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गुजरात में भाजपा द्वारा बांटे दो टिकट सुर्ख़ियों में तो आने ही थे, कारण भी मजबूत है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 11 नवम्बर, 2022 09:07 PM
  • 11 नवम्बर, 2022 09:07 PM
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Gujarat Assembly Elections 2022 के मद्देनजर, भाजपा द्वारा दिए गए दो टिकट जामनगर नॉर्थ से क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा सोलंकी और मोरबी से कांतिलाल अमृतिया को, सुर्ख़ियों में हैं. आइये इनके विषय में जानते हैं. साथ ही ये भी जानते हैं कि दोनों ही उम्मीदवारों के लिए भाजपा का टिकट क्यों खास है.

Gujarat Assembly Elections 2022 : भले ही आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों मिली शर्मनाक हार से टीम इंडिया और भारतीय क्रिकेट फैंस उदास हों लेकिन इंडियन क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को इस हार से कोई फर्क नहीं पड़ता. शायद आपको हैरानी हो जडेजा के घर जश्न का माहौल है. बात अगर ख़ुशी के कारण की हो तो इसके पीछे हमें दो वजह दिखाई देती हैं. जिसमें पहली वजह है रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा सोलंकी और दूसरा कारण है भारतीय जनता पार्टी. ध्यान रहे गुजरात में विधानसभा के चुनाव हैं इसलिए सियासी बिगुल बज चुका है. यूं तो जैसे पिछले चुनावों तक देखा गया था, गुजरात में लड़ाई भाजपा बनाम कांग्रेस ही रहती है मगर साल 2022 का ये चुनाव पूरी तरह अलग है. लड़ाई भाजपा बनाम आम आदमी पार्टी नजर आ रही है. चूंकि लंबे समय से गुजरात पर भाजपा का कब्ज़ा है इसलिए पार्टी का भी प्रयास यही है कि वो किसी भी सूरत में अपने इस अभेद किले में किसी को भी सेंध लगाने से रोके. गुजरात के मद्देनजर पार्टी बहुत सोच समझकर फैसले ले रही है और जिस तरह भारतीय जनता पार्टी द्वारा उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है स्वतः इस बात की तस्दीख हो जाती है कि चाहे वो कांग्रेस हो या फिर आम आदमी पार्टी सीटें जुटाना यहां किसी भी दल के लिए टेढ़ी खीर साबित होने वाला है.

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा कितनी गंभीर है दो टिकटों के बंटवारे ने जाहिर कर दिया है

यूं तो पार्टी ने तमाम लोगों को टिकट दिया है मगर कुछ ऐसे भी टिकट हैं जिन्होंने लोगों के साथ साथ भारत विशेषकर गुजरात की राजनीति को करीब से समझने वालों तक को विचलित कर दिया है, ऐसे में चाहे वो जडेजा की पत्नी रिवाबा सोलंकी हों या फिर मोरबी में अभी बीते दिनों हुए हादसे के बाद स्थानीय लोगों को बचाने के...

Gujarat Assembly Elections 2022 : भले ही आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों मिली शर्मनाक हार से टीम इंडिया और भारतीय क्रिकेट फैंस उदास हों लेकिन इंडियन क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को इस हार से कोई फर्क नहीं पड़ता. शायद आपको हैरानी हो जडेजा के घर जश्न का माहौल है. बात अगर ख़ुशी के कारण की हो तो इसके पीछे हमें दो वजह दिखाई देती हैं. जिसमें पहली वजह है रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा सोलंकी और दूसरा कारण है भारतीय जनता पार्टी. ध्यान रहे गुजरात में विधानसभा के चुनाव हैं इसलिए सियासी बिगुल बज चुका है. यूं तो जैसे पिछले चुनावों तक देखा गया था, गुजरात में लड़ाई भाजपा बनाम कांग्रेस ही रहती है मगर साल 2022 का ये चुनाव पूरी तरह अलग है. लड़ाई भाजपा बनाम आम आदमी पार्टी नजर आ रही है. चूंकि लंबे समय से गुजरात पर भाजपा का कब्ज़ा है इसलिए पार्टी का भी प्रयास यही है कि वो किसी भी सूरत में अपने इस अभेद किले में किसी को भी सेंध लगाने से रोके. गुजरात के मद्देनजर पार्टी बहुत सोच समझकर फैसले ले रही है और जिस तरह भारतीय जनता पार्टी द्वारा उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है स्वतः इस बात की तस्दीख हो जाती है कि चाहे वो कांग्रेस हो या फिर आम आदमी पार्टी सीटें जुटाना यहां किसी भी दल के लिए टेढ़ी खीर साबित होने वाला है.

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा कितनी गंभीर है दो टिकटों के बंटवारे ने जाहिर कर दिया है

यूं तो पार्टी ने तमाम लोगों को टिकट दिया है मगर कुछ ऐसे भी टिकट हैं जिन्होंने लोगों के साथ साथ भारत विशेषकर गुजरात की राजनीति को करीब से समझने वालों तक को विचलित कर दिया है, ऐसे में चाहे वो जडेजा की पत्नी रिवाबा सोलंकी हों या फिर मोरबी में अभी बीते दिनों हुए हादसे के बाद स्थानीय लोगों को बचाने के उद्देश्य से नदी में कूदे पूर्व भाजपा विधायक हों इन दोनों को टिकट देने का जो फैसला भाजपा ने लिया है उससे भारतीय जनता पार्टी की प्लानिंग को लेकर तरह तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं.

जिक्र रविंदर जडेजा की पत्नी का हुआ है तो बताते चलें कि भाजपा ने जडेजा की पत्नी रिवाबा सोलंकी को जामनगर नॉर्थ से अपना उम्मीदवार बनाया है. रिवाबा के पॉलिटिकल सफर को लेकर जो जानकारी आई है, यदि उसपर यकीन किया जाए तो मिलता यही है कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ज्वाइन की थी. जिक्र अगर रिवाबा के बैकग्राउंड का हो तो रिवाबा पढ़ाई लिखाई के लिहाज से मैकेनिकल इंजिनियर हैं.

रिवाबा के बारे में मजेदार तथ्य ये है कि भाजपा ज्वाइन करने से पहले रिवाबा करणी सेना की सदस्य थीं. 2019 के लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले उन्होंने भाजपा का दामन थामा फिर उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों में मंच पर देखा जाने लगा.

अब चूंकि रिवाबा को टिकट मिल चुका है. सवाल ये है कि क्या भाजपा के टिकट की बदौलत उनके लिए जामनगर नॉर्थ पर जीत करना आसान रहेगा? सवाल इसलिए क्योंकि इसी सीट से कांग्रेस उनकी ही छोटी बहन को टिकट देने का प्लान बना रही है. कांग्रेस का ये प्लान अगर कामयाब हो गया तो कहीं वो कहावत चरितार्थ न हो जाए जिसमें कहा गया है कि दो बिल्लियों की लड़ाई हमेशा बंदर के लिए फायदेमंद होती है.

ये तो बात हो गयी जामनगर नॉर्थ और रिवाबा सोलंकी की अब अगर हम बात करें गुजरात की ही एक दूसरी चर्चित सीट मोरबी की तो यहां भी मुकाबला दिलचस्प है. यहां भाजपा ने पूर्व विधायक कांतिलाल अमृतिया को टिकट दिया है. कांतिलाल के बारे में दिलचस्प ये है कि अभी बीते दिनों जब मोरबी में बड़ा हादसा हुआ उन्हें लोगों की जान बचाने के उद्देश्य से नदी में कूदते देखा गया. माना जा रहा है कि जिस तरह अपनी जान जोखिम में डालकर उन्होंने डूबते हुए लोगों की जान बचाई भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें ईनाम दिया है.

गौरतलब है कि 182 सीटों वाले गुजरात विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा ने पहली लिस्ट में अपने 160 नामों को जगजाहिर कर दिया है. मोरबी के विषय में दिलचस्प ये है कि मोरबी में भाजपा ने मौजूदा विधायक और मंत्री बृजेश मेरजा का नाम सूची से हटा दिया है.

गुजरात, एक ऐसा राज्य जहां भाजपा अपना छठा कार्यकाल चाह रही है, वहां दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा और मतगणना 8 दिसंबर को होगी. देखना दिलचस्प रहेगा कि यहां पार्टी इतिहास दर्ज कर पाती है या नहीं. जाते जाते हम पुनः ऊपर लिखी बात को दोहराना चाहेंगे कि कहीं ऐसा न हो दो बिल्लियां (कांग्रेस-भाजपा) झगड़ती रहें और मौज 'बंदर' (आम आदमी पार्टी ) की हो जाए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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