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बंगाल में भाजपा नेता की निर्मम हत्या से ट्विटर पर लोगों का खून खौल उठा

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 05 अक्टूबर, 2020 07:54 PM
  • 05 अक्टूबर, 2020 07:54 PM
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2021 में पश्चिम बंगाल में चुनाव (West Bengal Elections) होने हैं ऐसे में जिस तरह भाजपा नेता मनीष शुक्ला (Manish Shukla ) की हत्या तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई ये राज्य की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और उनकी सरकार के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं है.

2021 में पश्चिम बंगाल में चुनाव (West Bengal Elections)होने हैं. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस (TMC) और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) इसी फ़िराक़ में हैं कि साम, दाम, दंड, भेद एक करके किसी भी सूरत में बंगाल के किले को बचा लिया जाए. अपनी इसी मंशा को पूरा करने के लिए बंगाल में तृणमूल और तृणमूल समर्थक गुंडे अपनी तरफ से हर वो कोशिश कर रहे हैं जो ममता के इस सपने को सच कर सके. तृणमूल द्वारा कुर्सी बचाने के ये प्रयास कितने विभत्स है यदि इस बात को गहराई में जाकर समझना हो तो हम उत्तर 24 परगना जिले में हुई घटना का अवलोकन कर सकते हैं. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बीती रात अज्ञात बदमाशों ने बीजेपी (BJP) के नेता मनीष शुक्ला (BJP Leader Manish Shukla Shot Dead In Bengal) की गोली मारकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि शुक्ला की हत्या जिले के टीटागढ़ पुलिस स्टेशन के सामने हुई है, जिसके बाद यहां तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं. मौके की गंभीरता को देखते हुए मध्यरात्रि से ही यहां पर भारी संख्या मे पुलिस बल तैनात है. घटना को लेकर कहा जा रहा है कि ये हत्या तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई है.

ट्विटर पर मांग हो रही है कि भाजपा नेता मनीष शुक्ला की मौत का हिसाब ममता बनर्जी को देना ही होगा

सरेआम अपने एक साथी की हत्या से भाजपा में गहरा रोष है. बीजेपी ने इस मामले को लेकर राज्य के बैरकपुर में बंद का आह्वान किया है. मामले पर राज्य के राज्यपाल जयदीप धनखड़ भी गंभीर हुए हैं.उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था के मद्दे पर बात करने के लिए राज्य के डीजीपी और तमाम अधिकारियों को राज्यभवन तलब किया है.

2021 में पश्चिम बंगाल में चुनाव (West Bengal Elections)होने हैं. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस (TMC) और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) इसी फ़िराक़ में हैं कि साम, दाम, दंड, भेद एक करके किसी भी सूरत में बंगाल के किले को बचा लिया जाए. अपनी इसी मंशा को पूरा करने के लिए बंगाल में तृणमूल और तृणमूल समर्थक गुंडे अपनी तरफ से हर वो कोशिश कर रहे हैं जो ममता के इस सपने को सच कर सके. तृणमूल द्वारा कुर्सी बचाने के ये प्रयास कितने विभत्स है यदि इस बात को गहराई में जाकर समझना हो तो हम उत्तर 24 परगना जिले में हुई घटना का अवलोकन कर सकते हैं. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बीती रात अज्ञात बदमाशों ने बीजेपी (BJP) के नेता मनीष शुक्ला (BJP Leader Manish Shukla Shot Dead In Bengal) की गोली मारकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि शुक्ला की हत्या जिले के टीटागढ़ पुलिस स्टेशन के सामने हुई है, जिसके बाद यहां तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं. मौके की गंभीरता को देखते हुए मध्यरात्रि से ही यहां पर भारी संख्या मे पुलिस बल तैनात है. घटना को लेकर कहा जा रहा है कि ये हत्या तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई है.

ट्विटर पर मांग हो रही है कि भाजपा नेता मनीष शुक्ला की मौत का हिसाब ममता बनर्जी को देना ही होगा

सरेआम अपने एक साथी की हत्या से भाजपा में गहरा रोष है. बीजेपी ने इस मामले को लेकर राज्य के बैरकपुर में बंद का आह्वान किया है. मामले पर राज्य के राज्यपाल जयदीप धनखड़ भी गंभीर हुए हैं.उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था के मद्दे पर बात करने के लिए राज्य के डीजीपी और तमाम अधिकारियों को राज्यभवन तलब किया है.

बात बीजेपी नेता मनीष शुक्ला की हत्या की हो तो बात दें कि बीती रात मनीष टीटागढ़ थाने के सामने बने पार्टी कार्यालय में बैठे थे. तभी बाइक सवार कुछ बदमाश आए और उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया. हमले में गंभीर रूप से घायल मनीष को पहले बैरकपुर के बीएन बोस हॉस्पिटल पहुंचाया गया. चूंकि मनीष की हालत बहुत गंभीर थी इसलिए उन्हें अपोलो रिफर कर दिया गयाजहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.घटना ने ममता राज में कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है. घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल बीजेपी ने बैरकपुर में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है.

मामला प्रकाश में आने के बाद ममता सरकार पर नफरत की राजनीति करने और विपक्ष की आवाज़ को दबाने के आरोप लग रहे हैं. घटना के विरोध में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय मुखर होकर सामने आए हैं. विजयवर्गीय ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. वहीं बात पुलिस की हो तो पुलिस ने मनीष शुक्ला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच में जुट गई है.

गौरतलब है कि जैसे जैसे पश्चिम बंगाल चुनाव नजदीक आ रहे हैं राज्य में तृणमूल कांग्रेस और संघ-भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष अपने चरम पर आ गया है. ममता सरकार विपक्ष के निशाने पर है. सवाल उठ रहे हैं कि राज्य में आज जो भी अराजकता फैली है उसकी जिम्मेदार स्वयं राज्य की मुखतमंत्री ममता बनर्जी हैं. इन बातों के अलावा बीजेपी पर लगातार माओवादियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगा रही है.

अब जबकि पश्चिम बंगाल में भाजपा से जुड़ा एक नेता तृणमूल समर्थकों की गोलियों का निशाना बन चुका है. सोशल मीडिया पर कोहराम बरपा होना स्वाभाविक था. मामले पर जैसा रुख सोशल मीडिया यूजर्स का है उसे देखकर इतना तो साफ हो गया है कि आज जो कुछ भी ममता बनर्जी के राज के अंतर्गत बंगाल में हो रहा है चुनाव के दौरान इससे पार्टी को एक बड़ी मुसीबत होने वाली है. साफ है कि आज की ये घटनाएं भविष्य में तृणमूल के वोट और वोटर्स दोनों को प्रभावित करेंगी.

आइए नजर डालते हैं ट्विटर पर जहां सरगर्मियां तेज हैं और ये समझने का प्रयास करते हैं कि आखिर मनीष शुक्ला की मौत के मद्देनजर लोग क्या क्या बातें कर रहे हैं.

बंगाल में मनीष शुक्ला की हत्या से भाजपा के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या खासे आहत हैं. उन्होंने तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं साथ ही कई महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं जिन्हें ममता बनर्जी और तृणमूल के नेताओं को अवश्य ही सुनना चाहिए. 

डॉक्टर अनिर्बान गांगुली ने मनीष शुक्ला को एक जुझारू कार्यकर्ता बताया और कहा कि यही बात ममता बनर्जी की आंखों की किरकिरी थी और उनकी हत्या हुई.

मामले पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि बंगाल में दीदी (ममता बनर्जी) द्वारा सरकार के विरोध में उठ रही आवाजों को दबाया जा रहा है. साथ ही उन्होंने राहुल गांधी  पर भी गंभीर आरोप लगाया है और कहा है कि ऐसी मौतों पर राहुल गांधी की चुप्पी अखरने वाली है.

लोग घटना से  नाराज हैं और यही कह रहे हैं कि बंगाल में नियमों की अनदेखी की जा रही है.

लोगों का मानना है कि बंगाल में मनीष शुक्ला की हत्या दुखद है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले.

बहरहाल जैसी प्रतिक्रियाएं ट्विटर पर आ रही हैं उनको देखकर इतना तो साफ़ है कि राज्य में लगातार हो रही भाजपा और संघ कार्यकर्ताओं की मौत पर ममता की चुप्पी अखरने वाली है. ममता को याद रखना चाहिए कि इन मौतों को पूरा देश देख रहा है. बाकी जिस तरह उन्होंने हाथरस में हुई घटना का जिम्मेदार योगी आदित्यनाथ को माना काश वैसे ही जिम्मेदारी वो अपने प्रति लें और उन दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें जो अपने स्वार्थ के लिए आए रोज संघ और भाजपा के लोगों को मौत के घाट उतार रहे हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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