गुजरात चुनाव में ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस को भाजपा से अधिक सीटें मिली हैं, जो भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है. वहीं शहरी इलाकों में लोगों का झुकाव भाजपा की ओर देखने को मिला है. इससे यह तो साफ होता है कि गांवों में लोग भाजपा से नाराज हैं, जिन्हें मनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को कुछ और अहम कदम उठाने की जरूरत है. पिछली बार के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा को झटका लगा है. आपको बता दें कि भाजपा को 2012 के गुजरात चुनाव में 115 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 61 सीटें मिली थीं और 6 सीटें अन्य के खाते में गई थीं. आइए जानते हैं 1.00 बजे तक के चुनावी नतीजों के हिसाब से इस बार के चुनाव में भाजपा को किन जगहों पर मिला फायदा और कहां हुआ नुकसान.
कच्छ सौराष्ट्र: भाजपा को तगड़ा झटका
कुल 54 विधानसभा सीटों के कच्छ-सौराष्ट्र क्षेत्र में भाजपा को पिछली बार 35 सीटें मिली थीं, जो इस बार 24 रह गई हैं. वहीं दूसरी ओर, पिछली बार कांग्रेस को सिर्फ 16 सीटें मिली थीं, जबकि इसकी बार लगभग दोगुनी यानी 30 सीटें मिली हैं. भाजपा को सबसे अधिक नुकसान पाटीदार बेल्ट में हुआ है, जहां पर कांग्रेस ने बाजी मार ली है.
सेंट्रल गुजरात: वाघेला की वजह से कांग्रेस को नुकसान
यहां पर कुल 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुआ. भाजपा को खेड़ा और आणंदा के पास के इलाकों में मजबूती मिली है. पिछली बार भाजपा को 20 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 18 सीटें मिली थीं. अब इस बार भाजपा को 25 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ 12 सीटें आई हैं. वहीं अन्य के खाते में भी 3 सीटें गई हैं. सेंट्रल गुजरात में कांग्रेस को नुकसान ऐसे विधायकों की वजह से हुआ जो...
गुजरात चुनाव में ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस को भाजपा से अधिक सीटें मिली हैं, जो भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है. वहीं शहरी इलाकों में लोगों का झुकाव भाजपा की ओर देखने को मिला है. इससे यह तो साफ होता है कि गांवों में लोग भाजपा से नाराज हैं, जिन्हें मनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को कुछ और अहम कदम उठाने की जरूरत है. पिछली बार के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा को झटका लगा है. आपको बता दें कि भाजपा को 2012 के गुजरात चुनाव में 115 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 61 सीटें मिली थीं और 6 सीटें अन्य के खाते में गई थीं. आइए जानते हैं 1.00 बजे तक के चुनावी नतीजों के हिसाब से इस बार के चुनाव में भाजपा को किन जगहों पर मिला फायदा और कहां हुआ नुकसान.
कच्छ सौराष्ट्र: भाजपा को तगड़ा झटका
कुल 54 विधानसभा सीटों के कच्छ-सौराष्ट्र क्षेत्र में भाजपा को पिछली बार 35 सीटें मिली थीं, जो इस बार 24 रह गई हैं. वहीं दूसरी ओर, पिछली बार कांग्रेस को सिर्फ 16 सीटें मिली थीं, जबकि इसकी बार लगभग दोगुनी यानी 30 सीटें मिली हैं. भाजपा को सबसे अधिक नुकसान पाटीदार बेल्ट में हुआ है, जहां पर कांग्रेस ने बाजी मार ली है.
सेंट्रल गुजरात: वाघेला की वजह से कांग्रेस को नुकसान
यहां पर कुल 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुआ. भाजपा को खेड़ा और आणंदा के पास के इलाकों में मजबूती मिली है. पिछली बार भाजपा को 20 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 18 सीटें मिली थीं. अब इस बार भाजपा को 25 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ 12 सीटें आई हैं. वहीं अन्य के खाते में भी 3 सीटें गई हैं. सेंट्रल गुजरात में कांग्रेस को नुकसान ऐसे विधायकों की वजह से हुआ जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए. साथ ही शंकर सिंह वाघेला ने इस चुनावी रेस से खुद को अलग कर लिया, जिससे भी पार्टी को नुकसान हुआ है.
नॉर्थ गुजरात: नहीं हुआ कोई खास बदलाव
53 सीटों के नॉर्थ गुजरात क्षेत्र में स्थिति में कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है. यहां पर स्थिति 2012 जैसी ही है. पिछली बार भाजपा को 32 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को पिछली बार 21 सीटें मिली थीं. इस बार भाजपा ने 29 सीटों पर कब्जा किया है, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 24 सीटें आई हैं.
साउथ गुजरात: आदिवासी इलाकों में भाजपा को नुकसान
अगर बात साउथ गुजरात की करें तो यहां की 35 विधानसभा सीटों में से अधिकतर पर भाजपा ने जीत हासिल की है. यहां पर आदिवासी इलाकों में भाजपा को थोड़ा नुकसान हुआ है, जबकि बाकी की स्थिति पिछली बार की तरह ही है. पिछली बार 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 28 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटें मिली थीं. इस बार भाजपा को 24 सीटें मिली हैं और कांग्रेस को 11 सीटें मिली हैं.
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