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कनाडा में गांधी प्रतिमा की 'खालिस्तानी बेअदबी' पर पंजाब के राजनेता चुप क्यों हैं?

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 14 जुलाई, 2022 06:54 PM
  • 14 जुलाई, 2022 06:52 PM
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पंजाब (Punjab) में खालिस्तानी विचारधारा (Khalistani Ideology) धीरे-धीरे बढ़ रही है. दरबार साहिब में पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे की तस्वीर लगाने का मामला हो. या फिर आतंकी भिंडरावाले (Khalistan) के सम्मान में जुलूस निकाल कर नारेबाजी की घटनाएं पंजाब में सब कुछ आम हो चला है. कनाडा में गांधी की प्रतिमा से बेअदबी (Gandhi statue vandalised) उसी का हिस्सा है.

कनाडा के एक हिंदू मंदिर में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर खालिस्तानी विचारधारा वाले लोगों ने 'रेपिस्ट' और 'खालिस्तान' जैसे शब्द लिखे हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो कनाडा में गांधी प्रतिमा की 'खालिस्तानी बेअदबी' की गई है. इस मामले के संज्ञान में आने के साथ ही भारत सरकार के कनाडाई दूतावास ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे भारतीय समुदाय को आतंकित करने की नफरती घटना करार दिया है. वैसे, चौंकाने वाली बात ये है कि कनाडा में गांधी प्रतिमा की 'खालिस्तानी बेअदबी' पर पंजाब के राजनेता चुप क्यों हैं?

खालिस्तानी विचारधारा लगातार पंजाब में अपनी जड़ों को गहरा जमाती जा रही है. 

चुप्पी सवाल खड़े कर रही है...

पंजाब की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की ओर से इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी गई है. जबकि, अपने सियासी हित साधने वाले हर मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से लेकर पंजाब में पूर्व की कांग्रेस सरकार को कोसने में भगवंत मान और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सबसे आगे रहते हैं. बता दें कि अरविंद केजरीवाल के करीबी रहे कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी के मुखिया पर खालिस्तान समर्थक लोगों से रिश्ता रखने का आरोप लगाया था.

पंजाब की सत्ता में लंबे समय तक रहने वाला बादल परिवार का अकाली दल भी इस मामले में अब तक खामोश ही नजर आ रहा है. हालांकि, अकाली दल ने विवादित गायक और खालिस्तान समर्थक रहे सिद्धू मूसेवाला के प्रतिबंधित गाने SYL और रिहाई को लेकर ट्रैक्टर मार्च निकालने की बात जरूर की है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो बादल परिवार अप्रत्यक्ष रूप से खालिस्तान की विचारधारा का समर्थन ही कर रहा है.

महात्मा गांधी की प्रतिमा को खराब करने की कोशिश पर कांग्रेस की चुप्पी...

कनाडा के एक हिंदू मंदिर में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर खालिस्तानी विचारधारा वाले लोगों ने 'रेपिस्ट' और 'खालिस्तान' जैसे शब्द लिखे हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो कनाडा में गांधी प्रतिमा की 'खालिस्तानी बेअदबी' की गई है. इस मामले के संज्ञान में आने के साथ ही भारत सरकार के कनाडाई दूतावास ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे भारतीय समुदाय को आतंकित करने की नफरती घटना करार दिया है. वैसे, चौंकाने वाली बात ये है कि कनाडा में गांधी प्रतिमा की 'खालिस्तानी बेअदबी' पर पंजाब के राजनेता चुप क्यों हैं?

खालिस्तानी विचारधारा लगातार पंजाब में अपनी जड़ों को गहरा जमाती जा रही है. 

चुप्पी सवाल खड़े कर रही है...

पंजाब की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की ओर से इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी गई है. जबकि, अपने सियासी हित साधने वाले हर मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से लेकर पंजाब में पूर्व की कांग्रेस सरकार को कोसने में भगवंत मान और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सबसे आगे रहते हैं. बता दें कि अरविंद केजरीवाल के करीबी रहे कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी के मुखिया पर खालिस्तान समर्थक लोगों से रिश्ता रखने का आरोप लगाया था.

पंजाब की सत्ता में लंबे समय तक रहने वाला बादल परिवार का अकाली दल भी इस मामले में अब तक खामोश ही नजर आ रहा है. हालांकि, अकाली दल ने विवादित गायक और खालिस्तान समर्थक रहे सिद्धू मूसेवाला के प्रतिबंधित गाने SYL और रिहाई को लेकर ट्रैक्टर मार्च निकालने की बात जरूर की है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो बादल परिवार अप्रत्यक्ष रूप से खालिस्तान की विचारधारा का समर्थन ही कर रहा है.

महात्मा गांधी की प्रतिमा को खराब करने की कोशिश पर कांग्रेस की चुप्पी चौंकाती है. क्योंकि, महात्मा गांधी के मूल्यों और जीवन को लेकर सबसे ज्यादा बातें कांग्रेस की ओर से ही की जाती हैं. कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार महात्मा गांधी की विरासत को संभालने वाला कहा जा सकता है. इसके बावजूद कांग्रेस इस मामले पर खामोश है. और, भगवंत मान सरकार की कमियां ही उजागर कर रही है. 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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