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साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में मौत ने हमें क्या बड़े संदेश दिये, आइये जानते हैं...

    • निधिकान्त पाण्डेय
    • Updated: 05 सितम्बर, 2022 07:45 PM
  • 05 सितम्बर, 2022 07:45 PM
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सायरस मिस्त्री की मौत के बाद जाहिर हो गया है कि, कई सड़क हादसों में गाड़ियों के एयरबैग्स ने लोगों की जान बचाई है. लेकिन ये भी सच है कि, एयरबैग्स किसी को एक लिमिट तक ही सुरक्षा दे सकते हैं. अगर हादसे के वक्त लोग कार से बाहर गिर जाएं, तो एयरबैग्स खुलकर भी उनकी जान नहीं बचा सकता.

इस आर्टिकल का मुद्दा दुखद तो है लेकिन साथ में सीख देने वाला और खुद का खयाल रखने के बारे में सचेत करने वाला भी है. आप लोगों ने एक सड़क हादसे में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और दिग्गज कारोबारी साइरस मिस्त्री के निधन की खबर तो पढ़ी या सुनी होगी. रविवार को साइरस मिस्त्री मर्सिडीज कार से अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे लेकिन एक दुर्घटना में उनकी मौत हो गई. महाराष्ट्र के पालघर के पास दोपहर बाद करीब तीन - सवा तीन बजे जब हादसा हुआ तब कार में कुल चार लोग थे. साइरस मिस्त्री समेत दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. बताया जा रहा है कि कार डॉ अनाहिता पंडोले चला रही थीं, जो स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. को-ड्राईवर यानी ड्राईवर की बगल वाली सीट पर उनके पति दारियस पंडोले बैठे हुए थे. पीछे की सीट पर साइरस मिस्त्री और दारियस पंडोले के भाई जहांगीर दिनशॉ पंडोले बैठे थे. हादसे में आगे बैठे पति-पत्नी घायल हैं. पुलिस ने शुरुआती जानकारी में बताया कि पहले घायलों को स्थानीय स्तर पर कासा के एक ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया था और फिर वापी के रैम्बो अस्पताल में शिफ्ट किया गया था. बाद में, मुंबई लाया ले जाकर उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया. पालघर पुलिस के मुताबिक, हादसे को देखकर ऐसा लगा मानो ड्राइवर का कार से नियंत्रण हट गया और बैलेंस बिगड़ने के बाद कार डिवाइडर से टकरा गई.

सड़क हादसे में अपनी जान गंवाने वाले सायरस मिस्त्री ने कई महत्वपूर्ण सबक हमें दिए हैं

खबरों के मुताबिक, डिवाइडर से टकराने के बाद कार की फ्रंट सीट के दोनों एयरबैग एक्टिव हो गए जिससे आगे बैठे दोनों लोगों की जान बच गई. जबकि बैक सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री और जहांगीर दिनशॉ पंडोले की सीट पर एयरबैग लगे थे, लेकिन वो एक्टिव नहीं हो सके. माना जा...

इस आर्टिकल का मुद्दा दुखद तो है लेकिन साथ में सीख देने वाला और खुद का खयाल रखने के बारे में सचेत करने वाला भी है. आप लोगों ने एक सड़क हादसे में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और दिग्गज कारोबारी साइरस मिस्त्री के निधन की खबर तो पढ़ी या सुनी होगी. रविवार को साइरस मिस्त्री मर्सिडीज कार से अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे लेकिन एक दुर्घटना में उनकी मौत हो गई. महाराष्ट्र के पालघर के पास दोपहर बाद करीब तीन - सवा तीन बजे जब हादसा हुआ तब कार में कुल चार लोग थे. साइरस मिस्त्री समेत दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. बताया जा रहा है कि कार डॉ अनाहिता पंडोले चला रही थीं, जो स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. को-ड्राईवर यानी ड्राईवर की बगल वाली सीट पर उनके पति दारियस पंडोले बैठे हुए थे. पीछे की सीट पर साइरस मिस्त्री और दारियस पंडोले के भाई जहांगीर दिनशॉ पंडोले बैठे थे. हादसे में आगे बैठे पति-पत्नी घायल हैं. पुलिस ने शुरुआती जानकारी में बताया कि पहले घायलों को स्थानीय स्तर पर कासा के एक ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया था और फिर वापी के रैम्बो अस्पताल में शिफ्ट किया गया था. बाद में, मुंबई लाया ले जाकर उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया. पालघर पुलिस के मुताबिक, हादसे को देखकर ऐसा लगा मानो ड्राइवर का कार से नियंत्रण हट गया और बैलेंस बिगड़ने के बाद कार डिवाइडर से टकरा गई.

सड़क हादसे में अपनी जान गंवाने वाले सायरस मिस्त्री ने कई महत्वपूर्ण सबक हमें दिए हैं

खबरों के मुताबिक, डिवाइडर से टकराने के बाद कार की फ्रंट सीट के दोनों एयरबैग एक्टिव हो गए जिससे आगे बैठे दोनों लोगों की जान बच गई. जबकि बैक सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री और जहांगीर दिनशॉ पंडोले की सीट पर एयरबैग लगे थे, लेकिन वो एक्टिव नहीं हो सके. माना जा रहा है उनकी मौत का एक बड़ा कारण एयरबैग का नहीं खुलना भी है. अब हम पहले बात कर लेते हैं एयरबैग्स के मुद्दे की. जिससे एक बात और जुड़ी है और वो है सीट बेल्ट.

पालघर पुलिस के मुताबिक, साइरस मिस्त्री की कार महाराष्ट्र के पालघर के पास सूर्या नदी पर बने पुल के डिवाइडर से टकराई थी. दुर्घटनास्थल पर ली गई तस्वीरों में टूटी हुई सिल्वर मर्सिडीज कार दिखाई दे रही थी. एक तस्वीर में कार की फ्रंट सीट के एयरबैग्स भी खुले नजर आ रहे थे. कार के बोनट को काफी नुकसान पहुंचा है. आगे के केबिन यानी आगे वाली सीटों को मामूली नुकसान पहुंचा और पिछला हिस्सा ठीक-ठाक नजर आ रहा था. साइरस मिस्त्री समेत 4 लोग जिस मर्सिडीज बेंज में सवार थे उसका नंबर है- MH 47 AB6705.

मर्सिडीज-बेंज GLC 220d 4MATIC प्रोग्रेसिव कार डीजल वैरिएंट कार है. सेफ्टी के मामले में इसे एक बेहतरीन कार माना जाता है. इस कार में कुल 7 एयरबैग्स मिलते हैं. Mercedes-Benz के इस मॉडल में फ्रंट पैसेंजर कर्टेन एयरबैग, ड्राइवर कर्टन एयरबैग, रियर पैसेंजर कर्टन एयरबैग, ड्राइवर फ्रंटल एयरबैग, फ्रंट पैसेंजर एयरबैग, ड्राइवर नी(Knee) एयरबैग, ड्राइव साइड एयरबैग मिलते हैं. इसके अलावा हाई स्पीड अलर्ट सिस्टम और पैसेंजर साइड सीट-बेल्ट रिमाइंडर जैसे फीचर्स भी मिलते हैं.

कई सड़क हादसों में गाड़ियों के एयरबैग्स ने लोगों की जान बचाई है लेकिन ये भी सच है कि एयरबैग्स किसी को एक लिमिट तक ही सुरक्षा दे सकते हैं. अगर हादसे के वक्त लोग कार से बाहर गिर जाएं, तो एयरबैग्स खुलकर भी उनकी जान नहीं बचा सकता. हादसे के वक्त किसी के कार से बाहर गिरने पर सवाल उठ सकता है कि क्या कार में बैठे लोगों ने सीट बेल्ट पहना था? अगर पहना था, तो फिर टक्कर इतनी जोरदार हुई कि सीट बेल्ट का सेफ्टी लॉक भी टूट गया और कार में बैठे लोग बाहर जा गिरे. और अगर नहीं पहना था तो ये एक जबरदस्त लापरवाही है.

कुछ जानकार बताते हैं कि सीट बेल्ट न बंधे होने से कई कारों के एयरबैग काम नहीं करते, मतलब अगर आपने सीट बेल्ट नहीं पहना है तो टक्कर या दुर्घटना की स्थिति में कार का एयरबैग नहीं खुलेगा. हालांकि सभी कारों में ऐसा सिस्टम नहीं है लेकिन कई कारों में ऐसा सिस्टम दिया गया है कि अगर कार सवार लोगों ने सीट बेल्ट पहना है तभी एयरबैग खुलेगा. कई कारें ऐसी भी हैं जिनमें सीट बेल्ट न लगाने पर भी एयरबैग काम करते हैं.

iChowk के सभी पाठकों से आज तक डिजिटल की अपील है कि आप लोग भी अपनी कार के बारे में कार कंपनी से ये पता कर लें कि आपकी कार के एयरबैग किस स्थिति में काम नहीं करेंगे. किसी भी हादसे से कुछ सीख लेना बेहद जरूरी है. साइरस मिस्त्री के हादसे में कार का इम्पैक्ट बहुत ज्यादा नजर आ रहा है. हादसे की तस्वीरों से लग रहा है कि कार सड़क से फिसलकर साइड में जाकर बुरी तरह टकराई है. ऐसा अनुमान है कि कार की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा रही होगी.

अब तो जांच के बाद ही ये सामने आएगा कि क्या किसी को बचाने के चक्कर में कार डिवाइडर से जा टकराई या फिर ड्राइवर को झपकी आ गई थी. लेकिन ये जरूर लगता है कि ड्राइवर को संभलने का बिल्कुल मौका नहीं मिला और कार तेजी से डिवाइडर से टकरा गई. ऐसे में ये भी हो सकता है कि कार इतनी जोर से टकराई की कार में सीट बेल्ट लगाकर बैठे साइरस मिस्त्री की मौत इंटरनल इंजरी की वजह से हो गई. इसके अलावा ये आशंका भी बनती है कि जहां साइरस मिस्त्री बैठे थे यानी पीछे वाली सीट, उसके एयरबैग्स सही समय पर नहीं खुल पाए थे.महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे में हुई मिस्त्री की मौत की जांच के लिए डीजीपी को आदेश भी दिया है.

ये तो हुई एयरबैग्स और सीट बेल्ट की बात लेकिन सड़कों पर लगने वाले होर्डिंग्स भी ड्राईवर का ध्यान भटका सकते हैं और ऐसे में वो भी हादसों का कारण हो सकते हैं. इस बारे में साइरस मिस्त्री की दुर्घटना वाली कार चलाने वाली महिला डॉ अनाहिता पंडोले एक मुहीम भी चला रही थीं. आइये इस बारे में भी थोड़ी जानकारी लेकर आर्टिकल में आगे बढ़ा जाए.55 साल की डॉ अनाहिता पंडोले मुंबई की जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. वे मुंबई के बीच कैंडी हॉस्पिटल में प्रैक्टिस करती हैं. वे परज़ोर फाउंडेशन से जुड़ी हुई हैं. 2004 में अनाहिता ने द बॉम्बे पारसी पंचायत फर्टिलिटी प्रोजेक्ट शुरू किया. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य पारसी दंपतियों को किफायती दाम पर फर्टिलिटी इलाज मुहैया कराना और अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं तक उनकी पहुंच कराना है. फर्टिलिटी प्रोजेक्ट के बाद ही आगे चलकर जियो पारसी योजना शुरू की गई. जियो पारसी योजना में अनाहिता पंडोले की बड़ी भूमिका रही. इस योजना में अपने सुझावों के लिए उनकी खूब सराहना भी हुई थी.

डॉ. अनाहिता पंडोले कई तरह के सामाजिक कार्यों से जुड़ी रही हैं. उन्होंने अवैध होर्डिंग्स को लेकर भी अभियान चलाया था. इससे उन्हें खासी लोकप्रियता भी मिली थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अनाहिता मुंबई में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर जहां-तहां पिलर्स और पोल पर होर्डिंग्स लगाए जाने से नाराज थीं. उनका कहना है कि ये अदालत के दिशानिर्देशों के विपरीत है. उन्होंने अदालत में एक जनहित याचिका भी दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि कानूनों का पालन किए जाने तक बीएमसी को होर्डिंग्स लगाने की अनुमति न दी जाए.

अनाहिता के मुताबिक होर्डिंग्स के कारण सड़क पर चलने वालों के लिए खतरा पैदा होता है. कहीं ऐसा तो नहीं कि डॉ अनाहिता के लिए कोई होर्डिंग ही दुर्घटना का कारण बन गया. जो भी हो,आज तक डिजिटल के पाठकों से फिर एक अपील – आप लोग ड्राइविंग के दौरान रोड पर लगे होर्डिंग्स पर ध्यान न दें और अपना फोकस ड्राइविंग पर रखें ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके. मोबाइल या कोई भी ऐसी चीज जो ड्राइविंग के समय ध्यान भटका सकती हो, उसपर ध्यान न दें.

अब आइये कुछ और सड़क दुर्घटनाओं की बात कर लेते हैं जिनमें कुछ बड़े नाम शामिल हैं और जाहिर है कि उनकी गाडियां भी सेफ्टी फीचर्स से लैस थीं लेकिन फिर भी उन लोगों की जान गई. एक बड़ी सेलेब्रिटी के तौर पर प्रिंसेस डायना के रोड एक्सीडेंट की बात आपको याद दिला देता हूं. 25 साल पहले 31 अगस्त 1997 को पेरिस की एक सुरंग यानी अंडरपास में हुए कार हादसे में डायना की मौत हो गई थी. 36 साल की डायना के साथ उस समय उनके प्रेमी डोडी अल-फयाद की भी मौत हो गई थी. इस हादसे में उनका चालक हेनरी पॉल भी मारा गया था.

डोडी ने तब डायना को फ्रांस घूमने के लिए बुलाया था. दोनों एक साथ थे. अखबारों में तस्वीरें छप रही थीं, इसी दौरान 31 अगस्त को पेरिस में जब दोनों डिनर कर गाड़ी से जा रहे थे, तब उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ और दोनों की मौत हो गई. जिस वक्त डायना की मौत हुई उस वक्त वो लिमोसिन पेरिस के टनल से जा रही थीं, उनकी गाड़ी काफी स्पीड में थी, क्योंकि एक पपराजी की बाइक उनका पीछा कर रही थी.

क्षतिग्रस्त कार की तस्वीर ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था. ये और बात है कि वेल्स की राजकुमारी डायना की मौत कैसे और क्यों हुई इस पर हमेशा से बहस होती रही है. कई लोग तो ये सवाल भी पूछते हैं कि क्या सच में डायना एक असली दुर्घटना का शिकार हुईं? पुलिस के बयान में कहा गया है कि अंतिम निष्कर्ष ये है कि आरोपों के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं मिला.

वैसे गाड़ियों के हादसे की जांच करने वाले फोरेंसिक इनवेस्टिगेटर टोनी रीड ने इस हाई प्रोफाइल मामले पर दावा किया था कि इस हादसे में एक ऐसी चीज थी जो डायना की जान बचा सकती थी. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व पुलिस अधिकारी रह चुके टोनी रीड ने कहा था कि जब कार 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से खंबे से टकराई तो उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी. उन्हें पूरा विश्वास है कि अगर दोनों लोगों ने सीट बेल्ट लगा रखी होती तो उनकी जान बच सकती थी. ये हादसा बचने लायक था, इसी कारण बॉडीगार्ड ट्रेवर रीस-जोन्स बच गए.

फिर वही दरख्वास्त करेंगे हम कि यातायात और रोड सेफ्टी नियमों का हमेशा पालन करें और सुरक्षित रहें और पपराजी लोग सेलिब्रिटीज की एक्सक्लूसिव फोटो या वीडियो के चक्कर में खुद की या दूसरों की जान से खिलवाड़ न करें.

एक और सेलेब्रिटी की बात आपको बताते हैं –

'फास्ट एंड फ्यूरियस' फिल्म के स्टार पॉल वॉकर की 30 नवंबर 2013 को नॉर्थ लॉस ऐंजिलिस में एक कार ऐक्सिडेंट में मौत हो गई थी. एक्सीडेंट किस कारण हुआ ये बात किसी को पता नहीं चल पाई. जांच अधिकारियों ने केवल इतना बताया कि पॉल वॉकर की स्पोर्ट्स कार तेजी से आई और सेंट क्लैरिटा में एक पेड़ से टकरा गई और कुछ ही मिनटों में पूरी कार में आग लग गई.

किसान आंदोलन के दौरान सुर्खियों में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की कुछ समय पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी. जानकारी के मुताबिक ये सड़क हादसा दिल्ली के पास सोनीपत में हुआ था. उस दौरान उनकी एसयूवी कार में उनकी महिला मित्र भी सवार थी. तो ऐसे कई हादसे होते हैं जो लापरवाही या यातायात नियमों का पालन न करने के कारण भी होते हैं.

हम बार-बार यही कहेंगे कि आप लोग यातायात नियमों का पालन करें और सुरक्षित रहें.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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