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Modi Ramleela maidan speech: सच-झूठ का लेखा जोखा जरूरी है

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 22 दिसम्बर, 2019 06:36 PM
  • 22 दिसम्बर, 2019 06:36 PM
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पीएम मोदी (Narendra Modi) दिल्ली के रामलीला मैदान (Modi Ramleela maidan speech) में हुई धन्यवाद रैली (Dhanyawad Rally) में आए तो थे नागरिकता कानून (CAA) और NRC पर लोगों के कंफ्यूजन दूर करने, लेकिन उल्टा कुछ नए कंफ्यूजन पैदा कर गए.

पूरे देश में नागरिकता कानून (CAA) के विरोध के बीच मोदी सरकार (Modi Government) ने फैसला किया कि वह रैलियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस कानून से जुड़े जनता के लोगों के कंफ्यूजन दूर करेगी. इसी बीच मनोज तिवारी ने दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को वैध बनाने के लिए मोदी सरकार का धन्यवाद अदा करने के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान (Modi Ramleela maidan speech) में धन्यवाद रैली रख दी, जिसमें पीएम मोदी (Narendra Modi) मुख्य अतिथि बने. हालांकि, ये धन्यवाद रैली तो नाम की रही, इसके जरिए दिल्ली चुनाव (Delhi Election) पर मुख्य फोकस रहा. इस रैली में नरेंद्र मोदी ने जब बोलना शुरू किया तो मोदी-मोदी के नारे और तालियों की गूंज स्वाभाविक सी बात थी. यूं लगा कि अब धीरे-धीरे पीएम मोदी नागरिकता कानून और NRC से जुड़े कंफ्यूजन भी दूर करेंगे. पीएम मोदी ने इन दोनों के बारे में बोला भी, लेकिन कंफ्यूजन दूर करना तो बहुत दूर की बात है, उल्टा उन्होंने कुछ नए ही कंफ्यूजन पैदा कर दिए. इसमें NRC से लेकर डिटेंशन सेंटर (Detention Center) तक की बात उन्होंने कही है. खैर, हो सकता है अब अमित शाह (Amit Shah) जब रैली करेंगे या प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे तो मोदी के फैलाए कंफ्यूजन को दूर करें.

पीएम मोदी ने रामलीला मैदान से कंफ्यूजन दूर करने के बजाय उल्टा बढ़ा दिए.

पहला कंफ्यूजन- मोदी सरकार ने कभी NRC की बात नहीं की

पीएम मोदी ने अपनी रैली में कहा है कि नागरिकता कानून आने के बाद से कांग्रेस पूरे देश में हिंसा फैला रही है, लोगों को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि NRC पर भी कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है. NRC पर कांग्रेस को खरी-खोटी सुनाते-सुनाते पीएम मोदी ने ऐसी बातें कह दीं कि एक नया कंफ्यूजन पैदा हो गया है. पीएम मोदी ने कहा- 'NRC को लेकर झूठ चलाया जा...

पूरे देश में नागरिकता कानून (CAA) के विरोध के बीच मोदी सरकार (Modi Government) ने फैसला किया कि वह रैलियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस कानून से जुड़े जनता के लोगों के कंफ्यूजन दूर करेगी. इसी बीच मनोज तिवारी ने दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को वैध बनाने के लिए मोदी सरकार का धन्यवाद अदा करने के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान (Modi Ramleela maidan speech) में धन्यवाद रैली रख दी, जिसमें पीएम मोदी (Narendra Modi) मुख्य अतिथि बने. हालांकि, ये धन्यवाद रैली तो नाम की रही, इसके जरिए दिल्ली चुनाव (Delhi Election) पर मुख्य फोकस रहा. इस रैली में नरेंद्र मोदी ने जब बोलना शुरू किया तो मोदी-मोदी के नारे और तालियों की गूंज स्वाभाविक सी बात थी. यूं लगा कि अब धीरे-धीरे पीएम मोदी नागरिकता कानून और NRC से जुड़े कंफ्यूजन भी दूर करेंगे. पीएम मोदी ने इन दोनों के बारे में बोला भी, लेकिन कंफ्यूजन दूर करना तो बहुत दूर की बात है, उल्टा उन्होंने कुछ नए ही कंफ्यूजन पैदा कर दिए. इसमें NRC से लेकर डिटेंशन सेंटर (Detention Center) तक की बात उन्होंने कही है. खैर, हो सकता है अब अमित शाह (Amit Shah) जब रैली करेंगे या प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे तो मोदी के फैलाए कंफ्यूजन को दूर करें.

पीएम मोदी ने रामलीला मैदान से कंफ्यूजन दूर करने के बजाय उल्टा बढ़ा दिए.

पहला कंफ्यूजन- मोदी सरकार ने कभी NRC की बात नहीं की

पीएम मोदी ने अपनी रैली में कहा है कि नागरिकता कानून आने के बाद से कांग्रेस पूरे देश में हिंसा फैला रही है, लोगों को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि NRC पर भी कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है. NRC पर कांग्रेस को खरी-खोटी सुनाते-सुनाते पीएम मोदी ने ऐसी बातें कह दीं कि एक नया कंफ्यूजन पैदा हो गया है. पीएम मोदी ने कहा- 'NRC को लेकर झूठ चलाया जा रहा है. ये कांग्रेस के जमाने में बना था, तब सोए थे क्या. हमने इसे बनाया नहीं, संसद में ये आया नहीं, ना कोई नियम कायदे बने हैं. NRC का हव्वा बनाया जा रहा है. 2014 से आज तक मेरी सरकार आने के बाद कहीं पर भी NRC शब्द पर कोई चर्चा, कोई बात नहीं हुई. सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा तो असम में NRC लागू करना पड़ा.'

पीएम मोदी का बयान अमित शाह की नींद उड़ा देगा !

पीएम मोदी तो धन्यवाद रैली में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कई बातें कह गए. लोगों की तालियां और मोदी-मोदी के नारे भी खूब लग गए, लेकिन उन्होंने NRC पर जो दावे कर दिए, वो अमित शाह की नींद उड़ाने वाले हैं. पीएम मोदी कह रहे हैं कि उनकी सरकार में कभी NRC शब्द पर कोई बात ही नहीं हुई, जबकि खुद अमित शाह भरी संसद में सीना ठोंक कर बोल चुके हैं- जिस घोषणापत्र के आधार पर ये सरकार चुनकर आई है, उस घोषणा पत्र का हिस्सा है कि देश की इंच इंच जमीन पर अवैध प्रवासी जितने भी रहते हैं, घुसपैठिए जितने भी रहते हैं, इनकी पहचान कर के अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत देश से बाहर निकालेंगे.

झूठ अमित शाह ने बोला था या पीएम मोदी बोल रहे हैं?

कांग्रेस को झूठा साबित करते-करते पीएम मोदी ने ऐसी बात कह दी है कि अब सवाल ये उठ रहा है कि झूठ कौन बोल रहा है. संसद में जो अमित शाह ने बोला वो झूठ है? या धन्यवाद रैली में पीएम मोदी ने जो बोला वो झूठ है? अमित शाह ने कहा कि घोषणा पत्र का हिस्सा है घुसपैठियों को बाहर निकालना, तो फिर क्या घोषणा पत्र भी झूठा है? कंफ्यूजन मिटाने के लिए सामने आए पीएम मोदी के कंफ्यूजन को मिटाने के लिए अब किसी और नेता को सामने आना होगा.

दूसरा कंफ्यूजन- देश में डिटेंशन सेंटर है ही नहीं

नागरिकता कानून के विरोध में लोग NRC को साथ लेकर चल रहे हैं. यानी विरोध नागरिकता कानून के साथ-साथ NRC का भी हो रहा है. इसी के चलते ये भी कहा जा रहा है कि असम के डिटेंशन सेंटर में बहुत सारे लोग मारे जा चुके हैं. पीएम मोदी ने इस कंफ्यूजन को भी दूर करना चाहा और कुछ ऐसी बात बोल दी कि और भी बड़ा कंफ्यूजन पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि किस डिटेंशन सेंटर की बात हो रही है, देश में तो डिटेंशन सेंटर ही नहीं हैं. चलिए अब एक नजर डालते हैं हकीकत पर.

कुछ महीने पहले ही राज्य सभा में मोदी सरकार के ही असम के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि असम के 988 विदेशी नागरिकों को 6 डिटेंशन सेंटर में रखा गया था, जिसमें 2016 से इसी साल 13 अक्टूबर तक 28 लोगों की मौत हुई है. इन मौतों पर टीएमसी सांसद सांतनु सेन ने सवाल उठाया था, तो राय ने कहा कि उनकी मौत डिटेंशन सेंटर में रखने की वजह से नहीं हुई, बल्कि बीमारी से हुई है. अब सवाल ये है कि अगर पीएम मोदी कहते हैं कि देश में डिटेंशन सेंटर हैं ही नहीं, तो नित्यानंद राय ने राज्यसभा में किस डिटेंशन सेंटर की बात कह दी. वो भी एक नहीं 6 डिटेंशन सेंटर.

खुद मोदी सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कुल 986 लोगों को सरकार ने विदेशी घोषित किया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई करते हुए मोदी सरकार से कहा था कि वह जानना चाहते हैं कि असम में कितने डिटेंशन सेंटर हैं और वहां कितने लोग और कब से बंद हैं. हालांकि, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका को खारिज कर दिया है.

इसके अलावा एक ह्यूमन राइट्स के समूह सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) के आंकड़ों के मुताबिक इन डिटेंशन सेंटर में अब तक करीब 100 लोगों की मौत हो चुकी है. इसकी पुष्टि द टेलीग्राफ ने की है. उनके अनुसार कुछ की मौत स्वाभाविक थी और कुछ ने आत्महत्या की है. बता दें कि सीजेपी 2011 से ही डिटेंशन सेंटर में होने वाली मौतों को ट्रैक कर रहा है.

हालांकि, पीएम मोदी की तरह ही असम सरकार के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने भी कहा था कि असम में बन रहा डिटेंशन सेंटर भारत सरकार या असम सरकार का आइडिया नहीं है. उन्होंने कहा कि वे खुद भी डिटेंशन सेंटर के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन ये न्यायपालिका का विचार है. इंडिया टुडे के कार्यक्रम इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019 में भी उन्होंने कहा था कि डिटेंशन सेंटर का विचार गुवाहाटी हाईकोर्ट का है. खैर, विचार किसी का भी हो, डिटेंशन सेंटर कोई भी बनवाए, लेकिन डिटेंशन सेंटर है ही नहीं, ऐसा कहना भी भ्रम पैदा करता है.

पीएम मोदी की बातों ने नागरिकता कानून को लेकर कितने लोगों का भ्रम दूर किया ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन NRC को लेकर कुछ बातें साफ हो गई हैं. सबसे अहम बात तो ये है कि जिस NRC को अमित शाह ने घोषणा पत्र का हिस्सा तक कहते हुए संसद में कहा कि इंच-इंच में रहने वाले घुसपैठिए को बाहर निकालेंगे, वैसा कुछ नहीं होने वाला. NRC को पूरे देश में 2024 से पहले लागू करने की भाजपा की योजना थी, लेकिन अब यूं लग रहा है कि फिलहाल NRC की मुहिम ठंडे बस्ते में डाल दी गई है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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