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तू सेर तो मैं सवा सेर... पंजाब में हार के बाद सिद्धू का रवैया दिलचस्प है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 12 मार्च, 2022 10:40 PM
  • 12 मार्च, 2022 10:40 PM
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पंजाब में मिली शर्मनाक हार के बाद पंजाब कांग्रेस की भीतरी अंतर्कलह अब जाहिर हो गयी है. हार का सारा ठीकरा पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सिर फोड़ा जा रहा है. सिद्धू पार्टी के सीनियर नेताओं के निशाने पर हैं और उनपर तमाम तरह के गंभीर आरोप लगने शुरू हो गए हैं.

भले ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अलग-अलग मौकों पर तमाम तरह की बातें की हों. यूपी के लिहाज से पहले ही ये स्पष्ट था कि कांग्रेस कुछ बड़ा नहीं कर पाएगी. चूंकि पंजाब में कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी इसलिए एक्सपर्ट्स की तरफ से कहा गया कि अगर कांग्रेस को कहीं जश्न मनाने का मौका मिलेगा तो वो पंजाब ही होगा. मगर जिस तरह कांग्रेस ने पंजाब में अपना किला गंवाया, पूरा देश हैरत में है. राहुल गांधी का नेतृत्व पुनः सवालों के घेरे में है. हो भी क्यों न जब वजह नवजोत सिंह सिद्धू हों, ध्यान रहे पंजाब में मिली शर्मनाक हार के बाद पंजाब कांग्रेस की भीतरी अंतर्कलह अब जाहिर हो गयी है. हार का सारा ठीकरा पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सिर फोड़ा जा रहा है. सिद्धू पार्टी के सीनियर नेताओं के निशाने पर हैं और उनपर तमाम तरह के गंभीर आरोप लगने शुरू हो गए हैं. चूंकि सिद्धू का शुमार कांग्रेस के बड़बोले और तेज तर्रार नेताओं में है उन्होंने भी मोर्चा संभाल लिया है. तू सेर तो मैं सवा सेर की तर्ज पर सिद्धू ने न केवल अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब दिए हैं बल्कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी आड़े हाथों लिया है.

पंजाब में कांग्रेस की हार के बाद सारी गाज नवजोत सिंह सिद्धू के ऊपर गिरी है

ज्ञात हो कि सिद्धू ने अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और हार का सामना किया. ऐसे में सिद्धू का ये कहना कि, ' जो लोग मुझे नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे थे. देखो वो सभी मुख्यमंत्री रह चुके लोग अब खुद ही नीचे हो गए हैं और कुएं में गिर गए'. बेशर्मी की पराकाष्ठा से ज्यादा कुछ नहीं है.

अपनी हार और उसके कारणों पर बात न करते हुए जिस तरह सिद्धू इधर उधर की बातें कर रहे हैं महसूस यही हो रहा है कि उनको पहले ही इस बात का अंदाजा हो गया था कि...

भले ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अलग-अलग मौकों पर तमाम तरह की बातें की हों. यूपी के लिहाज से पहले ही ये स्पष्ट था कि कांग्रेस कुछ बड़ा नहीं कर पाएगी. चूंकि पंजाब में कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी इसलिए एक्सपर्ट्स की तरफ से कहा गया कि अगर कांग्रेस को कहीं जश्न मनाने का मौका मिलेगा तो वो पंजाब ही होगा. मगर जिस तरह कांग्रेस ने पंजाब में अपना किला गंवाया, पूरा देश हैरत में है. राहुल गांधी का नेतृत्व पुनः सवालों के घेरे में है. हो भी क्यों न जब वजह नवजोत सिंह सिद्धू हों, ध्यान रहे पंजाब में मिली शर्मनाक हार के बाद पंजाब कांग्रेस की भीतरी अंतर्कलह अब जाहिर हो गयी है. हार का सारा ठीकरा पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सिर फोड़ा जा रहा है. सिद्धू पार्टी के सीनियर नेताओं के निशाने पर हैं और उनपर तमाम तरह के गंभीर आरोप लगने शुरू हो गए हैं. चूंकि सिद्धू का शुमार कांग्रेस के बड़बोले और तेज तर्रार नेताओं में है उन्होंने भी मोर्चा संभाल लिया है. तू सेर तो मैं सवा सेर की तर्ज पर सिद्धू ने न केवल अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब दिए हैं बल्कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी आड़े हाथों लिया है.

पंजाब में कांग्रेस की हार के बाद सारी गाज नवजोत सिंह सिद्धू के ऊपर गिरी है

ज्ञात हो कि सिद्धू ने अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और हार का सामना किया. ऐसे में सिद्धू का ये कहना कि, ' जो लोग मुझे नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे थे. देखो वो सभी मुख्यमंत्री रह चुके लोग अब खुद ही नीचे हो गए हैं और कुएं में गिर गए'. बेशर्मी की पराकाष्ठा से ज्यादा कुछ नहीं है.

अपनी हार और उसके कारणों पर बात न करते हुए जिस तरह सिद्धू इधर उधर की बातें कर रहे हैं महसूस यही हो रहा है कि उनको पहले ही इस बात का अंदाजा हो गया था कि पंजाब की जनता उनको और कांग्रेस पार्टी को लेकर क्या सोच रखती है.

जनता को बधाई देना कांग्रेस के लिए जले पर नमक

पंजाब की राजनीति पर पकड़ रखने वाले तमाम लोगों ने पहले ही इस बात को कहा था कि जैसा स्वाभाव सिद्धू का है उनको समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, तस्दीख खुद नवजोत सिंह सिद्धू ने की है. जिस तरह सिद्धू ने पंजाब की जनता को बधाई दी है वो यकीनन कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के लिए जले पर जले पर नमक है.

सिद्धू ने पंजाब की जनता को बधाई दी है और कहा है कि जनता ने रिवायती राजनीति और पार्टियों को छोड़कर पंजाब में एक नए ऑप्शन को चुना. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि पंजाब की राजनीति बदलाव की थी इसलिए मैं पंजाब के लोगों को बधाई देता हूं कि उन्होंने बढ़िया निर्णय लिया.

पंजाब में सिद्धू की बदौलत कांग्रेस पार्टी न घर की रही न घाट की हुई इसपर सिद्धू के बिगड़े बोल और आरोप प्रत्यारोप. बवाल होना ही था. पंजाब में कांग्रेस के बड़े नेता सिद्धू को 'बेलगाम घोड़ा तो बता रही रहे हैं साथ ही ये भी कह रहे हैं कि सिद्धू ने पंजाब में कांग्रेस को न केवल बर्बाद किया और छोड़ा बल्कि उसकी राज राजनीतिक हत्या भी कर दी है.

अब जबकि पंजाब में कांग्रेस कहीं की न रही इसलिए बातें होनी लाजमी थीं. पार्टी से जुड़े लोग तो ये तक कह रहे हैं कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बहुत पहले ही चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस पार्टी की सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करने पर सिद्धू को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए था.

जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं पंजाब की हार का जिम्मेदार नवजोत सिंह सिद्धू को ठहराया जा रहा है और उनपर चौतरफा हमला हो रहा है रहा है. सिद्धू को लेकर तमाम तरह की बातें राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने की हैं.

सिद्धू पर अपने मन की बात करते हुए रंधावा ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू के डीएनए में ही कांग्रेस नहीं है. उन्हें कांग्रेस का कल्चर नहीं पता. जब उन्होंने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कामकाज और अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करने शुरू किए थे तभी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को उन्हें कांग्रेस से बाहर कर देना चाहिए था.

रंधावा ने कांग्रेस को बड़ा सबक देते हुए ये भी कहा कि उसे बीजेपी से सीख लेनी चाहिए कि वो बाहर से दूसरी पार्टियां छोड़कर बीजेपी में आने वालों को मंत्री, विधायक या सांसद तो भले ही बना दें लेकिन संगठन में पुराने बीजेपी नेताओं को ही जगह दें. लेकिन यहां कांग्रेस ने तो नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बनाकर पूरी थाली परोस कर रख दी और उन्होंने अपनी बयानबाजी से कांग्रेस का पॉलिटिकली मर्डर कर दिया और कांग्रेस को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया.

वहीं पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा ने भी सिद्धू पर बड़ा हमला बोला है. बाजवा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू जो हमारे अध्यक्ष हैं, वो एक बेलगाम घोड़े हैं. ना तो वो किसी के साथ चल सकते हैं ना किसी को अपने साथ रख सकते हैं. वो खुद को वन मैन आर्मी ही समझते हैं.

बहरहाल जिस तरह एक के बाद पंजाब कांग्रेस के लोग अपनी गलतियों को नवजोत सिंह सिद्धू पर लाद रहे हैं. और जैसे सिद्धू अपनी सफाई देकर न केवल अपनी बल्कि पार्टी की किरकिरी करा रहे हैं. वो दिन दूर नहीं जब ये खबर आए कि सिद्धू ने तंग आकर पार्टी छोड़ दी है.

सिद्धू पार्टी में रहते हैं या जाते हैं इसका जवाब तो वक़्त देगा। लेकिन इतना तो है कि उन्होंने पंजाब में कांग्रेस को वहां लाकर छोड़ दिया है जहां उसे वापस संभलने में अभी लंबा वक़्त लगेगा. खैर बात पंजाब कांग्रेस में आपसी कलह की हुई है तो इतना तो है कि जब तक सिद्धू पंजाब कांग्रेस में हैं जनता को एंटरटेनमेंट की पूरी डोज और मसाला भरपूर मिलेगा.

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