• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

मोदी स्टेडियम में अमित शाह की मौजूदगी में गुजरात टाइटंस की IPL जीत, क्या खूब सितारे मिले!

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 30 मई, 2022 08:35 PM
  • 30 मई, 2022 08:07 PM
offline
सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों की मानें, तो नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi) में अमित शाह (Amit Shah) की मौजूदगी के बावजूद अगर गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) नहीं खिताब नहीं जीतती. तो, लोगों का आईपीएल (IPL) से विश्वास ही उठ जाता.

किसी को क्या पता था कि आईपीएल 2022 के फाइनल में गुजरात टाइटंस अपने डेब्यू सीजन में ही इतिहास रच देगी. लेकिन, शुरुआती लीग मैचों के बीतने के बाद ही सोशल मीडिया से लेकर गली के चौक-चौराहों तक पर हजारों की संख्या में लोग कहते रहे कि इस बार आईपीएल का खिताब गुजरात टाइटंस को ही मिलेगा. और, गुजरात टाइटंस की जीत के लिए कोई छोटा-मोटा या हजम न होने वाला लॉजिक नहीं दिया गया. 'पत्थर की लकीर' की तरह लोगों ने कहा कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में जब खुद गृह मंत्री अमिख शाह मौजूद हों. तो, गुजरात टाइटंस को कौन हरा सकता है?

इतना ही नहीं, लोगों ने गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पांड्या और टीम के अन्य खिलाड़ियों की लगातार चली आ रही बेहतरीन परफॉर्मेंस को नजरअंदाज करते हुए नरेंद्र मोदी और अमित शाह के प्रदर्शन को तवज्जो दे डाली. सोशल मीडिया से गली के नुक्कड़ तक पर लोग यही कहते नजर आए कि जो आदमी धारा 370 से लेकर सीएए कानून तक ला चुका हो. उनके राज्य की टीम अपने पहले खिताबी सीजन में नहीं जीतेगी, तो कब जीतेगी? मतलब सोशल मीडिया पर आईपीएल को लेकर लोग इतनी मजबूती के साथ दावा कर रहे थे कि देखकर लगा, सही में मैच स्क्रिप्टेड ही होगा.

नरेंद्र मोदी भले ही स्टेडियम में मौजूद न हों, लेकिन स्टेडियम का नाम उनके ही नाम पर था.

जय शाह की खुशी से खुला भेद

आईपीएल को स्क्रिप्टेड बताने वालों का दावा ये भी था कि गुजरात टाइटंस को आईपीएल 2022 जिताने के लिए बीसीसीआई सचिव जय शाह भी अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहुंचे थे. वो अलग बात है कि गुजरात उनका गृह राज्य है. लेकिन, जैसे ही शुभमन गिल ने उन्नीसवें ओवर की पहली गेंद पर छक्का मारकर टीम को जीत दिलाई. तो, दर्शक दीर्घा में बैठे जय शाह अपनी सीट से खड़े होकर जश्न मनाने लगे. बताइए...

किसी को क्या पता था कि आईपीएल 2022 के फाइनल में गुजरात टाइटंस अपने डेब्यू सीजन में ही इतिहास रच देगी. लेकिन, शुरुआती लीग मैचों के बीतने के बाद ही सोशल मीडिया से लेकर गली के चौक-चौराहों तक पर हजारों की संख्या में लोग कहते रहे कि इस बार आईपीएल का खिताब गुजरात टाइटंस को ही मिलेगा. और, गुजरात टाइटंस की जीत के लिए कोई छोटा-मोटा या हजम न होने वाला लॉजिक नहीं दिया गया. 'पत्थर की लकीर' की तरह लोगों ने कहा कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में जब खुद गृह मंत्री अमिख शाह मौजूद हों. तो, गुजरात टाइटंस को कौन हरा सकता है?

इतना ही नहीं, लोगों ने गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पांड्या और टीम के अन्य खिलाड़ियों की लगातार चली आ रही बेहतरीन परफॉर्मेंस को नजरअंदाज करते हुए नरेंद्र मोदी और अमित शाह के प्रदर्शन को तवज्जो दे डाली. सोशल मीडिया से गली के नुक्कड़ तक पर लोग यही कहते नजर आए कि जो आदमी धारा 370 से लेकर सीएए कानून तक ला चुका हो. उनके राज्य की टीम अपने पहले खिताबी सीजन में नहीं जीतेगी, तो कब जीतेगी? मतलब सोशल मीडिया पर आईपीएल को लेकर लोग इतनी मजबूती के साथ दावा कर रहे थे कि देखकर लगा, सही में मैच स्क्रिप्टेड ही होगा.

नरेंद्र मोदी भले ही स्टेडियम में मौजूद न हों, लेकिन स्टेडियम का नाम उनके ही नाम पर था.

जय शाह की खुशी से खुला भेद

आईपीएल को स्क्रिप्टेड बताने वालों का दावा ये भी था कि गुजरात टाइटंस को आईपीएल 2022 जिताने के लिए बीसीसीआई सचिव जय शाह भी अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहुंचे थे. वो अलग बात है कि गुजरात उनका गृह राज्य है. लेकिन, जैसे ही शुभमन गिल ने उन्नीसवें ओवर की पहली गेंद पर छक्का मारकर टीम को जीत दिलाई. तो, दर्शक दीर्घा में बैठे जय शाह अपनी सीट से खड़े होकर जश्न मनाने लगे. बताइए ये भी कोई बात हुई. बीसीसीआई सचिव होने के नाते जय शाह किसी एक टीम को सपोर्ट कैसे कर सकते हैं? राजस्थान रॉयल्स के फैंस ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है. राजस्थान रॉयल्स के फैंस की मानें, तो बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होने के बाद वहां जय शाह को नहीं आना चाहिए था.

गुजरात टाइटंस की जीत- 'एक तीर से कई निशाने'

सोशल मीडिया पर यूजर्स ये भी दावा कर रहे हैं कि गुजरात टाइटंस की टीम में शामिल खिलाड़ियों ने जान-बूझकर पूरे सीजन में अच्छा प्रदर्शन किया. जिसके चलते इस साल के आखिर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को फायदा मिल सके. हार्दिक पांड्या ने खुद को गुजरात की टीम का कप्तान भी इसी वजह से बनवाया था कि आईपीएल 2022 जीतने के बाद वह कह सकें कि एक गुजराती कप्तान ने ही अपनी मेहनत के दम पर गुजरात टाइटंस को चैंपियन बनाया. मतलब यहां मामला सीधे गुजराती अस्मिता वाला बना दिया गया था. जिसे भाजपा हमेशा से ही गुजरात विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करती रही है.

राजस्थान रॉयल्स फाइनल में क्यों हारी?

चौक-चौराहों पर भी लोग दावा कर रहे हैं कि अशोक गहलोत की सरकार के रहते हुए राजस्थान रॉयल्स का आईपीएल जीतना बस एक ख्वाब ही रहेगा. क्योंकि, भले ही राजस्थान रॉयल्स के पास ऑरेंज कैप और पर्पल कैप वाले प्लेयर्स हों. लेकिन, अशोक गहलोत की ही सरकार में सचिन पायलट जैसे नेता भी हैं. जो गहलोत सरकार को लपेटने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर तो, राजस्थान रॉयल्स की टीम के कप्तान संजू सैमसन को सचिन पायलट के तौर पर ही पेश किया जाने लगा. क्योंकि, संजू सैमसन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. जबकि, खुद हार्दिक पटेल ने कहा था कि टॉस जीतकर गुजरात टाइटंस पहले गेंदबाजी करेगी.

लेकिन, आंकड़ों के फेर में फंसकर संजू सैमसन ने बल्लेबाजी का फैसला ले लिया. दरअसल, फाइनल में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने 9 बार आईपीएल ट्रॉफी जीती है. और, संजू सैमसन को भी लगा था कि राजस्थान रॉयल्स की जीत को कोई नहीं रोक पाएगी. लेकिन, आईपीएल फाइनल का मैच नरेंद्र दामोदर दास मोदी स्टेडियम में हो रहा था. जो धीमी पिच के लिए जाना जाता है. क्या संजू सैमसन को पता नहीं होगा कि पिच पर बाद में खेलना ज्यादा आसान होगा. लेकिन, उन्होंने सचिन पायलट की तरह ही चुनिंदा विधायकों को लेकर अशोक गहलोत के खिलाफ विद्रोह करने की सोचीं. और, ऑरेंज कैप व पर्पल कैप वाले प्लेयर्स होने के बावजूद भी कामयाब नहीं हो सके.

RCB का इंतजार अगले साल होगा खत्म

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर की भी यही कहानी है. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर के साथ पिछले 14 सीजनों से यही हो रहा है. कभी टीम टॉप चार में पहुंचकर बाहर हो जाती है. तो, कभी फाइनल में हार जाती है. विराट कोहली का बल्ला खामोश रहा, तो इसमें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर की क्या गलती है? आईपीएल 2022 में गुजरात टाइटंस की जीत ने संभावना बढ़ा दी है कि अगले साल का खिताब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर के खाते में जाए. क्योंकि, कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

LSG के बाहर होती ही योगी की चुनौती खत्म 

आईपीएल 2022 की टॉप चार टीमों की बात करें, तो लखनऊ सुपर जाइंट्स के बाहर होने के साथ ही उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के पर कतर गए. वैसे भी सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथ में उत्तर प्रदेश की टीम लखनऊ सुपर जाइंट्स के अलावा है ही क्या? वैसे भी केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव हारने के बावजूद और सीएम योगी के खिलाफ मुखर रहने वाले ब्रजेश पाठक के डिप्टी सीएम बनने के बाद से ही आदित्यनाथ की मुश्किलें लगातार बढ़ी हैं. उत्तर प्रदेश की टीम लखनऊ सुपर जाइंट्स टॉप चार में पहुंची. लेकिन, खिताबी जीत हासिल नहीं कर सकी. और, इसने सीएम योगी आदित्यनाथ का प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब भी तोड़ दिया.

बाहर हुई हर राज्य की टीम अतिउत्साह में नप गई

देखा जाए, तो आईपीएल से बाहर हुई हर राज्य की टीम अतिउत्साह में नप गई. आईपीएल 2022 के प्वाइंट्स टेबल पर नजर डालने पर साफ है कि दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स यूं ही पांचवें और छठे नंबर नहीं रही हैं. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के हाल ही में पंजाब में शानदार प्रदर्शन किया था. लेकिन, जिस तरह से आम आदमी पार्टी का अतिउत्साह उन्हें उत्तराखंड और गोवा में भारी पड़ा. ठीक उसी तरह दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स का बाहर होना चौंकाता नही है. क्योंकि, फ्री के वादों को जमीन पर भी उतारना पड़ता है. लेकिन, अभी तक अरविंद केजरीवाल का पंजाब के ग्राउंड पर प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा.

कोलकाता नाइटराइडर्स, सनराइजर्स हैदराबाद, चेन्नई सुपरकिंग्स और मुंबई इंडियंस की हार भी कहानी भी कुछ इसी तरह से लिखी गई है. मुंबई इंडियंस को महाराष्ट्र की खिचड़ी सरकार की वजह से समझ ही नहीं आया कि उसे जाना किस तरफ है? इसी दिशाहीनता का शिकार होकर मुंबई इंडियंस नीचे से टॉप कर गई. मुंबई इंडियंस की टीम का आईपीएल प्वाइंट्स टेबल के आखिरी पायदान पर होना किसी झटके से कम नही है. कोलकाता नाइटराइडर्स का नारा है 'कोरबो, लोड़बो, जीतबो रे'. लेकिन, कोलकाता नाइटराइडर्स ने केवल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तरह केवल लड़ने को ही सबकुछ मान लिया. जो उसके लीग मैचों में ही बाहर होने की वजह बना.

सनराइजर्स हैदराबाद की बात की जाए, 2016 में आईपीएल खिताब जीतने के बाद टीम का प्रदर्शन लगातार कांग्रेस के परफॉर्मेंस की तरह ही गिर रहा है. सनराइजर्स हैदराबाद की टीम लीग मैचों तक को पार नहीं कर पा रही है. वहीं, चेन्नई सुपरकिंग्स के पास महेंद्र सिंह धोनी की विरासत संभालने वाला कोई मिल ही नहीं रहा है. हालत ये हो गई कि रवींद्र जडेजा को कप्तान बनाए जाने के बाद लगातार मैच हारने की वजह से धोनी को फिर से कप्तान बनाना पड़ गया. राजनीतिक शब्दों में कहा जाए, तो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन, चुनावों में मिली हार के बाद फिर से कुर्सी सोनिया गांधी के पास ही आ गई थी.

मोदी स्टेडियम की सबने की तारीफ

आईपीएल 2022 के स्क्रिप्टेड होने से लेकर तमाम दावों के बीच लोगों ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम की जमकर तारीफ की. दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम का खिताब अपने नाम दर्ज करवाने वाला नरेंद्र मोदी स्टेडियम आईपीएल के फाइनल मैच के दौरान दूधिया रोशनी के साथ ही रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगा रहा था. 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲