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अब जंग के लिए तन जायेंगी तलवारें

    • रमेश ठाकुर
    • Updated: 24 मई, 2017 04:14 PM
  • 24 मई, 2017 04:14 PM
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आजादी के बाद यानी वर्ष 1947 से लेकर अब तक तीन युद्ध कर चुके भारत और पाकिस्तान चौथी बार जंग के मैदान में खड़े दिखाई दे रहे हैं.

पाकिस्तान अब शांत नहीं बैठेगा. जाधव को फांसी देने का बहाना भी उसे मिल गया है. इंडियन आर्मी की कार्रवाई के बाद से दोनों देशों के बीच जंग की आहट सुनाई देने लगी है. पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर भारत को युद्ध के लिए ललकार सकता है. भारतीय सेना ने एलओसी पर नौशेरा सेक्टर में पाक निर्मित आतंकियों की पनाहगार चौकियों को निशाना बनाने के बाद भारत-पाकिस्तान फिर से युद्ध के मुहाने पर खड़े हो गए हैं. बुधवार को पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने लड़ाकू विमान में सवार होकर एलओसी के नजदीक से उड़ान भरी.

आजादी के बाद यानी वर्ष 1947 से लेकर अब तक तीन युद्ध कर चुके दोनों मुल्क चौथी बार जंग के मैदान में खड़े दिखाई दे रहे हैं. भारतीय सेना की मौजूदा कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की हुकूमत आपे से बाहर आ गई है. उसकी बौखलाहट देखते ही बनती है. माहौल बहुत ही नाजुक मोड़ पर खड़ा हो गया है. पाकिस्तान इस गुरूर में है कि अगर इस बार हिंदुस्तान से जंग होती है तो उसके पीछे चीन खड़ा है. चीन उनका प्रत्यक्ष रूप से साथ देगा.

सीमा रेखा पर नियंत्रण को काबू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की निगरानी समिति ने भी प्रयास किया. अंतराष्ट्रीय कोर्ट ने भी कोशिश की. पर पाकिस्तान है कि मानता ही नहीं. भारत ने पाकिस्तान को सुधरने कि लिए काफी मौके दिए. लेकिन वह कभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. इसलिए भारतीय सेना की पाकिस्तान पर मौजूदा बाहुबली गिरी जैसी कार्रवाई की जरूरत समझी और उसे अंजाम भी दे दिया. इसके बाद अब दोनों देशों के बीच शब्दबानों की तलवारें भी खिचेंगी.

घटना को लेकर भारतीय सेना की ओर से जारी किए एक 22 सेंकड के विडियों में एलओसी के नजदीक पाक की कई चौकियों को तबाह होते हुए दिखाया गया. हालांकि यह कार्रवाई करीब दस दिन पहले की बताई जा रही है. भारतीय सेना ने इस कार्रवाई में युद्ध में प्रयोग होने वाले...

पाकिस्तान अब शांत नहीं बैठेगा. जाधव को फांसी देने का बहाना भी उसे मिल गया है. इंडियन आर्मी की कार्रवाई के बाद से दोनों देशों के बीच जंग की आहट सुनाई देने लगी है. पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर भारत को युद्ध के लिए ललकार सकता है. भारतीय सेना ने एलओसी पर नौशेरा सेक्टर में पाक निर्मित आतंकियों की पनाहगार चौकियों को निशाना बनाने के बाद भारत-पाकिस्तान फिर से युद्ध के मुहाने पर खड़े हो गए हैं. बुधवार को पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने लड़ाकू विमान में सवार होकर एलओसी के नजदीक से उड़ान भरी.

आजादी के बाद यानी वर्ष 1947 से लेकर अब तक तीन युद्ध कर चुके दोनों मुल्क चौथी बार जंग के मैदान में खड़े दिखाई दे रहे हैं. भारतीय सेना की मौजूदा कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की हुकूमत आपे से बाहर आ गई है. उसकी बौखलाहट देखते ही बनती है. माहौल बहुत ही नाजुक मोड़ पर खड़ा हो गया है. पाकिस्तान इस गुरूर में है कि अगर इस बार हिंदुस्तान से जंग होती है तो उसके पीछे चीन खड़ा है. चीन उनका प्रत्यक्ष रूप से साथ देगा.

सीमा रेखा पर नियंत्रण को काबू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की निगरानी समिति ने भी प्रयास किया. अंतराष्ट्रीय कोर्ट ने भी कोशिश की. पर पाकिस्तान है कि मानता ही नहीं. भारत ने पाकिस्तान को सुधरने कि लिए काफी मौके दिए. लेकिन वह कभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. इसलिए भारतीय सेना की पाकिस्तान पर मौजूदा बाहुबली गिरी जैसी कार्रवाई की जरूरत समझी और उसे अंजाम भी दे दिया. इसके बाद अब दोनों देशों के बीच शब्दबानों की तलवारें भी खिचेंगी.

घटना को लेकर भारतीय सेना की ओर से जारी किए एक 22 सेंकड के विडियों में एलओसी के नजदीक पाक की कई चौकियों को तबाह होते हुए दिखाया गया. हालांकि यह कार्रवाई करीब दस दिन पहले की बताई जा रही है. भारतीय सेना ने इस कार्रवाई में युद्ध में प्रयोग होने वाले भारी हथियारों का इस्तेमाल किया, जिसमें रॉकेट लॉन्चर, एंटी टैंक मिसाइल, ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर आदि प्रयोग किए गए.

सेना की यह कार्रवाई पाकिस्तान के साथ चौथे जंग की दस्तक है. क्योंकि पाकिस्तान बिना जंग के काबू में नहीं आने वाला. उसे उसकी औकाद बताने का सही वक्त है. भारत सरकार इस समय पाकिस्तान पर हर तरह से प्रहार कर रही है, चाहे अंतराष्ट्रीय कोर्ट में जाधव मामला हो या संयुक्त राष्ट्र की निगरानी समिति के समक्ष एक्सपोज करना हो. इसके अलावा उनके खिदमतदार हुर्रियतों पर सीधी कार्रवाई करना. इसके बाद पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला गया है. उसे भागने का रास्ता नहीं दिखाई दे रहा. पाकिस्तान इस समय चीन की गोदी में बैठा है. चीन के साथ मिलकर भारत के खिलाफ रणनीति बना रहा है. लेकिन ऐन वक्त पर चीन भी पाकिस्तान को उसकी औकाद बता देगा.

ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारतीय सेना को सरकार की तरह से पूरी सपोर्ट मिल रही है. पूर्व की सरकारों ने सेना के हाथ बांध रखे थे. सेना की कार्रवाई के बाद रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने एक बयान जारी कर सेना के लिए कश्मीर में शांति कायम करने के लिए ऐसी कार्रवाई को जरूरी बताकर सेना की पीठ थपथपाई. मनोबल बढ़ाने के लिए यह जरूरी है. हालांकि सर्जिकल स्ट्राइक की तरह इस बार भी पाकिस्तानी सेना ने चौकियां उड़ाने के भारतीय सेना के दावे को गलत करार दिया है. इस बीच भारतीय सेना ने कहा है कि यह विडियो उस विडियो से अलग है जो कुछ समय पहले सामने आया था और जिसमें कुछ बंकरों को तबाह करते दिखाया गया है. उसे अप्रैल की घटना बताया गया था. सेना ने मंगलवार को जो ऐलान किया, उसे असामान्य रणनीतिक बदलाव माना जा रहा है. इसे सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक पर दबाव बढ़ाने की रणनीति कहा जा रहा है. एक मई को जब पाक सैनिकों ने दो भारतीय जवानों के शवों से बर्बरता की थी, तो आर्मी चीफ ने ऐसी कार्रवाई के संकेत दे दिए थे.

हमारी खुफिया एजेंसियों के पास खबर है कि एलओसी के समीप जो पाकिस्तान की चौकियां बनी हैं उनमें सेना के जवान नहीं बल्कि आतंकवादी भारत में घुसने और घुसपैठ करने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. इसके बाद ही सरकार ने सर्तकता के तौर पर सेना को इस तरह की कार्रवाई करने का निर्देश दिया. हमारी सेना ने एलओसी पर नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान की उन चौकियों को भारी नुकसान पहुंचाया है, जो घुसपैठ को सपोर्ट कर रही थीं. सर्जिकल स्ट्राइक की तरह लोग शक न करें इसलिए पहली बार ऐसी कार्रवाई का विडियो भी जारी किया गया है. हमला कब किया गया,  इसकी जानकारी नहीं दी गई.

माना जा रहा है कि दो भारतीय जवानों के सिर काटे जाने के 9 दिन बाद यानी 9 मई को इसे अंजाम दिया गया. कार्रवाई के बाद मेजर जनरल अशोक नरूला का बयान आता है कि पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों की मदद कर हमारी चौकियों को अपने बंकरों से उलझाने की कोशिश करती है. हमारे गांवों को भी नुकसान पहुंचाया जाता है. आतंकवाद विरोधी रणनीति के तहत घुसपैठ बंद करने के मकसद से हम एलओसी पर कार्रवाई करते रहते हैं. हम कश्मीर में अमन चाहते हैं. इस समय जरूरत है कि घुसपैठ पर कंट्रोल हो ताकि आतंकियों की संख्या कम-से-कम हो और कश्मीर के युवा गलत रास्ते पर न चलें. उनका यह बयान बहुत मायने रखता है. पाकिस्तान को इस हमले के बाद कुछ सोचना चाहिए. क्यों वह बर्बाद होने पर तुला है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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