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Karachi Plane Crash investigation में सामने आया पाकिस्तान का 'पायलट घोटाला'!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 27 जून, 2020 02:01 PM
  • 27 जून, 2020 02:01 PM
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पाकिस्तान (Pakistan) में कराची विमान हादसे (Karachi Plane Crash) का ठीकरा पायलट्स पर फोड़ा गया है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान स्थित PIA में 40% पायलट्स ऐसे हैं जिनके पास फ्लाइंग लाइसेंस है ही नहीं. इस बात से साफ़ हो गया है कि इमरान खान (Imran Khan) को अपने लोगों की कोई फ़िक्र नहीं है.

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) उस वक़्त दहल गया जब बीते 22 मई को कराची (Karachi) में एक बड़ा विमान हादसा (Karachi Airplane Crash) हुआ. मामला बड़ा था और कई लोगों की जानें गयीं इसलिए पाकिस्तान के अलावा दुनिया भर की मीडिया ने घटना को गंभीरता से लेते हए प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) से तीखे सवाल पूछे. खुद को घिरता देख इमरान खान ने मामले की जांच (Karachi Plane Crash Invetigation) के आदेश दिए थे. हादसे की रिपोर्ट आ गयी है और इसे पाकिस्तान की संसद में पेश किया गया है. रिपोर्ट पेश करते हुए पाकिस्तान के एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने सफाई देते हए सरकार को बचाने का काम किया है. खान ने कहा है कि एयरक्राफ्ट में कोई टेक्निकल दिक्कत नही थी. एविएशन मिनिस्टर खान ने माना है कि क्रैश के लिए पायलट, केबिन क्रू और एटीसी जिम्मेदार है. 

कराची विमान हादसे की जांच में जो तथ्य निकल कर सामने आए हैं वो विचलित करने वाले हैं

बता दें कि कराची में हुए इस प्लेन क्रैश में 8 केबिन क्रू समेत 97 लोगों की मौत हुई थी जबकि 2 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. एविएशन मिनिस्टर ने घटना का जिम्मेदार पायलट्स को माना है जो कि यूं ही नहीं है. इस बार मंत्री जी सही हैं.

एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने पीआईए में जारी धांधली का खुलासा करते हुए कहा है कि हमारी सरकारी एयरलाइंस में 40% के आसपास पायलट फर्जी लाइसेंस के बल बूते अपनी नौकरी बजा रहे हैं.

पीआईए का ये ट्वीट इंटरनेट पर तेजी के साथ वायरल हुआ है. इस ट्वीट पर अगर गौर करें तो जिस बेशर्मी के साथ सरकार ने पीआईए के...

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) उस वक़्त दहल गया जब बीते 22 मई को कराची (Karachi) में एक बड़ा विमान हादसा (Karachi Airplane Crash) हुआ. मामला बड़ा था और कई लोगों की जानें गयीं इसलिए पाकिस्तान के अलावा दुनिया भर की मीडिया ने घटना को गंभीरता से लेते हए प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) से तीखे सवाल पूछे. खुद को घिरता देख इमरान खान ने मामले की जांच (Karachi Plane Crash Invetigation) के आदेश दिए थे. हादसे की रिपोर्ट आ गयी है और इसे पाकिस्तान की संसद में पेश किया गया है. रिपोर्ट पेश करते हुए पाकिस्तान के एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने सफाई देते हए सरकार को बचाने का काम किया है. खान ने कहा है कि एयरक्राफ्ट में कोई टेक्निकल दिक्कत नही थी. एविएशन मिनिस्टर खान ने माना है कि क्रैश के लिए पायलट, केबिन क्रू और एटीसी जिम्मेदार है. 

कराची विमान हादसे की जांच में जो तथ्य निकल कर सामने आए हैं वो विचलित करने वाले हैं

बता दें कि कराची में हुए इस प्लेन क्रैश में 8 केबिन क्रू समेत 97 लोगों की मौत हुई थी जबकि 2 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. एविएशन मिनिस्टर ने घटना का जिम्मेदार पायलट्स को माना है जो कि यूं ही नहीं है. इस बार मंत्री जी सही हैं.

एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने पीआईए में जारी धांधली का खुलासा करते हुए कहा है कि हमारी सरकारी एयरलाइंस में 40% के आसपास पायलट फर्जी लाइसेंस के बल बूते अपनी नौकरी बजा रहे हैं.

पीआईए का ये ट्वीट इंटरनेट पर तेजी के साथ वायरल हुआ है. इस ट्वीट पर अगर गौर करें तो जिस बेशर्मी के साथ सरकार ने पीआईए के हवाले से तर्क दिए हैं वो बेशर्मी भरे और विचलित करने वाले हैं.

मामले पर घड़ियाली आंसू बहाते हुए गुलाम सरवर खान ने कहा है कि हमारे पायलट्स ओवर कॉन्फिडेंट थे उन्होंने एयरक्राफ्ट पर ध्यान नहीं दिया. एटीसी ने उनसे प्लेन की ऊंचाई बढ़ाने को कहा जिसका जवाब देते हुए एक पायलट ने ये तर्क दिया कि वो सब संभाल लेगा. बताया ये भी जा रहा है कि जिस वक्त प्लेन मुश्किल हालातों में था विमान के दोनों पायलट्स इस बात को लेकर फिक्रमंद थे कि अपने अपने परिवारों को कोरोना वायरस और उसके प्रकोप से कैसे बचाया जाए.

गुलाम सरवर खान का ये स्टेटमेंट पाकिस्तान का निजाम समझाने के लिए काफी है. इस स्टेटमेंट से हमें इतना तो कम से कम पता चल ही गया कि जहां अंधेर नगरी होती है वहीं पर राजा चौपट होता है.

जिक्र संसद में पेश जांच रिपोर्ट का हुआ है तो हमारे लिए सरकार के उस दावे पर बात करना बहुत ज़रूरी है जो इस पूरे विवाद की जड़ है. पाकिस्तान में पी आई ए के बारे में जो चौंकाने वाला खुलासा हुआ है उसमें इस बात का साफ जिक्र हुआ है कि पाकिस्तान के 40 % पायलट ऐसे हैं जो फर्जी लाइसेंस स्व एयरक्राफ्ट उड़ा रहे हैं. इन लोगों ने न तो कभी एग्जाम दिया और न इनके पास फ़्लाइंग एक्सपीरियंस है. इनकी भर्ती में सियासी दखलंदाजी और पैसे का लेन देन होता है.

पाकिस्तान के एविएशन मिनिस्टर इतने पर रुक जाते तो भी ठीक था कहानी में ट्विस्ट तब आया जब ये कहा गया कि जांच में 4 पायलट्स ऐसे पाए गए जिनके द्वारा पेश की गयी डिग्रियां तक नकली निकलीं. मामला सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है और सवाल यही हो रहा है की आखिर कोई इतना लापरवाह कैसे हो सकता है.

मामला भले ही बहुत गंभीर हो मगर जो तर्क पाकिस्तान की हुकूमत की तरफ से दिए जा रहे हैं वो हास्यपद हैं. मामले पर आनंद महिंद्रा ने भी पाकिस्तान की चुटकी ली है और पूछा है कि क्या वर्क फ्रॉम होम के इस दौर में ये पाकिस्तानी पायलट्स भी अपने घर पर रहकर काम कर सकते हैं.

बहरहाल, पाकिस्तान के एविएशन मिनिस्टर कितने भी तर्क क्यों न दे लें. इंटरनेशनल लेवल पर पाकिस्तान और इमरान खान की बेइज्जती हो गयी है. घटना ने पाकिस्तान को फिर एक बार पूरी दुनिया के सामने बेनकाब किया है और बताया है कि ये एक ऐसा मुल्क है जिसे लोगों की जान से कोई मतलब नहीं है. बात जब निजी फायदे की आएगी तो यहां के हुक्मरान मुल्क बेच देंगे.

पाकिस्तान में जिस तरह आम लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हुआ है उसपर यूएन समेत तमाम दीगर मानवाधिकार संस्थाओं को आगे आना चाहिए और एक लाइन से सभी को तालाब कर सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए.

इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा विचलित करने वाली बात अगर कोई है तो वो मुल्क के मुखिया इमरान खान की चुप्पी है. साफ़ बात है यदि ऐसा कुछ कहीं और या ये कहें कि भारत में हुआ होता तो इमरान आलोचना के नाम पर हर वो जतन कर चुके होते जिसका उद्देश्य हिंदुस्तान की बेइज्जती और खुद को वैश्विक नेता दिखाना होता.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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