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CAA protest: 'आजादी मांगने वाले' ने पिस्‍तौल लहराई थी, 'देने वाले' ने गोली चला दी!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 30 जनवरी, 2020 06:55 PM
  • 30 जनवरी, 2020 06:17 PM
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जामिया (Jamia) से राजघाट (Rajghat) जा रहे कैम्पस के छात्रों पर जिस तरह गोपाल (Rambhakt Gopal facebook profile) नाम के शख्स ने पुलिस (Delhi Police) की मौजूदगी में गोली (Firing) चलाई है और एक पीसफुल प्रोटेस्ट का पीस पीस कर दिया है. अब CAA protest और उसके खिलाफ हो रही प्रतिक्रिया पर बहस हो रही है.

30 जनवरी वो दिन जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या हुई. दिन महत्वपूर्ण था इसलिए बीते 46 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act), एनआरसी (NRC) और कैम्पस में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की बर्बरता के खिलाफ धरना दे रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया ( Jamia Millia Islamia) के छात्रों ने पैदल राजघाट जाने का प्लान बनाया. क्योंकि जल्द ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) होने हैं और कोई अप्रिय घटना न हो, इसलिए दिल्ली पुलिस भी मौके पर मौजूद थी. पुलिस ने पहले ही बैरीकेडिंग लगाकर पूरे परिसर को किले में तब्दील कर दिया था. ध्यान रहे कि अपने राजघाट (Rajghat) जाने को लेकर छात्रों का यही कहना था कि वो राजघाट जाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं. वहीं दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को बस से छोड़ने की बात की थी जिसके लिए छात्र नहीं माने. फिलहाल मामले में पीसफुल प्रोटेस्ट की बात कहीं किनारे रह गई है और गोलीकांड चर्चा में है. सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि गोली चलाने वाले युवक ने नागरिकता कानून के समर्थन (CAA Support) में नारे लगाए, साथ ही कहा कि 'हम देके रहेंगे आज़ादी' (Ham Deke Rahenge Aazadi) 'दिल्ली पुलिस जिंदाबाद'. गोली चलने से एक युवक घायल हुआ है और माहौल तनावपूर्ण हो गया है. बता दें कि ऐसा ही कुछ मिलता जुलता मामला बीते दिनों हम शाहीनबाग (Shaheenbagh) में देख चुके थे. जहां मोहम्‍मद लुकमान ने अपनी बंदूक लहराकर माहौल बदल दिया था.

प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों पर गोली चलाता युवक

आपको बताते चलें कि, CAA और NRC के विरोध में छात्र जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से राजघाट तक यात्रा कर रहे थे. छात्र अपनी मंजिल की तरफ जा रहे थे कि तभी एक अज्ञात युवक मौके पर आया...

30 जनवरी वो दिन जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या हुई. दिन महत्वपूर्ण था इसलिए बीते 46 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act), एनआरसी (NRC) और कैम्पस में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की बर्बरता के खिलाफ धरना दे रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया ( Jamia Millia Islamia) के छात्रों ने पैदल राजघाट जाने का प्लान बनाया. क्योंकि जल्द ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) होने हैं और कोई अप्रिय घटना न हो, इसलिए दिल्ली पुलिस भी मौके पर मौजूद थी. पुलिस ने पहले ही बैरीकेडिंग लगाकर पूरे परिसर को किले में तब्दील कर दिया था. ध्यान रहे कि अपने राजघाट (Rajghat) जाने को लेकर छात्रों का यही कहना था कि वो राजघाट जाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं. वहीं दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को बस से छोड़ने की बात की थी जिसके लिए छात्र नहीं माने. फिलहाल मामले में पीसफुल प्रोटेस्ट की बात कहीं किनारे रह गई है और गोलीकांड चर्चा में है. सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि गोली चलाने वाले युवक ने नागरिकता कानून के समर्थन (CAA Support) में नारे लगाए, साथ ही कहा कि 'हम देके रहेंगे आज़ादी' (Ham Deke Rahenge Aazadi) 'दिल्ली पुलिस जिंदाबाद'. गोली चलने से एक युवक घायल हुआ है और माहौल तनावपूर्ण हो गया है. बता दें कि ऐसा ही कुछ मिलता जुलता मामला बीते दिनों हम शाहीनबाग (Shaheenbagh) में देख चुके थे. जहां मोहम्‍मद लुकमान ने अपनी बंदूक लहराकर माहौल बदल दिया था.

प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों पर गोली चलाता युवक

आपको बताते चलें कि, CAA और NRC के विरोध में छात्र जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से राजघाट तक यात्रा कर रहे थे. छात्र अपनी मंजिल की तरफ जा रहे थे कि तभी एक अज्ञात युवक मौके पर आया और उसने पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारी छात्रों पर गोली चलाई. गोली शादाब फारुकी नाम के युवक को लगी है जिसे जामिया के मास कॉम डिपार्टमेंट का छात्र बताया जा रहा है. प्रदर्शनकारी छात्रों पर चलती गोली से सन्न दिल्ली पुलिस भी कुछ देर बाद हरकत में आई और उसने युवक को गिरफ्तार किया. युवक की पहचान गोपाल के रूप में हुई है.

घटना का वीडियो इंटरनेट पर बहुत तेजी से वायरल हुआ है. वीडियो पर गौर करें तो मिल रहा है कि गोली चलाने वाला व्यक्ति हम देकर रहेंगे आजादी,  भारत मां की जय, दिल्ली पुलिस जिंदाबाद औरवंदे मातरम का नारा लगा रहा है. इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में आई है. घटना के दौरान मौके पर मौजूद लोगों का तर्क है कि जिस समय ये हुआ. पुलिस तमाशबीन बनी देखती रही और जब सब कुछ हो गया तो वो युवक को पकड़ने के लिए आगे आई.

घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि आदमी ने खुलेआम हथियार लगाया लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. प्रदर्शनकारियों की ओर शख्स आगे बढ़ रहा था. इस दौरान पुलिस महज चुप्पी साधे हुए देखते रही. घटना पर साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल की भी प्रतिक्रिया आई है. डीसीपी बिस्वाल ने कहा है कि युवक खुले में पिस्टल लहराता दिख रहा है. हमारे पास जो वीडियो है, उसकी जांच हम कर रहे हैं. युवक से पूछताछ की जा रही है.

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जो कानून के विरोधियों को गोली के नाम पर आज़ादी देने की बात कर रहा है.

ध्यान रहे कि सोशल मीडिया खासकर टिक टॉक और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर  ऐसे तमाम वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें CAA समर्थक विरोधियों को गोली से आज़ादी देने की बात कर रहे हैं.

सवाल ये है कि वो चीजें जिन्हें हमने सोशल मीडिया पर देखा या जिन बातों को हमने किसी वीडियो में सुना. यदि वो धरातल पर लाई जा रही हैं तो ये एक लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत के लिए कहीं से भी सही नहीं है. यदि हमने इसे हलके में लिया या फिर आज हम इसके प्रति गंभीर नहीं हुए तो कल स्थिति भयावह होगी. हमें इस बात को समझना होगा कि हमें हमारा संविधान इस बात की पूरी इजाजत देता है कि हम स्वेच्छा से किसी भी चीज का समर्थन और विरोध दोनों कर सकते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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