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इस बार ईवीएम में खराबी के साथ-साथ मतदानकर्मी में भी गड़बड़ी निकली है

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 28 नवम्बर, 2018 11:01 PM
  • 28 नवम्बर, 2018 11:01 PM
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मध्य प्रदेश चुनाव में करीब ढाई हजार मशीनें बदली गई हैं, क्योंकि ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत आ रही थीं. एक नशे में धुत मतदानकर्मी को तो दो रिजर्व ईवीएम मशीनों के साथ एक होटल से पकड़ा भी गया और निलंबित कर दिया गया.

हर बार चुनाव के दौरान ईवीएम का जिन्न बोतल से बाहर निकल आता है. इस बार भी आया. फर्क सिर्फ इतना था कि इस बार सारे वोट भाजपा को नहीं गए. हर बार यही आरोप लगते थे कि ईवीएम में किसी को भी वोट देने पर वोट भाजपा को जा रहा है, लेकिन इस बार ईवीएम के साथ लगी थी वीवीपैट मशीन, जिससे निकली पर्ची ने आरोपों के लिए जगह नहीं छोड़ी. हालांकि, एक भाजपा नेता के होटल से ईवीएम बरामद होने की खबर ने निष्पक्ष चुनाव पर सवाल जरूर उठाया, लेकिन सच सामने आया तो पता चला कि खराबी ईवीएम में नहीं, बल्कि मतदानकर्मी में थी.

मध्य प्रदेश चुनाव में 1146 ईवीएम मशीनें और 1545 वीवीपैट मशीनें बदली गईं.

वीडियो ने खोल दी नशेड़ी मतदानकर्मी की पोल

ये मामला मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले का है. सेक्टर 24 मेहर खेड़ी के अधिकारी सोहन लाल बजाज अपने दल के साथ सेक्टर क्षेत्र में रुकने के बजाय शुजालपुर के एक होटल में 2 रिजर्व ईवीएम मशीनों के साथ रुके थे. होटल में उन्होंने शराब भी पी. बताया जा रहा है कि यह होटल किसी भाजपा नेता का है, जिसे लेकर निष्पक्ष वोटिंग पर सवाल उठने लगे हैं. संभाग आयुक्त एमबी ओझा ने इस अधिकारी को निलंबित कर दिया है. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

ढाई हजार मशीनों में आई खराबी!

मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी एल कांता राव ने कहा कि 3 बजे तक करीब 50 फीसदी वोटिंग हुई. इस दौरान उन्होंने 1146 ईवीएम मशीनें और 1545 वीवीपैट मशीनें बदलीं. इन मशीनों को लेकर गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थीं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ओपी रावत ने कहा है कि अगर ऐसा लगता है कि वोटिंग मशीन की खराबी की वजह से कुछ मतदाता छूट गए हैं तो उन चुनिंदा पोलिंग बूथ पर दोबारा वोटिंग करवाने पर विचार किया जा सकता है. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव आयोग से...

हर बार चुनाव के दौरान ईवीएम का जिन्न बोतल से बाहर निकल आता है. इस बार भी आया. फर्क सिर्फ इतना था कि इस बार सारे वोट भाजपा को नहीं गए. हर बार यही आरोप लगते थे कि ईवीएम में किसी को भी वोट देने पर वोट भाजपा को जा रहा है, लेकिन इस बार ईवीएम के साथ लगी थी वीवीपैट मशीन, जिससे निकली पर्ची ने आरोपों के लिए जगह नहीं छोड़ी. हालांकि, एक भाजपा नेता के होटल से ईवीएम बरामद होने की खबर ने निष्पक्ष चुनाव पर सवाल जरूर उठाया, लेकिन सच सामने आया तो पता चला कि खराबी ईवीएम में नहीं, बल्कि मतदानकर्मी में थी.

मध्य प्रदेश चुनाव में 1146 ईवीएम मशीनें और 1545 वीवीपैट मशीनें बदली गईं.

वीडियो ने खोल दी नशेड़ी मतदानकर्मी की पोल

ये मामला मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले का है. सेक्टर 24 मेहर खेड़ी के अधिकारी सोहन लाल बजाज अपने दल के साथ सेक्टर क्षेत्र में रुकने के बजाय शुजालपुर के एक होटल में 2 रिजर्व ईवीएम मशीनों के साथ रुके थे. होटल में उन्होंने शराब भी पी. बताया जा रहा है कि यह होटल किसी भाजपा नेता का है, जिसे लेकर निष्पक्ष वोटिंग पर सवाल उठने लगे हैं. संभाग आयुक्त एमबी ओझा ने इस अधिकारी को निलंबित कर दिया है. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

ढाई हजार मशीनों में आई खराबी!

मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी एल कांता राव ने कहा कि 3 बजे तक करीब 50 फीसदी वोटिंग हुई. इस दौरान उन्होंने 1146 ईवीएम मशीनें और 1545 वीवीपैट मशीनें बदलीं. इन मशीनों को लेकर गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थीं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ओपी रावत ने कहा है कि अगर ऐसा लगता है कि वोटिंग मशीन की खराबी की वजह से कुछ मतदाता छूट गए हैं तो उन चुनिंदा पोलिंग बूथ पर दोबारा वोटिंग करवाने पर विचार किया जा सकता है. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव आयोग से गुजारिश की थी कि वोट डालने का समय बढ़ा दिया जाए. इस पर अधिकारी ने कहा है कि अगर ऐसी जरूरत महसूस होती है तो इस पर विचार किया जा सकता है, इसका प्रावधान है.

भिंड के बूथ नंबर 120 और 122 पर गोलियां तक चल गईं. गोलीबारी में एक पोलिंग अधिकारी घायल भी हो गया. आपको बता दें कि भिंड जिले के भाजपा और कांग्रेस के करीब 10 उम्मीदवारों को पुलिस ने पहले ही नजरबंद किया हुआ था. यानी उन्हें पता था कि कुछ गड़बड़ हो सकती है. मध्य प्रदेश में सुबह जैसी ही मतदान शुरू हुआ, वैसे ही ईवीएम की गड़बड़ी की खबरें सामने आने लगीं. ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ ने ईवीएम की खराबी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया. जैसे-जैसे दिन बीतता गया, कई जगहों से मशीनें खराब होने की खबर सामने आईं, लेकिन अच्छी बात ये है कि हर जगह पर मशीनें बदल दी गईं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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