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आखिर जया बच्चन को गुस्सा क्यों आता है?

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 21 दिसम्बर, 2021 05:59 PM
  • 21 दिसम्बर, 2021 05:59 PM
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जिस समय राज्यसभा में जया बच्चन (Jaya Bachchan) का गुस्सा सातवें आसमान को छू रहा था. ठीक उसी समय पनामा पेपर लीक मामले में जया बच्चन की बहू ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) से प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी पूछताछ कर रही थी.

1971 में रिलीज हुई फिल्म गुड्डी में चुलबुले किरदार की बात हो, चुपके-चुपके की सौम्यता से भरी वसुधा का किरदार हो या शोले फिल्म में अपने दर्द को खुद में समेट कर शांत रहने वाली राधा की भूमिका अभिनेत्री जया बच्चन ने हर किरदार को पूरी संजीदगी से 70एमएम स्क्रीन पर उतारा था. लेकिन, रील और रियल लाइफ में फर्क होता ही है. और, इसे कायदे से समझने के लिए समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन का रुख किया जा सकता है. दरअसल, जया बच्चन अपने गुस्से के लिए मशहूर हैं. मतलब जिस तरह चाचा चौधरी की कॉमिक्स में साबू को गुस्सा आने पर कहीं ज्वालामुखी फूटने की बात की जाती थी. आसान शब्दों में कहा जाए, तो ज्वालामुखी फूटने के बाद होने वाली तबाही को इस पंच लाइन के जरिये स्थापित किया जाता था. ठीक उसी तरह जया बच्चन के गुस्से की तुलना भी साबू के गुस्से से की जाने लगी है. क्योंकि, उनका गुस्सा भी किसी सीमा में नहीं बंधा है. और, अगर जया बच्चन को गुस्सा आ गया, तो मामला श्राप देने तक भी पहुंच जाता है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर जया बच्चन को गुस्सा क्यों आता है? 

जया बच्चन का गुस्सा दुर्वासा ऋषि की तरह अब श्राप देने तक पहुंच गया है.

निजी कमेंट से भड़कीं जया बच्चन?

दरअसल, मामला ये है कि समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन को राज्यसभा में नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा करने के लिए समय दिया गया था. लेकिन, इस बिल पर चर्चा करने की जगह जया बच्चन का गुस्सा पीठासीन भुवनेश्वर कालिता पर फूट पड़ा. जया बच्चन ने भुवनेश्वर कालिता पर इस बात को लेकर गुस्सा निकाला कि वह पहले कांग्रेस में थे और अब भाजपाई हो गए हैं. ऐसा लग रहा था कि जया बच्चन पहले से ही तय करके आई थीं कि आज राज्यसभा में जो भी सामने...

1971 में रिलीज हुई फिल्म गुड्डी में चुलबुले किरदार की बात हो, चुपके-चुपके की सौम्यता से भरी वसुधा का किरदार हो या शोले फिल्म में अपने दर्द को खुद में समेट कर शांत रहने वाली राधा की भूमिका अभिनेत्री जया बच्चन ने हर किरदार को पूरी संजीदगी से 70एमएम स्क्रीन पर उतारा था. लेकिन, रील और रियल लाइफ में फर्क होता ही है. और, इसे कायदे से समझने के लिए समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन का रुख किया जा सकता है. दरअसल, जया बच्चन अपने गुस्से के लिए मशहूर हैं. मतलब जिस तरह चाचा चौधरी की कॉमिक्स में साबू को गुस्सा आने पर कहीं ज्वालामुखी फूटने की बात की जाती थी. आसान शब्दों में कहा जाए, तो ज्वालामुखी फूटने के बाद होने वाली तबाही को इस पंच लाइन के जरिये स्थापित किया जाता था. ठीक उसी तरह जया बच्चन के गुस्से की तुलना भी साबू के गुस्से से की जाने लगी है. क्योंकि, उनका गुस्सा भी किसी सीमा में नहीं बंधा है. और, अगर जया बच्चन को गुस्सा आ गया, तो मामला श्राप देने तक भी पहुंच जाता है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर जया बच्चन को गुस्सा क्यों आता है? 

जया बच्चन का गुस्सा दुर्वासा ऋषि की तरह अब श्राप देने तक पहुंच गया है.

निजी कमेंट से भड़कीं जया बच्चन?

दरअसल, मामला ये है कि समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन को राज्यसभा में नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा करने के लिए समय दिया गया था. लेकिन, इस बिल पर चर्चा करने की जगह जया बच्चन का गुस्सा पीठासीन भुवनेश्वर कालिता पर फूट पड़ा. जया बच्चन ने भुवनेश्वर कालिता पर इस बात को लेकर गुस्सा निकाला कि वह पहले कांग्रेस में थे और अब भाजपाई हो गए हैं. ऐसा लग रहा था कि जया बच्चन पहले से ही तय करके आई थीं कि आज राज्यसभा में जो भी सामने आएगा, उसे लपेटे में ले लिया जाएगा. और, अपने गुस्से के लिए वर्ल्ड फेमस जया बच्चन ने आते ही भुवनेश्वर कालिता को लपेट दिया. उन्होंने बोलने के साथ हाउस चेयर के साथ भाजपा सांसदों पर जुबानी हमले शुरू कर दिए. जया बच्चन के 'चेयर' को निशाना बनाने पर भाजपा के सांसद राकेश सिन्हा ने उन पर संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप लगाया.

खैर, भुवनेश्वर कालिता ने राज्यसभा की कार्रवाई से अनुचित लाइनें हटाने की बात कह कर हंगामे को शांत करते हुए जया बच्चन को माननीय सदस्य कहकर अपनी बात दोबारा रखने के लिए कहा. लेकिन, समाजवादी पार्टी की सांसद का गुस्सा शांत नहीं हुआ था. गुस्से में भरी हुईं जया बच्चन हांफते हुए माननीय सदस्य कहने पर भी उखड़ गईं. नारकोटिक्स बिल पर चर्चा करने के लिए बार-बार याद दिलाए जाने के बाद भी जया बच्चन ने निलंबित किए गए सांसदों के मुद्दे समेत हर उस मामले पर बात की, जिसके लिए उन्हें समय नहीं दिया गया था. इस बीच किसी सदस्य ने उन पर निजी टिप्पणी कर दी. इससे बुरी तरह भड़कीं जया बच्चन ने व्यक्तिगत टिप्पणी करने पर गुस्से में भाजपा को श्राप देते हुए कहा कि 'आपके लोगों के बुरे दिन आएंगे...आई कर्स यू.' 

क्या था वो कमेंट?

जिस निजी कमेंट की वजह से जया बच्चन भाजपा सांसदों पर भड़की थी, वो उनके गुस्से से स्पष्ट था. जया बच्चन ने कहा भी कि कोई मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी कैसे कर सकता है? वैसे, जया बच्चन के बुरी तरह से गुस्से में भरने की वजह यही थी. दरअसल, जिस समय राज्यसभा में जया बच्चन का गुस्सा सातवें आसमान को छू रहा था. ठीक उसी समय पनामा पेपर लीक मामले में जया बच्चन की बहू ऐश्वर्या राय बच्चन से प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी पूछताछ कर रही थी. हाल ही में समाजवादी पार्टी के कई नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापे मारे हैं और जया बच्चन भी सपा की ओर से राज्यसभा सांसद हैं, तो उनका भड़कना लाजिमी था. वैसे, जया बच्चन अपनी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन को लेकर बहुत ही ज्यादा सेंसिटिव हैं. और, कई मौकों पर लोग इसी वजह से जया बच्चन के कोपभाजन का शिकार हो चुके हैं.

ऐश्वर्या को ऐश बुलाने पर गुस्से में लाल हो गई थीं जया

आमतौर पर टीवी सीरियल और फिल्म स्क्रीन पर दिखने वाले सास-बहू के झगड़ों से इतर जया बच्चन और उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन का रिश्ता बहुत ही खास है. अभिषेक बच्चन से शादी के बाद से लेकर अब तक जया बच्चन हमेशा ही अपनी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन की तारीफ करती हुई ही नजर आती हैं. जया और ऐश्वर्या के लेकर शायद ही कोई ऐसा मौका रहा हो, जब दोनों के बीच किसी तरह की खटपट का अंदेशा भी लगाया जा सके. जया बच्चन अपनी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन को लेकर किस कदर प्रोटेक्टिव है, इसकी बानगी 2013 में सुभाष घई की पार्टी के बाद हुए एक मामले से काफी लाइमलाइट में आई थी. सुभाष घई की पार्टी से निकलते वक्त कुछ पैपराजी ने दोनों की तस्वीरें खींचने के लिए ऐश्वर्या को ऐश कह दिया था. ऐश्वर्या को ऐश नाम से पुकारे जाने पर सासू मां जया का गुस्सा भड़कना ही था. जया बच्चन ने पैपराजी को सीधे ताकीद की कि 'ऐश क्या होता है? क्या वह तुम्हारी स्कूल फ्रेंड है? थोड़ी इज्जत करना सीखिए. आप ऐश्वर्या मैम नहीं बोल सकते क्या?'

कई मौके पर दिखा चुकी हैं गुस्सा

तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में चुनाव प्रचार करने पश्चिम बंगाल पहुंची जया बच्चन का गुस्सा अपने ही एक कार्यकर्ता पर फूट पड़ा था. दरअसल, ममता बनर्जी की पार्टी को समर्थन देने के लिए समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन को पश्चिम बंगाल भेजा था. यहां टीएमसी उम्मीदवार गौतम चौधरी के समर्थन में रोड शो करने के दौरान एक कार्यकर्ता ने जया बच्चन के साथ सेल्फी लेने की कोशिश की थी. जिस पर भड़कते हुए जया बच्चन ने कार्यकर्ता को धक्का मार दिया था. 

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले पर संसद से लेकर सड़क तक काफी बवाल मचा था. सुशांत सिंह राजपूत की मौत में ड्रग एंगल के सामने आने के बाद बॉलीवुड के कई बड़े नामों पर जांच की आंच आई थी. इसी मामले पर भाजपा सांसद रवि किशन ने संसद में बॉलीवुड इंडस्ट्री को ड्रग्स और नशा का अड्डा कह दिया था. जिस पर गुस्से में भरी जया बच्चन ने रवि किशन को जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करने वाले के तौर पर संबोधित किया था.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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