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लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने पहले ही 'फैसले' से अपने इरादे साफ कर दिए हैं !

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 21 जून, 2019 12:07 PM
  • 21 जून, 2019 12:07 PM
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जब ओम बिड़ला लोकसभा स्पीकर बनाए गए तो सवाल उठे कि क्या वह सुमित्रा महाजन की तरह संसद को संभाल पाएंगे? लेकिन इस पद पर आते ही उन्होंने जो बात कही है, उससे ये तो साफ है कि वह संसद को बहुत अच्छे से और सख्त रुख के साथ संभालेंगे.

जब मोदी सरकार ने लोकसभा स्पीकर के पद के लिए राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिड़ला का नाम सामने रखा, तो लोग चौंक गए. इससे पहले ये नाम लोगों ने बहुत कम सुना था. इससे पहले मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के पद के लिए रामनाथ कोविंद का नाम सामने रखकर भी सबको हैरान किया था. जब ओम बिड़ला लोकसभा स्पीकर बनाए गए तो सबको इस बात की चिंता हो गई कि क्या वह पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की तरह संसद को संभाल पाएंगे? लेकिन इस पद पर आते ही उन्होंने जो बात कही है, उससे ये तो साफ है कि वह संसद को बहुत अच्छे से और सख्त रुख के साथ संभालेंगे.

पीएम मोदी ने कहा था कि ओम बिड़ला बहुत ही सीधे स्वभाव के है, इतने सीधे कि उन्हें डर लगता है कोई उनका फायदा ना उठा ले. पीएम मोदी ने भी अगर ओम बिड़ला की ये बात सुनी होगी तो उनके मन से डर निकल गया होगा. ओम बिड़ला ने कहा एक इंटरव्यू में कहा है कि वह संसद के अंदर धार्मिक नारे लगाने की इजाजत नहीं देंगे. आपको बता दें कि संसद के पहले ही दिन जब सांसदों ने शपथ ली, तो संसद में धार्मिक नारे लगे. इसे लेकर काफी बातें हो रही थीं. कुछ इसे सही कह रहे थे, तो कुछ ने इसे गलत कहा, लेकिन ओम बिड़ला ने साफ कर दिया कि धार्मिक नारे संसद में नहीं लगेंगे.

ओम बिड़ला ने साफ किया है कि संसद में धार्मिक नारे नहीं लगेंगे.

जहां एक ओर ओम बिड़ला ने धार्मिक नारे नहीं लगाने देने की बात कही है, वहीं उन्होंने यह भी साफ किया है कि वंदे मातरम और भारत माता की जय बोलने में कुछ गलत नहीं है. उन्होंने कहा- किसने कहा कि इसे बोल नहीं सकते. आपको बता दें कि संसद में उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत और अंत वंदे मातरम से ही किया था, जो पहली बार किसी स्पीकर ने किया है. यानी एक बात तो साफ है कि संसद में अगर कोई वंदे मातरम कहना चाहे या भारत माता के नारे लगाना...

जब मोदी सरकार ने लोकसभा स्पीकर के पद के लिए राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिड़ला का नाम सामने रखा, तो लोग चौंक गए. इससे पहले ये नाम लोगों ने बहुत कम सुना था. इससे पहले मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के पद के लिए रामनाथ कोविंद का नाम सामने रखकर भी सबको हैरान किया था. जब ओम बिड़ला लोकसभा स्पीकर बनाए गए तो सबको इस बात की चिंता हो गई कि क्या वह पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की तरह संसद को संभाल पाएंगे? लेकिन इस पद पर आते ही उन्होंने जो बात कही है, उससे ये तो साफ है कि वह संसद को बहुत अच्छे से और सख्त रुख के साथ संभालेंगे.

पीएम मोदी ने कहा था कि ओम बिड़ला बहुत ही सीधे स्वभाव के है, इतने सीधे कि उन्हें डर लगता है कोई उनका फायदा ना उठा ले. पीएम मोदी ने भी अगर ओम बिड़ला की ये बात सुनी होगी तो उनके मन से डर निकल गया होगा. ओम बिड़ला ने कहा एक इंटरव्यू में कहा है कि वह संसद के अंदर धार्मिक नारे लगाने की इजाजत नहीं देंगे. आपको बता दें कि संसद के पहले ही दिन जब सांसदों ने शपथ ली, तो संसद में धार्मिक नारे लगे. इसे लेकर काफी बातें हो रही थीं. कुछ इसे सही कह रहे थे, तो कुछ ने इसे गलत कहा, लेकिन ओम बिड़ला ने साफ कर दिया कि धार्मिक नारे संसद में नहीं लगेंगे.

ओम बिड़ला ने साफ किया है कि संसद में धार्मिक नारे नहीं लगेंगे.

जहां एक ओर ओम बिड़ला ने धार्मिक नारे नहीं लगाने देने की बात कही है, वहीं उन्होंने यह भी साफ किया है कि वंदे मातरम और भारत माता की जय बोलने में कुछ गलत नहीं है. उन्होंने कहा- किसने कहा कि इसे बोल नहीं सकते. आपको बता दें कि संसद में उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत और अंत वंदे मातरम से ही किया था, जो पहली बार किसी स्पीकर ने किया है. यानी एक बात तो साफ है कि संसद में अगर कोई वंदे मातरम कहना चाहे या भारत माता के नारे लगाना चाहे, लगा सकता है, लेकिन किसी भी धार्मिक नारे की इजाजत नहीं होगी.

संसद में लगे थे जय श्री राम और अल्लाह हू अकबर के नारे

लोकसभा के पहले ही दिन संसद में जब ओवैसी शपथ लेने आए तो भाजपा सांसदों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के अलावा जय श्री राम और मंदिर वहीं बनाएंगे जैसे नारे लगाए. ओवैसी ने भी तकबीर और अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए.

क्या बोले ओम बिड़ला?

उन्होंने कहा- 'मुझे नहीं लगता कि संसद नारे लगाने, प्लेकार्ड दिखाने या वेल में आकर खड़े होने वाली जगह है. इसके लिए एक जगह है, जहां वह जाकर प्रदर्शन कर सकते हैं. लोग कुछ भी कहना चाहते हैं, जो भी आरोप लगाना चाहते हैं, चाहे वह सरकार पर हमला करना चाहते हैं, तो वह कर सकते हैं, लेकिन उन्हें गैलरी में आकर यह सब नहीं करना चाहिए.'

कांग्रेस नेता ने उठाया था ये मुद्दा

नारेबाजी का मुद्दा संसद में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उठाया था. उन्होंने अपने स्वागत भाषण में कहा था कि उन्हें नहीं लगता ये बहुदलीय लोकतंत्र की भावना का हिस्सा है. इस पर ओम बिड़ला ने जवाब दिया- 'मैं इसे साफ कर देता हूं. संसद लोकतंत्र का मंदिर है. इस मंदिर को संसद के नियमों के अनुसार चलाया जाता है. मैंने सभी पक्षों से आग्रह किया है कि हमें जितना हो सके इस स्थान की शोभा बनाए रखनी है. हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं. हर कोई हमारी तरफ ही देखता है. ठीक इसी तरह हमारी संसदीय प्रक्रियाओं को भी दुनिया में एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए.'

वैसे जो लोग ओम बिड़ला के बारे में नहीं जानते हैं उन्हें ये जान लेना चाहिए कि वह राजस्थान की विधानसभा में संसद के सितारे रह चुके हैं. राजस्थान में 13वीं विधानसभा में तो उन्होंने 500 सवाल पूछे थे. अब तक उनका नाम 6 बार 'सदन के सितारे' में भी शामिल किया जा चुका है. पहली बार ओम बिड़ला ने 2003 में राजस्थान के कोटा दक्षिण से विधानसभा चुनाव जीता था. फिर 2008 और 2013 में हुए विधानसभा चुवाव भी वही जीते. एक के बाद एक लगातार जीत के रिकॉर्ड को देखते हुए 2014 में उन्हें कोटा से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया, जिसमें उन्हें बंपर जीत दर्ज की. इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 2.79 लाख वोटों से हरा दिया. उनकी काबीलियत पर तो किसी को शक नहीं था, लेकिन संसद में धार्मिक नारे नहीं लगाने देने की बात कहकर उन्होंने ये साबित कर दिया है कि पीएम मोदी ने जिसे चुना है, लोकसभा स्पीकर पद के लिए वह एक बेहतर विकल्प हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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