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मोदी सरकार 2.0 के 100 दिन का लेखा-जोखा

    • अरविंद मिश्रा
    • Updated: 07 सितम्बर, 2019 01:38 PM
  • 07 सितम्बर, 2019 01:38 PM
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अपने चुनावी वादों को एक-एक कर पूरा करती मोदी सरकार 2.0 के 100 दिनों का लेखा-जोखा उनकी उपलब्धियों की कहानी भी कहता है और नाकामियों की भी.

जब से भाजपा इस साल के लोकसभा चुनाव में पिछली बार से भी अधिक सीटें जीत कर आयी है तब से प्रमुख चुनावी घोषणाओं पर तेजी से अमल करते दिखी. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 अपने 100 दिन 7 सितंबर को पूरा कर रही है. इन 100 दिनों में केंद्र की सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल कीं लेकिन विपक्षी पार्टियों के लिए भी कुछ मुद्दे छोड़ दिए. विपक्षी पार्टियां इन्हीं मुद्दों के द्वारा सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है.

मोदी सरकार 2.0 के 100 दिन की बड़ी उपलब्धियां

आर्टिकल 370 खत्म- अब जम्मू-कश्मीर विशेष राज्य नहीं

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों की उपलब्धियों में सबसे बड़ा नाम जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A को खत्म करना है. भाजपा के हर बार के लोकसभा चुनावों के घोषणा-पत्र में इसे हटाने का वायदा रहता था जिसे इस बार अमली जामा पहना दिया गया. इसके बाद यहां का संविधान द्वारा प्रदत विशेषाधिकार खत्म हो गया. जनता द्वारा इसे राष्ट्र के हित में उठाए गए कदम के तौर पर देखा गया.

तीन तलाक खत्म- तीन तलाक बोला तो जाएंगे जेल

तीन तलाक का खात्मा भी भाजपा के चुनावी घोषणा-पत्र में प्रमुखता से स्थान पाता था. लेकिन इस बार पार्टी ने इसे नए कानून द्वारा खत्म कर दिया. अब एक समय में पत्नी को तलाक-तलाक-तलाक कहना अपराध हो गया और आरोपी को तीन साल तक कैद और जुर्माना या फिर दोनों भुगतना पड़ सकता है.

मोदी सरकार 2.0, उपलब्धियों के साथ-साथ निराशाएं भी कम नहीं

APA बिल को मंज़ूरी- आतंकी गतिविधियों में शामिल भी आतंकवादी करार

आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इस बिल को पास किया. इस बिल के अनुसार आतंकी गतिविधियों में शामिल...

जब से भाजपा इस साल के लोकसभा चुनाव में पिछली बार से भी अधिक सीटें जीत कर आयी है तब से प्रमुख चुनावी घोषणाओं पर तेजी से अमल करते दिखी. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 अपने 100 दिन 7 सितंबर को पूरा कर रही है. इन 100 दिनों में केंद्र की सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल कीं लेकिन विपक्षी पार्टियों के लिए भी कुछ मुद्दे छोड़ दिए. विपक्षी पार्टियां इन्हीं मुद्दों के द्वारा सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है.

मोदी सरकार 2.0 के 100 दिन की बड़ी उपलब्धियां

आर्टिकल 370 खत्म- अब जम्मू-कश्मीर विशेष राज्य नहीं

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों की उपलब्धियों में सबसे बड़ा नाम जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A को खत्म करना है. भाजपा के हर बार के लोकसभा चुनावों के घोषणा-पत्र में इसे हटाने का वायदा रहता था जिसे इस बार अमली जामा पहना दिया गया. इसके बाद यहां का संविधान द्वारा प्रदत विशेषाधिकार खत्म हो गया. जनता द्वारा इसे राष्ट्र के हित में उठाए गए कदम के तौर पर देखा गया.

तीन तलाक खत्म- तीन तलाक बोला तो जाएंगे जेल

तीन तलाक का खात्मा भी भाजपा के चुनावी घोषणा-पत्र में प्रमुखता से स्थान पाता था. लेकिन इस बार पार्टी ने इसे नए कानून द्वारा खत्म कर दिया. अब एक समय में पत्नी को तलाक-तलाक-तलाक कहना अपराध हो गया और आरोपी को तीन साल तक कैद और जुर्माना या फिर दोनों भुगतना पड़ सकता है.

मोदी सरकार 2.0, उपलब्धियों के साथ-साथ निराशाएं भी कम नहीं

APA बिल को मंज़ूरी- आतंकी गतिविधियों में शामिल भी आतंकवादी करार

आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इस बिल को पास किया. इस बिल के अनुसार आतंकी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति को भी आतंकवादी करार देने और उसपर प्रतिबंध लगाने का भी प्रावधान है. इस बिल के आधार पर ही पहली बार जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, मुंबई हमले का सबसे प्रमुख मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी और मुंबई को बम विस्फोटों से दहलाकर पाकिस्तान में छिपे दाऊद इब्राहिम को आतंकी घोषित किया गया.

भ्रष्टाचार पर प्रहार- भ्रष्टाचारियों की सेवा-निवृत्ति

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आरम्भ से ही भ्र्ष्टाचार पर लगाम लगाने के मकसद से दागदार नौकरशाहों को अनिर्वाय रिटायरमेंट करवाने का सिलसिला जारी है. चुनावी सभाओं के दौरान नरेंद्र मोदी का नारा था 'न खाऊंगा न खाने दूंगा'. और उसी के तहत जिन नौकरशाहों पर भ्रष्टाचार का इलज़ाम था उन्हें नियमानुसार अनिर्वाय रिटायरमेंट करवाया जा रहा है.    

संसद में सबसे ज्यादा काम करने का रिकॉर्ड- अब सांसद भी मेहनती

वैसे तो जनता के बीच में ऐसी धारणा है कि संसद में शोरगुल और बहिष्कार माननीय सांसदों का जन्मसिद्ध अधिकार है लेकिन मोदी सरकार के इस कार्यकाल के पहले ही संसद सत्र में कार्यों का रिकॉर्ड बन गया. यहां तक कि कई विपक्षी नेताओं को इससे परेशानी होने लगी और सत्र जल्द खत्म करने की मांग तक करने लगे. लोकसभा में इसकी उत्पादकता 125 प्रतिशत रही और 1952 के बाद सबसे अधिक 36 बिल पास करने का रिकॉर्ड बनाया.

मोटर व्हीकल एक्ट-2019 लागू- सड़क सुरक्षा हुई दुरुस्त

मोदी सरकार ने नया मोटर व्हीकल एक्ट-2019 लागू कर दिया है. जिससे लोग ट्रैफिक के नियमों का पालन करने के लिए बाध्य होंगे और सड़क दुर्घटनाएं कम होंगी. मोदी सरकार ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर इतना भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है कि कोई भी शख्स रेड लाइट जंप करने से पहले भी सौ बार सोचेगा. इस सख्ती से यातायात व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी.

वो मामले जिनमें ये सरकार पिछड़ती नजर आई

अर्थव्यवस्था में मंदी

देश में आर्थिक मंदी जैसे हालत बने हुए हैं. विपक्षी पार्टियां भी इसे लेकर सरकार पर आक्रामक हैं. देश की जीडीपी विकास की दर के पांच फीसदी पर पहुंच गई. सबसे ज्यादा ऑटोमोबाइल सैक्टर में गिरावट देखी गई. मारुति से लेकर टाटा जैसी प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियां कर्मचारियों की छटनी कर रहे हैं. दो पहिया वाहनों की बिक्री में भी भारी गिरावट दर्ज़ की गई.

मोदी सरकार 2.0, उपलब्धियों के साथ-साथ

देश में बेरोजगारी सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई. अकेले केवल ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब साढ़े तीन लाख लोग बेरोजगार हो गए. हालांकि सरकार इससे उबरने के हर सम्भव कोशिश में जुटी है लेकिन इन मुद्दों पर विपक्षी पार्टियां शुरू से ही हमलावर रही हैं.

राजनीतिक बदले का आरोप

हाल के कुछ दिनों में विपक्षी पार्टियां सरकार पर राजनीतिक बदले का आरोप लगाते रही हैं. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया केस में तिहाड़ जेल में हैं. इससे पहले इनके बेटे कार्ती चिदंबरम जेल हो आए हैं. कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को धनशोधन मामले में ईडी गिरफ्तार कर चुका है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा को 90 साल की उम्र में एसोसिएटेड जर्नल्स लि. को जमीन आवंटन के मामले में चार्जशीट किया गया है. सोनिया गांधी और राहुल तथा उनके प्रमुख सहायकों पर नेशनल हेराल्ड मामले में मुकदमा चल रहा है. यह लिस्ट लम्बी है. इसी को लेकर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां भाजपा पर राजनीतिक बदले का आरोप लगाती रही हैं.

विरोधियों को डराने-धमकाने का आरोप

विपक्षी पार्टियां सरकार पर आरोप लगाती रही हैं कि ईडी सीबीआई इत्यादि जांच एजेंसियों को सरकार इन्हें डराने के लिए इस्तेमाल कर रही है. चाहे वो बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार हो, आंध्र प्रदेश में तेलगु देशम की सरकार हो या फिर महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार हो ये जांच एजेंसियां इन्हें परेशान कर रही हैं.

मॉब लिंचिंग रोकने में नाकाम

सरकार मॉब लिंचिंग रोकने में असहाय दिख रही है. हाल के दिनों में बच्चा चोरी की अफवाह फैली जिसके कारण भीड़ ने कई लोगों की जान भी ले ली. इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से घटनाएं सामने आईं. अब कई राज्य इसके खिलाफ नया कानून भी ला रहे हैं जैसे पश्चिम बंगाल, जहां भीड़ द्वारा हिंसा पर अब उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान किया गया है. इससे पहले गौ गौरक्षकों द्वारा पीट-पीट कर जान लेने की घटनाएं सामने आ रही थीं.

इस तरह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन में कुछ ऐसे काम हुए जिसे सरकार की उपलब्धियों में गिना जा सकता है लेकिन आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार ने निश्चित रूप से निराश किया है.  

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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