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'इस्लामी आतंकवाद भी इस्लाम का एक रूप है'

    • आईचौक
    • Updated: 26 नवम्बर, 2017 01:50 PM
  • 26 नवम्बर, 2017 01:50 PM
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प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने इस्लामी आंतकवाद और इस्लाम को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिस पर विवाद खड़ा हो सकता है, जानिए क्या कहा सलमान रुश्दी ने?

पूरी दुनिया में आतंकवाद नामक संक्रामक बीमारी के प्रसार के बाद से ही बार-बार आंतकवाद को इस्लाम से जोड़ा जाता रहा है. लेकिन हमेशा से इस राय की तीखी आलोचना होती रही है.

इस बात पर लंबे समय से बहस जारी रही है कि क्या आतंकवाद को किसी धर्म विशेष के साथ जोड़ना जायज है? इसके जवाब में लोगों का मानना रहा है कि ऐसा करना गलत है और महज मुट्ठी भर राह से भटके लोगों की वजह से पूरे इस्लाम धर्म को दोषी ठहराना इस धर्म को कमतर करने की कोशिश है.

चर्चित मुस्लिम साहित्‍यकार ने सलमान रूश्दी ने भी कहा है कि इस्लामी आतंकवाद भी इस्लाम का एक रूप है और इसके खात्मे के लिए इस सच्चाई को स्वीकार करना जरूरी है. भारतीय मूल के प्रसिद्ध ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी ने कहा कि- इस्लाम का हिंसक उत्परिवर्तन भी इस्लाम है. जो पिछले 15-20 वर्षों के दौरान बहुत ही ताकतवर बनकर उभरा है.

रुश्दी ने बेबाक बात कह दी

रुश्दी अपनी विचारधारा के लिए हमेशा से ही कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं और उनके उपन्यास सैटनिक वर्सेज के लिए उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया था. ईरान के शासक अयतुल्ला खोमैनी ने रुश्दी का सिर काटकर लाने वालों को इनाम देने तक का ऐलान कर दिया था.

लेकिन अपने बेबाक बयानों के लिए पहचाने वाले रुश्दी को अपनी बात कहने से कोई रोक नहीं पाया है. हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल बिग थिंक के लिए बनाए गए वीडियो में रुश्दी ने इस्लामी आंतकवाद को लेकर अपने...

पूरी दुनिया में आतंकवाद नामक संक्रामक बीमारी के प्रसार के बाद से ही बार-बार आंतकवाद को इस्लाम से जोड़ा जाता रहा है. लेकिन हमेशा से इस राय की तीखी आलोचना होती रही है.

इस बात पर लंबे समय से बहस जारी रही है कि क्या आतंकवाद को किसी धर्म विशेष के साथ जोड़ना जायज है? इसके जवाब में लोगों का मानना रहा है कि ऐसा करना गलत है और महज मुट्ठी भर राह से भटके लोगों की वजह से पूरे इस्लाम धर्म को दोषी ठहराना इस धर्म को कमतर करने की कोशिश है.

चर्चित मुस्लिम साहित्‍यकार ने सलमान रूश्दी ने भी कहा है कि इस्लामी आतंकवाद भी इस्लाम का एक रूप है और इसके खात्मे के लिए इस सच्चाई को स्वीकार करना जरूरी है. भारतीय मूल के प्रसिद्ध ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी ने कहा कि- इस्लाम का हिंसक उत्परिवर्तन भी इस्लाम है. जो पिछले 15-20 वर्षों के दौरान बहुत ही ताकतवर बनकर उभरा है.

रुश्दी ने बेबाक बात कह दी

रुश्दी अपनी विचारधारा के लिए हमेशा से ही कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं और उनके उपन्यास सैटनिक वर्सेज के लिए उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया था. ईरान के शासक अयतुल्ला खोमैनी ने रुश्दी का सिर काटकर लाने वालों को इनाम देने तक का ऐलान कर दिया था.

लेकिन अपने बेबाक बयानों के लिए पहचाने वाले रुश्दी को अपनी बात कहने से कोई रोक नहीं पाया है. हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल बिग थिंक के लिए बनाए गए वीडियो में रुश्दी ने इस्लामी आंतकवाद को लेकर अपने विचार बड़े ही बेबाक अंदाज में रखे हैं. रुश्दी के इस बयान पर विवाद होना भी लगभग तय है. आइए जानें इस्लामी आतंकवाद के बारे में क्या कहा रुश्दी ने.

देखें: इस्लामी आतंकवाद पर दिए गए सलमान रुश्दी के बयान का वीडियो

आतंकवाद और इस्लाम के बारे में जारी बहस पर रुश्दी ने कहा, 'अगर इस्लामी आंतकवाद में संलिप्त हरकोई कहता है कि वे यह इस्लाम के नाम पर कर रहे हैं तो हम ये कहने वाले कौन हैं कि वे ऐसा नहीं कर रहे हैं.' 'मेरा मतलब है कि इस समय दुनिया में जो भी हो रहा है. उसके बारे में ये कहना कि उसका इस्लाम से कुछ लेनादेना नहीं तार्किक रूप से असंभव है.'

रुश्दी ने कहा, 'मेरा मतलब है कि निश्चित तौर पर इस्लाम का जो मतलब उनके लिए है ज्यादातर मुसलमानों के लिए इस्लाम का वह मतलब नहीं है. लेकिन फिर भी यह इस्लाम का एक रूप है, और यह इस्लाम का एक ऐसा रूप है जो पिछले 25-30 वर्षों में अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली बन गया है. इस्लाम का ऐसा रूप जो किसी और से ज्यादा मुस्लिमों की हत्या और उन्हें पीड़ित करता है.'

'मु्स्लिम पर सबसे ज्यादा अत्याचार मुस्लिम ही कर रहे हैं'

उन्होंने कहा, 'इस समय दुनिया में ज्यादातर मुस्लिमों की मौत अमेरिकी ड्रोन से नहीं हो रही है बल्कि उनकी मौत की वजह मुस्लिमों पर होने वाले अलग तरीके के इस्लामी हमले हैं. शिया सुन्नी पर हमले करते हैं, सुन्नी शियाओं पर हमले करते हैं. इस समय मुस्लिमों पर ज्यादातर अत्याचार मुस्लिमों द्वारा ही किए जा रहे हैं, चाहे फिर वह अफगानिस्तान में तालिबान हो या फिर अयातुल्ला या फिर चाहे जो भी हो.'

इस्लामी आंतकवाद से निपटने के लिए किस चीज की जरूरत है इसके बारे में रुश्दी ने कहा, 'समस्या ये है कि इस्लाम में एक उत्परिवर्तन हुआ है जोकि असामान्य रूप से विषैला और ताकतवर है. और इससे निपटने की जरूरत है लेकिन इससे निपटने के लिए हमें पहले इसे इसके असली नाम से बुलाना होगा.'

सलमान रुश्दी के इस बयान पर विवाद तो होगा ही लेकिन उन्होंने एक संवेदनशील मुद्दे पर आवश्यक बहस तो छेड़ ही दी है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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