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जिग्नेश मेवाणी की नजर दिल्ली पर, कहा - मोदी को 2019 में मजा चखाएंगे

    • आईचौक
    • Updated: 05 जनवरी, 2018 06:54 PM
  • 05 जनवरी, 2018 06:54 PM
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दिल्ली में हुंकार रैली की तैयारी कर रहे जिग्नेश मेवाणी अहमदाबाद से निकल कर दिल्ली पहुंचना चाहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी को टारगेट कर मेवाणी ने अपना इरादा जाहिर कर दिया है.

जिग्नेश मेवाणी ने वकालत से आंदोलन का रुख किया. फिर कांग्रेस की मदद से चुनावी राजनीति में कूदे और जीत कर गुजरात विधानसभा पहुंचे. अब उनकी नजर दिल्ली पर टिकी लगती है. दलितों के मसले पर सीधे प्रधानमंत्री मोदी को टारगेट कर मेवाणी ने अपना इरादा साफ कर दिया है. मेवाणी ने भीमा-कोरेगांव हिंसा पर मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया है - और ऐलान किया है कि 2019 में मजा चखाएंगे. वैसे मेवाणी 9 जनवरी को दिल्ली में सामाजिक न्याय के लिए दिल्ली में युवा हुंकार रैली भी करने वाले हैं.

मेवाणी का मोदी पर निशाना

गुजरात की गलियों में दलित आंदोलन को खड़ा कर लेने के बाद जिग्नेश मेवाणी ने अपने अखिल भारतीय इरादे का इजहार कर दिया है. लगता है जिग्नेश ने उस खालीपन को भांप लिया है जो दलित आंदोलन में दिखायी पड़ रहा है. यूपी से साफ और राज्य सभा छोड़ कर जाने के बाद मायावती सियासी फ्रेम से बाहर होती लग रही हैं. बाद की बात और है फिलहाल तो ऐसा ही नजर आ रहा है. दलित आंदोलन के बाकी नंबरदार या तो बूढ़े हो चले हैं या फिर बिखरे हुए हैं.

हुंकार या दिल्ली में दस्तकय़

जिग्नेश मेवाणी दिल्ली में सामाजिक न्याय के लिए हुंकार रैली करने वाले हैं जिसमें असम के किसान नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट अखिल गोगोई भी हिस्सा लेंगे. रैली के जरिये ये दलित नेता यूपी में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को रिहा करने की मांग करने वाले हैं.

दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में मेवाणी ने सीधे सीधे प्रधानमंत्री पर हमला बोला और कहा - 'अगर ऐसे ही चलता रहा तो 2019 में मोदी जी को मजा चखाएंगे.'

जिग्नेश मेवाणी ने वकालत से आंदोलन का रुख किया. फिर कांग्रेस की मदद से चुनावी राजनीति में कूदे और जीत कर गुजरात विधानसभा पहुंचे. अब उनकी नजर दिल्ली पर टिकी लगती है. दलितों के मसले पर सीधे प्रधानमंत्री मोदी को टारगेट कर मेवाणी ने अपना इरादा साफ कर दिया है. मेवाणी ने भीमा-कोरेगांव हिंसा पर मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया है - और ऐलान किया है कि 2019 में मजा चखाएंगे. वैसे मेवाणी 9 जनवरी को दिल्ली में सामाजिक न्याय के लिए दिल्ली में युवा हुंकार रैली भी करने वाले हैं.

मेवाणी का मोदी पर निशाना

गुजरात की गलियों में दलित आंदोलन को खड़ा कर लेने के बाद जिग्नेश मेवाणी ने अपने अखिल भारतीय इरादे का इजहार कर दिया है. लगता है जिग्नेश ने उस खालीपन को भांप लिया है जो दलित आंदोलन में दिखायी पड़ रहा है. यूपी से साफ और राज्य सभा छोड़ कर जाने के बाद मायावती सियासी फ्रेम से बाहर होती लग रही हैं. बाद की बात और है फिलहाल तो ऐसा ही नजर आ रहा है. दलित आंदोलन के बाकी नंबरदार या तो बूढ़े हो चले हैं या फिर बिखरे हुए हैं.

हुंकार या दिल्ली में दस्तकय़

जिग्नेश मेवाणी दिल्ली में सामाजिक न्याय के लिए हुंकार रैली करने वाले हैं जिसमें असम के किसान नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट अखिल गोगोई भी हिस्सा लेंगे. रैली के जरिये ये दलित नेता यूपी में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को रिहा करने की मांग करने वाले हैं.

दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में मेवाणी ने सीधे सीधे प्रधानमंत्री पर हमला बोला और कहा - 'अगर ऐसे ही चलता रहा तो 2019 में मोदी जी को मजा चखाएंगे.'

दलितों के गुस्से के बहाने राजनीति

गुजरात के वडगाम से विधायक मेवाणी ने पूछा है कि खुद को बाबा साहब अंबेडकर का भक्‍त बताने वाले प्रधानमंत्री मोदी भीमा-कोरेगांव हिंसा पर चुप क्‍यों हैं? मेवाणी ने कहा कि अपनी रैली के बाद वो प्रधानमंत्री कार्यालय जाएंगे और एक हाथ में संविधान और दूसरे में मनुस्मृति लेकर प्रधानमंत्री मोदी जी से पूछूंगे - 'आप दोनों में से क्या चुनेंगे?'

अंबेडकर विमर्श और विवाद

अंबेडकर का नाम लेकर जिग्नेश मेवाणी जिस भीमा-कोरेगांव हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछ रहे हैं, उसी मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई है. दिलचस्प बात ये है कि उसी हिंसा को लेकर संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है - और सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी की वो बात शेयर की जा रही है जो उन्होंने 2014 लोक सभा चुनाव के दौरान मोदी ने कही थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तब मोदी ने संभाजी की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए उन्हें महापुरुष बताया था.

मेवाणी के निशाने पर मोदी...

इस बीच अंबेडकर को लेकर मेवाणी के एक भाषण का वीडियो भी वायरल हुआ है. ये वीडियो बीजेपी आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने ट्विटर पर शेयर किया है जिसमें मेवाणी बताना चाहते हैं कि अंबेडकर की बातों से सहमत होना जरूरी नहीं - और ये बाद अंबेडकर ने ही सिखाया है.

FIR को लेकर सफाई और अपील

जिग्‍नेश मेवाणी ने रोहित वेमुला की खुदकुशी, सहारनपुर और ऊना की घटनाओं का भी जिक्र किया और कहा कि इन सभी पर प्रधानमंत्री मोदी चुप रहते हैं. अपने खिलाफ हुई प्राथमिकी को मेवाणी ने सरकार की बचकाना हरकत बताया है. मेवाणी का कहना है कि उनका भाषण सोशल मीडिया पर है और उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो भड़काऊ हो. मेवाणी कह रहे हैं कि वक्त आ गया है कि केंद्र सरकार अपना स्टैंड स्पष्ट करे. सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करते हुए मेवाणी बोले - 'आप लाखों दलितों को गुस्‍सा कर रहे हैं.'

मेवाणी ने अपने समर्थकों से शांत रहने की भी अपील की, "मैं खुद पेशे से वकील हूं और मैंने कानून के दायरे में रह कर ही काम किया है - और मेरे ऊपर मुकद्दमा दर्ज होने से किसी की भी भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं अपील करता हूं कि लोग सड़कों पर न उतरें."

मेवाणी ने एक और भी सवाल किया - 'मंगल पर हम घर बनाने की बात कर रहे हैं तो फिर जाति की बात क्यों होती है?'

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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