• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

मिशन नया भारत: नरेंद्र मोदी सरकार में सबसे अहम जिम्‍मेदारी अमित शाह को ही!

    • आईचौक
    • Updated: 31 मई, 2019 11:29 AM
  • 30 मई, 2019 10:50 PM
offline
बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री होंगे. राजनाथ सिंह की नंबर 2 पोजीशन बरकरार है. जातीय समीकरण और ब्‍यूरोक्रेसी की दक्षता को भी जगह मिली है. और सबसे अहम है कि बेहद सामान्‍य पृष्‍ठभूमि से आने वाले ओडिशा के प्रताप सिंह सारंगी भी मंत्री होंगे. यानी 'नए भारत' की टीम तैयार है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने भी शपथ ले ली है - और इसके साथ ही NDA 3 की मोदी सरकार 2.0 का औपचारिक तौर पर गठन हो गया है. मोदी सरकार की दूसरी पारी में नयी और विशेष एंट्री बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की है. गौर करने वाली बात ये है कि अमित शाह की एंट्री के बावजूद राजनाथ सिंह की वरिष्ठता पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. आखिरी वक्त में मालूम हुआ कि सुषमा स्वराज ने अरुण जेटली की ही तरह मंत्री पद लेने से मना कर दिया - हालांकि, सुषमा स्वराज ने कोई चिट्ठी नहीं लिखी. केंद्र में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ यूपी और बिहार के प्रदेश अध्यक्षों के पद खाली हो गये हैं.

अमित शाह की नई पारी सरकार के भीतर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली पारी में बतौर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पार्टी को मजबूत बनाने और विस्तार देने में जुटे रहे. वैसे तो अमित शाह के अनुसार बीजेपी का गोल्डन पीरियड नहीं आया है, लेकिन लगता है वो इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि अब ज्यादा देर नहीं है. अमित शाह के अनुसार बीजेपी का स्वर्णिम काल वो होगा जब देश में 'पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक' पार्टी सत्ता में होगी.

बहरहाल, अमित शाह राज्य सभा के बाद लोक सभा का चुनाव जीत कर मंत्री पद की शपथ भी ले चुके हैं. शपथ उन्होंने तीसरे नंबर पर ली जो सरकार में अरुण जेटली की जगह हुआ करती थी. विभागों को बंटवारा अभी नहीं हुआ है लेकिन लगता है कि अमित शाह वित्त मंत्रालय का ही कार्यभार संभालेंगे. अमित शाह को एक तरीके से बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी का उत्तराधिकारी बनाया गया है - वो लोक सभा में पहुंचे भी गांधीनगर सीट जीत कर ही हैं.

राजनाथ सिंह की पोजीशन बरकरार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद और अमित शाह से पहले राजनाथ सिंह ने शपथ ली. ऐसे में समझा जा रहा है कि राजनाथ सिंह के पास उनका गृह मंत्रालय बना रहेगा.

संदेश तो ये है कि राजनाथ सिंह की वरिष्ठता का ख्याल रखते हुए उनकी पोजीशन...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने भी शपथ ले ली है - और इसके साथ ही NDA 3 की मोदी सरकार 2.0 का औपचारिक तौर पर गठन हो गया है. मोदी सरकार की दूसरी पारी में नयी और विशेष एंट्री बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की है. गौर करने वाली बात ये है कि अमित शाह की एंट्री के बावजूद राजनाथ सिंह की वरिष्ठता पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. आखिरी वक्त में मालूम हुआ कि सुषमा स्वराज ने अरुण जेटली की ही तरह मंत्री पद लेने से मना कर दिया - हालांकि, सुषमा स्वराज ने कोई चिट्ठी नहीं लिखी. केंद्र में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ यूपी और बिहार के प्रदेश अध्यक्षों के पद खाली हो गये हैं.

अमित शाह की नई पारी सरकार के भीतर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली पारी में बतौर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पार्टी को मजबूत बनाने और विस्तार देने में जुटे रहे. वैसे तो अमित शाह के अनुसार बीजेपी का गोल्डन पीरियड नहीं आया है, लेकिन लगता है वो इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि अब ज्यादा देर नहीं है. अमित शाह के अनुसार बीजेपी का स्वर्णिम काल वो होगा जब देश में 'पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक' पार्टी सत्ता में होगी.

बहरहाल, अमित शाह राज्य सभा के बाद लोक सभा का चुनाव जीत कर मंत्री पद की शपथ भी ले चुके हैं. शपथ उन्होंने तीसरे नंबर पर ली जो सरकार में अरुण जेटली की जगह हुआ करती थी. विभागों को बंटवारा अभी नहीं हुआ है लेकिन लगता है कि अमित शाह वित्त मंत्रालय का ही कार्यभार संभालेंगे. अमित शाह को एक तरीके से बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी का उत्तराधिकारी बनाया गया है - वो लोक सभा में पहुंचे भी गांधीनगर सीट जीत कर ही हैं.

राजनाथ सिंह की पोजीशन बरकरार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद और अमित शाह से पहले राजनाथ सिंह ने शपथ ली. ऐसे में समझा जा रहा है कि राजनाथ सिंह के पास उनका गृह मंत्रालय बना रहेगा.

संदेश तो ये है कि राजनाथ सिंह की वरिष्ठता का ख्याल रखते हुए उनकी पोजीशन बरकरार रखी गयी है - लेकिन सवाल है कि क्या व्यावहारिक तौर पर भी ऐसा ही होगा. होता तो यही है कि बीजेपी में टिकट बांटने से लेकर मुख्यंत्रियों की नियुक्ति और केंद्रीय मंत्रियों के नाम तक मोदी-शाह की जोड़ी ही तय करती है - ऐसे में राजनाथ सिंह अपनी नंबर 2 की पोजीशन कहां तक बरकरार रख पाएंगे?

गांधीनगर से अमित शाह को लोक सभा में लाकर बीजेपी में आडवाणी का उत्तराधिकारी बनाया गया है. फिर तो राजनाथ सिंह की दो पाटों के बीच में पिसने वाली ही स्थिति रहेगी.

एनडीए की पहली सरकार में आडवाणी नंबर दो थे. पहले गृह मंत्री और फिर प्रमोशन देकर उन्हें उप प्रधानमंत्री भी बना दिया गया था - नये दौर में नये मिजाज के साथ मोदी के बाद राजनाथ और शाह का आकलन आसानी से किया जा सकता है.

सुषमा की जगह एस. जयशंकर

सुषमा स्वराज ने लोक सभा चुनाव लड़ने से तो पहले ही मना कर दिया था - आखिरी वक्त में मंत्री पद भी ठुकरा दिया. वैसे भी पूरे पांच साल सुषमा स्वराज नाम की ही विदेश मंत्री रहीं - व्यावहारिक तौर पर तो विदेश विभाग प्रधानमंत्री मोदी के पास ही लगता था.

सुषमा स्वराज की जगह कैबिनेट में पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर को लाया गया है. पिछले कार्यकाल में सुषमा स्वराज के जूनियर के रूप में विदेश राज्य मंत्री रहे वीके सिंह को प्रमोशन नहीं हो पाया है. देखना है उन्हें पुराने विभाग में ही रखा जाता है या फिर कहीं और.

सुब्रमण्यम जयशंकर 2015 से 2018 तक विदेश सचिव रहे. वो अमेरिका, चीन और चेक गणराज्य में भारत के एम्बेस्डर और सिंगापुर में हाई कमिश्नर के तौर पर काम कर चुके हैं. एस. जयशंकर को चीन मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है और प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरों की कामयाबी का श्रेय भी उन्हें ही हासिल है.

मोदी के साथ 57 मंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 57 मंत्रियों ने शपथ ली है जिनमें कैबिनेट में 24 हैं. ये मंत्री हैं - नितिन गडकरी, सदानंद गौड़ा, निर्मला सीतारमण, राम विलास पासवान, नरेंद्र तोमर, रविशंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, थावर चंद गहलोत, एस. जयशंकर, रमेश पोखरियाल निशंक, अर्जुन मुंडा, स्मृति ईरानी, हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी, प्रह्लाद जोशी, महेंद्र नाथ पांडेय, अरविंद सावंत, गिरिराज सिंह और गजेंद्र सिंह शेखावत.

ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप चंद्र सारंगी को राज्य मंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गयी है. चंदौली से सांसद महेंद्रनाथ पांडेय को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. राजनाथ सिंह भी चंदौली के ही रहने वाले हैं.

महेंद्रनाथ पांडेय को 2017 में यूपी बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था. मिशन यूपी पूरा करने के बाद केंद्र में उनकी तरक्की के साथ वापसी हुई है. पहले वो राज्य मंत्री रहे.

अमित शाह और महेंद्र नाथ पांडेय के साथ साथ नित्यानंद राय भी मोदी मंत्रिमंडल में शुमार हो गये हैं - और इसके साथ ही बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ यूपी और बिहार बीजेपी अध्यक्ष की भी कुर्सी खाली हो रही है - क्योंकि एक व्यक्ति एक पद का सिदांत लागू है.

इन्हें भी पढ़ें :

मोदी सरकार की कैबिनेट लिस्‍ट के कुछ सरप्राइज कई दावेदारों को मायूस कर गए

अमित शाह मंत्री बने तो BJP अध्यक्ष कौन बनेगा? दो विकल्‍प लेकिन कई चुनौती

नरेंद्र मोदी सरकार के सामने हैं 6 बड़ी चुनौतियां



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲