसा ही हाल हो रहा है जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का. वैसे भी दोनों एक ही तरीके की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए जूझ रहे हैं.

चंद्रिका राय ने तेजस्वी को राजनीतिक जवाब दिया है

जंग कोई भी हो, किसी करीबी के विरोधी के पाले में चले जाने से ज्यादा खतरनाक कुछ और नहीं होता - बिहार चुनाव के ऐन पहले लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय का नीतीश कुमार को नेता मान लेना बिलकुल वैसा ही है. साथ ही, चंद्रिका राय का बेटी ऐश्वर्या के चुनावी इरादे की तरफ इशारा करना इसे और भी खतरनाक बना रहा है.

अव्वल तो चंद्रिका राय ने सीधे सीधे ऐसी कोई बात नहीं कही है कि उनकी बेटी ऐश्वर्या चुनाव लड़ने ही जा रही हैं, लेकिन सवालों के जवाब में जो संकेत दिया है उससे तो ये अंदाजा लगाना भी मुश्किल नहीं हो रहा है कि उनकी...

सुशांत सिंह राजपूत केस में CBI जांच का रास्ता खोल कर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने तेजस्वी यादव से मुद्दा झटक लिया है, फिर एक के बाद एक लगातार झटके देते जा रहे हैं. चंद्रिका राय (Chandrika Rai and Aishwarya) को जेडीयू में लाकर नीतीश कुमार ने लालू यादव को जो झटका दिया है उससे उबर पाना तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के लिए अकेले काफी मुश्किल होने वाला है.

तेजस्वी यादव के लिए जीतनराम माझी का महागठबंधन छोड़ कर जाना कोई अच्छी बात तो नहीं है, लेकिन चंद्रिका राय का जेडीयू ज्वाइन कर लेना बहुत बड़ा नुकसान है - और वो इसलिए भी क्योंकि वो तेजस्वी यादव की चुनावी घेरेबंदी में मुख्य भूमिका निभाने की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं.

लालू प्रसाद की गैरहाजिरी में नीतीश कुमार न सिर्फ आरजेडी को खोखला करते जा रहे हैं, तेजस्वी यादव को चारों तरफ से घेरते जा रहे हैं - और तेजस्वी को लेकर कहते हैं जिसके पास कोई काम नहीं होता वो ट्वीट करता है.

लालू परिवार के लिए धीरे धीरे नीतीश कुमार हद से ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं और ऐसा भी नहीं है कि तेजस्वी यादव ऐसी बातों से बेखबर हैं, लेकिन नीतीश कुमार के सामने उनका वैसा ही हाल हो रहा है जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का. वैसे भी दोनों एक ही तरीके की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए जूझ रहे हैं.

चंद्रिका राय ने तेजस्वी को राजनीतिक जवाब दिया है

जंग कोई भी हो, किसी करीबी के विरोधी के पाले में चले जाने से ज्यादा खतरनाक कुछ और नहीं होता - बिहार चुनाव के ऐन पहले लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय का नीतीश कुमार को नेता मान लेना बिलकुल वैसा ही है. साथ ही, चंद्रिका राय का बेटी ऐश्वर्या के चुनावी इरादे की तरफ इशारा करना इसे और भी खतरनाक बना रहा है.

अव्वल तो चंद्रिका राय ने सीधे सीधे ऐसी कोई बात नहीं कही है कि उनकी बेटी ऐश्वर्या चुनाव लड़ने ही जा रही हैं, लेकिन सवालों के जवाब में जो संकेत दिया है उससे तो ये अंदाजा लगाना भी मुश्किल नहीं हो रहा है कि उनकी विधानसभा सीट कौन सी होगी?

नीतीश कुमार मे लालू प्रसाद से तुरुप का पत्ता झटक लिया है

लालू यादव और चंद्रिका राय के बीच बदले की लड़ाई तो उसी दिन शुरू हो गयी थी जिस दिन ऐश्वर्या ससुराल छोड़ कर मायके शिफ्ट हो गयीं. ऐश्वर्या का लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के साथ तलाक का मुकदमा चल रहा है. चंद्रिका राय ने लालू परिवार के राजनीतिक विरोधी नीतीश कुमार से हाथ मिलाकर एक तरीके से बदले का राजनीतिक ऐलान कर दिया है. चंद्रिका यादव से पहले तेजस्वी यादव ने ही दबाव की राजनीति शुरू की थी - और ये उसी का प्रतिक्रियात्मक जवाब है. तेजस्वी यादव ने चंद्रिका राय को चुनौती देने के लिए उनके ही परिवार की डॉक्टर करिश्मा राय को हथियार के तौर पर इस्तेमा करने का संकेत दिया था. चंद्रिका राय के बड़े भाई विधानचंद राय की बेटी करिश्मा राय पहले ही आरजेडी ज्वाइन कर चुकी हैं और माना जाता है कि वो आने वाले चुनाव में चंद्रिका यादव को चैलेंज कर सकती हैं. करिश्मा का अपने इलाके के लोगों से लगातार मिलना जुलना चुनाव की तैयारियों से जोड़ कर ही देखा जा रहा है. चंद्रिका राय की नयी राजनीतिक राजनीतिक राह को तेजस्वी के इस कदम का काउंटर भी माना जा सकता है.

करिश्मा राय की ही तरह तेजस्वी यादव श्याम रजक की आरजेडी में वापसी कराकर भी इतरा रहे होंगे, लेकिन मालूम होना चाहिये कि नीतीश कुमार ने हाल फिलहाल आरजेडी के जिन छह विधायकों को हथिया लिया है उनमें दो यादव हैं और एक मुस्लिम - यानी नीतीश कुमार अब लालू प्रसाद के सबसे कारगर और कामयाब चुनावी नुस्खे MY फैक्टर पर भी हाथ डाल दिया है. मालूम नहीं तेजस्वी यादव अपने खिलाफ ऐसी राजनीतिक चालों से वाकिफ हैं भी या नहीं?

तेजस्वी को घेरने की बड़ी तैयारी है

चंद्रिका राय ने पूछे गये सवाल का सीधा जवाब तो नहीं दिया लेकिन नया सवाल पूछ कर तस्वीर जरूर साफ कर दी. चंद्रिका राय पूछा कि दोनों भाई कहां से चुनाव लड़ेंगे - ये जानकारी हो तो बता दीजिये. फिर बोले, सुना है दोनों भाई सुरक्षित सीट तलाश रहे हैं. तेजस्वी यादव फिलहाल बिहार की राघोपुर विधानसभा से और तेज प्रताप यादव महुआ सीट से विधायक हैं.

चंद्रिका राय के इस सवालिया जवाब के बाद कयास तो यही लगाये जा रहे हैं कि ऐश्वर्या राय चुनाव में महुआ विधानसभा सीट पर तेज प्रताप यादव को चैलेंज कर सकती हैं. बताते हैं कि तेजस्वी यादव को भी अब तक ऐसा ही लग रहा है और वो चाहते भी यही हैं. आरजेडी सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक तेज प्रताप अगले विधानसभा का चुनाव लड़ने से कहीं ज्यादा एमएलसी बनने या राज्य सभा जाने में दिलचस्पी दिखा रहे थे, लेकिन तेजस्वी ने उनको मना लिया - और रणनीति यही है कि अगर जेडीयू की तरफ से ऐश्वर्या को चुनाव मैदान में उतारा जाता है तो तेज प्रताप बाकायदा मुकाबला भी करें.

पटना में सत्ता के गलियारों हर हरकत पर नजर रखने वाले लोगों को ऐसा बिलकुल नहीं लगता. दलील भी बड़ी दमदार दी जा रही है. ऐश्वर्या जैसा मोहरा जिसके हाथ लगा हो वो उसका इस्तेमाल तेज प्रताप को हराने में क्यों करेगा भला? सही भी है, जेडीयू के हिसाब से देखा जाये तो जो फायदा दोनों को एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ाकर नहीं मिलने वाला वो तो चुनाव लड़ने की चर्चाओं से ही हासिल हो जाएगा.

नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति का चाणक्य यूं ही तो कहा नहीं जाता है. अगर तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार की संभावित राजनीतिक चालों का अंदाजा लगाते हुए रणनीति तैयार कर सकते हैं तो जेडीयू नेता तो चार कदम आगे ही सोचेंगे. यही वजह है कि ऐश्वर्या के लिए विधानसभा चुनाव जीतने से बड़े रोल वाली स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है.

दरअसल, नीतीश कुमार की कुमार की कोशिश इस बार चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री बनना भर नहीं है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना जरूरी है. अगर नीतीश कुमार ऐसा कर पाते हैं तो बीजेपी पर दबदबा कायम रखने में सफल रहेंगे. बीजेपी भी नीतीश कुमार को एनडीए का नेता घोषित करने के साथ साथ उनकी जीत पक्की करना इसलिए भी चाहती है ताकि बिहार के राजनीतिक पटल पर आरजेडी का हाल भी वैसा ही हो जाये जैसा राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का है - और जब ऐसा हो जाएगा तो पटना में भी वैसा ही राजनीतिक हंसी मजाक होता रहेगा जैसा राहुल गांधी को लेकर बीजेपी दिल्ली नेता दिल्ली में करते रहते हैं.

असल में नीतीश और उनकी टीम की दिलचस्पी तेजस्वी यादव को चुनाव हराने से ज्यादा उनको उनके चुनाव क्षेत्र में घेर कर फंसा देने में है. अगर तेजस्वी यादव को अपनी जीत सुनिश्चित करना मुश्किल लगेगा तो वो अपने विधानसभा क्षेत्र तक सीमित हो जाएंगे. चूंकि आरजेडी में तेजस्वी यादव से बड़ा स्टार प्रचारक कोई और है नहीं, इसलिए उनके किसी इलाके विशेष में सीमित हो जाने का सीधा असर आरजेडी के चुनावी प्रदर्शन पर तो पड़ना लाजिमी ही है.

फिर तो ये मान कर चलना चाहिये कि आने वाले चुनाव में तेज प्रताप यादव के सामने नहीं बल्कि ऐश्वर्या राय, तेजस्वी यादव के खिलाफ उतारी जा सकती हैं!

ध्यान दीजिये चंद्रिका राय ने दोनों भाइयों के चुनाव क्षेत्र को लेकर जो सवाल पूछा है वो भी ऐश्वर्या को लेकर जेडीयू के बड़े प्लान की तरफ ही इशारा करता है - और तेजस्वी यादव के मुकाबले तेज प्रताप यादव को छोटा प्लान ही हैं.

कोई भी इमारत एक एक ईंट जोड़ कर ही बनायी जाती है - और लालू प्रसाद ने भी राष्ट्रीय जनता दल को ऐसे ही खड़ा किया होगा, लेकिन जैसे जैसे चुनाव की घड़ी नजदीक आ रही है वे ईंटें एक एक करके दरकने लगी हैं - और तेजस्वी यादव के लिए रोक पाना मुश्किल होता जा रहा है.

इन्हें भी पढ़ें :

Sushant case की जांच CBI के हवाले होते ही बिहार और महाराष्ट्र में सियासी भूचाल!

Nitish Kumar की लोकप्रियता में आई कमी चिंता कारण है भी, नहीं भी

बिहार जंगलराज पर तेजस्वी यादव की माफी बैकफायर कर जाएगी


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲