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लखनऊ में सेंगर-चिन्मयानंद के पोस्टर लगवाकर सपा ने कुल्हाड़ी पर पैर मारा!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 16 मार्च, 2020 12:22 PM
  • 16 मार्च, 2020 12:21 PM
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लखनऊ में जमकर पोस्‍टर वॉर चल रहा है. योगी आदित्यनाथ सरकार (Cm Yogi Adityanath) ने सीएए हिंसा में शामिल लोगों के फोटो पोस्टर्स पर लगाए, तो सपा की ओर से यौन शोषण और बलात्‍कार के आरोपी भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep SIngh Senger) और पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद (Chinmayanand) के फोटो भी बैनर पर आ गए.

उत्तर प्रदेश (ttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में बीते दिनों सीएए विरोध (Anti CAA Protestors) के दौरान हिंसा और आगजनी करने वाके उपद्रवियों की होर्डिंग्स  लगाए जाने का मामला विवाद गहराने के बाद कोर्ट में है. सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को लखनऊ का आम आदमी जायज ठहरा रहा है और कह रहा है जब बात शांति की हो तो अराजक तत्वों के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहिए. तो वहीं योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के इस फैसले से विपक्ष मुख्यतः कांग्रेस (Congress) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) बौखलाए हैं. लखनऊ में उपद्रवियों की होर्डिंग्स लगाए जाने को लेकर सरकार पर काउंटर अटैक होना शुरू हो गया है. शुरुआत की है समाजवादी पार्टी ने. मामले पर सप्रीम कोर्ट से कोई बड़ी राहत न मिलते देख सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने राजधानी के सभी प्रमुख चौराहों पर भाजपा (BJP) के दागी नेताओं के विवादित होर्डिंग्स लगवाए. घटना के बाद लखनऊ पुलिस के भी होश उड़ गए जिसने आनन फानन में होर्डिंग्स उतरवाए. बता दें कि होर्डिंग्स पर पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री चिन्मयानंद (Chinmayanand) और उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep SIngh Senger) की तस्वीरें लगी थीं जिसपर लिखा था कि, ये हैं प्रदेश की बेटियों के आरोपी, इनसे रहें सावधान.'

सीएए हिंसा के बाद लखनऊ में योगी आदित्यनाथ द्वारा लगाए गए पोस्टर पर समाजवादी पार्टी का काउंटर

बैनर की तस्वीरें इंटरनेट पर खूब तेजी से वायरल हो रही हैं. यदि इन बैनर्स को देखें तो मिलता है कि इसमें  कुलदीप सेंगर और चिन्मयानंद के फोटो के साथ साथ उनपर लगे सभी आरोप भी लिखे गए हैं. शहर भर में इन बैनरों को लगवाने वाले समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह के ट्वीट पर अगर गौर करें तो उन्होंने लिखा है कि, 'जब...

उत्तर प्रदेश (ttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में बीते दिनों सीएए विरोध (Anti CAA Protestors) के दौरान हिंसा और आगजनी करने वाके उपद्रवियों की होर्डिंग्स  लगाए जाने का मामला विवाद गहराने के बाद कोर्ट में है. सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को लखनऊ का आम आदमी जायज ठहरा रहा है और कह रहा है जब बात शांति की हो तो अराजक तत्वों के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहिए. तो वहीं योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के इस फैसले से विपक्ष मुख्यतः कांग्रेस (Congress) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) बौखलाए हैं. लखनऊ में उपद्रवियों की होर्डिंग्स लगाए जाने को लेकर सरकार पर काउंटर अटैक होना शुरू हो गया है. शुरुआत की है समाजवादी पार्टी ने. मामले पर सप्रीम कोर्ट से कोई बड़ी राहत न मिलते देख सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने राजधानी के सभी प्रमुख चौराहों पर भाजपा (BJP) के दागी नेताओं के विवादित होर्डिंग्स लगवाए. घटना के बाद लखनऊ पुलिस के भी होश उड़ गए जिसने आनन फानन में होर्डिंग्स उतरवाए. बता दें कि होर्डिंग्स पर पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री चिन्मयानंद (Chinmayanand) और उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep SIngh Senger) की तस्वीरें लगी थीं जिसपर लिखा था कि, ये हैं प्रदेश की बेटियों के आरोपी, इनसे रहें सावधान.'

सीएए हिंसा के बाद लखनऊ में योगी आदित्यनाथ द्वारा लगाए गए पोस्टर पर समाजवादी पार्टी का काउंटर

बैनर की तस्वीरें इंटरनेट पर खूब तेजी से वायरल हो रही हैं. यदि इन बैनर्स को देखें तो मिलता है कि इसमें  कुलदीप सेंगर और चिन्मयानंद के फोटो के साथ साथ उनपर लगे सभी आरोप भी लिखे गए हैं. शहर भर में इन बैनरों को लगवाने वाले समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह के ट्वीट पर अगर गौर करें तो उन्होंने लिखा है कि, 'जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और उच्चन्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है तो ये लीजिए फिर. लोहिया चौराहे पर मैंने भी कुछ कोर्ट द्वारा नामित अपराधियों का पोस्टर जनहित में जारी कर दिया है, इनसे बेटियां सावधान रहें.'

बता दें कि पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर उन्नाव में युवती संग बलात्कार के मामले में दोषी पाये जा चुके हैं. उन्हें 10 सालों की सजा हुई है. तो वहीं, पूर्व-भाजपा नेता चिन्मयानंद को भी गुजरे साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था. चिन्मयानंद पर उनके ही शैक्षणिक संस्थान में लॉ में दाखिला लेने वाली छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. लड़की ने अपने आरोपों में इस बात को भी स्वीकार किया था कि चिन्मयानंद ने तकरीबन 1 साल तक उसके साथ ये घिनौना काम जारी रखा.

अपने ऊपर आरोप लगाने वाली लड़की को लेकर चिन्मयानंद भी गंभीर हुए थे. लड़की के आरोपों का काउंटर करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद ने कहा था कि लड़की उनसे पैसे ऐंठने के लिए उन्हें ब्लैक मेल कर रही है. बाद में पुलिस ने भी, 23 वर्षीय महिला को भी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद से पैसे निकालने की कोशिश करने के आरोप में हिरासत में ले लिया.

सपा की तरफ से राजधानी की सड़कों पर लगाए गए ये बैनर लोगों के बीच चर्चा का विषय हैं. जिसने राजधानी के लोगों को दो अलग वर्गों में विभाजित कर दिया है. एक वर्ग भाजपा नेताओं की इन तस्वीरों के समर्थन में है.जबकि दूसरा विरोध में है. जो खेमा तस्वीरों का समर्थन कर रहा है. उसका यही कहना है कि यदि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रदेश के नियम कानून के प्रति इतना ही फिक्रमंद हैं तो सबसे पहले वो अपनी पार्टी के दागियों पर एक्शन लें.

वहीं इन तस्वीरों का विरोध कर रहे लोगों का तर्क है कि स्वामी चिन्मयानंद और उन्नाव से भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर दोनों ही जेल में हैं. इस तरह तस्वीरें जारी कर एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने अपना एजेंडा दिखाया है और ये बताया है कि प्रदेश में जब जब कुछ बुरा होगा उस बुरी चीज को समाजवादी पार्टी का समर्थन मिलता रहेगा.

बहरहाल भाजपा नेताओं की इन तस्वीरों के बाद समाजवादी पार्टी के आईपी सिंह सुर्ख़ियों में हैं. तो बता दें कि आज सीएए विरोध के नाम पर हिंसा करने वाले लोगों के साथ खड़े आईपी सिंह वही व्यक्ति हैं जो खुद कभी भाजपा में, समाजवादी पार्टी की ही तरह अच्छे ओहदे पर थे और तब ये भाजपा का महिमा मंडान करते थे. अब जबकि ये समाजवादी पार्टी में हैं तो इन्होंने वही किया है जो इनके एजेंडे से मेल खाता है. 

चूंकि भाजपा के दागी नेताओं का ये पोस्टर समाजवादी पार्टी की तरफ से जारी हुआ है. तो आईपी सिंह से लेकर अखिलेश यादव तक को इस बात को समझना होगा कि जनता सब देख रही है और क्योंकि कुछ समय बाद यूपी में चुनाव होने हैं. जवाब जनता दे देगी और बता देगी कि दंगाइयों पर सपा का ये अंदाज उसे पसंद आया है या फिर इसने उन्हें आहत किया है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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