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क्या जो बाइडेन राष्ट्रपति पद से अपनी 'सेफ एग्जिट' का रास्ता खोज रहे हैं?

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 24 जुलाई, 2022 06:15 PM
  • 24 जुलाई, 2022 06:15 PM
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पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा कि उन्हें कैंसर है. जिस पर व्हाइट हाउस (White House) को आनन-फानन में सफाई देनी पड़ी. इसके बाद जो बाइडेन के कोरोना संक्रमित होने की खबर सामने आई. दरअसल, बाइडेन की लगातार फिसलती जबान ने इस आशंका को बल दिया है कि वह राष्ट्रपति (President) पद से 'सेफ एग्जिट' खोज रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए खुद को कैंसर होने का दावा कर दिया था. जिसके चलते हड़कंप मच गया था. हालांकि, जो बाइडेन के इस बयान के सामने आने के बाद आनन-फानन में व्हाइट हाउस ने इस बात का खंडन किया. और, साफ किया कि जो बाइडेन राष्ट्रपति बनने से पहले अपने स्किन कैंसर के इलाज का हवाला दे रहे थे. लेकिन, थोड़ी ही देर बाद एक और खबर सामने आई. 'जो बाइडेन कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं.' जिस पर व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया कि जो बाइडेन ऑफिस के काम करते रहेंगे. आसान शब्दों में कहा जाए, तो बाइडेन फिलहाल कुछ दिनों के लिए सार्वजनिक जगहों पर नही दिखाई देंगे. इस पूरे घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ गई है क्या जो बाइडेन राष्ट्रपति पद से अपनी 'सेफ एग्जिट' का रास्ता खोज रहे हैं?

हुआ क्या था?

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक भाषण के दौरान कथित तौर पर कहते नजर आते हैं कि उन्हें कैंसर है. दरअसल, बाइडेन जलवायु परिवर्तन और तेल रिफाइनरियों से होने वाले उत्सर्जन के नुकसान के बारे में अपनी बात रख रहे थे. और उन्होंने अपने बचपन का जिक्र करते हुए कहा कि 'पैदल चलने की जगह मेरी मां हमें गाड़ी से लेकर जाती थी. गाड़ी की खिड़की पर चिपके तेल को हटाने के लिए हमें वाइपर का इस्तेमाल करना पड़ता था. यही वजह है कि मुझे और मेरे साथ बड़े हुए तमाम लोगों को कैंसर है. और, इसलिए लंबे समय तक डेलावेयर में कैंसर दर देश में सबसे ज्यादा रही.' 

स्पेन में बसने की इच्छा भी जता चुके हैं बाइडेन

बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी पत्नी के साथ स्पेन की यात्रा पर गए थे. इस दौरान बाइडेन ने स्पेन के राजा फिलिप VI और रानी लेतिजिया से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान मजाकिया अंदाज में जो बाइडेन ने महल की खूबसूरती का जिक्र करते हुए स्पेन में ही बसने की...

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए खुद को कैंसर होने का दावा कर दिया था. जिसके चलते हड़कंप मच गया था. हालांकि, जो बाइडेन के इस बयान के सामने आने के बाद आनन-फानन में व्हाइट हाउस ने इस बात का खंडन किया. और, साफ किया कि जो बाइडेन राष्ट्रपति बनने से पहले अपने स्किन कैंसर के इलाज का हवाला दे रहे थे. लेकिन, थोड़ी ही देर बाद एक और खबर सामने आई. 'जो बाइडेन कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं.' जिस पर व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया कि जो बाइडेन ऑफिस के काम करते रहेंगे. आसान शब्दों में कहा जाए, तो बाइडेन फिलहाल कुछ दिनों के लिए सार्वजनिक जगहों पर नही दिखाई देंगे. इस पूरे घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ गई है क्या जो बाइडेन राष्ट्रपति पद से अपनी 'सेफ एग्जिट' का रास्ता खोज रहे हैं?

हुआ क्या था?

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक भाषण के दौरान कथित तौर पर कहते नजर आते हैं कि उन्हें कैंसर है. दरअसल, बाइडेन जलवायु परिवर्तन और तेल रिफाइनरियों से होने वाले उत्सर्जन के नुकसान के बारे में अपनी बात रख रहे थे. और उन्होंने अपने बचपन का जिक्र करते हुए कहा कि 'पैदल चलने की जगह मेरी मां हमें गाड़ी से लेकर जाती थी. गाड़ी की खिड़की पर चिपके तेल को हटाने के लिए हमें वाइपर का इस्तेमाल करना पड़ता था. यही वजह है कि मुझे और मेरे साथ बड़े हुए तमाम लोगों को कैंसर है. और, इसलिए लंबे समय तक डेलावेयर में कैंसर दर देश में सबसे ज्यादा रही.' 

स्पेन में बसने की इच्छा भी जता चुके हैं बाइडेन

बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी पत्नी के साथ स्पेन की यात्रा पर गए थे. इस दौरान बाइडेन ने स्पेन के राजा फिलिप VI और रानी लेतिजिया से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान मजाकिया अंदाज में जो बाइडेन ने महल की खूबसूरती का जिक्र करते हुए स्पेन में ही बसने की इच्छा जता दी थी. बाइडेन ने डेलावेयर के एक छोटे से शहर क्लेमॉन्ट की एक पुरानी कहावत का जिक्र किया. जो इस तरह है कि हम गरीब रिश्तेदारों की तरह हैं. हम बुलावे पर आते हैं और हम ज्यादा समय तक रुक जाते हैं. हम शायद वापस न जाएं. कहने को तो जो बाइडेन ने ये बात मजाकिया लहजे में कही थी. लेकिन, उस समय भी लोगों ने इसे गंभीरता से लिया था. आसान शब्दों में कहा जाए, तो बाइडेन की जबान बीते कुछ समय में कई बार फिसली है. जिसने उनके राष्ट्रपति पद छोड़ने की आशंकाओं को जन्म दिया है.

बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग में लगातार गिरावट

दरअसल, जो बाइडेन के राष्ट्रपति पद छोड़ने की आशंकाओं को तब और बल मिलता है. जब लोगों की नजर बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग पर जाती है. क्योंकि, जो बाइडेन के व्हाइट हाउस संभालने के बाद से ही उनकी अप्रूवल रेटिंग लगातार गिरती जा रही है. जिसने बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं की चिंताएं बढ़ा दी हैं. क्योंकि, नवंबर 2022 में होने वाले मिडटर्म चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी को झटका मिलने की संभावना बढ़ गई है. हाल ही में सामने आई अप्रूवल रेटिंग में बाइडेन की औसत रेटिंग 38.8 फीसदी तक पहुंच गई थी. जिसमें से 56.9 फीसदी अमेरिकी नागरिकों ने उनके प्रदर्शन को खराब बताया है. बाइडेन की ये अप्रूवल रेटिंग पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 43.3 फीसदी से काफी कम है.

अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही जो बाइडेन के लिए मुश्किलें एक के बाद एक सामने आती रही हैं.

अर्थव्यवस्था से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध तक पर घिरे

अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों को वापस बुलाने के फैसले को लेकर जो बाइडेन की दुनियाभर में आलोचना हुई थी. इतना ही नहीं, कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को लगे झटके से निपटने में भी बाइडेन कुछ प्रभावी फैसले नहीं ले सके. वहीं, इसी साल यूक्रेन को नाटो में होने का न्योता देकर रूस को भड़काने के पीछे भी बाइडेन को ही वजह माना जा रहा है. दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए आर्थिक संकट से अमेरिका भी नहीं बचा है. और, अमेरिका में महंगाई दर 80 के दशक के बाद अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है. अमेरिका में बढ़े गन कल्चर के खिलाफ भी जो बाइडेन को एक कमजोर नेता के तौर पर देखा जा रहा है.

पार्टी में भी झेलना पड़ रहा है विरोध

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को अपनी ही डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं का साथ भी नहीं मिलता नजर आ रहा है. बीते दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स के एक सर्वे में सामने आया था कि 64 फीसदी डेमोक्रेटिक मतदाता 2024 में किसी नए नेता को राष्ट्रपति पद पर देखना चाहते हैं. मतदाताओं से इतर डेमोक्रेटिक नेताओं ने भी दबी जुबान में बाइडेन का विरोध करना शुरू कर दिया है. क्योंकि, वह नौकरी, महंगाई और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर फेल ही नजर आए हैं. इन तमाम बातों के मद्देनजर संभावना जताई जा सकती है कि शायद जो बाइडेन राष्ट्रपति पद से अपनी 'सेफ एग्जिट' का रास्ता खोज रहे हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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